किसी महान ने बड़ी कमाल की बात कही है
औरों को जो भी मिला है मुकद्दर से मिला है,
मगर मुझे तो मेरा मुकद्दर तेरे दर पर ही मिला है।
एक बार की बात है एक आदमी रेगिस्तान में अपने सफ़र के दौरान कहीं रास्ता भटक गया, उसके पास जो खाने-पीने की चीजें थी, वह भी धीरे-धीरे खत्म हो गई थी।
बॉटल्स में जो पानी था, वह भी खत्म हो गया था भूख-प्यास से परेशान यह इंसान यहां, वहां भटकने लगा, समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें और क्या नहीं,
दूर दूर तक उसे कोई नजर भी नहीं आ रहा था, वह हताश होकर सोचने लगा कि अब मैं जल्द ही मर जाऊंगा।
रास्ता मिल नहीं रहा था परन्तु वह धीरे धीरे आगे बढ़ता ही गया, थोड़ा आगे बढ़ा उससे दूर कहीं एक झोपड़ी दिखाई पड़ी, लेकिन रेगिस्तान में होता हैं ना मृगतृष्णा इसे लगा कि वह मृगतृष्णा ही है।
इसे लगा कि हो सकता है वहां झोपड़ी हो या ना हो, मैं वहां जाऊँ और झोपड़ी मिले या ना मिले लेकिन फिर भी उसने हिम्मत रखी और वहां तक गया।
थोड़ा आगे बढ़ा तो वहां वास्तव में एक झोपड़ी ही थी, वह व्यक्ति बहुत खुश हो गया। उसे लगा था कि यहां कोई ना कोई यहाँ जरुर मिलेगा, उसे ऊपर वाले पर भरोसा था कि कभी ना कभी चमत्कार होगा और उसे जैसे लगा कि यह देखो चमत्कार हो ही गया।
उसे लगा कि झोपड़ी में कोई ना कोई जरुर मिलेगा जो मेरी मदद करेगा पानी देगा, खाने को देगा लेकिन जब वह झोपड़ी मे पहुँचा तो देखता है वहां पर तो कोई नहीं हैं।
वीरान सुनसान झोपड़ी पड़ी हुई थी ऐसा लग रहा था मानो वर्षों से वहां पर कोई गया ही ना हो।
अंदर पहुंचा तो देखता है कि झोपड़ी के अंदर एक हैंडपंप लगा हुआ है, यह देखकर उसकी प्रसन्नता का कोई ठिकाना नहीं रहा।
उसे लगा कि अब यहां पर मुझे पानी मिल जाएगा, उसने ऊपर वाले का धन्यवाद किया और हैंडपंप को चलाना शुरू किया।
काफी परेशानी झेल कर उसने 4-5 बार पंप को चलाया लेकिन पानी नहीं निकला।
वह हताश होकर जमीन पर बैठ गया और सोचने लगा कि अगर आधे 1 घंटे में मुझे पानी नहीं मिला तो मेरी म्रत्यु हो जायेगी, लेकिन वह और कर भी क्या सकता था, प्रयास तो उसने किया ही था।
जैसे ही वह जमीन पर बैठ कर भगवान को याद करने के लिए उपर की ओर देखा तभी उसने देखा कि झोपड़ी में एक बोतल टंगी हुई थी जिसमें पानी था।
यह खुश हो गया, इसे लगा कि ये लीजिए ऊपर वाले ने अब मेरा साथ दे ही दिया।
इसने जल्दी से उठकर बोतल को निकाला और पानी पीने जाने वाला ही था कि इसने देखा कि बोतल के नीचे एक पर्ची है जिसमे लिखा था।
उस पर्ची में लिखा हुआ था कि इस पानी का इस्तेमाल हैंडपंप को चलाने के लिए करें, पानी जब आप चला ले, पानी पी ले तो फिर से एक बोतल को भर के झोपड़ी के ऊपर टांग दें।
अब इसे लगा कि एक अजीब सी परिस्थिति हो गई है क्या करू और क्या नहीं, एक और प्यास से मेरे प्राण निकलने वाले हैं और यह पर्ची पर यह लिखा हैं की अमृत समान दिखने वाले इस पानी को हैंडपंप में डाल दूँ
अब उसके पास दो ही रास्ते थे, या तो चुपचाप पानी पीऊ और निकल ले या फिर इस बोतल के पानी का पानी को इस्तेमाल हैंडपंप को चलाने मे किया जाए।
इसने सोचा कि पानी को हैंडपंप में डाला और पानी नहीं निकला तो क्या होगा??
इसे समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें और क्या नहीं फिर भी इसने अपने दोनों हाथों से भगवान को धन्यवाद किया और बोतल के पानी को हैंडपंप में डालकर हैंड पंप चलाने लगा।
बोतल के पानी को हैंडपंप में डालने के बाद उसने हैंडपंप को चलाया और ठंडा ठंडा पानी निकलने लगा
उस व्यक्ति ने आराम से पानी पिया और फिर से बोतल को पानी से भर के ऊपर टांग दिया।
बाहर निकलने वाला था कि उसे कहीं झोपड़ी में एक पेंसिल का टुकड़ा मिला पेंसिल के साथ ही एक पर्ची थी जिसमें उस रेगिस्तान से निकलने का रास्ता था।
उसने उस पर्ची को अच्छे से देखा और फिर उसी रास्ते पर जाने का तय कर लिया।
पता नहीं उसके दिमाग में क्या आया वह थोड़ी दूर जाने के बाद फिर से उसी रास्ते वापस आया और उस पर्ची में उस पेंसिल से लिख दिया
कि यकीन मानो यह काम करता है।
निष्कर्ष :-
यह कहानी हमें बताती है कि आपकी लाइफ में बुरी से बुरी स्थिति आएगी लेकिन आप ऊपर वाले पर और खुद पर विश्वास रखिए, क्योंकि जो विश्वास होता है वह सबसे बड़ी चीज होती है, हर एक चीज मुमकिन कर देती है विश्वास, यह बताती है कि जिंदगी में यदि आप कुछ अच्छा चाहते हैं तो आपको अपनी तरफ से प्रयास करना पड़ेगा।
जिस तरह से हैंडपंप में उस व्यक्ति ने पानी डाला उसके बाद ही ठंडा पानी मिला वैसे ही जब तक आप प्रयास नहीं करेंगे आपके लाइफ के लक्ष्य आपको नहीं प्राप्त होंगे।
आपको यह कहानी कैसी लगी हमें बताए और अपने मित्रो के साथ ज्यादा से ज्यादा इसे शेयर करे।
धन्यवाद।
Abhi Singh
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2 Comments
Bahut badhiya sir ji . Dhanyawad
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