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सफलता समर्पण माँगती हैं

Importance of dedication in success

हम सभी लोग जीवन मे सफलता प्राप्त करना चाहते हैं, हालांकि सफलता की परिभाषा सभी के लिए अलग अलग हैं। हम सोचते हैं कि हम जो भी काम करें, उसमें हमें सफलता जरूर मिले पर अक्सर ऐसा होता नहीं है, इसके पीछे कई कारण होते हैं।

कई बार हमें सफलता मिल जाती है और कई बार नहीं भी मिलती।

सफलता का मिलना इस बात पर निर्भर करता है कि हमारे द्वारा किए गए प्रयास में कितनी Dedication है और  हम अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कितने प्रतिबद्ध है।  हम सब जानते हैं आधे अधूरे मन से किया गया कोई काम कभी भी फलदाई नहीं होता। फिर भी  हम अक्सर आधे अधूरे प्रयास करते हैं, और सफलता की उम्मीद करते हैं, जो कभी पूरी नहीं होती।

समर्पण क्या है

समर्पण का आधारभूत शाब्दिक अर्थ है, किसी को भेट पूर्वक या प्रेम पूर्वक कुछ देने की क्रिया। समर्पित होने से मतलब है कि किसी के लिए अपना सब कुछ अर्पित कर देना या सौंप देना।

समर्पण किसी का किसी के भी प्रति हो सकता है। आप यदि एक स्टूडेंट हैं तो पढ़ाई के प्रति समर्पित हो सकते हैं। आप यदि एक employee हैं तो अपनी job के प्रति समर्पित हो सकते हैं।

किसी कार्य के प्रति समर्पण का अर्थ यह है कि, आपको उस काम के अलावा और किसी चीज का ध्यान ही नहीं रहता। इसका अर्थ है आप उस काम में खुद को पूरी तरह अर्पित कर चुके होते हैं, अब जब तक वह कार्य सम्पन्न नहीं होता तब तक आप उसे पूरा करने में लगे रहोगे।

जैसे कोई भक्त जब अपने भगवान का ध्यान कर रहा होता है तो उसे अपने भगवान के अलावा और कोई भी चीज दिखाई नहीं देती, यह समर्पण है।  जब एक मां अपने बच्चों से प्यार करती है से अपने बच्चों के अलावा और कोई वस्तु  जरूरी नहीं लगती, यह समर्पण है।

जब कोई संगीत से प्यार करने वाला व्यक्ति गाना शुरू करता है तो उसे समय का ध्यान ही नहीं रहता, ये सभी समर्पण के ही उदाहरण हैं।

समर्पण क्यों जरूरी है

किसी भी कार्य में सफलता के लिए समर्पण की भावना बेहद जरूरी है। अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए आपको उसमें डूब कर काम करना होगा तभी सफलता मिलेगी।  जब आपने कोई task अपने हाथ में  लिया है तो आपके अंदर यह भावना होनी चाहिए कि मुझे यह करना  ही है चाहे कुछ भी हो जाए चाहे कितना भी समय लगे चाहे कितनी भी  कठिनाई आए।

अक्सर समस्याएं आने पर लोग अपने तय किए रास्ते छोड़ देते हैं और दूसरे रास्तों की तरफ चले जाते हैं परंतु मेरे हिसाब से ऐसा करना बिल्कुल गलत होता है।

इस तरह रास्ते ही बदले जाते रहे तो हमारी मंजिल तक पहुंचने की संभावनाएं कम होती जाएंगी। बल्कि एक बार हमने जो रास्ता चुन लिया है, उस रास्ते पर हमें पूरी शिद्दत के साथ आगे बढ़ना चाहिए चाहे उसमें कितनी भी समस्याएं आए।

आप यदि मन लगाकर किसी कार्य को करते हैं, तो कार्य में सफलता प्राप्त होने की दर काफी अधिक होती है।  मन लगाकर कार्य करने  का अर्थ यहां पर पूरी ताकत के साथ किए जाने वाले प्रयास से हैं। ऐसा कभी हो ही नहीं सकता कि आप पूरी ईमानदारी से  प्रयास करें और सफल न हों। आपने सुना ही होगा..

जब आप पूरी शिद्दत से किसी चीज को चाहते हैं तो पूरी कायनात उसे आपसे मिलाने में जुट जाती है

स्वामी विवेकानन्द ने भी कार्य को सफलता तक पहुचाने का और लक्ष्य प्राप्ति का केवल एक ही तरीका बताया हैं, जो 100% काम करता हैं

उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाए

यह झूठ नहीं है, बल्कि जिंदगी की हकीकत भी है। आप का समर्पण भाव देखकर कुदरत भी अपना इरादा बदल देती है और आपकी सफलता में अपने सहयोग देती है। बस शर्त ये ही है,  कि वो ताकत होनी चाहिए आपके अंदर जो कुदरत को ऐसा करने पर मजबूर कर दे।

उस ताकत का ही नाम है समर्पण या Dedication. ये ही तय करता है कि आप सफल होंगे या नहीं। आपकी लगन ही बताती है कि आप किस हद तक कामयाब होने वाले हैं।

ऐसा इसलिए होता क्योंकि प्रकृति का नियम है कि कुछ पाने के लिए कुछ खोना भी पड़ता है। फ्री मे किसी को भी कुछ नहीं मिलता, इसलिए ही हर जीत की कीमत चुकानी होती है।

कामयाबी के लिए आपको अपना हर तरह का आराम दाव पर लगाना ही पड़ता है, तभी आपकी सफलता संभव है ।

जब हम अपने काम के प्रति पूरी तरह समर्पित होते हैं तो दूसरी चीजों में हमारा ध्यान नहीं भटकता है।  हमारी नजर सिर्फ अपने लक्ष्य पर होती है तो जाहिर सी बात है कि अपने काम में हम अपना 100% देते हैं।

जितना हमारा सामर्थ्य होता है जितनी हमारे अंदर प्रतिभा होती है उन सब चीजों को समेट कर हम अपने प्रयासों में डाल देते हैं और हमारा यह प्रयास एक चमत्कार से भरा होता है और सौ प्रतिशत  यह सफल भी होता है।

समर्पण के फायदे

  1. समर्पण हमारे आवारा मन को नियंत्रित करता है। जिससे हमारा ध्यान भटकता नहीं है और हम एकाग्रता पूर्वक अपना काम कर पाते हैं।
  2. जब हम अपने लक्ष्य के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित होते हैं, तो उसे प्राप्त करने के लिए हम कई सारे प्रयास करते हैं।  जो जाने अनजाने हमारे ज्ञान में वृद्धि का कारण बनते हैं यह कह सकते हैं कि हमारे नॉलेज में भी बढ़ोतरी होती जो हमें हमारे भविष्य में काम आती है। कई बार कोई असफल प्रयास आपको जीत नहीं दिला पाता पर एक जरूरी सीख दिला देता है।
  3. समर्पण गुण नहीं बल्कि गुणों की खदान है। अगर आप किसी लक्ष्य के प्रति समर्पित है तो आप अपने आप धैर्यवान मेहनती जिज्ञासु आदि प्रवृत्तियों से खुद को युक्त पाएंगे।
  4. समर्पण हमें अपने लक्ष्य से प्यार करना सिखाता हैं। सोच के देखिए इस चीज़ को, अपने लक्ष्य से प्यार करना आपको success के कितने पास पहुँचा देगा।
  5. जब आप किसी चीज के लिए खुद को समर्पित कर देते हैं तो फिर वह आपके लिए बोझिल और उबाऊ नहीं रहती। उसके अंदर आपका interest अपने आप पैदा हो जाता है और आपको उस कार्य को करने मे खुशी होने लगती है।

समर्पण सुंदर है

एक मां और बच्चे का रिश्ता सुंदर है। क्योंकि उस रिश्ते में समर्पण का भाव है। माता और बच्चे का ही क्यों, हर वो रिश्ता जिसमे समर्पण का भाव है, वह सुंदर है।

फिर चाहे वो रिश्ता भक्त का भगवान से हो , पत्नी का पति से हो शिष्य का गुरु से हो, उसमें सुंदरता आ ही  जाती है क्योंकि उसमें समर्पण का भाव है।

पेड़-पौधे, प्रकृति, नदियां, झरने, झीलें, ये सब सुंदर है, क्योंकि यह सभी समर्पित हैं अपने कार्य के लिए।  इनकी सुंदरता का कोई सानी नहीं है क्योंकि समर्पण की भावना  इनके अंदर कूट-कूट कर भरी हुई है।

जब हम पूरी तरह से समर्पित होकर के प्रयास करते हैं तो हमें मिलने वाली सफलता भी उतनी ही ज्यादा सुंदर होती है जितना समर्पित हमारा प्रयास था।

निष्कर्ष

दोस्तों अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हमें संघर्ष तो करना ही होता है क्योंकि संघर्ष ही जीवन है, लेकिन जरूरी है कि वह संघर्ष या प्रयास पूरी तरह समर्पित भाव से किया जाना चाहिए।

जब तक लक्ष्य पूरा नहीं हो जाता तब तक हमारे ख्याल में उसके अलावा और कुछ नहीं आना चाहिए। जैसे अर्जुन को सिर्फ मछली की आंख दिखाई देती हैं, वैसे ही हमें भी सिर्फ और सिर्फ हमारा लक्ष्य दिखना चाहिए। हमारे द्वारा किया गया हर कार्य लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में उठाया गया कदम होना चाहिए।

सफलता के  मिलने तक यह जरूरी है, कि आप सिर्फ सफलता के लिए कार्य करें क्योंकि सफलता समर्पण मांगती है, वो आपसे अपनी कीमत चाहती है। वो चाहती है कि आप उस पर अपनी नींद, चैन, आराम सब कुछ वार दें और  कभी हार ना माने।

आपने अगर अपने हिस्से का hard work कर लिया तो जल्दी ही एक बड़ी सफलता आपको अपना इंतजार करते हुए जरूर मिलेगी । मुझे उम्मीद है की आप को यह पोस्ट पसंद आएगी । अपने सुझाव आप हमे कमेन्ट करके बता सकते हैं, धन्यवाद !

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