कमजोर लोग सुरक्षा की सोचते है और विजेता अवसरों की
अंशुमान नाम का एक लड़का था, उसका स्वभाव तो बहुत शांत था और वो पढ़ने लिखने भी काफी अच्छा था, अपना काम भी वो बहुत बेहतर ढंग से करता था। शुरु से पढ़ने लिखने में भी अच्छा था।
लेकिन उसकी बस एक ही दुर्बलता थी, वो हमेशा रिस्क(Risk) लेने से डरता था, हमेशा safe game खेलता था। जिसकी वजह से वो अपने लाइफ में भी grow नहीं करता पाता। कुछ भी नया करने और experience करने में उसे एक डर महसूस होता था, वो इस चीज से बहुत ज्यादा परेशान हो गया था। हमेशा ऐसा करने की वजह से वो अपनी घिसी पिटी जिंदगी ही जी रहा था।
वो अपनी इस situation को किसी से भी शेयर नहीं कर पा रहा था। इस चीज से उसको अन्दर ही अन्दर से घुटन महसूस हो रही थी।
एक तरह से वो अपने comfort zone से बाहर नहीं निकल पा रहा था। उसमें ही फंस कर रह था। उसको अपने कैरियर को भी लेकर बहुत टेंशन लेता था।
उसे अपना सुरक्षा के बारे में हमेशा सोचता था इसलिए नई रिस्क नहीं उठाता।
इसलिए वो जॉब्स को भी लेकर काफी insecure रहता है।
इस lock-down में भी वो पूरा दिन घर ही रहा जोकि इस विपरीत परिस्थियों में सभी के साथ हुआ, जॉब्स भी कुछ समय के लिए उसका छूट गया।
दूसरी ओर वह दिमाग से बहुत ज्यादा डिस्टर्ब रहने लगा। उसके जीवन से positivism गायब होने लगी। धीरे धीरे वो हर चीज के विषय में नेगेटिव सोचने लगा। उसकी mentality भी बहुत ज्यादा change हो गई। अब पता ना.
वो आगे क्या करेगा।
हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है, इसलिए इस बात का ध्यान रखिए कि आप क्या सोचते हैं। शब्द गौण हैं। विचार रहते हैं। वे दूर तक यात्रा करते हैं ~ Swami Vivekanand
हमारे आस पास बहुत सारे लोग ऐसे है, जिनकी mentality lock-down में काफी बदल गई। उनके सोचने का पैटर्न भी बहुत ज्यादा change हो गया।
ऐसे लोग कमजोर होते है, जो हमेशा असुरक्षित की भावना से घिरे रहते है।
तो हम सबसे पहले जान लेते है, ऐसे लोगों की सोच के पीछे कारण क्या होता है?
1. परवरिश
हम सबकी Thinking के पीछे हमारे परवरिश का बहुत बड़ा हाथ होता है, क्योंकि उसी से हमें सोचने का पैटर्न मिलता है। कुछ लोगों के माता पिता उन लोगों को काफी secure तरीके से लालन पालन करते है। बचपन से उनके सामने सुरक्षित game खेलने को सिखाते है।
और हमेशा उनसे ये बोलते है कि ये काम मत करो, इस काम में बहुत खतरा है, वो काम मत करो, उस काम भी खतरा है। जिसकी वजह से ऐसी सोच बन जाती है कि कुछ भी नया करने में एक खतरा है, जिससे हमको खतरा हो सकता है। और ऐसे लोग कुछ भी नया करने से बचने लगते है।
2. वर्तमान माहौल
जो लोग भी सुरक्षित game खेलना पसंद करते है, वो लोग कहीं न कहीं ऐसे माहौल में रहते है, जहां पर लोग नया ट्राई करने से बचते हो, आस पास के लोग भी खतरा मोल लेने से बचते है।
कहा भी जाता है, हम जैसे माहौल में रहते है, वैसे ही बन जाते है। माहौल का हमारे सोचने पर भी बहुत प्रभाव पड़ता है।
इसलिए सफल लोग के बीच रहने वाले लोगो का माहौल व्यक्ति को सफल बना देता है।
खतरा मोल लेने वाले लोगों के बीच रहने से हम भी खतरा मोल लेना सीख जाते है। हम लोग भी कुछ outstanding thinking follow करने लगते है।
अगर आपको लगे आपके वर्तमान माहौल को बदलने की जरूरत है, तो बदल देना चाहिए।
इसके अतिरिक्त और भी कारण हो सकते है।
हम यहां पर बात कर लेते है।
कमजोर लोग सुरक्षा की क्यों बात करते है? और विजेता लोग अवसर के बारे में क्यों सोचते है?
एक बात को यहां clear करने की जरूरत है कि हम कमजोर कैसे हो जाते हैं?
हमारे आस पास दो तरह के लोग होते है, एक ऐसे लोग होते है, जो जिनके साथ कितना भी बेकार situation में वो हमेशा हर problem को solve करने के लिए तैयार रहते है।
हर परिस्थिति में मजबूत बने रहते है, हमेशा डटे रहते है, कभी भी हार नहीं मानते है। दूसरे ऐसे लोग होते है, जो छोटी सी भी समस्या से घबरा जाते है, हताश हो जाते है। हार मान लेते है।
ऐसे लोगों में धैर्य की कमी होती है। ऐसे लोग समस्याओं की जटिलता को समझते नहीं है।
ऐसे लोगों को ही looser समझा जाता है। जबकि जीवन में कामयाब होने के लिए winner वाली मानसिकता की जरूरत होती है। एक विजेता की मानसिकता के बदौलत ही हमें सफलता और शोहरत मिलेगी।
Different between loser and winner thinking style.
Winners और losers के बीच कुछ common अंतर होता है।
जो निम्नलिखित है:-
Winners हमेशा सॉल्यूशन के बारे में सोचते है
Losers हमेशा समस्या के बारे में सोचते हैWinners के पास हमेशा कोई ना कोई प्लान रहता है
Losers के पास हमेशा बहाना होता है।
3. Winners कहते है, “इसे आप अपने लिए मुझे करने दें।”
Losers कहते है, “यह मेरा जॉब नहीं है, मैं इसे नहीं कर सकता।”
4. Winners कहते है, “यह कठिन जरूर है, लेकिन संभव है।
Losers कहते है, “यह संभव है लेकिन बहुत कठिन है”
5.winners के पास हमेशा सपने होते है।
Losers के पास हमेशा योजना होती है।
6. Winners हमेशा टीम के पार्ट होते है।
Losers हमेशा खुद को टीम से अलग रखते है।
7.winners हमेशा संभावना देखते है।
Losers हमेशा समस्या देखते है।
8.winners हमेशा पोटेंशियल देखते है।
Losers हमेशा अतीत देखते है।
9. Winners hard arguments और soft word का इस्तेमाल करते है।
Losers soft words और hard argument का इस्तेमाल करते है।
अब Winners बनने के कुछ खास skills के बारे में जान लेते है।
जिस skill के होने की वजह से हम जीवन Winnings moment create कर सकते है।
1. Making a plan
Winners लोग हमेशा प्लान के अनुसार कार्य करते है, उनको पता होता है कि इस महीने के अंत तक कितना growth लाना है, इस साल के अंत तक कितना growth लाना है।
इसलिए winners mindset के लिए यह बहुत जरूरी है कि आप प्लान के अनुसार काम कीजिए।
एक एक घंटा ,एक एक दिन, एक एक हफ्ता और एक एक महीना का प्लान बनाएं और उस प्लान को daily basis पे check कीजिए, आप अपने प्लान को एक्सक्यूट करने के बाद आप कितना उसके करीब पहुंच गए है।
2. Goal settings
अपने लिए बहुत मुश्किल goal set कीजिए और उसे प्राप्त करने के लिए खुद को चैलेंज कीजिए।
Goal setting winners के लिए बहुत जरूरी होता है।
कोई भी काम करते है, तो यह बहुत ज्यादा मायने रखता है कि हम अपना goal को हमेशा बड़ा रखें।
Goal बड़ा होने का फायदा यह होता है कि यह साइकोलॉजिकल तौर पर उसे हासिल करने के लिए motivated रहते है।
और उस goal के efforts लगाना बहुत जरूरी है।
3. Continuity बना कर रखें।
ज्यादातर लोग ऐसे होते है, जो किसी काम को शुरु करने को तो शुरु कर देते है, मगर उस अंजाम तक पहुंचाए बिना ही बीच में ही छोड़ देते है।
ऐसा करना losers होने की निशानी है, जबकि winners लोग हमेशा जो काम शुरू करते है, उसे खतम किये बिना हार नहीं मानते है।
Continuity को बनाए रखना winners होने की पहली शर्त है।
4.Taking risk
एक winner वाले माइंडसेट के इंसान हमेशा रिस्क लेने के लिए तैयार रहते है।
Risk लेना एक skill है। जीवन में growth के लिए रिस्क लेना बहुत अहम है। Risk लेना हमें नई नई skill और नई opportunities के द्वार खोल देता है।
Risk लेने से जो अवसर हमारे जीवन में आते है, उसके बदौलत हम कई सारे तरक्की को अपना लेते है।
और growth आ जाती है, हमारे जीवन में।
ऊपर बताए गए चारों skill winners बनने के लिए बहुत जरूरी है।
Winners वाली mindset आ जाने के बाद कमजोर इंसान भी सुरक्षा की परवाह छोड़ कर अवसर के बारे में सोचने लगता है।