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क्या आपको भी लगता है भगवान आपके साथ अन्याय कर रहे हैं?

Bhagwan ki kahani in Hindi

Hindi Kahani, क्या आपको भी लगता है भगवान आपके साथ अन्याय कर रहे हैं?

चाहे इस दुनिया में कोई भी व्यक्ति कितना ही खुश क्यों ना हो लेकिन उसे जब भी कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ता है तो वह यही सोचने लगता है कि भगवान उसके साथ हमेशा ही अन्याय करते चले आ रहे हैं, और न जाने यह सिलसिला कब तक चलता रहेगा और भगवान आगे उसके साथ कितना अन्याय करेंगे?

हर कोई यही सोचता है कि भगवान सिर्फ उसी के साथ अन्याय कर रहे हैं और वह अपने जीवन से उदास होने लगते हैं और आस्था से उनका विश्वास उठने लगता है।

क्योंकि उन्हें यह नहीं लगता कि समस्याएं सिर्फ हमारे ही नहीं बल्कि अन्य लोगों के भी जीवन में भी है, जिसका मुख्य कारण यह है की हर कोई अपने दुखों को ही गौर करता हैं और कभी उसे दूसरे के दुख नजर आते ही नहीं इसीलिए उन्हें यही लगता है कि सिर्फ उन्हीं के साथ अन्याय हो रहा है।

परंतु हकीकत इसके विपरीत है भगवान हर किसी के साथ न्याय करता है, हमें जो अपनी नजरों से अन्याय लगता है क्योंकि हर वक्त हर किसी के जीवन में व्यक्ति के अनुरूप कार्य नहीं हो सकते। अगर किसी के साथ न्याय हो रहा है तो शायद ही दूसरे के साथ अन्याय होगा यह निश्चित है ऐसा ही हमारे साथ हमारे जीवन में अक्सर होता है।

हमें कुछ भी समझ नहीं आता क्योंकि हमें जीवन जीने के तरीके ही मालूम नहीं होते और हम सिर्फ अपने ही सुकून पर ध्यान दिया करते हैं कभी यह नहीं देखते कि जब हमारे साथ अन्याय हो रहा होता है तो शायद न जाने कितने लोगों के साथ न्याय होता है।

क्योंकि हम हमेशा वास्तविक ज्ञान से बहुत दूर रहते हैं जो हमें कभी भी समझ नहीं आता और नहीं हम इसे समझ पाते हैं।

भगवान हमेशा अच्छे लोगों के साथ ही बुरा करता है, यही होता भी है क्योंकि अच्छे लोग हमेशा बुरे कामों से कुछ नया सीखते हैं इसके कारण उसका ज्ञान हमेशा बढ़ता रहता है।

इससे हमेशा उसे माया रुपी जाल से बाहर निकलने का रास्ता नजर आने लगता है परंतु हम इस बात को समझ नहीं पाते और खुद के साथ अन्याय हो रहा है ऐसा महसूस करते हैं।

भगवान उसका साथ कभी भी नहीं देते और ना ही उसे कुछ सीखने का मौका देते हैं जो लोग दूसरों के साथ अन्याय करते हैं, और बुरे कामों से पैसा कमाते हैं वे जब भी उन्हें कुछ सजा देते हैं, ऐसी सजा देते हैं जिन्हें वे लोग सहन करने लायक ही नहीं होते।

जबकि अच्छे लोगों को हमेशा छोटी-छोटी सजा देते हैं और अच्छे लोग उन्हें आसानी से सहन कर जाते हैं और अपने जीवन में आने वाली हर एक परेशानी का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं।

हम आज आपको एक ऐसे ही युवक की कहानी बताएंगे जो हमेशा छोटी-छोटी समस्याओं में फसता रहता, और उसे ऐसा लगता है कि ऊपर वाले ने सारे दुख उसी के सर पर लिखें है, परंतु अंत में उसे समझ आ जाता है कि भगवान ने आज तक जो भी दुख उसे दिए है, उनसे वह जीवन में एक बेहतर व्यक्ति बन पाया है अर्थात उन दुखों का अंत में परिणाम अच्छा ही निकलता है।

एक व्यक्ति अपने परिवार के साथ एक छोटे से गांव में रहता था। उसकी दो लड़कियां तथा एक लड़का था। वह हर वक्त बहुत कठिन परिश्रम करता और साथ ही लोगों का भी हमेशा अच्छा ही करता रहता था।

उसे हमेशा उसके द्वारा की गई मेहनत का फल नहीं मिल पाता और कभी मिलता भी तो वह उस से संतुष्ट नहीं होता। क्योंकि वह दिन भर कड़ी मेहनत करने के बाद भी शाम को मात्र 150 से 200 के बीच रुपए कमाया करता था इतनी रुपये की आवश्यकता उसके परिवार को रोज के भोजन के लिए पढ़ती थी।

जब कभी कभी वह युवक काम पर नहीं जाया करता था तो उसके घर वालों को रात का भोजन मिलना बहुत ही कठिन हो जाया करता था।

वह अपनी मेहनत देखकर हमेशा यही सोचता कि भगवान मेरे साथ अन्याय कर रहा है क्योंकि वह मेहनत करता था लेकिन उसे उस हिसाब से पैसे नहीं मिल पाते इसलिए वह अपने साथ अन्याय हो रहा है ऐसा महसूस करता है।

वह व्यक्ति कभी किसी के साथ गलत व्यवहार नहीं किया करता था और हमेशा दूसरों के लिए भी वही कार्य करता जो उसे अपने लिए पसंद था।

वह पहले से ही बहुत भक्ति साधना किया करता था और हर शनिवार के दिन शनिदेव के मंदिर जाया करता, साथ ही मंदिर में कुछ प्रसाद व भेंट चढ़ाया करता था।

भगवान के प्रति उसकी गहरी आस्था थी। इसलिए हमेशा कुछ भी काम शुरू करने से पहले ईश्वर का नाम अवश्य लेता।

अब धीरे-धीरे व्यक्ति की बड़ी बेटी भी शादी करने लायक हो गई और उसकी शादी के लिए उन्हें बहुत सारे धन की जरूरत थी जो कि उसके पास नहीं था।

एक दिन युवक और उसकी पत्नी दोनों बैठ कर आपस में बातें करते हैं दोनों आपस में यह निर्णय लेते हैं, और व्यक्ति कुछ धन कमाने के लिए शहर जाने की ठान लेता है।

एक दिन दूसरे युवक ने उसे बताया कि मेरे दोस्त के मालिक को शहर में एक काम करने वाले व्यक्ति की जरूरत है उसके बहुत बड़े खेत हैं जिसमें वह कभी मक्का आलू और भी समय के अनुसार अन्य चीजें बोता है। उस फसल की देखभाल तथा उसे काटने के लिए उसे एक व्यकित की जरूरत है।

इन सब बातों को सुनकर वह युवक शहर जाकर ऐसी नौकरी करने के लिए तैयार हो जाता है और बहुत जल्दी ही वह अपना सामान बाधकर शहर की तरफ चला जाता है।

वह व्यक्ति शहर तो पहुंच जाता है परंतु उसे अपने दोस्त द्वारा बताए गए उस मालिक का कोई अता पता नहीं रहता। क्योंकि जब वह व्यक्ति, इसे मालिक का पता एक कागज में लिख कर देता है तो यह कहीं रास्ते में उस कागज को खो देता है इस कारण इसे फिर से बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

फिर वह अपने भगवान को दोषी बताते हुए आगे नौकरी की तलाश में जाता रहता है।

उसे उसके दोस्त द्वारा बताया गया उस मालिक का पता तो नहीं चल पाता परंतु एक दूसरा आदमी जिसे अपने घर की रखवाली के लिए एक नौकर की जरूरत होती है ऐसा मालिक मिल जाता है और वह व्यक्ति यही नौकरी करने का निर्णय ले लेता है।

वह व्यक्ति बड़ी ईमानदारी तथा सावधानी के साथ अपनी नौकरी करता था परंतु एक दिन किसी व्यक्ति को उसके मालिक के धन के बारे में पता चला और वह चोरी के इरादे से इस घर में घुस गया तभी उस चोर को चोरी करते हुए पकड़ लिया और मालिक का धन चोरी होने से बचा लिया गया।

मालिक ने यह सब देख कर अपने नौकर की तनख्वाह बढ़ाने का फैसला किया और नौकर भी बहुत खुश हो गया क्योंकि अब अपनी बेटी की शादी के लिए धन इकट्ठा करने में उसे पहले से आसानी होने लगी।

ऐसे ही बहुत दिन हो गए थे एक दिन मालिक का नौकर बाथरूम में गया था और उसके वहा से वापस आने तक मालिक का सारा धन एक चोर द्वारा चोरा गया जब नौकर बाथरूम से बाहर निकलता है तो वह एक चोर को गेट से बाहर की ओर जाते हुए देखता है इतने में ही जब नौकर अंदर जाता है तो वह देखता है मालिक की तिजोरी खाली पड़ी है और वह बहुत ही निराश होकर मालिक को यह सब बात बताता है।

जब नौकर मालिक से यह बात कहता है तो मालिक गुस्से में आकर नौकर को धक्के मार कर बाहर निकाल देता है और दूसरी बार नजर आने के लिए मना करता है वह नौकर बेचारा बहुत परेशान हो जाता है और उसे कुछ भी समझ नहीं आता कि वह क्या करें।

अब वह जब रात में उस बड़े से शहर में घूमता है तो अचानक उसकी नजर में वह व्यक्ति आता है, जिसको वह अपने मालिक के घर से बाहर आते हुए देखता है और वो उसका पीछा करता है तो वह नौकर उसका पीछा करते करते उसके कमरे तक पहुंच जाता है।

जब नौकर उसकी खिड़की से अंदर देखता है तो उसे वह सारा धन नजर आता है जो उसके मालिक की तिजोरी में था।

नौकर तुरंत जाकर अपने मालिक को यह बात बताता है और उसका मालिक पुलिस वालों को अपने साथ ले जाकर उस चोर के घर पहुंच जाता है और चोर द्वारा चोरा गया अपना सारा धन अपने घर ले आता है, और फिर से अपने उस नौकर की इस इमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा को देखते हुए सैलरी दुगनी कर देता है और नौकर भगवान को इस बात के लिए शुक्रिया करता है।

इस बात से नौकर को पता चल जाता है भगवान हमेशा उसी के साथ बुरा करते हैं जिसके साथ अच्छा करने की सोचते हैं, नौकर इस बात को सोच कर बहुत दुखी हो जाता है कि वह आज तक हमेशा अपने दुखों का कारण ऊपर वाले को समझा करता।

सीख – हमें इस कहानी से यह सीख मिलती है कि जब भी हमारे साथ कुछ गलत होता है तो हमें ज्यादा निराश नहीं होना चाहिए क्योंकि ऊपरवाला बुरा सिर्फ उसी के साथ करता है जिसके साथ वह अच्छा करना चाहे।

इसलिए जब भी हमारे साथ कुछ अन्याय होता है तो हमें ऊपर वाले पर विश्वास रखना चाहिए कि वह हमें न्याय भी जरूर दिलाएगा।

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