इंसान अपने जीवन में सफलता चाहता है लेकिन कई बार वह असफल हो जाता है और उसे अपनी असफलता का कारण पता नहीं चलता। अगर सफलता चाहते हो, अपनी परेशानियों को खुशियों में बदलना चाहते हो, अपना जीवन डिप्रेशन के बिना जीना चाहते हो, जीवन के प्रति अपना नज़रिया बदलना चाहते हो, सुकून से रहना चाहते हो, और अपने लक्ष्य को पाना चाहते हो तो आपको यह बुक समरी ज़रूर पढ़नी चाहिए।
लेखक “Jeff Keller” जो एक मोटिवेशनल स्पीकर हैं उन्होंने अपने जीवन अनुभव से प्रेरित होकर Self Help को ध्यान में रखकर यह बुक लिखी। इस बुक में कैसे पॉजिटिव सोच जीवन बदल देती है, कैसे जीवन के प्रति सही Attitude को अपनाकर जीवन सुनहरा बनाया जा सकता है आदि संदर्भों को विस्तार से बताया गया है।
इस Book Summary में बुक की सभी महत्वपूर्ण बातों को विभिन्न चैप्टर्स के माध्यम से अच्छे से समझाया गया है। अलग अलग कॉन्सेप्ट्स को प्रॉपर रूप से डिस्क्राइब किया गया है। बुक की सभी बातों को Summarize करके विभिन्न चैप्टर्स के अनुसार लिखा गया है। यह बुक समरी जीवन को नए रूप में जीने की प्रेरणा देती है और हमारा सही मार्गदर्शन करती है।
Success begins in the Mind
लेखक लिखते हैं कि जीने का नज़रिया बदलने से जीवन बदल जाता है। लेखक ने इस बुक में सोचने के नज़रिए, सोचकर बोलने और सोच समझकर कर सही कार्य करने को प्रॉपर रूप से डिस्क्राइब किया है। पॉज़िटिव एटीट्यूड अपनाने के लिए माइंड को फोकस करना ज़रूरी होता है। उन्होंने अपने अनुभव से सीखा है कि कैसे दिमाग को सही पाॅज़िटिव रूप देने से सफल जीवन की शुरुवात होती है।
हमारी सोच हमारी परिस्थितियांँ बदल सकती है, खुद को बदलने की क्षमता रखती है। अच्छा बुरा सब हमारी सोच पर निर्भर करता है। चेहरे की मुस्कान हमारे लिए जीवन में एक सुकून का रास्ता बनाती है। जीवन डर कर नहीं कोशिश करके और अपनी बुद्धिमानी से, नज़रिए के सही रूप को अपनाकर जीना चाहिए। सफलता हमारे दिमाग में होती है जिसे सही रास्ता हमारी सोच और सही नज़रिया देती है।
Your Attitude is your Window to the World
लेखक ने इस चैप्टर में बताया है कि जीवन को जिस नज़रिए से देखेंगे वैसा अनुभव होगा। दुनिया के प्रति हम क्या नज़रिया रखते हैं यह महत्वपूर्ण है क्योंकि नज़रिया ही हमारी पहचान करवाता है, हमारी सोच को नेगेटिव और पॉज़िटिव दिशा में ले जाता है। “हम कर सकते हैं” पॉज़िटिव एप्रोच देता है जबकि “हम नहीं कर सकते” ये नेगेटिव एप्रोच देता है।
अगर नज़रिया ही नेगेटिव होगा तो फिर शुरुवात कैसे पॉज़िटिव की जा सकती है। अतः जीवन को पॉज़िटिव नज़रिया दें। जैसा हम दुनिया को देखना समझना चाहते हैं उस रूप में अपने नज़रिए को सही तरीके से डेवलप करें। नज़रिया ही हमारी देखने और सोचने की क्षमता से जुड़ा है। पॉज़िटिव नज़रिए को अपनाकर जैसा चाहते है वैसी दुनिया दिखेगी।
You’re a Human Magnet
इस चैप्टर में लेखक ने मनुष्य की सोच को महत्वपूर्ण माना है कि मनुष्य जैसा सोचता है वैसा वह बन जाता है। हमारी सोच एक चुंबक की तरह हमारे व्यक्तित्व को अपनी ओर खींचती है। अपने लक्ष्य को पाने के लिए हमारी सोच का पॉज़िटिव होना ज़रूरी है। जब तक हम अपने लक्ष्य के प्रति पूरी तरह समर्पित नहीं होंगे, मन में नेगेटिव विचार ही आएंँगे तो कैसे अपने लक्ष्य तक पहुंँच पाएँंगें?
हमें अपने लक्ष्य को मन मस्तिष्क में बार-बार दोहराना होगा तभी अपना पूरा ध्यान केंद्रिेत कर पायेंगे, कार्य करेंगे, कोशिश करेंगे, कड़ी मेहनत करेंगे। अगर सफलता चाहते हैं तो लक्ष्य को अपनी सोच में स्थान देना होगा, अपना नज़रिया पॉज़िटिव रखना होगा तभी हम अच्छे की कामना कर पाएंँगे। नेगेटिव सोच के साथ अपने लक्ष्य को पूरा करने के बजाय परेशानी का ही सोचते रहेंगे, सॉल्यूशन नहीं सोच पाएंँगे। इसलिए नज़रिए का पॉज़िटिव होना ज़रूरी है।
Picture your way to Success
इस चैप्टर में लेखक ने सफलता के लिए अपनी इमेजिनेशन पिक्चर को पॉज़िटिव रूप देने की बात लिखी है। अगर हम ज्यादा बार सोचेंगे कि हम लक्ष्य कैसे पूरा करेंगे,सफलता कैसे प्राप्त होगी तो उस ओर ध्यान केंद्रित होगा और अपने लक्ष्य को पूरा करना आसान हो जाएगा। अपनी कल्पना और सपनों में पॉज़िटिव तस्वीर को देखें। नेगेटिव तस्वीर असफलता दिखाती है।
लेखक उदाहरण स्वरूप लिखते हैं कि कितने लोग अपने लक्ष्य को पाने का ख्वाब देखते हैं, पॉज़िटिव रूप से उसे पूरा होता हुआ देखते हैं तो एक दिन उनका सपना सच हो जाता है जैसे Celine Dion के साथ हुआ वह अकसर इमेजिन करती थी कि वह ऑडियंस के सामने गाना गा रही है उसकी ये इच्छा उसके प्रयास, मेहनत, कोशिशों और पॉज़िटिव Attitude से पूरी हो गई, उसने जिस पिक्चर को सपने में देखा वह हकीकत में साकार हो गया।
Make a Commitment and You will move
लेखक के अनुसार ऐसा कुछ नहीं जो हम नहीं पा सकते, एक बार मानसिक रूप से तैयार हो जाएँ कि जो चाहते हैं वो हो सकता है तो वो हम पा लेंगे। इस चैप्टर में लेखक ने लक्ष्य के प्रति पूर्ण समर्पण को महत्व दिया है। अगर हम किसी कार्य के प्रति कमिटमेंट करते हैं और हमारा कमिटमेंट पूरी तरह पॉज़िटिव विचार से भरा है, मन मस्तिष्क किसी काम को सफल बनाने की ठान ले तो बड़े से बड़ा लक्ष्य पूरा हो सकता है।
अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़निश्चयता ज़रूरी है जिससे असफलता को सफलता में बदला जा सकता है। किसी काम को करने की ठान लें तो अपनी क्षमता से उसे पूरा कर लेंगें, राह में आने वाली हर मुश्किलों का सामना कर लेंगें, रास्ते के मज़बूत से मज़बूत पत्थर को भी हटा देंगें। हमारे कमिटमेंट का नज़रिया पॉज़िटिव होना चाहिए।
Turn Your Problems into Opportunities
इस चैप्टर में लेखक अपनी परेशानी को पॉज़िटिव नज़रिए से अपनाने की बात करते हैं। परेशानी का आना स्वाभाविक है इसलिए परेशानियों से सीख लेकर उसे अवसर में बदलना आना चाहिए, जिसके लिए पॉज़िटिव नज़रिया सहायक होता है।
जब भी निराशा होती है या असफलता मिलती है तो दुख होता है लेकिन उसे हकीकत का रूप न मानकर सीख माने जो आगे बढ़ने में हमारी क्षमता बढ़ाते हैं। जीवन में जो भी गलती हो उसे दोहराहें नहीं। बड़ी से बड़ी कठिनाइयों में अपना धैर्य बनाएँ रखना चाहिए, वक्त के साथ सब सही होता है।
Your Words Blaze a Trail
इस चैप्टर में शब्दों की महत्वपूर्णता बताई गई है जब भी बोले सोच समझकर बोले क्योंकि हमारे शब्द, हमारा व्यवहार, बोलने का लहज़ा, बोले गए शब्द इंसान के व्यक्तित्व की पहचान कराते हैं। शब्द हमें ऊँचा भी उठा सकते हैं और नीचे भी गिरा सकते हैं। अतः जीवन में सफलता पाने के लिए शब्दों का चुनाव सही रूप से करें।
लेखक के अनुसार एक फार्मूला जीवन को सही राह दिखाता है –
Thoughts = Feelings = Action = Results
हमारी सोच सही होगी तो हमारी भावनाएंँ पॉज़िटिव होंगी और भावनाओं के पॉज़िटिव होने से कार्य में डेडिकेशन, कमिटमेंट, रुचि होगी तो मेहनत, प्रयास, कोशिशों से रिजल्ट पॉज़िटिव होगा।
How are You?
इस चैप्टर में पूछे गए प्रश्न का उत्तर देने में बॉडी लैंग्वेज का क्या रोल होता है और ये किस तरह जीवन में सहायक होती है के बारे में लिखा गया है। जब कोई पूछता है कि “How are you?” तो अगर हमारा जवाब पॉज़िटिव होगा तो वो बॉडी लैंग्वेज में नज़र आएगा और हम सामने वाले को भी पॉज़िटिव रेस्पॉन्स दे पाएँंगे।
हमारे जवाब देने का नज़रिया पॉज़िटिव होना चाहिए तभी हम दूसरों को भी पॉज़िटिव तरीके से प्रेरणा दे पायेंगे। निराशा भरे जवाब बॉडी लैंग्वेज में भी उत्साह नहीं जगा पाते है, उमंग नहीं दिखती, इसके विपरित पॉज़िटिव रिस्पॉन्स हमेशा सफलता में सहायक होते हैं।
Stop Complaining
इस चैप्टर में लेखक जीवन में कंप्लेंट ना करने की सलाह देते हैं। अक्सर जीवन में समस्या आने पर, परेशानियों से घिर जाने पर, असफल होने पर हम कंप्लेंट करने लगते हैं, निराश हो जाते हैं। लेखक लिखते हैं कि कंप्लेंट करने के बजाय प्रॉब्लम के सॉल्यूशन पर ध्यान देना चाहिए। अपने दोस्तों और करीबी लोगों से समस्या की चर्चा करने में कोई बुराई नहीं अकसर पॉज़िटिव रेस्पॉन्स ही मिलते हैं।
कंप्लेंट करना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है जो अक्सर लोगों में देखी जाती है लेकिन अधिक बार शिकायत करना, छोटी-छोटी बातों में शिकायत करना उचित नहीं होता। पॉज़िटिव नज़रिया अपनाकर परेशानी का समाधान ढूँढ़ना कंप्लेंट करने से अधिक बेहतर है।
Associate with Positive People
इस चैप्टर में लेखक ने लिखा है कि जीवन में संगत अच्छे लोगों की करनी चाहिए, जैसी संगत होगी वैसा असर पड़ता है।
पॉज़िटिव लोगों की संगत हमें ग्रोथ की ओर ले जाती है वहीं नेगेटिव लोगों की संगत नीचे गिराती है। सही पॉज़िटिव संगत का चुनाव हमें खुद सोच समझ कर करना चाहिए। जीवन सफल बनाने के लिए संगत का पॉज़िटिव होना उतना ही महत्वपूर्ण होता है जितना खुद के पॉज़िटिव नज़रिए का होना।
पॉज़िटिव लोगों से जुड़ना जीवन में सुकून देता है और सफलता में सहायक सिद्ध होता है। नेगेटिविटी हमें गिराती है, ऐसे लोग जीवन के लिए Toxic का काम करते हैं जो आगे बढ़ने में सहायक ना होके असफलता की ओर धकेलते हैं। हमारे ऊपर निर्भर करता है कि हमें कैसे लोगों से जुड़ना चाहिए ~ सज्जन से या दुर्जन से, नेगेटिव से या पॉजिटिव से जो हमारे जीवन पर गहरा असर डालते हैं।
Confront Your Fears and Grow
इस चैप्टर में लेखक लिखते हैं कि अपने डर का सामना करो, परेशानी से भागने की बजाय उनका समाधान ढूँंढों। हमारी असफलता में बड़ा कारण डर का होता है जो हमारी ग्रोथ में रुकावट का काम करता है। कभी भी अपने डर को खुद पर हावी मत होने दो। परेशानियों या असफलता के डर से अपने लक्ष्य से पीछे मत हटो।
लक्ष्य प्राप्त करना है,जीवन का विकास करना है तो निडरता से समर्पण भाव से आगे बढ़ना चाहिए। अपने कार्य की रुकावटों से डरना नहीं चाहिए बल्कि सॉल्यूशन निकालना चाहिए। मन में डर की जगह पॉज़िटिव नज़रिए को स्थान देना चाहिए। डर को कभी अपने रास्ते की कमज़ोरी नहीं बनाना चाहिए बल्कि उसे अपनी सफलता का अपने पॉज़िटिव व्यवहार, सोच, कार्य से रास्ता बनाना चाहिए।
Get Out there and Fail
इस चैप्टर के माध्यम से लेखक समझाना चाहते हैं कि अपनी असफलता से, परेशानी से, कठिनाईयों से, गलती से डरना नहीं चाहिए बल्कि सीख लेनी चाहिए ताकि दोबारा वैसी स्थिति आए तो हम सामना कर पाएँ, सॉल्यूशन निकाल पाएँ।
एक तरह से असफलता सफलता का रास्ता बनाती है। अगर हम किसी कार्य को पूरा कर नहीं पाते तो कोशिश कर उसे सही रूप से कर सकते हैं। फेल होना बुरा नहीं लेकिन फेल होने के डर से कुछ ना करना ज़रूर जीवन पर नेगेटिव प्रभाव डालता है इसलिए असफलता में भी पॉज़िटिव नज़रिया सहायक होता है।
Networking that gets Results
इस चैप्टर में लेखक एक दूसरे की सहायता करने को महत्व देते हैं। दूसरों के साथ “जैसा करेंगे वैसा भरेंगे” यह कथन सच होता है। आप जैसा व्यवहार करेंगे, दूसरों की सहायता करेंगे तो वैसा खुद के साथ भी होता है। ज्यादा से ज्यादा पॉज़िटिव लोगों के संपर्क में रहना चाहिए।
अकेला इंसान सफलता प्राप्त नहीं कर पाता, सबको सहायता की, सहयोग की, साथ की ज़रूरत होती है। लक्ष्य प्राप्ति के लिए भी सही गाइडेंस की ज़रूरत होती है। अच्छा व्यवहार करेंगे, एक दूसरे की सहायता करेंगे तो जीवन में भी परिणाम अच्छे ही होंगे।
Change Your Attitude and Change Your Life
लेखक ने इस बुक को अपने जीवन के वास्तविक अनुभवों से प्राप्त ज्ञान और सीख के ज़रिए लिखा है। उन्होंने इस बुक के प्रत्येक चैप्टर में अपने जीवन अनुभव की ही बातें बताइए हैं जिनका पालन कर उन्होंने अपनी ज़िन्दगी बदल दी। यह बुक पूरी तरह एक सीख रूप में प्रेरित करती है और लेखक के पॉजिटिव एप्रोच को दर्शाती है, जो हकीकत में बदलाव ला सकते हैं। सभी चैप्टर्स की बातें जीवन के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होती हैं।
निष्कर्ष
इस बुक समरी में बुक की सभी महत्वपूर्ण बातों को चैप्टर वाइज़ प्रॉपर तरीके से लिखा गया है। बुक के मुख्य कॉन्सेप्ट “Attitude is Everything” के हर रूप को डिस्क्राइब किया गया है। पॉज़िटिव नज़रिए से जीवन कैसे बदल सकता है, पॉज़िटिव सोच, लक्ष्य के प्रति पॉज़िटिव एप्रोच, कमिटमेंट, पॉज़िटिव संगत आदि महत्वपूर्ण तथ्यों की जानकारी यूज़फुल तरीके से मिलती है। सेल्फ हेल्प बुक समरी के रूप में यह प्रॉपर गाइडेंस देती है बस आपको इस बुक समरी की बातों को फॉलो करना है।
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