Hindi Love Poem By Raj Kumar Yadav
ए मेरे Idiot आशिक!
मुझे मालूम है कि तुम मुझसे प्यार करता है
और तुम मुझे कहने से भी डरता है।
मैं भी देखती हूं कि कैसे तुम आके इजहार करता है
ए मेरे Idiot आशिक!
जब मैं घर से निकलती हूं,तो दूर से तकता है
लेकिन लगता है , कुछ कह नहीं सकता है
मेरे पसंद-नापसंद को हमेशा से सर आँखों पे रखता है.
ए मेरे Idiot आशिक!
ये सच है ,मुझे भी तुम से प्यार है
मेरे दिल को भी तेरे इजहार का इंतजार है
मुझ पे तेरे बातों का,अदाओं का भूत सवार है
ए मेरे Idiot आशिक!
तुम्हारी वो मासूम सी मुस्कान चेहरे पर
थोड़ी हिचकिचाहट,थोड़ा शर्माना,और हल्का डर
मुझे तो सब कुछ कह जाती है ये तेरी Naughty नजर
ए मेरे Idiot आशिक!
कुछ कह दो शर्म- ओ -हया का चोला उतार कर
कभी मुझे तुम बुलाओ,दूर से मेरा नाम पुकार कर
मोती मिलेगा कभी नहीं ,चुपचाप बैठने से समुन्दर के कगार पर
– राजकुमार यादव (Raj Kumar Yadav)
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3 Comments
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