How to become RICH & POOR in Hindi, Tips to get RICH in Hindi
इस संसार में अरबों लोग रहते हैं जिनमें से कुछ अमीर है परन्तु अधिकाश गरीब हैं। पर समस्या की बात यह है की गरीबों को लगता है की दूसरों की अमीरी और अपनी गरीबी का कारण सिर्फ भगवान है।
पर वास्तव मनुष्य के कर्म ही उसका जीवन निर्धारित करते हैं, क्योंकि भगवान तो हमेशा सबको समान बुद्धि व ज्ञान देता है।
लेकिन हर कोई अपनी बुद्धि और ज्ञान का विकास नहीं कर पाता। कुछ लोग अपनी बुद्धि का प्रयोग करके अमीर बन जाते हैं, जबकि अन्य लोग मस्तिष्क का इस्तेमाल अमीर बनने के लिए नहीं कर पाते और गरीब के गरीब ही रह जाते हैं। ।
भगवान जन्म के वक्त हर किसी को नग्न अवस्था में ही पृथ्वी पर उतारता है और जन्म से पहले वह किसी को भी बौद्धिक ज्ञान देकर नहीं भेजता।
जब भी कोई बच्चा जन्म लेता है तो उसकी बुद्धि और ज्ञान का विकास उसके परिवार तथा उसके वातावरण पर निर्भर करता है कि वे लोग उसका शारीरिक और मानसिक विकास किस तरह से कर सकते हैं क्या उसे वे सही ज्ञान दे सकते हैं जिससे वह अमीर बन सकता है?
जन्म के वक्त कोई भी इंसान न तो गरीब होता है और न ही अमीर। गरीब और अमीर अगर हो सकता है तो सिर्फ उसका परिवार लेकिन भगवान उसे यह मौका देता है कि अगर वह गरीब परिवार में जन्मा है तो वह अपनी मेहनत और कर्मों से अमीर भी बन सकता है।
यदि को बालक अमीर परिवार में जन्म लेता है तो अपने कर्मों और कठिन परिश्रम से और अमीर भी बन सकता है या फिर अपने ही कर्मों की बदौलत वह ज्यादा गरीब भी बन सकता है यह सिर्फ उस व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वह किस अवस्था में अपना जीवन यापन करना चाहता है।
ज्यादातर लोग हमेशा अमीर ही बनना चाहते हैं क्योंकि अमीर बनने के बहुत सारे फायदे होते हैं अमीर लोग बिना ज्यादा परिश्रम किये ही बहुत आरामदायक जीवन यापन करते हैं।
हर कोई बच्चा जब भी किसी अमीर को उसकी सुविधाओं से भरा हुआ जीवन जीते हुए देखता है तो उसके मन में यही सवाल उठता है कि वह भी किस तरह से अमीर बन सकता है और उसे किस दिन ऐसी सुविधाओं का आनंद लेने का मौका मिल सकता है।
लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें अपने जीवन में कुछ लक्षण नजर आते ही नहीं वे लोग एक साधारण सा जीवन जीना चाहते हैं क्योंकि उन्हें सुविधाजनक जीवन में सुविधाएं तो दिखती हैं परन्तु सुख-शान्ति नहीं।
भगवान भी शायद कुछ ना कुछ सोच कर इस दुनिया में लोगों को अमीरी और गरीबी में बाटताँ होगा। क्योंकि भगवान अगर इस दुनिया में हर किसी को गरीबी बना देता तो लोगों को अमीरी की कीमत समझ ना आती और अगर हर किसी को अमीर बना देता तो लोगों को गरीबी में जीवन जीने का संघर्ष मालूम नहीं होता ।
अतः हम यह कह सकते हैं, पृथ्वी की रचना करने वाले भगवान ने लोगों को संसार में उनके जीवन की कीमत समझाने के लिए उन्हें अमीरी और गरीबी में बांट दिया होगा। ।
बहुत सारे गरीब लोग अपनी गरीबी का कारण अपने हालातों को ठहराते हैं, वास्तव में मनुष्य के हालात ही उसे हमेशा गरीब बनाते हैं। हमें गरीब हमेशा हमारी सोच व हमारे कर्म बनाते हैं हम अक्सर जैसा सोचते हैं वैसा ही हमारे साथ होने लगता है और हम ऐसा करने के लिए मजबूर हो जाते हैं ।
इसलिए अगर एक गरीब का बच्चा अमीर बनने की सोचे और अमीर बनने के सभी रास्ते अपनाए जिससे वह अमीरी तक पहुंच सकता है तो वह निश्चित रूप से ही एक दिन जरूर अमीर बन सकता है। ऐसे अनेक शक्सियतों के उदाहरण मिल जायेंगे जिन्होंने अपना जीवन अत्यंत गरीबी में बिताया लेकिन जीवन में अमीर एवं सफल बनने की उनकी सोच, इच्छाशक्ति और मेहनत ने उन्हीं आज अमीर लोगों की श्रेणियों में शामिल किया है।
अतः इन्सान पर मायने रखता है कि वह क्या सोचता है और क्या करता है।
लोगों द्वारा यह भी कहा जाता है कि लोग अमीर पैसों से नहीं बल्कि अपने कार्यों से होते हैं, हमेशा वही आदमी अमीर होता है जो अपने कार्यों से संतुष्ट रहता है इस कारण उसे संसार की हर एक खुशी का अनुभव मिल पाता है, वह अपने जीवन में खुद के लिए सबसे ज्यादा अमीर होता है।
कुछ लोग अमीर दिखने के बाद भी अमीर नहीं हो पाते क्योंकि उनके पास पैसा तो बहुत होता है जो सिर्फ उनकी अमीरी को दर्शाता है परंतु लोगों के सामने प्रकट नहीं कर पाते, वे लोग अपने पास पैसा होने का तो बहुत सारा वजूद करते हैं परंतु उस पैसे का उपयोग कभी भी अच्छे कार्यों के लिए नहीं कर पाते।
अतः ऐसे लोगों को समाज दिल से गरीब कहता है।
हम आपको आज इस लेख में एक ज्ञानी बाबा द्वारा बताया गया अमीरी और गरीबी का कारण बताएंगे, जिससे आपको संसार में व्यापत अमीरी और गरीबी के असल कारण को जानने में मदद मिलेगी ।
एक बार की बात है दूर पहाड़ियों में एक बाबा जी रहा करते थे। जिनके पास जीवन जीने का अथाह अनुभव था वे अपने ज्ञान के लिए ही प्रसिद्ध थे। उनके वहां रोजाना कम से कम सौ से डेढ़ सौ लोग अपने दुखों को लेकर जाया करते थेऔर अपने प्रत्येक दुख का समाधान पाकर ही वापस आते ।
बाबाजी की झोपड़ी जंगल के बीचो बीच में थी। वे अपनी छोटी सी झोपड़ी में अकेले ही अपना जीवन यापन करते, और उनका भोजन साधारण सा हुआ करता क्योंकि वह भोजन के रूप में सिर्फ वही ग्रहण करते, जो उनके भक्तों द्वारा भेंट स्वरुप उनके लिए लाया जाता।
बाबा जी के दर में हमेशा भीड़ होने के कारण उन्हें कभी भी अपने भोजन की समस्या नहीं होती इस कारण बाबा जी उस घने से जंगल में बड़ी ही आसानी से अपना गुजारा कर लेते।
एक दिन एक बहुत गरीब भिखारी बाबा की झोपड़ी के रास्ते में बैठा था उसे वहीं पर बैठते हुए दो-तीन दिन हो गए और वह हर रोज बहुत सारे लोगों को उस घने जंगल की तरफ दुख के साथ बढ़ते हुए देखता और वापस आते वक्त वह हर किसी के चेहरे पर एक चमकती हुई मुस्कान देखता।
उस भिखारी को ऐसा देखते हुए कुछ भी समझ नहीं आता तब वह एक व्यक्ति से पूछ लेता है, तुम लोग इस जंगल की तरफ जाते तो बड़े दुख के साथ हो परंतु आते वक्त तुम्हारे चेहरों में यह मुस्कान क्यों आ जाती है, इसका क्या कारण है।
तब उस व्यक्ति द्वारा बताया जाता है कि इस जंगल के बीचो बीच एक ज्ञानी बाबा रहते हैं जो हमारे सभी दुखों का हल हमारे सामने रख देते हैं अतः हमारी शक्ल में दिखती मुस्कान का कारण सिर्फ दूर बैठे वो बाबा जी है ।
तब वह भिखारी पूछता है कि वे बाबा मुझे भी मेरी समस्या का हल बता देंगे, तो व्यक्ति द्वारा जवाब दिया जाता है क्यों नहीं बाबा जी हर किसी की समस्या का जवाब देते हैं।
भिखारी भी दूसरे दिन अपनी समस्या को लेकर बाबाजी की कुटिया में चला जाता है और वहां जाकर बाबा जी को प्रणाम करते हुए अपनी समस्या बताता है।
भिखारी बाबा जी से पूछता है कि मेरी इतनी गरीबी का क्या कारण हो सकता है, बाबा जी द्वारा बताया जाता है कि तुम्हारी गरीबी का कारण तुम ही हो।
भिखारी को कुछ भी समझ नहीं आता और वह बाबाजी से फिर पूछता है मैं तो अपना पेट भरने के लिए भीख मांगता हूं जितना भी मुझे मिलता है मैं उस से अपना गुजारा करता हूं फिर भी मैं अपनी गरीबी का कारण क्यों हूं?
तब बाबा जी कहते हैं भगवान ने तुम्हें दो हाथ, दो पैर, दो आंख, दो कान यानी सब कुछ दे रखा है फिर भी तुम अपने आप को गरीब क्यों कहते हो, भगवान ने जो सब तुम्हें दे रखा है ।
वही सब एक अमीर को भी दिया है परंतु वह अमीर अपने उन अंगों का उपयोग अच्छे कार्यों के लिए करता है जिससे वह खूब धन कमा सके और अपना जीवन बड़ी ही आसानी से यापन कर सकें।
परंतु तुम अपने अंगों का सही उपयोग नहीं कर सकते क्योंकि तुम्हें लगता है कि तुम गरीब हो तुम यह कभी सोचते ही नहीं कि तुम भी अमीर बन सकते हो तुम अगर भीख मांगना छोड़ दो, तो तुम एक दिन अवश्य अपना जीवन जीने योग्य बन जाओगे और चाहो तो अमीर भी बन सकते हो।
तुम्हें अमीर बनने के लिए कठिन परिश्रम करके पैसा कमाना पड़ेगा जिन पैसों से तुम अपने लिए आरामदायक वस्तु खरीद सकते हो और महसूस कर सकते हो की अमीर हर कोई बन सकता है।
और तुम्हें यह भी पता चल जाएगा कि तुम्हारी गरीबी का कारण सिर्फ तुम्हारे कर्म है।
फिर बाबा जी आगे कहते हैं कि भगवान किसी को भी अमीर और गरीब में नहीं बांटता हम अपने आपको स्वयं अपने कर्मों से अमीरी और गरीबी के तराजू में तोलते हैं।
एक इंसान जैसा सोचता है वैसा ही करने की ठानता भी है, और धीरे-धीरे वैसा ही बनने लग जाता है इसलिए हमें हमेशा अच्छा सोचना चाहिए और अच्छे कर्मों की तलाश में आगे बढ़ना चाहिए।
सीख- हमें इस कहानी से यह सीख मिलती है कि भगवान कभी भी किसी को अमीरी और गरीबी में हमारे कर्मों के अनुसार ही बांटता है।
यदि हमें भी अमीर बनना है तो हमें बचपन से ही कठिन परिश्रम करने की आदत डालनी चाहिए और हमेशा पॉजिटिव सोच कर ही अपना जीवन एक अच्छे लक्ष्य की ओर ले जाना चाहिए क्योंकि अमीर और गरीब बनना हमारे हाथ में निर्भर करता है।
अंत में यहाँ हम इस सदी के सर्वोच्च धनी व्यक्ति माने जाने वाले बिल गेट्स द्वारा कही कई बात दोहराएंगे।
इंसान अगर गरीब पैदा होता है, तो इसमें उसकी गलती नहीं पर अगर वह गरीब ही मर जाता है तो यह उसकी गलती होगी।