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Dental Care Tips स्वस्थ शरीर के लिए जरूरी हैं दांतों का स्वस्थ होना

Dental Care Tips in Hindi, Teeth Care Tips (Hindi), दाँतों का सेहतमंद कैसे रखे
दोस्तों, मुस्कुराता हुआ चेहरा किसे अच्छा नहीं लगता है और दूरियों को कम करने में भी मुस्कुराहट के महत्व को कोई इंकार नहीं कर सकता लेकिन इसके लिए दांतों का खूबसूरत होना भी बेहद जरूरी है वरना मुस्कुराहट असरदार नहीं होगी।

सुंदर दांतों से इंसान का व्यक्तित्व निखरता हैं। दांतों की समस्या होने पर मुस्कुराना भी मुश्किल हो जाता हैं। इसलिए दांतों की नियमित देखभाल बहुत जरूरी हैं। दांत के हल्के से दर्द को भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। ये हल्का सा दर्द किसी भी गंभीर बीमारी का रूप ले सकता हैं। दांतों में ठंडा-गरम लगना, पायरिया, Cavity, सांस में बदबू और दांतों का बदरंग होना दांतों की बीमारियां होती हैं। लंबे समय तक इन पर ध्यान नहीं देने से गर्दन और रीढ़ की हड्डी में दर्द, सिरदर्द, दिमागी तनाव और मुंह के Cancer जैसी गंभीर बीमारियां तक हो सकती हैं।

दांतों के अस्वस्थ होने का क्या कारण हैं?

हमारी गलत जीवनशैली के कारण दांतों पर नकारात्मक असर पड़ रहा हैं। खान-पान का ध्यान न रखना, देर रात तक खाना और खाना खाने के बाद दांतों की सफाई ना करना, कई तरह की बीमारियों को जन्म देता हैं। बच्चों को Ice cream, Pizza, Chocolate और Fast food खिलाना भी कई तरह की बीमारियों को जन्म देता हैं। Diabetes के रोगियों को खासकर दांतों का ख्याल रखना चाहिए, अगर शुगर नियंत्रित नहीं हैं तो दांतों के साथ मसूड़ों पर भी इसका बुरा असर पड़ता हैं।

दांतों को स्वस्थ रखने के लिए क्या किया जाए?

कुछ खाते समय दांतों में कुछ फंस जाने, कैविटी बनने, नया दांत निकलने या कोई सख्त चीज काटने के कारण दांतों में क्रैक(Crack) की वजह से भी दांत में दर्द होने लगता हैं। ऐसी स्थिति में गर्म पानी से कुल्ला करें या फिर दांतों के बीच फ्लॉस करें। धागे की मदद से दांतों में से फंसा हुआ खाने का अंश को निकालना फ्लॉसिंग(Flossing) कहलाता हैं।

अगर दांत में हैं दर्द?

दांत दर्द अपने आप में कोई बीमारी नहीं हैं, बल्कि यह आने वाली बीमारी का संकेत हैं। दांतों के दर्द की शुरुआत आमतौर पर मसूड़ों में सूजन, ठंडा-गरम और कैविटी बनने से होती हैं। ज्यादातर मामलों में दर्द की वजह कैविटी होती हैं। दांतों के सड़ने पर उसकी सतह पर होने वाले छिद्र को कैविटी कहते हैं। अगर आपके दांतों में काले या भूरे धब्बे दिखाई दें और दांतों में दर्द हो तो यह कैविटी के लक्षण हैं। लंबे समय तक इसका उपचार न कराने से दांतों में सड़न के साथ मसूड़ों में सूजन और सिर में दर्द की शिकायत हो सकती हैं।

मुख्यतः दांतों की समस्याएं दो तरह की होती हैं

दांतों की बीमारी दो तरह की होती हैं, मसूड़ों की समस्या और दांतों से जुडी समस्या

  1. मसूड़े और हड्डी – पायरिया 

    पायरिया मसूड़ों और हड्डी की बीमारी होती हैं। इसमें सांसों से बदबू और दांतों से खून आता हैं। इसके सामान्य इलाज़ में स्केलिंग(scaling) यानी मसूड़ों की सफाई की जाती हैं। फिर मसूड़ों और हड्डी के संक्रमित टिशूज(Tissues) को हटा दिया जाता हैं। इससे बीमारी वहीं थम जाती हैं और आगे नहीं बढ़ती। वही अब latest technique में क्लीनिंग के बजाय लेज़र क्लीनिंग(laser cleaning) की जाती हैं। इससे ब्लीडिंग(Bleeding) नहीं होती और दर्द भी नहीं होता।

  2. डेंटल डिजीज – सेंसिटिविटी Sensitivity

    दांतों में ठंडा-गरम महसूस करने की समस्या आजकल काफी सामान्य हैं। इसकी वजह आमतौर पर दांतों की ऊपरी परत का हटना होता हैं जो कि बेहद कठोर ब्रश इस्तेमाल करने, बार-बार और ज्यादा देर तक ब्रश करने, दांतों का सही अलाइनमेंट(Alignment) में न होने, कार्बोनेटेड ड्रिंक्स(Carbonated drinks like Pepsi, Soda Water, Coke) ज्यादा पीने आदि से हो सकती हैं। सामान्य इलाज़ में सेंसिटिव टूथपेस्ट इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती हैं, जिसमें फ्लोराइड की मात्रा ज्यादा होती हैं।

गर्भवती महिलाएं कैसे रखें दाँतों का ख्याल?

अगर गर्भवती महिलाएं गर्भ के दौरान ब्रश करना छोड़ देती हैं तो उन्हें दांतों की बीमारी हो सकती हैं। इसका प्रभाव गर्भस्थ शिशु पर भी पड़ सकता हैं। महिलाओं को गर्भवस्था में दांतों व मसूड़ों की समस्या होती हैं। हार्मोनल बदलाव के कारण ऐसा होता हैं। ऐसे में मसूड़ों में सूजन, उनसे खून निकलना, मसूड़ों का लाल होना जैसे लक्षण सामने आ सकते हैं। इसका असर गर्भस्थ शिशु पर भी पड़ता हैं। अच्छा होगा यदि महिलाएं प्रेग्नैंसी प्लान करने से पहले अपने दांतों की जांच करा लें। ताकि दांतों से संबंधित कोई भी समस्या से उन्हें गर्भवस्था के समय जूझना न पड़े।

  1. टूथपेस्ट का इस्तेमाल करें

    टूथपेस्ट में फ्लोराइड हो तो वह दांतों को कीड़ा लगने से बचाता हैं। छोटे बच्चों के लिए फ्लोराइड वाला पेस्ट उपयोग नहीं करना चाहिए। दांतों की सफाई में टूथपेस्ट लुब्रिकेशन(Lubrication) और ताजगी का काम करता हैं।

  2. सही तरह से करें ब्रश 

    हमें दिन में कम-से-कम दो बार ब्रश अवश्य करना चाहिए। ब्रश करने में तीन-से-चार मिनट का समय अवश्य लें। हालाँकि कई लोग होते हैं जो दांतों को बर्तनों की तरह मांजते हैं। इससे दांत घिस जाते हैं। दांतों को हमेशा मुलायम ब्रिसेल्स(Bristles) से और हल्के दबाव से धीरे-धीरे साफ़ करें। उंगली या ब्रश से धीरे-धीरे मसूड़ों की मालिश करें। इससे मसूड़े मजबूत बनते हैं। आपका ब्रश सॉफ्ट होना चाहिए। ब्रिसेल्स(Bristles) खराब होने या फैलने से पहले ही उसे बदल दें।

दांतों के लिए अपनाएं कुछ घरेलू नुस्खे

Conclusion

अगर दांतों की नियमित सफाई की जाए तो दांतों की बीमारियों से दूर रहा जा सकता हैं। इसलिए प्रतिदिन सुबह और शाम को खाने के बाद ब्रश अवश्य करें ताकि रात को सोते समय दांतों में कीटाणु पैदा न हो जो पायरिया, मसूड़ों में खून, कैविटी जैसी समस्याएं पैदा करते हैं। इसलिए हमारा आपसे विनम्र निवेदन यही हैं कि अपने दांतों का विशेष तौर पर ख्याल रखें।

Some Other Health Tips

  1. दही का सेवन कम करता हैं कोलेस्ट्रॉल –
    दही में हृदय रोग(Heart Diseases), हाई ब्लड प्रेशर(High blood Pressure) और गुर्दों(Kidney) की बीमारियों को रोकने की अद्भुत क्षमता होती हैं। यह कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने से रोकता हैं। ताकि वह नसों में जमकर ब्लड सर्कुलेशन(Blood Circulation) को प्रभावित न करे और हार्टबीट(Heart-Beat) सही तरीके से चलती रहे। दही में कैल्शियम की मात्रा अधिक पाई जाती हैं। जो हमारे शरीर में हड्डियों का विकास करती हैं। दही दांतों एवं नाखूनों की मजबूती एवं मांसपेशियों के सही ढंग से काम करने में भी सहायक हैं।
  2. दर्द शरीर में नहीं दिमाग में होता हैं –
    अगर आप दर्द के डर से इंजेक्शन लगवाने से डरते हैं। तो इस बारे में एक बार फिर विचार करिए। वैज्ञानिकों का मानना हैं कि दर्द सिर्फ आपके मस्तिष्क में होता हैं। जापान और जर्मनी के कुछ शोधकर्ताओं ने अपने दो नए अध्ययनों में पाया हैं कि दर्द दिमाग और शरीर के बीच जटिल प्रतिक्रिया का हिस्सा हैं। दर्द के समय अगर आप खुश रहने की झूठी कोशिश करें तो दर्द कम हो सकता हैं।
  3. पानी हैं दुनिया का सबसे पुराना डॉक्टर –
    पानी को दुनिया का सबसे पुराना डॉक्टर माना जाता हैं। अकेला मनुष्य ही नहीं जानवर भी इसे एक रोग के उपचार के रूप में सदियों से इस्तेमाल में लेते रहे हैं। घाव के भरने, थकी मांसपेशियों को आराम पहुंचाने, अपने शरीर की साफ़-सफाई करने, दिल और दिमाग तरोताजा करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता रहा हैं। शरीर के तापमान को कम करने, पानी चिकित्सा या वॉटरथैरेपी(Water-Therapy) अथवा हाइड्रोथेरपी(Hydro-Therapy) जैसे तरीके भी हैं।
  4. म्यूजिक से बढ़ा सकते हैं वर्कआउट टाइम –
    अगर आप म्यूजिक सुनते हुए वर्कआउट(Workout, Exercise) करते हैं या Favorite गाने सुनते हैं तो आप एक्सरसाइज का टाइम कई मिनट तक बढ़ा सकते हैं। हाल ही में हुई एक study में एक दावा किया गया हैं। शोध में पाया कि कड़ी मेहनत करते हुए भी संगीत सुना जाए तो परेशानी कम अखरती हैं। इसलिए जब आप Gym जाएं तो अपने मोबाइल में फेवरेट songs का कलेक्शन लेकर खाएं। संगीत आपको हमेशा Energetic बनाए रखेगा।

दोस्तों आपको स्वस्थ शरीर के लिए जरूरी हैं दांतों का स्वस्थ होना से संबंधित ये आर्टिकल कैसा लगा हमें अपने विचार कमेंट बॉक्स में अवश्य बताएं। हम मिलेंगें आपसे फिर एक नए और फ्रेश आर्टिकल के साथ, तब तक के लिए खुश रहें, स्वस्थ रहें।

धन्यवाद।

संदीप जैन

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