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चाणक्य नीति Chapter 7 In Hindi

Chanakya Niti in Hindi  Chapter 7, Chanakya Success Tips 

आचार्य चाणक्य की नीतियों में कुल सत्रह अध्याय हैं ये नीतियां अनमोल हैं और इन्हें जानने के बाद और अपनाने से आपका जीवन मानो सफल ही हो जाएगा, इसी कड़ी में चाणक्य नीति का सातवाँ अध्याय POST के माध्यम से प्रस्तुत कर रहा हूँ आशा हैं आपको बहुत पसंद आएगा।

Chanakya Niti : Seventh Chapter

बुद्धिमान व्यक्ति वही हैं जिसमें कुछ सहन-शक्ति हो, वह अपने धन के नष्ट होने से प्राप्त दुःख, दुश्चरित्र पत्नी अथवा किसी व्यक्ति द्वारा ठगे जाने और नीच शब्दों का प्रयोग किए जाने से हुए दुःख को किसी से प्रकट नहीं करता।

A wise man should not reveal his loss of wealth, the vexation of his mind, the misconduct of his own wife, base words spoken by others, and disgrace that has befallen him.

जो व्यक्ति धन-धान्य के लेन-देन में, विधा अथवा किसी प्रकार के हुनर को सीखने में, खाने-पीने और हिसाब-किताब में संकोच नहीं करते, वे सुखी रहते हैं।

He who gives up shyness in monetary dealings, in acquiring knowledge, in eating and in business, becomes happy.

जो व्यक्ति संतोषरूपी अमृत से तृप्त हैं और शान्तचित्त रहते हैं उनसे बढ़कर सुखी कौन हो सकता हैं, धन के लोभ में इधर-उधर भागने वाले को शान्ति कहां प्राप्त हो सकती हैं, ऐसे व्यक्ति सैदव तनावपूर्ण स्थिति में रहते हैं।

The happiness and peace attained by those satisfied by the nectar of spiritual tranquility is not attained by greedy persons restlessly moving here and there.

व्यक्ति को चाहिए कि वह अपनी स्त्री से ही सन्तोष करे, इसी प्रकार उसे अपने भोजन से भी सन्तोष करना चाहिए तथा आजीविका से प्राप्त धन में भी आदमी को सन्तोष करना चाहिए, इसके विपरीत शास्त्रों के अध्ययन, प्रभु के नाम का स्मरण और दान-कार्य में कभी सन्तोष नहीं करना चाहिए, ये तीनो अधिक से अधिक करने की इच्छा करनी चाहिए।

One should feel satisfied with the following three things; his own wife, food given by Providence and wealth acquired by honest effort; but one should never feel satisfied with the following three; study, chanting the holy names of the Lord (Japa) and charity.

दो ब्राहमणों, अग्नि और ब्राह्मण, पति और पत्नी, स्वामी और सेवक तथा हल और बैल के बीच में से नहीं गुजरना चाहिए।

Do not pass between two Brahmanas, between a brahmana and his sacrificial fire, between a wife and her husband, a master and his servant, and a plow and an ox.

अग्नि, गुरु, ब्राह्मण, गौ, कुमारी कन्या, बूढ़े और बच्चे को कभी पैर नहीं लगाने चाहिए उन्हें पैर से छुना अनुचित हैं।

Do not let your foot touch fire, the spiritual master or a brahmana; it must never touch a cow, a virgin, an old person, or a child.

बैलगाड़ी से पांच हाथ, घोड़े से दस हाथ और हाथी से दस हाथ दूर रहना चाहिए, किन्तु दुष्ट व्यक्ति से बचने के लिए थोडा-बहुत अंतर पर्याप्त नहीं, उसके लिए तो आवश्कता पड़े तो देश भी छोड़ा जा सकता हैं।

Keep one thousand cubits away from an elephant, a hundred from a horse, ten from a horned beast, but keep away from the wicked by leaving the country.

हाथी के चलाने के लिए अंकुश, घोड़े के लिए हाथ में एक चाबुक, सींग वाले बैल आदि पशु के लिए डंडे की आवश्कता होती हैं, परन्तु दुष्ट व्यक्ति सरलता से वश में नहीं आता, उसके लिए तो हाथ में तलवार लेनी पड़ती हैं उसे सीधे रास्ते पर लाने के लिए कभी-कभी उसकी हत्या भी कर देनी पड़ती हैं।

An elephant is controlled by a goad (Ankush), a horse by a slap of the hand, a horned animal with the show of a stick, and a rascal with a sword.

ब्राह्मण केवल भोजन से तृप्त हो जाते हैं और मोर बादल के गरजने भर से संतुष्ट हो जाता हैं, संत और सज्जन व्यक्ति दूसरे की सम्रद्धि देखकर प्रसन्न होते हैं, परन्तु दुष्ट व्यक्ति को तो प्रसन्नता तभी होती हैं, जब वे किसी दुसरे को संकट में पड़ा हुआ देखते हैं।

Brahmanas find satisfaction in a good meal, peacocks in the peal of thunder, a sadhu in seeing the prosperity of others, and the wicked in the misery of others.

यदि शत्रु अपने से अधिक बलवान हो तो उसके साथ विनय और दुष्ट शत्रु को बल–प्रयोग द्वारा वश में किया जाए इसका अर्थ यह है कि मनुष्य को समय के अनुरूप बल अथवा विनय का प्रयोग करना चाहिए।

Conciliate a strong man by submission, a wicked man by the opposition, and the one whose power is equal to yours by politeness or force.

राजा की शक्ति उसका बाहुबल, ब्राह्मण की शक्ति उसका तत्वज्ञान स्त्रियों की शक्ति उनका सौन्दर्य और मधुरता हैं।

The power of a king lies in his mighty arms; that of a brahmana in his spiritual knowledge; and that of a woman in her beauty youth and sweet words.

व्यक्ति को इतना अधिक सरल और सीधा नहीं होना चाहिए कि जो भी चाहे उसे धोखा दे सके, जंगल में जाकर देखए कि सीधे खड़े हुए वृक्षों को मनुष्य अपने काम के लिए जल्दी काट लेता हैं और टेढ़े-मेढ़े वृक्षों को छोड़ देता हैं।

Do not be very upright in your dealings for you would see by going to the forest that straight trees are cut down while crooked ones are left standing.

जिस तालाब में पानी ज्यादा होता हैं हंस वही निवास करते हैं, यदि वहां का पानी सुख जाता हैं तो वे उन्हें छोड़ कर दुसरे स्थान पर चले जाते हैं जब कभी वर्षा अथवा नदी से उसमे पुनः पानी भर जाता हैं तो वे फिर लौट आते हैं। मनुष्य को हंस के समान व्यवहार नहीं करना चाहिए, मैत्री या सम्बन्ध स्थापित करने के बाद उन्हें भंग करना उचित नहीं अपने आश्रयदाता को बार-बार छोडना और उसके पास लौट कर आना मानवता का लक्षण नहीं हैं।

Swans live wherever there is water, and leave the place where water dries up; let not a man act so and comes and goes as he pleases.

बहुत समय से पानी से भरे हुए तालाब को सड़ांध, दुर्गन्ध और कीचड से बचाने के लिए आवश्यक हैं कि उसके पानी को बदला जाए इसी प्रकार बहुत यत्न से जोड़े हुए धन को भी दान देने से ही बचाया जा सकता हैं।

Accumulated wealth is saved by spending just as incoming fresh water is saved by letting out stagnant water.

स्वर्ग से भूलोक पर उतरे हुए दिव्य पुरुष जब जन्म लेते हैं तो उनकी पहचान उनके चार प्रमुख गुणों से होती हैं उनमे दान देने की प्रवर्ती होती हैं, वे सैदव मधुर और मीठी वाणी बोलते हैं, वे देवताओ की पूजा अर्चना करते हैं और ब्राह्मणों को भोजन और वस्त्र आदि देकर उन्हें प्रसन्न करने का यत्न करते हैं।

The following four characteristics of the denizens of heaven may be seen in the residents of this earth planet; charity, sweet words, worships of the Supreme Personality of Godhead, and satisfying the needs of Brahmanas.

अत्यन्त क्रोध करना, कड़वी वाणी बोलना, दरिद्रता और अपने सगे सम्बन्धियों से वैर-विरोध करना, नीच पुरुषो का संग करना, छोटे कुल के व्यक्ति की नौकरी अथवा सेवा करना – ये छह दुर्गुण ऐसे हैं जिनसे पृथ्वीलोक में ही नरक के दुखो का आभास हो जाता हैं।

The following qualities of the denizens of hell may characterize men on earth; extreme wrath, harsh speech, enmity with one’s relations, the company with the base, and service to men of low extraction.

व्यक्ति कभी सिंह की गुफा में पहुंच जाए तो सम्भव हैं की हाथी के मस्तक की मणि जिसे गजमुक्ता कहा जाता हैं भी मिल जाए, परन्तु यदि वह गीदड़ की माद में चला जाए तो उसे बछड़े की पूंछ अथवा गधे के चमड़े के सूखे टुकडो के सिवाय और कुछ नहीं मिलेगा, अथार्त साहसी और शूरवीरो की संगति में खतरा होने पर भी दुर्लभ रत्न मिल सकते हैं, किन्तु ठग और कायरो की संगति से कुछ नहीं मिलता।

By going to the den of a lion pearls from the head of an elephant may be obtained; but by visiting the hole of a jackal nothing but the tail of a calf or a bit of the hide of an ass may be found.

जिस प्रकार कुत्ते की पूंछ से न तो उसके गुप्त अंग छिपते हैं और न वह मच्छरों को काटने से रोक सकती हैं, इसी प्रकार विधा से रहित जीवन भी व्यर्थ हैं क्योंकि विधाविहीन मनुष्य मूर्ख होने के कारण न अपनी रक्षा कर सकता हैं न अपना भरण-पोषण।

The life of an uneducated man is as useless as the tail of a dog, which neither covers its rear end, nor protects it from the bites of insects.

बोलचाल अथवा वाणी में पवित्रता, मन की स्वच्छता और यहाँ तक कि इन्द्रियों को वश में रख कर पवित्र रहने का भी कोई कोई महत्व नहीं जब तक कि मनुष्य के मन में जीवमात्र के लिए दया की भावना उत्पन्न नहीं होती, सच्चाई यह हैं कि परोपकार ही सच्ची पवित्रता हैं।

The purity of speech, of the mind, of the senses, and a compassionate heart are needed by one who desires to rise to the divine platform.

जिस प्रकार फूल में गंध, तिलों में तेल, लकड़ी में आग, दूध में घी, गन्ने में मिठास आदि दिखाई न देने पर भी विधमान हैं, उसी प्रकार मनुष्य के शरीर में दिखाई न देने वाली आत्मा का निवास हैं यह रहस्य ऐसा हैं कि इसे विवेक से ही समझा जा सकता हैं।

As you seek fragrance in a flower, oil in the sesame seed, fire in wood, ghee (butter) in milk, and jaggery (guda) in sugarcane; so seek the spirit that is in the body by means of discrimination.

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Friends, चाणक्य नीति के उसी क्रम में “Chanakya quotes in hindi and English: seventh chapter” share किया हैं। आशा है आपको बहुत सी जीवन उपयोगी बातें सीखने को मिलेगी।

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