The only way to discover your true potential is to get out of your comfort zone. ~ Sandeep Maheshwari
कहते है कि परिवर्तन ही संसार का नियम है जैसा कि भगवद्गीता में भी भगवान श्रीकृष्ण जी ने कहा हैं, लेकिन परिवर्तन को हम सहज स्वीकार नहीं करते, चाहे वह हमारे लिए फायदेमंद ही क्यों न हो। आज के युग में हम में से अधिकतर लोग एक आरामदायक जीवन के बारे में सोचते है, जहा हमें ज्यादा मेहनत ना करनी पड़े और जो हम चाहते है वह हमें मिल जाए। अगर ऐसा जीवन हमें मिल भी जाता है तो कुछ दिन तक हमें अच्छा लग सकता है, लेकिन अधिक समय बाद हम देखेंगे कि हम एक पशु जीवन जी रहे है और यह बहुत दर्दनाक जीवन है।
हम अपने जीवन की समस्याओं से तो छुटकारा पाना चाहते है लेकिन इसके लिए होने वाले बदलाव को हम स्वीकार नहीं कर पाते है। हम Comfort Zone से निकलने के बारे में सोचना बंद कर देते है।
एक बार पीछे मुड़कर देखिए आपने बचपन से लेकर अब तक आपने जीवन में कितने बदलाव किए होंगे, तभी आप यहां तक पहुंचे है । इसलिए जीवन में बदलाव करना बहुत जरूरी है।
आज इस पोस्ट में हम Comfort Zone से सम्बन्धित चर्चा करेंगे और आपको बताएंगे कि,
- Comfort zone क्या होता है ?
- Comfort zone से बाहर निकलने का उद्देश्य
- Comfort zone कैसे आपको आगे बढ़ने से रोकता है ?
- Comfort zone से कैसे बाहर निकले ?
Comfort zone क्या होता है ?
हम में से बहुत सारे लोगो के मन में एक सवाल जरूर होता है कि आखिर ये Comfort Zone क्या होता है? हम इसे एक छोटी सी कहानी के जरिए इसके अर्थ की महता तो समझने की कोशिश करते हैं।
एक बार एक कुत्ता बहुत रो रहा होता है, तो उसके पास से गुजर रहे एक आदमी ने उसके पड़ोसी से पूछा
मैं अक्सर इस कुत्ते को सुबह सुबह ऐसा ही रोता देखता हूँ – ये कुत्ता रोज़ रोता क्यों रहता है ?
तो कुत्ते का पड़ोसी कहता है – इसके नीचे एक कील है, वह इसको बहुत चुभती है, इसलिए ये रोता है।
आदमी ने कहा – अगर इतनी चुभ रही है, तो ये उठ क्यों नहीं जाता है।
पड़ोसी ने कहा – अभी इसे इतनी नहीं चुभ रही है कि ये उठने का कष्ट करे।
इसी को Comfort Zone कहते है। हमारी ज़िन्दगी भी कुछ इस तरह की हो गई है। हमने अपनी समस्याओं से समझौता कर लिया है और जीवन को बहुत कष्टमय बना लिया है, परन्तु हमें वह संतुष्टि भरी जिंदगी सीधे सीधे परेशान नहीं करती, और हम अपने आप से कहने लगते हैं, चलने देते हैं ऐसे ही, इसे ही समझौता भरा जीवन भी कह सकते हैं।
हमें अपने माहौल से और उन चीजों से इतना लगाव हो गया है कि हम उन्हें अब छोड़ना नहीं चाहते है, चाहे जीवन कितना कष्ट में गुजर रहा हो। हम अपने चारो ओर एक दायरा बना लेते है और अपने Comfort zone में ही जीने लगते है।
Comfort zone से बाहर निकलने का उद्देश्य
जब तक आप ये ना सोचे की मुझे अपने Comfort Zone से बाहर क्यों निकलना है, तब तक आप उससे बाहर नहीं निकल सकते। किसी भी समस्या का निवारण तभी होता है जब हम उस समस्या को जान लेते है।
आप जिस माहौल में है, उसमे आपको कई सारी परेशानियां झेलनी पड़ रही है। आपको उनकी आदत लग चुकी है, इसलिए आप उस माहौल को छोड़ने से डर रहे है। जैसे आप कोई नोकरी करते है और वहां आपके सीनियर आपके साथ बहुत बुरा व्यवहार करते है या फिर आप कोई व्यवसाय कर रहे हो जिसमे थोड़ी बहुत सफलता में ही आप खुश हो और आगे बढ़ने के बारे में सोच भी नहीं रहे हो।
आपको इससे जल्दी ही निकलना होगा वरना अगर किसी मुकाम पर आप असफल गए तो आपके पास करने को कुछ नहीं होगा। बाहर निकलने के लिए आपके पास एक ऐसा उद्देश्य होना ही चाहिए, जो आपकी इन सभी समस्याओं से काफी बड़ा हो। यही कारण आपको आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा और आप देखेंगे कि आप धीरे धीरे Comfort Zone से बाहर निकलते जा रहे है ।
Comfort zone कैसे आपको आगे बढ़ने से रोकता है ?
जब हम कुछ नया सोचते है तो उस समय हम अपने दिमाग पर जोर डाल रहे होते है, जो कि हमारे दिमाग को बिल्कुल भी पसंद नहीं है। हमारा मन बहुत चंचल होता है, इसे तो बस आंनद में मज़ा आता है। हमें जिन लोगो की, जिन चीजों की और जिन परिस्थितियों की आदत लग चुकी है हमारा दिमाग और मन उसी दिशा में कार्य करते है।
भगवद्गीता में मन को ही सबसे बड़ा शत्रु और मन को ही सबसे अच्छा मित्र बताया गया हैं।
Comfort zone हमे कुछ नया सीखने के लिए बाध्य नहीं करता है और हम जहा है वहीं रह जाते है। कभी आगे नहीं बढ़ पाते है। मन हमेशा हमें Comfortable रखने के विचार पैदा करता है।
अगर आप अपनी नौकरी छोड़ Business शुरू करने के बारे में सोच रहे है तो आपको अपना Comfort zone छोड़ना पड़ेगा, आपका मन आपको ऐसा करने को कभी नहीं कहता।
जब कोई व्यक्ति जेल में भी 2 से 3 साल भी गुजर लेता है जो कि शायद ही किसी को अच्छा लगता होगा, परन्तु उसे उस जेल से भी प्यार हो जाता है। जहा हम जाने से भी डरते है ।
आप इन सभी बातो से समझ गए होंगे कि Comfort zone आपके जीवन के लिए कितना ख़तरनाक हो सकता है ।
Comfort Zone से कैसे बाहर निकले?
Comfort Zone हमारे मन में होता है। हम चाहे तो इससे निकल कर अपने जीवन में कुछ अच्छा कर सकते है।
यहां हमने कुछ ऐसे असरदार तरीके बताए है, जिन्हे अपनाकर आप Comfort Zone से बाहर निकल सकते है और अपने आप को और अपनी जीवनशैली को संवार सकते हो।
1. दृढ़ संकल्पित होना
जैसा कि हमने बताया Comfort Zone हमारे मन में होता है और ऐसी कोई भी चीज जो मन के माध्यम से होती है, उसे सिर्फ दृढ़ संकल्पित होकर ही मिटाया जा सकता है, चाहे वो नशा हो या फिर Comfort Zone हो।
सबसे पहले आपको स्वीकार करना होगा कि आप Comfort Zone में है। उसके बाद उसे छोड़ने के लिए दृढ़ संकल्पित होकर प्रण लेना होगा कि आप जिन आदतों के आदि हो चुके हो, आप धीरे धीरे छोड़ने का प्रयास करेंगे। कभी भी काम को करने से पीछे नहीं हटेंगे।
कुछ सीखने और करने के लिए हमेशा तत्पर रहेंगे ।
आप अगर ऐसा करते है , तो आपको Comfort Zone से बाहर निकलने में काफी मदद होगी ।
2. कुछ ना कुछ नया सीखते रहना
अगर आप हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश करते है, तो आप के अन्दर एक आत्मविश्वास आता है, जो आपको आगे बढ़ने के लिए जरूरी होता है।
इससे आप अपने Comfort Zone को तोड सकते है। आप नई नई चीज़े सीख सकते है। आजकल बहुत लोग Online सीख कर और YouTube पर वीडियो देख कर जीवन में काफी अच्छा कर रहे है। अगर वो लोग अपने Comfort Zone को छोड़कर जीवन में आगे बढ़ सकते है तो आप क्यों नहीं ? आप शुरुआत तो करे, एक नई सुबह आपका इंतज़ार कर रही है ।
3. छोटे छोटे Steps लेना
अधिकतर लोग अपना Comfort Zone छोड़ने और जीवन में कुछ बेहतर करने के लिए एक दम से बड़ा कदम उठा लेते है , जिसमे 80 फीसदी लोग असफल होते है। आप ऐसा बिल्कुल भी ना करे,ऐसा करने से वह व्यक्ति दोबारा से कभी भी ऐसे कदम उठाने से डरता हैं और दुसरें लोगो को जो भी उसके सम्पर्क में आता हैं उनको वह कार्य न करने की सलाह देता रहता हैं।
Comfort Zone छोड़ना मतलब आप अपने जीवन को बेहतर बनाने के बारे में सोच रहे है। बड़ा कदम लेना आपके लिए खतरनाक सकता है। आप जो भी करे, उसकी शुरुआत छोटे से करे।
जैसे अगर आप पढ़ाई कर रहे है और 7 से 8 घंटे पढ़ने की सोच रहे हो, तो एक दिन में ही इतना ना पढ़े। क्योंकि इससे फिर आप अगले दिन नहीं पढ़ पाएंगे। अच्छा होगा आप शुरू के दिनों में 30 मिनट या 1घंटे पढ़े और धीरे धीरे इस समय अवधि को बढ़ाते चले जाए। एक दिन आप 8 घंटे भी पढ़ लेंगे।
इस उदाहरण से आप समझ गए होंगे कि आखिर छोटे steps लेना कितना महत्वपूर्ण है ।
4. नए और अच्छे दोस्त बनाना
एक अच्छा दोस्त एक लाइब्रेरी के समान होता है। आपको नए और अच्छे दोस्त बनाने है। वह आपको Comfort Zone से बाहर निकलने के लिए प्रेरित करेंगे। आपके अच्छे बुरे समय में आपका साथ देंगे।
अच्छा दोस्त आपको हर बुरी आदत से बचाएगा। आप भी अपने दोस्त की हर मुमकिन मदद करे। गलत दोस्तो की संगत आपको और ज्यादा Comfort में ले जाएंगी। इसलिए अच्छे दोस्तो को ढूंढे।
5. अपने आपको एक Goal देना
यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण बिंदु है। जब आपकी ज़िन्दगी में कोई मकसद नहीं होता है तो आप Comfortable हो जाते है। चाहे आप एक विद्यार्थी हो या आप नौकरी कर रहे हो या आप एक बिजनसमैन हो, आपका एक मकसद होना ही चाहिए, जो आगे बढ़ने के लिए आपको ऊर्जा दे सके।
आपको एक ऐसा Goal select करना है , जिसमे आपकी रुचि हो। आपको उस काम को करने में मज़ा आए। यदि आप आप अपनी रुचि के विपरीत Goal select करते है तो आप कुछ दिन बाद उस पहले वाली स्थिति में आ जाएंगे, जिसे आपने छोड़ा था।
इसलिए अपने passion को पहचानिए और अपने जीवन को एक मकसद दे। आप जरूर आगे बढ़ेंगे और जीवन में सफल होंगे ।
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