कार्ल हेनरिख मार्क्स (1818 – 1883) जर्मन दार्शनिक, अर्थशास्त्री, इतिहासकार, राजनीतिक सिद्धांतकार, समाजशास्त्री, पत्रकार और वैज्ञानिक समाजवाद के प्रणेता थे। Karl Marx का जन्म 5 मई 1818 को त्रेवेस (प्रशा) के यहूदी परिवार में हुआ, 1824 में इनके परिवार ने ईसाई धर्म स्वीकार कर लिया।
मात्र 17 वर्ष की आयु में मार्क्स ने कानून का अध्ययन करने के लिए बॉन विश्वविद्यालय जर्मनी में प्रवेश लिया। तत्पश्चात् उन्होंने बर्लिन और जेना विश्वविद्यालयों में साहित्य, इतिहास और दर्शन का अध्ययन किया।
1864 में लंदन में ‘अंतरराष्ट्रीय मजदूर संघ’ की स्थापना में मार्क्स ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। संघ की सभी घोषणाएँ, कार्यक्रम मार्क्स द्वारा ही तैयार किये जाते थे। लगभग एक वर्ष तक संघ का कार्य सुचारू रूप से चलता रहा, किंतु बाकुनिन के अराजकतावादी आंदोलन, फ्रांसीसी जर्मन युद्ध और पेरिस कम्यूनों के चलते ‘अंतरराष्ट्रीय मजदूर संघ’ भंग हो गया।
उनकी प्रवृति और चेतना अनेक देशों में समाजवादी और श्रमिक पार्टियों के अस्तित्व के कारण कायम रही।
उनकी दो कृतियां ‘कम्युनिस्ट घोषणा पत्र’ और ‘दास कैपिटल’ ने दुनिया के कई देशों और करोड़ों लोगों पर राजनीतिक और आर्थिक रूप से निर्णयात्मक असर डाला था। मार्क्स का लगभग सारा जीवन भयानक आर्थिक और राजनीति संकटों के बीच व्यतीत हुआ।
प्रतिष्ठित जीवनी लेखक ब्रिटेन के फ़्रांसिस व्हीन कहते हैं, “मार्क्स ने उस सर्वग्राही पूंजीवाद के ख़िलाफ़ दार्शनिक तरीक़े तर्क रखे, जिसने पूरी मानव सभ्यता को ग़ुलाम बना लिया था“
मार्क्स के प्रमुख कार्य एवं क्रांतिकारी विचार
- कार्ल मार्क्स ने अपने साम्यवादी घोषणा-पत्र में पूंजीवाद को समाप्त करने का संकल्प लिया था।
- कार्ल मार्क्स के अनुसार विश्व में असंतोष का प्रमुख कारण गरीबों एवं अमीरों के मध्य वर्ग-संघर्ष ही है।
- उन्होंने कहा कि पूंजीपति उत्तराधिकार की प्रथा का अंत किया जाना चाहिये।
- मार्क्स ने मानवता को धर्म के ऊपर रखा, उन्होंने धर्म की आलोचना करते हुए उसे अफीम की संज्ञा दे दी।
Quote 1: अनुभव सबसे खुशहाल लोगों की प्रशंसा करता है, वे जिन्होंने सबसे अधिक लोगों को खुश किया।
– कार्ल मार्क्स (Karl Marx)
Quote 2: अमीर गरीब के लिए कुछ भी कर सकते हैं लेकिन उनके ऊपर से हट नहीं सकते।
– कार्ल मार्क्स (Karl Marx)
Quote 3: आवश्यकता तब तक अंधी होती है जब तक वह सचेत न हो जाए, स्वतंत्रता आवश्यकता की चेतना है।
– कार्ल मार्क्स (Karl Marx)
Quote 4: इतिहास कुछ नहीं करता, इसके पास अपार धन नहीं है, यह लड़ाई नहीं लड़ता है यह तो पुरुष है, वास्तविक, जीवित, जो यह सब करते हैं।
– कार्ल मार्क्स (Karl Marx)
Quote 5: उपयोग की वस्तु हुए बिना, किसी चीज की कीमत नहीं हो सकती।
– कार्ल मार्क्स (Karl Marx)
Quote 6: औद्योगिक रूप से अधिक विकसित देश, कम विकसित की तुलना में, अपने स्वयं के भविष्य की छवि दिखाते हैं।
– कार्ल मार्क्स (Karl Marx)
Quote 7: कंजूस मात्र एक पागल पूंजीपति है, पूंजीपति एक तर्कसंगत कंजूस है।
– कार्ल मार्क्स (Karl Marx)
Quote 8: कारण हमेशा से अस्तित्व में रहे हैं, लेकिन हमेशा उचित रूप में नहीं।
– कार्ल मार्क्स (Karl Marx)
Quote 9: क्रांतियां इतिहास का इंजन होती हैं।
– कार्ल मार्क्स (Karl Marx)
Quote 10: चिकित्सा बीमारी की तरह संदेह को भी ठीक करती है।
– कार्ल मार्क्स (Karl Marx)
Quote 11: जमींदार, सभी अन्य लोगों की तरह, वैसी फसल काटना पसंद करते हैं जिसे कभी बोया ही नहीं।
– कार्ल मार्क्स (Karl Marx)
Quote 12: जितना अधिक श्रम का विभाजन और मशीनरी का उपयोग बढ़ता है, उतना ही श्रमिकों के बीच प्रतिस्पर्धा बढती है और उतनी ही उनका वेतन कम होता जाता है।
– कार्ल मार्क्स (Karl Marx)
Quote 13: जीने और लिखने के लिए लेखक को पैसा कमाना चाहिए, लेकिन किसी भी सूरत में उसे पैसा कमाने के लिए जीना और लिखना नहीं चाहिए।
– कार्ल मार्क्स (Karl Marx)
Quote 14: जो भी इतिहास की कुछ जानकारी रखता है वो ये जानता हैं कि महान सामाजिक बदलाव बिना महिलाओं के उत्थान के असंभव है सामाजिक प्रगति महिलाओं की सामाजिक स्थिति को देखकर मापी जा सकती है।
– कार्ल मार्क्स (Karl Marx)
Quote 15: दुनिया के मजदूरों एकजुट हो जाओ, तुम्हारे पास खोने को कुछ भी नहीं है, सिवाय अपनी जंजीरों के।
– कार्ल मार्क्स (Karl Marx)
Quote 16: धर्म दीन प्राणियों का विलाप है, बेरहम दुनिया का ह्रदय है और निष्प्राण परिस्थितियों का प्राण है यह लोगों का अफीम है।
– कार्ल मार्क्स (Karl Marx)
Quote 17: धर्म, मानव मस्तिष्क जो न समझ सके, उससे निपटने के लिए नपुंसकता है।
– कार्ल मार्क्स (Karl Marx)
Quote 18: नौकरशाह के लिए दुनिया महज एक हेरफेर करने की वस्तु है।
– कार्ल मार्क्स (Karl Marx)
Quote 19: पूँजीपति, मजदूर की सेहत या उसके जीवन की लम्बाई के प्रति लापरवाह है, जब तक की उसके ऊपर समाज का दबाव ना हो।
– कार्ल मार्क्स (Karl Marx)
Quote 20: पूंजी मृत श्रम है, जो पिशाच की तरह सिर्फ जीवित श्रमिकों का खून चूस कर जिंदा रहता है और जितना अधिक ये जिंदा रहता है उतना ही अधिक श्रमिकों को चूसता है।
– कार्ल मार्क्स (Karl Marx)
Quote 21: पूंजीवादी समाज में पूंजी स्वतंत्र और व्यक्तिगत है, जबकि जीवित व्यक्ति आश्रित है और उसकी कोई निजता नहीं है।
– कार्ल मार्क्स (Karl Marx)
Quote 22: बहुत सारी उपयोगी चीजों के उत्पादन का परिणाम बहुत सारे बेकार लोग होते हैं।
– कार्ल मार्क्स (Karl Marx)
Quote 23: बिना किसी शक के मशीनों ने समृद्ध आलसियों की संख्या बहुत अधिक बढ़ा दी है।
– कार्ल मार्क्स (Karl Marx)
Quote 24: मजदूरों के पास अपनी जंजीरों के अलावा और कुछ भी खोने को नहीं है और उनके पास जीतने को पूरी दुनिया है।
– कार्ल मार्क्स (Karl Marx)
Quote 25: मनुष्य के विचार उनके भौतिक दशा के सबसे प्रत्यक्ष निःसृत पदार्थ हैं।
– कार्ल मार्क्स (Karl Marx)
Quote 26: मानसिक पीड़ा का एकमात्र मारक शारीरिक पीड़ा है।
– कार्ल मार्क्स (Karl Marx)
Quote 27: मानसिक श्रम का उत्पाद, विज्ञान हमेशा अपने मूल्य से कम आँका जाता है।
– कार्ल मार्क्स (Karl Marx)
Quote 28: यह बिलकुल असंभव है कि प्रकृति के नियमो से ऊपर उठा जाए, जो ऐतिहासिक परिस्थितियों में बदल सकता है वह महज वो रूप है जिसमें ये नियम खुद को क्रियांवित करते हैं।
– कार्ल मार्क्स (Karl Marx)
Quote 29: लेखक इतिहास के किसी आंदोलन को शायद बहुत अच्छी तरह से बता सकता है, लेकिन निश्चित रूप से इसका सृजन नहीं कर सकता।
– कार्ल मार्क्स (Karl Marx)
Quote 30: शांति का मतलब समाजवाद के विरोध का अभाव है।
– कार्ल मार्क्स (Karl Marx)
Quote 31: शायद ये कहा जा सकता है कि मशीनें विशिष्ट श्रम के विद्रोह को दबाने के लिए पूंजीपतियों द्वारा लगाए गए हथियार हैं।
– कार्ल मार्क्स (Karl Marx)
Quote 32: संयोग से निपटने के लिए धर्म मानव मन की नपुंसकता है जिसे वह नहीं समझ सकता।
– कार्ल मार्क्स (Karl Marx)
Quote 33: समाज व्यक्तियों से नहीं बना होता है बल्कि खुद को अंतर संबंधों के योग के रूप में दर्शाता है, वो सम्बन्ध जिनके बीच में व्यक्ति खड़ा होता है।
– कार्ल मार्क्स (Karl Marx)
Quote 34: साम्यवाद के सिद्धांत को एक वाक्य में अभिव्यक्त किया जा सकता है, सभी निजी संपत्तियों को समाप्त कर दें।
– कार्ल मार्क्स (Karl Marx)
Quote 35: हमें यह नहीं कहना चाहिए कि एक आदमी के एक घंटे की कीमत, दूसरे आदमी के एक घंटे के बराबर है, बल्कि यह कहें कि एक घंटे के दौरान एक आदमी उतना ही मूल्यवान है जितना कि एक घंटे के दौरान कोई और आदमी समय सबकुछ है, इंसान कुछ भी नहीं, वह अधिक से अधिक समय का “शव” है।
– कार्ल मार्क्स (Karl Marx)
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किसानों, मजदूरों एवं पीड़ितों के मसीहा कहे जाने वाले कार्ल मार्क्स को दुनिया हमेशा याद रखेगी
Note: सावधानी बरतने के बावजूद यदि ऊपर दिए गए किसी भी वाक्य या Quote में आपको कोई त्रुटि मिले तो कृपया क्षमा करें और comments के माध्यम से अवगत कराएं।
दोस्तों, कार्ल मार्क्स के क्रांतिकारी विचारो को एक पोस्ट में बताना और लिख पाना असम्भव हैं, मैंने कुछ Inspirational Quotes ही अपने इस पोस्ट में शामिल किये हैं आशा हैं ये “कार्ल मार्क्स के अनमोल विचार” POST आपको अच्छी लगेगी, इस बारे में हमे अपने विचार नीचे comments के माध्यम से अवश्य दे। हमारी पोस्ट को E-mail से पाने के लिए आप हमारा फ्री ई-मेल सब्सक्रिप्शन प्राप्त कर सकते है।
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