समृद्धि का Vacuum law कहता है कि नए चीजें प्राप्त करने से पहले आपको पुरानी चीज़ों को अपने जीवन से बेदखल करना पड़ेगा।
अगर गिलास पहले से ही भरा हो, तो उसमे अमृत भी डालने पर उसमें से बाहर निकल जाएगा। गिलास में अमृत डालने के लिए पहले गिलास को खाली करना पड़ेगा, फिर उसमे डालना पड़ेगा।
इसी बात को एक दूसरे लहजे से समझो, तो अगर पहले ही आपके माइंड में कुछ Beliefs बने, तो सबसे पहले आपको पुराने Beliefs को Distroy करना पड़ेगा। उसके बाद ही आप नए Beliefs बना सकते है।
जिस प्रकार मेहनत हमेशा बगीचा बनाने में किया जाता है, जंगल तो खुद भी बन जाते है। उसी प्रकार मेहनत हमेशा अमीर बनने के लिए किया जाता है, गरीब तो इंसान खुद ब खुद बन जाता है।
अमीर बनने के साथ-साथ आपको दिल से उदार और दयालु बनने की भी जरूरत है। क्योंकि एक स्तर पर जा कर आपको पैसा से ज्यादा खुशी की जरूरत पड़ेगी और खुशी हमेशा दूसरे लोगों को खुश देख कर ही होती है।
उदार और दयालु बनने पर आप सिर्फ पैसा के मामले में ही अमीर नहीं बनते है, जबकि आप दिल में मामले में भी अमीर बन जाते है।
हम पुराने विचारों और पुरानी चीजों को पकड़ कर रखते हैं क्योंकि हमें नए विचारों और नई चीजों को प्राप्त करने की अपनी क्षमता में विश्वास की कमी होती है। कई सारे लोग किसी भी पुरानी चीज़ों से इस तरह से जुड़ जाते है कि कुछ भी नया कुछ भी करने से डरने लगते है और भावनात्मक स्तर से पुरानी चीजों से जुड़े होने के कारण नई चीज़ों का हम अपने लाइफ में स्वागत नहीं कर पाते है। जिससे हमारी स्थिति में सुधार नहीं-नहीं हो पाता है।
यह नितांत आवश्यक है कि आप एक विचार को “छोड़ दें”, इससे पहले कि आप अपने आप को दूसरे विचार पर काम करना शुरू करें।
जिस प्रकार घर में नई Furniture आने पर हम घर से पुराने Furniture निकाल देते है, उसकी नए विचार को माइंड में जगह देने के लिए पुराने विचारों को मन से रफू चक्कर कर देनी चाहिए।
यदि आप ईमानदारी से कुछ नया प्राप्त करने की इच्छा रखते हैं, तो आपको पहले अपने आप को पुराने से मुक्त करके इसके लिए जगह बनानी चाहिए ।
यहां पर हम एक व्यक्ति की कहानी की चर्चा करते है।
मोहन नाम का एक लड़का था। यह उसके माता पिता बिहार एक छोटे से गांव सिधवलिया में रहते थे। उसके पापा की दुकान थी, वो दुकान पर काम करते थे। उनके घर पर गौशाला थी। जिनसे Dairy का काम चलता था।
मोहन शुरू से ही अपने घर के काम काज में अपने भाई और बहनों का हाथ बंटाता था। मोहन अपने घर में भाइयों से सबसे छोटा था। उसके बड़े भैया बाहर प्रवासी मजदूर थे और गुजरात राज्य के हनसलपुर में काम करते थे।
मोहन पढ़ने में बहुत होनहार था। मोहन जब छोटा था, तब वो अपनी दादी से रोज ढेर सारी कहानियां सुन कर सोता था।
गांव के माहौल में मोहन का पूरा बचपन बीता और 10वी के बाद Intermediate किया, उसके बाद उसने Engineering कर ली।
और एक बड़ी कंपनी में उसकी जॉब लग गई। वह वहीं पर काम करने लगा।
मोहन शुरू से अपने घर की तंगहाली से वाकिफ था, इसलिए वो अपना समय व्यर्थ के कामों में नहीं लगाता था।
मोहन को पढ़ना भी बहुत पसंद था। वो कई तरह की किताबें अपने साथ रखता था। और जब कहीं भी किसी सफर पर जाना होता था, तब वह अपने साथ उन किताबों को लेकर जाता था। और वह अपने दोस्तों के साथ अपने Knowledge को Share करता था, उनसे बताता था कि उसने इस Books से क्या सीखा?
उसके दोस्त उसकी बहुत तारीफ करते थे। पढ़ने से दिमाग के न्यूरॉन्स में Electronic हलचल होती रहती है, जिससे दिमाग कुछ नया सोच भी पाता है और देख भी पाता है।
पहले तो वो जॉब्स करता और Novels पढ़ता था, कहानियां पढ़ना उसे बहुत पसंद था, वह Poetry की किताब बड़े चाव से पढ़ता था। उसने चेतन भगत को 2005 से पढ़ना शुरू किया और उनकी Book Half Girlfriend तक जो Book वहां तक पढ़ा। उसके बाद उसने अपने Knowledge में Variety के लिए अलग अलग Genre की किताबें भी पढ़ने लगा।
उसके बाद उसने थोड़ी बिज़नेस वाली बुक भी पढ़ी। कुछ अमीर बनने वाली बुक। जैसे Think and grow rich, Rich dad and poor dad, You are born rich, Zero to one ऐसे कुछ books.
ऐसी किताबें पढ़ने के बाद उसका दिमाग ठनका और वह अपने Financial life को और समृद्ध बनाने के बारे में सोचने लगा। क्योंकि अभी तक वो जॉब कर रहा था। और वो घर पर पैसा भेजता और घर का खर्च चलता और इसने घर भी बनवाने में हाथ लगा दिया था। इसका भाई अभी भी छोटा मोटा काम करता था।
लेकिन अभी भी इसकी हालात इतने बेहतर नहीं हुए थे। अभी इनका जीवन बहुत Adjustment में बीत रहा था। उसके बाद उसने अपने Financial life को Design करने के बारे में सोचा है। उसने अभी तक नहीं तो पैसा Save कर पाया था, और ना वो अपना Investment शुरू कर पाया था।
उसने जाकर Direct job नहीं छोड़ीं, उसने अपने बुक पढ़ने की Habit को अपना हथियार बनाया, उसने Investing के बारे में बुक पढ़ी।
उसने Investing सीखा और अपनी सैलरी का 10% उसने महीने का Stock market में लगाना शुरू किया और महीने ऐसा करता गया। ऐसा करने से वो बैंक में savings तो कमी हुई। लेकिन उसका Portfolio बेहतर हो गया। उसका अच्छा खासा Growth दिख रहा था।
लेकिन मोहन Long term game खेलना चाहता था, इसलिए उसने पैसा नहीं निकाला। उसने 10% पैसा अपने जीवन के आखिरी सालों में निकालने का प्लान बनाया है।
No. 1, आपकी कमाई कितनी भी हो, उसका 10% आप इन्वेस्ट कीजिए, लेकिन एक शर्त पर Invest के पहले Financial Education हासिल कर लें और Book पढ़ें या किसी Professional से Personal Advice ले सकते है।
उसके बाद उसने अपने बॉडी और Mind के ऊपर काम करना शुरू किया और क्योंकि वह अबतक एक्सरसाइज नहीं करता था, वह सुबह सिंपल Exercise के रूप में दौड़ना शुरू किया और Daily 5km दौड़ना का लक्ष्य रखा।
उसने कुछ ध्यान की पद्धतियां सीखी, और वो मेडिटेशन करना शुरू कर दिया। बिल्कुल अनुशासन में रहते हुए Daily routine follow करने लगा। देखते ही देखते 6 महीने में उसकी Mental health और बॉडी हैल्थ भी ठीक हो गई।
उसे लगता था कि उसे यह सब थोड़ा पहले शुरू कर देना चाहिए। क्योंकि 5 साल जॉब्स करने के बाद उसने यह शुरू किया लेकिन कोई बात उसे बहुत बेहतर परिणाम नजर आ रहे थे। इससे वो खुश था और पहले से ज्यादा Young नजर आता था।
उसने ऐसे लोगो से Contact भी बनाए और नेटवर्क Build किया।
कहा भी जाता है कि
Your network is your net worth.
लोगों से अपनी बातें शेयर करता तो लोगों को भी उसकी बातें अच्छी लगी। उसके के मित्र ने उसे सुझाव दिया कि तुमको अपना YouTube channel open खोलना चाहिए, और लोगों को अपने Experience बताना चाहिए।
लेकिन मोहन उनके विचारों से असहज महसूस किया, क्योंकि उसने आज तक कभी माइक पर भी बोला ना था।
कैमरे के सामने बोलना उसे अच्छा नहीं लगा। उसने अपना प्लान टाल दिया। लेकिन वह बात उसके दिमाग में घूम रही थी। एक सोचा चलो Try करते है, कुछ नया सीखते है।
उसने मोबाइल के कैमरे से अपना एक सिंपल वीडियो रिकॉर्ड किया और उसे देखा इसमें क्या क्या गलतियां है?
बहुत सारी गलतियां होती थी।
वो Daily video record करता लेकिन अपलोड नहीं करता था।
उसने अपनी खुद की वीडियो में कुछ गलतियां नोटिस की जैसे:-
- वो जब वीडियो रिकॉर्ड कर रहा होता है, तब Eye contact नहीं बना पाता है।
- बोलते वक्त उसके आवाज में वजन नहीं होता है।
- वो शरमा रहा था।
- वीडियो के बाद Edit करना भी उसे नहीं आता ।
उसके बाद उसने अपनी गलतियों पर काम करना शुरू किया और धीरे धीरे उसने अपनी कमियों को दूर कर दिया।
वो वीडियो Record करने लगा। और विडियो अपलोड करने लगा। उसने अपनी Journey 2018 में शुरू की, और आज 2021 में उसके अच्छे खासा Reach भी है। उसके कंटेंट लोगों को बहुत पसंद आते है। आज Youtube से उसकी Earnings उसकी Salary से पांच गुना आता है, उसने पिछली साल ही अपना जॉब्स छोड़ दिया। और Financial freedom achieve कर लिया है।
उसका मेंटल हैल्थ और बॉडी हैल्थ दोनों अच्छे है। उसने अपना घर बनाया है और उसने शहर में अपना एक घर ले लिया है। आज वह काफी अमीर है, उसके साथ साथ खुश भी है, और खुशनसीब भी है।
लेकिन मोहन के सहकर्मी आज भी उसी ऑफिस में काम करते है, और वही के वही है। उनके जीवन में कुछ भी बदलाव नहीं हुआ है। क्यों?
आप शुरुआत कीजिए, और चलते रहिए। हमारे द्वारा लिए गए छोटे छोटे स्टेप्स का जीवन में बहुत बड़ा योगदान होता है। और छोटे छोटे कदमों से बड़े बड़े बदलाव आते है।
मोहन शुरू में कैसा था। बिल्कुल नॉर्मल। और नॉर्मल लाइफ जी रहा था, लेकिन उसने अपनी Choices बदली । उसे Books पढ़ना अच्छा लगता था, लेकिन वह नोवेल्स पढ़ता था। उसने Financial books चूना उसे पढ़ा, उस बुक में बताई गई बातों को अपने जीवन में उतारा।
शुरू शुरू किसी से भी कुछ भी परफेक्ट नहीं होता है। सब में कुछ ना कुछ दोष होते है। लेकिन कुछ लोग उसपर काम भी नहीं करते है।
उसे ऐसे ही छोड़ देते है। उनसे कहना है, अगर आपका पैर टूट गया है, उसे वैसे छोड़ देने से ठीक नहीं होगा, उठो प्लास्टर लगवाओ।
वैसे ही अगर आपको कुछ नहीं आता है, तो जाओ सीखो, कोशिश करो, प्रयत्न करो।
अपना 100% लगाओ उसमें तब ना जाकर चीजें सही होगी। कब तक ऐसे बैठोगे रहोगे यह बहाना लेकर कि हमें तो कुछ नहीं आता है।