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आत्मबल की कमी है तो पढ़िए ये कहानी

आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए क्या कदम उठाने चाहिए

आत्मबल अर्थात हमारी आत्मा यानी हमारा विश्वास (Self Confidence), जिसके बल पर हम प्रत्येक कार्य को करने की क्षमता रखते हैं और उसे करना प्रारंभ करते हैं।

जिसके पास आत्मबल की कमी होती है, वह किसी विशेष कार्य को शुरू करने से पहले घबरा जाता है। क्योंकि उसका साहस एकत्र नहीं हो पाता और उसे कार्य को शुरू करने में बहुत सारी परेशानियां नजर आती हैं।

वहीं आत्मबल होने पर व्यक्ति को किसी भी चीज की परेशानी नजर नहीं आती, वह अपने कार्यों को करने में सफल रहता है। जब भी आत्मबल से परिपूर्ण व्यक्ति को कोई परेशानियां, समस्या का सामना करना पड़ता है, तो उसके दिमाग में उस समस्या के निवारण के लिए कुछ न कुछ अच्छे विचार आ ही जाते हैं।

इसलिए आत्मबल के बल पर व्यक्ति प्रत्येक समस्या का सामना आसानी से कर लेता है। जब भी हम किसी कठिन समस्या में फंसे रहते हैं तो आत्म बल के सहारे हम उस समस्या का निवारण भी कर पाते हैं। इसलिए एक सफल व्यक्तित्व के लिए आत्मबल होना अत्यंत आवश्यक है ।

जब हमारे पास आत्मबल होता है तो हमें कार्यों को करने के लिए खुद पर विश्वास होता है, हम अन्य लोगों की सहायता की जरूरत महसूस नहीं करते।

जब हम अपने कार्य को बड़ी बेफिक्री से करते हैं तो हमारे सभी कार्य संपन्न हो जाते हैं, जिसका मतलब हमारे पास आत्मबल नाम की चीज है।

आइए आत्म बल से जुड़ी एक किसान की सच्ची घटना का ध्यान करते हैं।

किसान का आत्मबल। Hindi Kahani on Self Confidence

एक किसान शहर से बहुत दूर एक घाटी में रहता था इसके पास करीब 1 एकड़ जमीन थी। जिससे उसका साल भर का गुजारा आसानी से हो जाता था।

उस किसान का वक्त भी अपने खेतों की देखरेख में बहुत अच्छे तरीके से कट जाता क्योंकि उसके परिवार वाले भी खेतों में किसान का सहयोग करते।

किसान को अपने खेतों में अनाज उगाने के लिए ज्यादा परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता किसान और किसान का परिवार हमेशा ही खुश रहता था इसका कारण उसके खेत में होने वाली अच्छी खासी फसल थी।

किसान जरूरत के हिसाब से साल भर के लिए कुछ अनाज घर में रख देता और ज्यादा अनाज वह अपने घोड़ों में लाद कर दूर शहर पहुंचा कर बेच देता उससे आने वाले पैसों से वो अपनी जरूरत का अन्य सामान खरीद लेता।

उसका साधारण सा जीवन अच्छा ही गुजर रहा था कि 1 साल कुछ ऐसा हुआ जिससे किसान का सारा जीवन गड़बड़ा गया ।

उस साल जब किसान ने अपने खेतों में गेहुं बोना प्रारंभ किया तो आसमान में बहुत ही अच्छे बादल गरज रहे थे l किसान द्वारा जब पूरे खेतों में बीज बोए गए, तो तुरंत कुछ देर पश्चात हल्की फुल्की बारिश भी होना प्रारंभ हो गई ।

इस कारण उसका आत्मबल भी बढ़ गया, क्योंकि किसान के अनुभव से इस बार उसके खेतों में बहुत ही अच्छी फसल उगेगी।

परंतु वक्त के प्रहार के कारण किसान के साथ ठीक किसके विपरीत हुआ। क्योंकि जब किसान की फसल पकने के लिए तैयार हो गई, ठीक उसी वक्त आसमान में फिर वही काले बादल मंडरा रहे थे।

जिन्होंने विशाल रूप लेकर आसमान से ओले गिराने शुरू किये, किसान के देखते ही देखते उसके सारे खेतों में फसल धारासही हो गई और किसान बहुत दुखी हो गया।

किसान ने अपने खेतों में फसल बोने के लिए बहुत मेहनत की और अंत वक्त में उसकी सारी फसल नष्ट हो गई थी।

उसके इस साल का गुजारा करने के लिए कुछ भी नही रहा परंतु उसका आत्मबल इतना मजबूत था कि उसने हिम्मत नहीं हारी, किसान के पास जो अगले वर्ष फसल बेचकर पैसे आए थे।

उसने उनका उपयोग करके अपने आत्मबल के कारण खेत से सारी फसल हटाकर उन खेतों में आलू बो दिए, क्योंकि वह सीजन ही आलू बोने का था l

किसान फिर से अपने खेतों में गेहूं होता तो उसे कम से कम चार-पांच महीनों का इंतजार करना पड़ता। परंतु किसान ने आत्मबल के दम पर एक सही निर्णय लिया, किसान इन चार पांच महीनों में आलू की फसल को तैयार करके उन्हें बेच देगा।

और आलू की फसल के बाद वह फिर से अपने खेत में गेहूं बो देगा। इस प्रकार किसान अपने आत्म बल के कारण बुरी परिस्थितियों का सामना कर पाता है और फिर से एक अच्छा भविष्य बना लेता है।

सीख-

हम आत्मबल के होते हुए प्रत्येक समस्याओं का सामना बड़ी ही आसानी से कर पाते हैं इसलिए हमें हमेशा कार्य को करते वक्त धैर्य और आत्मविश्वास रखना चाहिए इस कारण हमारा आत्मबल बढ़ पाता है। क्योंकि हर एक समस्या का कोई ना कोई हल होता है बस उसे ढूंढने की जरूरत पड़ती है जो आत्म बल के होते हुए मिल ही जाता है ।

अब यहां एक मुख्य प्रश्न आता है कि हम किस तरह अपने आत्मबल में वृद्धि कर सकते हैं?

इस प्रश्न के जवाब में अब हम इस लेख में अपना आत्मबल बढ़ाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातों पर गौर करेंगे जिन्हें जानकर आप आसानी से अपना आत्मबल बढ़ा सकते हैं और एक सफल व्यक्तित्व की कल्पना कर सकते हैं।

कोई भी व्यक्ति अपना आत्म बल कैसे बढ़ाए?

यदि हमें अपना आत्मबल बढ़ाना है तो हम चाहे किसी कार्य को करते करते 100 बार असफल हो जाए लेकिन उसे फिर भी पूरा करके ही छोड़ना चाहिए।

क्योंकि ऐसा करने मात्र से एक तरफ हमें हमारी असफलताओं से सबक और अनुभव मिलता है, साथ ही जब हम किसी असंभव प्रतीत होते कार्य को अंत में कर ही लेते हैं तो हमारे आत्मविश्वास में कई गुना वृद्धि हो जाती है।

इस कारण हम प्रत्येक कार्य को आसानी से कर पाते हैं। यही कारण है हमारे आत्मबल को बढ़ाने के लिए हमें कभी भी किसी कार्य को करते वक्त हार नहीं माननी चाहिए। भले ही हम उस कार्य को करते करते असफल हो जाए लेकिन एक न एक वक्त ऐसा जरूर आता है जब हम उस कार्य को बड़ी आसानी से कर पाते हैं।

1. जब भी हम खाली बैठे रहते हैं हमें कुछ ऐसे कार्य करने चाहिए जो हमें आते ही नहीं क्योंकि ऐसा करने से हमारे वक्त का सदुपयोग तो होता ही है परंतु उस कार्य को करने से भी हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है।

यदि हम उस कार्य को बिना सीखे ही पूरा कर ले, तो हमारा आत्मबल बढ़ जाता है उसकी कोई सीमा नहीं रहती।

संक्षेप में कहें तो जब हम किसी कार्य को सफलतापूर्वक कर पाते हैं। तब हमारा आत्म बल बढ़ता है और हमें अपने आत्मबल को बढ़ाने के लिए भी प्रत्येक कार्य को तब तक करना चाहिए जब तक हम उस में सफल न हो सके।

यह ऐसी कुछ चीजें है जिनसे हमारा आत्मबल बढ़ता है

(क) हमें असफल होने के बाद भी हार नहीं माननी चाहिए।

(ख) प्रत्येक असफलता स्वीकार करनी चाहिए

( ग) जब तक सफल नहीं होते तब तक किसी भी कार्य को छोड़ना नहीं चाहिए।

(घ) हर वक्त कुछ न कुछ सीखते रहना चाहिए

(ड.) सफल लोगों की जीवनी पढ़नी चाहिए।

(च) खुद की मेहनत पर विश्वास होना चाहिए।

हम अपना आत्मबल कैसे बढ़ाएं?

अपना आत्मबल बढ़ाने का सबसे बड़ा और सरल उदाहरण है अपनी पसन्द के कार्यों को करना, जिसके कारण हम अपने आत्मबल को बढ़ा सकते हैं क्योंकि इससे एक तो हम अपने पसंद के कार्यों को बड़ी आसानी से कर पाते हैं।

जिससे हमारा मन प्रसन्न रहता है और यदि हम अपने पसंद के कार्यों में ही सफल हो जाते हैं तो हमारा आत्मबल बढ़ने लगता है, हम उस क्षेत्र में अपनी रुचि दिखाने लगते हैं।

पसंद के कार्यों को करने में आत्मबल अत्यधिक तेजी के साथ हमारे मन में समाहित होने लगता है, जिससे दूसरे कार्यों को करने में भी हमें आसानी महसूस होती है। साथ ही अगर हम अपने कार्य क्षेत्र में ऐसे लोगों की मदद करते हैं जो अपने कार्यों को करने में असफल रह जाते हैं तो हमें दुगनी प्रसन्नता होती है । हमारी प्रसन्नता ही मुख्य कारण है जिसके कारण हमारा आत्मबल बढ़ सके ।

2. हमें हमेशा अपनी असफलताओं को भी स्वीकार करना चाहिए क्योंकि जब हम एक बार असफल होते हैं तो दूसरी बार हमें उस कार्य को सुधारने का मौका मिल पाता है इसके कारण वह कार्य पहले से बेहतर हो जाता है और हमारा मन अत्यधिक खुश होने लगता है।

हमें अपनी खुशी के साथ-साथ अन्य लोगों की खुशी का ध्यान देना चाहिए। क्योंकि कभी कभी हम अपनी खुशी के लिए अन्य लोगों को नुकसान पहुंचा देते हैं फिर हमारा मन भी उन लोगों के दुखों को देखकर अत्यधिक दुखी हो जाता है इसलिए हमें अपने कार्यों को करने वक्त हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए कि हमारी छोटी-छोटी खुशियों के लिए किसी अन्य लोगों को दुख ना पहुंच सके।

3. हमारा सबसे ज्यादा आत्मविश्वास तब बढ़ता है जब हम किसी कार्य में असफल होने के बाद सफल होते हैं। लगातार सफलता से हमें अनुभव मिल सकते हैं कि हमें किस प्रकार सफल होना है परंतु जब हम असफल होने के बाद सफल होते हैं तो हमारा आत्मविश्वास बढ़ जाता हैं। और हम नए कार्य को करने की जिज्ञासा जताते हैं ।

सीख-

हमें इस लेख से यह सीख मिलती है कि अपना आत्म बल बढ़ाने के लिए अच्छे से अच्छे कार्य में ध्यान देना चाहिए, प्रत्येक कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखना चाहिए। जब हम किसी कार्य को पूरा करते हैं तो तुरंत उसके पश्चात हमें खुद पर विश्वास होने लगता है।

जिसके कारण हमारा आत्मबल भी बढ़ता है और हमें हमारी आत्मा द्वारा आत्म सम्मान भी मिलता है। जिससे हम आने वाले समय में और भी अच्छे कार्यों के लिए प्रेरित होते हैं ।

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