जॉर्ज वॉशिंगटन संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति बनने वाले पहले व्यक्ति थे। अमेरिकी क्रांति के समय जॉर्ज वॉशिंगटन कमांडर-इन-चीफ बने थे। जॉर्ज वाशिंगटन ने अमेरिकी क्रांति का नेतृत्व कर ब्रिटेन के खिलाफ अमेरिका को विजय दिलाई थी।
यही कारण है कि 1789 में जॉर्ज वॉशिंगटन को अमेरिका का पहला राष्ट्रपति बनाया गया था। उनके महान कृत्यों के लिए जॉर्ज वॉशिंगटन को फादर ऑफ अमेरिका कहते हैं। अमेरिका के इतिहास में जॉर्ज वॉशिंगटन बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं क्योंकि उन्होंने अमेरिका के विकास के लिए निरंतर प्रयास किए थे।
इस महान व्यक्तित्व के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए उनकी बायोग्राफी को पूरा पढ़ें।
जॉर्ज वाशिंगटन की जीवनी
अमेरिका के पहले राष्ट्रपति के पद को संभालने का गौरव प्राप्त करने वाले जॉर्ज वाशिंगटन का जन्म साल 1732 में 22 फरवरी को अमेरिका देश के वर्जिनियां शहर में हुआ था। जॉर्ज वाशिंगटन लगातार 1789 से लेकर 1797 तक करीब 8 सालों तक अमेरिका के राष्ट्रपति के पद को संभाला और इस दरमियान उन्होंने अमेरिका को शक्तिशाली देश बनाने के लिए कई नीतियां लागू की, जिसका पालन आज भी अमेरिका में किया जाता है।
जॉर्ज वाशिंगटन ने ही यह नियम बनाया था कि कोई भी व्यक्ति दो बार से ज्यादा अमेरिका का राष्ट्रपति नहीं बन सकता।
जॉर्ज वाशिंगटन का व्यक्तिगत परिचय
पूरा नाम | जार्ज वाशिंगटन |
जन्म | 22 फरवरी, 1732, वर्जीनिया, संयुक्त राज्य अमेरिका |
माता | मैरी बॉल वांशिंगटन |
पिता | औगस्टाइन वांशिगटन |
विवाह | मार्था डॅन्डरिज कस्टिस वाशिंगटन |
प्रसिद्धि | अमेरिका के पहले राष्ट्रपति (1789-1797) |
निधन | 14 दिसंबर, 1799 |
जॉर्ज वाशिंगटन का प्रारंभिक जीवन
अमेरिका के पहले राष्ट्रपति का पद संभालने वाले जॉर्ज वाशिंगटन का जन्म वर्ष 1732 में यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका के वर्जिनियां सिटी में 22 फरवरी के दिन एक टीचर के घर में हुआ था।
जॉर्ज वॉशिंगटन के माता-पिता दोनों ही स्कूल में विद्यार्थियों को पढ़ाने का काम करते थे अर्थात इनके माता-पिता पेशे से एक शिक्षक थे। जॉर्ज वाशिंगटन के पैदा होने के बाद इनके माता-पिता ने बड़े ही प्यार से इनका पालन पोषण किया, परंतु जब जॉर्ज वॉशिंगटन 11 साल के हुए तब इनके पिता का निधन हो गया।
इस प्रकार से जॉर्ज वॉशिंगटन के सर से पिता का साया उठ गया। बाद में जॉर्ज वाशिंगटन के भाई ने इनका पालन-पोषण एक पिता के तौर पर किया और इनकी सभी सुख-सुविधाओं को समय पर पूरा किया। जॉर्ज वॉशिंगटन के बारे में एक इंटरेस्टिंग बात यह है कि इन्होने काफी टाइम तक स्कूल का मुंह भी नहीं देखा था।
जार्ज वाशिंगटन का विवाह
बाद में जॉर्ज वाशिंगटन ने एक ऐसी महिला से शादी की थी जो विधवा हो चुकी थी जिसका नाम मार्था डॅन्डरिज कस्टिस था। मार्था डॅन्डरिज कस्टिस ने जब अपने पहले पति से तलाक लिया था उस टाइम उनके दो बच्चे भी थे इसीलिए बच्चों के पालन पोषण के लिए और अपने भरण-पोषण के लिए मार्था डॅन्डरिज कस्टिस को अपने पहले पति से काफी ज्यादा संपत्ति प्राप्त हुई थी।
जब वॉशिंगटन ने विधवा महिला से शादी की, तो उसके बाद उनकी कोई संतान नहीं हुई। इसलिए इन्होंने अपनी पत्नी के पहले पति के बच्चों को ही अपनी संतान माना और उनकी परवरिश करना चालू कर दिया।
कुछ दिनों के बाद जब जॉर्ज वाशिंगटन के बड़े भाई की मौत हो गई, तो अपने बड़े भाई की सारी संपत्ति के मालिक भी जॉर्ज वॉशिंगटन ही बने, क्योंकि बड़े भाई की मौत हो जाने के बाद उसकी सारी संपत्ति जॉर्ज वाशिंगटन को ही प्राप्त हुई। अपनी संपत्ति में से कुछ पैसे खर्च करके उन्होंने अपने और अपनी पत्नी के लिए एक घर खरीदा, जिसका नाम उन्होंने माउंट वेरनॉन रखा।
अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम में जॉर्ज वाशिंगटन की भूमिका
16 साल की उम्र में जॉर्ज वॉशिंगटन ने सर्वेक्षक यानी की जमीन नापने वाले एक कर्मचारी के तौर पर कार्य किया। इस काम के तहत उन्होंने अलग-अलग जगह पर कई जमीनों के नक्शे तैयार किए थे और उनके बारे में इंफॉर्मेशन हासिल की थी।
सर्वेक्षक का काम करते-करते कुछ समय के बाद ही जॉर्ज वॉशिंगटन को अमेरिकी सेना में जाने का मौका मिला और उन्होंने बिना देरी किए हुए अमेरिकी सेना में खुद को शामिल कर लिया, जिसके बाद अमेरिकी सेना में अच्छी परफॉर्मेंस के कारण जॉर्ज वॉशिंगटन साल 1752 में अमेरिकी आर्मी में मेजर के पद को प्राप्त करने में कामयाब हो गए।
इसके बाद वर्ष 1758 में वर्जीनिया के प्रतिनिधि के तौर पर 24 जुलाई को जॉर्ज वॉशिंगटन को चुना गया, जो कि उनकी जिंदगी की अब तक की सबसे महत्वपूर्ण सफलताओं में से एक सफलता थी। इसके बाद जॉर्ज वॉशिंगटन घोड़ा गाड़ी का इस्तेमाल कर साल 1761 में दक्षिण की तरफ घूमें।
इसके बाद जॉर्ज वॉशिंगटन ने हिस्टोरिकल फिलाडेल्फिया सम्मेलन में वर्जिनियां का काफी शानदार तरीके से प्रतिनिधित्व किया। इसका आयोजन साल 1764 में हुआ था। इसके बाद आगे बढ़ते हुए साल 1775 में जॉर्ज वॉशिंगटन को उत्तर स्टेट की संयुक्त आर्मी में प्रधान के तौर पर 16 जून को पोस्टिंग दी गई।
इसी दरमियान फ्रांस के खिलाफ चल रहे विद्रोह में भी जॉर्ज वाशिंगटन ने सक्रिय रूप से हिस्सा लिया और उन्होंने इस विद्रोह में विद्रोही सेना का जमकर मुकाबला किया और उन्हें काफी ज्यादा नुकसान पहुंचाया और ब्रिटेन पर जीत हासिल की।
जॉर्ज वॉशिंगटन को साल 1787 में मई के महीने में फेडरल सम्मेलन के अध्यक्ष के पद पर पोस्टिंग दी गई। इसके बाद साल 1787 में ही 17 सितंबर को जॉर्ज वॉशिंगटन ने कॉन्स्टिट्यूशन प्रारूप पर सिग्नेचर किए।
अमेरिका के प्रथम राष्ट्रपति के रुप में जॉर्ज वाशिंगटन
साल 1789 में जॉर्ज वाशिंगटन की जिंदगी में एक सुहावना पल आया, क्योंकि साल 1789 में ही उन्हें अमेरिका का पहला राष्ट्रपति पद संभालने का मौका दिया गया।
इस प्रकार जॉर्ज वॉशिंगटन अमेरिका के पहले राष्ट्रपति के पद को प्राप्त करने में कामयाब हुए। राष्ट्रपति बनने के बाद तकरीबन 8 सालों तक जॉर्ज वॉशिंगटन ने साल 1789 से लेकर साल 1797 तक अमेरिका के राष्ट्रपति का पद संभाला।
अमेरिका का प्रथम राष्ट्रपति बनने के बाद जॉर्ज वॉशिंगटन ने अमेरिका का डेवलपमेंट करने के लिए कई नीतियां तैयार की और पुरजोर तरीके से उन्होंने अमेरिका का डेवलपमेंट करवाया, साथ ही उन्होंने अमेरिका के विकास के लिए विभिन्न प्रकार की अलग-अलग स्कीमे लॉन्च की और नई प्रथा को जारी करने का काम भी किया।
जॉर्ज वॉशिंगटन के द्वारा बनाई गई नीतियों का पालन आज भी अमेरिका में किया जाता है। जॉर्ज वॉशिंगटन ने अमेरिका के राष्ट्रपति के पद पर रहते हुए अमेरिका को शक्तिशाली देश बनाने के लिए बहुत ही ज्यादा मेहनत की और कई महत्वपूर्ण कदम अमेरिका को शक्तिशाली देश बनाने के लिए उठाए।
अमेरिका के राष्ट्रपति के तौर पर जॉर्ज वॉशिंगटन ने अमेरिका में ना सिर्फ कैबिनेट की नींव रखी बल्कि जॉर्ज वॉशिंगटन ने पहली नेशनल बैंक बनाने और सुप्रीम कोर्ट के जजों की पोस्टिंग करने से संबंधित कई महत्वपूर्ण डिसीजन भी लिए। इसके अलावा उन्होंने अमेरिका के संविधान के अनुसार अमेरिकी गवर्नमेंट का गठन करने में भी महत्वपूर्ण किरदार निभाया।
अमेरिका के राष्ट्रपति पद पर दो बार रहते हुए अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद जॉर्ज वॉशिंगटन अपने आप ही अमेरिका के राष्ट्रपति के पद से हट गए और उन्होंने किसी भी व्यक्ति को दो बार से ज्यादा अमेरिका के राष्ट्रपति का पद नहीं देने का नियम बनाया।
इसके पीछे उन्होंने कारण बताया कि अगर कोई व्यक्ति लंबे समय तक अमेरिका के राष्ट्रपति के पद को संभालता है तो ऐसा होने से वह खुद को ताकतवर बना लेगा और फिर वह अमेरिका में लोकतांत्रिक नहीं बल्कि एक तानाशाह की तरह अपनी सत्ता चलाएगा।
इसीलिए जॉर्ज वॉशिंगटन ने यह नियम बनाया कि कोई भी व्यक्ति दो बार से ज्यादा अमेरिका का राष्ट्रपति नहीं बन सकता।
जॉर्ज वॉशिंगटन ने अपने राष्ट्रपति के कार्यकाल के दौरान बाहरी देशों के साथ अमेरिका के संबंधों को मजबूत बनाने के लिए भी कई वार्ता विदेशी देशों के साथ की थी। साल 1798 में 4 जुलाई को जॉर्ज वॉशिंगटन को लेफ्टिनेंट जनरल और प्रधान सेनापति भी बनाया गया था।
जॉर्ज वाशिंगटन का निधन
यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका के पहले राष्ट्रपति बनने का गौरव प्राप्त करने वाले जॉर्ज वाशिंगटन ने जब राष्ट्रपति के पद से इस्तीफा दिया तो इसके बाद वह लगातार 2 सालों तक खतरनाक सर्दी और गले में इंफेक्शन की समस्या से परेशान थे।
जिसके कारण साल 1799 में सर्दी और गले में इन्फेक्शन के कारण 14 दिसंबर को जॉर्ज वॉशिंगटन ने इस धरती पर आखिरी सांसे ली और इस धरती को अलविदा कह दिया। अमेरिका के जॉर्ज वॉशिंगटन इकलौते ऐसे राष्ट्रपति थे जिन्होंने राष्ट्रपति के पद पर रहते हुए ब्रिटिश आर्मी का नेतृत्व किया था।
इसके अलावा जॉर्ज वॉशिंगटन ने तकरीबन $25000 की सालाना सैलरी भी लेने से इनकार कर दिया था।
अन्य प्रेरणादायी जीवनी भी पढ़ें
- दुनिया के सबसे जुगाडू इन्सान बिजनेस मैग्नेट Richard Branson जीवनी
- फर्डिनेंड मैगलन जीवनी
- संयुक्त राज्य अमेरिका के संस्थापक पिता बेंजामिन फ्रैंकलिन जीवनी
- अमेरिका के गांधी डॉ. मार्टिन लूथर किंग की जीवनी
- फोर्ड मोटर्स के संस्थापक, असेम्ब्ली लाइन के अविष्कारक हेनरी फोर्ड का परिचय
- कन्फ्यूशियस की जीवनी Confucius Biography & Quotes