हिंदी दोहे, कविता, ग़ज़ल, गीत क्षणिकाएं, Best Hindi Poem, Poetry, Short Poem, Small Poems in Hindi
मैं न पाकर सबकुछ पा गया।
देख कर ना देखें मुझको
मैं न देखकर सब कुछ देख गया,
मिल कर ना मिलें मुझको
मैं न पाकर सबकुछ पा गया।
स्वीकार है मुझको इंकार तेरा
स्वीकार है मुझको तिरस्कार तेरा
स्वीकार है मुझको दुत्कार तेरा
कहकर कुछ भी कह ना पायें
मैं कुछ भी न कहकर सब कह गया।
मिल कर ना मिलें मुझको
मैं न पाकर सबकुछ पा गया।
घाटा हुआ जो मुझे घाटा प्यारा है,
गाल लाल करने वाला चांटा प्यारा है,
दिल छलनी करने वाला कांटा प्यारा है।
जीत कर हार गये तुम
मैं हार कर सबकुछ जीत गया
मिल कर ना मिलें मुझको
मैं न पाकर सबकुछ पा गया।
रोजमर्रा की जिंदगी में भूचाल आया,
बिना बात के हर बात में बवाल आया,
मुझको बांधने रिश्तों का जंजाल आया।
छूटकर फंस गये तुम
मैंमिल कर ना मिलें मुझको
मैं न पाकर सबकुछ पा गया।
फंसकर सबसे आजाद हो गया।
कंबल ओढ़े कोई योगी – Hindi Poem
कंबल ओढ़े कोई योगी
आया तेरी गली
हाथ में लेके सारंगी
आया तेरी गली।
तु जाग जा इंसान
कब तक सोया रहेगा,
तेरा भाग्य तेरे अंदर
कब तक भटकता रहेगा।
चढ़ता सूरज ढल जाता है
ज्वार भी भाटा बन जाता है
तु रोना धोना छोड़ दें,
बिस्तर छोड़,सोना छोड़ दें।
कितने कबीर आये, गये
तेरा कबीरा तु ही बनेगा
ये अंधेरा दूर हो जाएगा,
अपना सूरज तु ही बनेगा।
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