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हिंदुस्तान की औद्योगिक क्रांति के जनक घनश्याम दास जी बिड़ला जो खुद को व्यापारी ही नहीं मानते थे, उन उद्योगपतियों में गिने जाते हैं जिन्होंने जो कुछ भी किया देश के लिए ही किया।
Business Icon in India एवम बिरला समूह के संस्थापक श्री घनश्यामदास बिड़ला का जन्म 10 अप्रैल 1894 में पिलानी, राजस्थान में हुआ था, जिसकी परिसंपत्तियाँ 195 अरब रुपये से अधिक है। वे भारत के ऐसे सच्चे देशभक्त कारोबारी थे जो कि स्वदेशी वस्तुओं के इस्तेमाल का कट्टर समर्थन करते थे। वे भारत के स्वाधीनता सेनानी रह चुके उन कारोबारियों में से भी थे जो स्वतंत्रता आंदोलन में महात्मा गांधी की गतिविधियों के लिए धन उपलब्ध कराने के लिए हर समय तैयार रहते थे।
बिडला समूह का मुख्य व्यवसाय कपड़ा, विस्कट फ़िलामेंट यार्न, सीमेंट, रासायनिक पदार्थ, बिजली, उर्वरक, दूरसंचार, वित्तीय सेवा और एल्युमिनियम क्षेत्र में है, जबकि अग्रणी कंपनियाँ ‘ग्रासिम इंडस्ट्रीज’ और ‘सेंचुरी टेक्सटाइल’ हैं। भारत सरकार ने सन् 1957 में उन्हें “पद्म विभूषण” की उपाधि से सम्मानित किया। श्री बिड़ला देश के पहले गृहमंत्री सरदार पटेल के अभिन्न मित्र थे। सरदार पटेल कई मुद्दों पर उनसे राय लिया करते थे।
एक अनुमान के मुताबिक 1939 से 1969 के बीच टाटा की संपत्ति तो सिर्फ आठ गुना बढ़ी थी, लेकिन घनश्याम दास बिड़ला की संपत्ति में 94 गुना का इजाफा हुआ था, यह उनकी मेहनत और कौशल को दर्शाता हैं।
Ghanshyam Das Birla : सक्षिप्त जीवन परिचय
घनश्याम दास बिरला ने सिर्फ पांचवी क्लास तक पढ़ाई की थी, वह अपने पिता के सहयोग से पिलानी गांव से कोलकाता आ गए क्योंकि वहां पर उन्हें अपने घरेलू व्यापार(ब्याज पर पैसे देना) से अलग व्यापार करना था, उन्होंने 1912 से ही व्यवसाय करना शुरु कर दिया और इससे उन्हें व्यापार करने के सभी दावपेंच की जानकारी मिली। इसके बाद 1918 में Ghanshyam Das Birla ने 50 लाख रुपए के निवेश के साथ “Birla Brothers Ltd” की स्थापना की। इसी साल उन्होंने ग्वालियर में कपड़ा मिल की नींव रखी। कुछ ही समय बाद G D Birla ने दिल्ली की एक पुरानी कपड़ा मिल भी खरीद ली। इस तरह से Business Man के रूप में यह घनश्याम दास बिरला का पहला Experience था। इसके बाद 1923 से 1924 में उन्होंने “केसोराम कॉटन मिल्स” खरीद ली।
इन सब के बीच उन्हें बहुत सी परेशानियों का भी सामना भी करना पड़ा था, उन्हें अपने Business के लिए बहुत से रुपयों की जरूरत थी इसलिए उन्होंने बैंक से लोन लेने के लिए आवेदन किया लेकिन बैंक ने लोन देने से मना कर दिया।
सन 1927 में इन्होंने महात्मा गांधी जी जैसे सहयोगियों के साथ भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (Federation of Indian Chambers of Commerce and Industry / FICCI) की स्थापना की, जो एक विशालकाय व्यापारिक संगठन है। कुछ ही सालों में उन्होंने व्यापार जगत में अपने कदम जमा लिए थे, इसके बाद सन 1940 में वाहन के क्षेत्र में घनश्याम दास बिरला ने कदम रखा जिसके बाद उन्होंने ‘Hindustan Motors‘ स्थापित किया जो आज भारत की बड़ी कार निर्माण कंपनी बन चुकी है। उन्होंने सीमेंट, स्टील, पाइप आदि क्षेत्रों में भी अपना विस्तार फेलाया।
30 वर्ष की आयु तक पहुँचने तक घनश्याम दास बिड़ला का औद्योगिक साम्राज्य अपनी जड़े जमा चुका था। घनश्याम दास बिड़ला एक स्व-निर्मित व्यक्ति थे और अपनी सच्चरित्रता तथा ईमानदारी के लिये विख्यात थे। उन्होंने अपने पैतृक स्थान पिलानी में भारत के सर्वश्रेष्ट निजी तकनीकी संस्थान बिड़ला प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान, पिलानी की स्थापना की।
घनश्याम दास बिड़ला एक सच्चे स्वदेशी और स्वतंत्रता आंदोलन के कट्टर समर्थक थे तथा गांधीजी के मित्र, सलाहकार, प्रशंसक एवं सहयोगी थे तथा गांधीजी की गतिविधियों के लिए हमेशा धन उपलब्ध कराने के लिये तत्पर रहते थे। वह खुद तो धन देते ही थे अन्य पूंजीपतियों से भी राष्ट्रीय आन्दोलन का समर्थन करने एवं कांग्रेस के हाथ मज़बूत करने की अपील करते थे। इन्होंने सविनय अवज्ञा आन्दोलन का समर्थन किया।
उद्योगिक जगत में उतार-चढ़ाव के साथ इन्हें अपनी Personal Life में भी बहुत सी परेशानियां झेलनी पड़ी। इनका विवाह सन 1905 में दुर्गा देवी के साथ हुआ था कुछ सालों बाद इनकी पत्नी दुर्गा देवी ने एक पुत्र को भी जन्म दिया था तभी दुर्गा देवी को टीबी की बीमारी हो चुकी थी जिस वजह से 1910 में इनकी पत्नी की मौत हो गई। परिवार को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने 1912 में महेश्वरी देवी से पुनर्विवाह किया, इनसे इन्हें संताने भी हुई लेकिन कुछ सालों बाद पता लगा कि इनकी पत्नी महेश्वरी देवी को भी बीमारी है जिस वजह से उन्होंने अपने बच्चों और बीवी को डॉक्टरों की देखभाल में रखा लेकिन कुछ सालों बाद महेश्वरी देवी की भी मृत्यु हो गई।
सन 11 जून 1983 को घनश्याम दास बिड़ला मृत्यु हो गई इस महान उद्योगपति ने उद्योग जगत में तो अपना नाम कमाया ही है साथ में बहुत से लोक कल्याणकारी कार्य (स्वास्थ्य, शिक्षा, निरंतर आजीविका, आधारभूत संरचना और सामाजिक कार्य) से भी कमाया है।
श्री घनश्यामदास बिड़ला का अपने बेटे के नाम लिखा हुआ पत्र “घनश्यामदास बिरला का पत्र अपने पुत्र श्री बसंत कुमार बिड़ला के नाम” इतिहास के सर्वश्रेष्ठ पत्रों में से एक माना जाता है, आशा हैं आप सभी ने यह पत्र पढ़ा होगा, यदि नहीं तो Click Here जरुर पढ़े, इसमें निहित सीख आपके जीवन में बहुत काम आएंगी।
श्री घनश्यामदास बिड़ला के कुछ प्रेरणादायक विचार
English Quotes : I don’t know why I get so protective and jealous over you when you’re not even mine.
Quote in Hindi : मुझे नहीं पता क्यों मैं आपसे इतनी ईर्ष्या करता हूं और अपने आप को सुरक्षित रखने की कोशिश करता हूँ, जबकि आप मेरे परिवार से नहीं हैं।
– Ghanshyam Das Birla
English Quotes : All the treasure in the world is worthless, unless you have someone to share it with.
Quote in Hindi : दुनिया के सभी खजाने और धन बेकार है, जब तक कि आप उस धन को किसी और पर खर्च नहीं करते या किसी और के साथ साझा नहीं करते।
– Ghanshyam Das Birla
English Quotes : Rose- beauty, pricks- painful both cooperate with each other then why can’t we?
Quote in Hindi : जब गुलाब में सौंदर्य और चुभन दर्दनाक होते हुए भी एक दूसरे के साथ सहयोग करते हैं तो हम क्यों नहीं कर सकते?
– Ghanshyam Das Birla
English Quotes: I never belonged to you. I was never yours. We were never us. You confused a great friendship for something more than it was, and I’m sorry.
Quote in Hindi : मेरा कभी भी तुमसे सम्बन्ध नहीं रहा, मैं कभी भी तुम्हारा नहीं था, हम कभी भी एक दुसरे के नहीं थे, लेकिन तुम्हारी मित्रता ने इन सभी चीजो को उलझन में डाल दिया हैं, जो कि पहले थी और मैं माफी चाहता हूँ।
– Ghanshyam Das Birla
English Quotes : Through every right and every wrong thing I’ve done, the wrong ones are the most fun doing.
Quote in Hindi : मैंने अपनी लाइफ में जो भी गलत और सही काम किये हैं उन सभी में गलत वाले कार्य सबसे मजेदार रहे हैं
– Ghanshyam Das Birla
English Quotes : Don’t play with someone’s feelings just because you’re unsure of your own.
Quote in Hindi: किसी की भावनाओं के साथ न खेलें, क्योंकि आप स्वयं भी अनिश्चितता के अधीन हैं।
– Ghanshyam Das Birla
English Quotes: Our lack of compassion stems from our inability to see deeply into the nature of things.
Quote in Hindi: हमारी करुणा की कमी, चीजों की प्रकृति में गहराई से देखने में हमारी अक्षमता से उत्पन्न होती है।
– Ghanshyam Das Birla
English Quotes: Sometimes you gotta accept the fact that certain things will never go back to how they use to be.
Quote in Hindi: कभी-कभी आपको इस तथ्य को स्वीकार करना ही पड़ेगा कि कुछ चीजें कभी भी इस्तेमाल करने के लिए वापस नहीं आएगी
– Ghanshyam Das Birla
English Quotes: People forgive you when lies are told and hate you when the truth is told.
Quote in Hindi : जब आप लोगो को झूठ के बारे में बताते हो तो लोग आपको माफ कर देते हैं और सच बताते हो तो नफरत करने लगते हैं
– Ghanshyam Das Birla
English Quotes : Don’t let someone who is no longer in your life continue to run your life.
Quote in Hindi : कभी भी उस व्यक्ति को अपना जीवन चलाने के लिए नहीं कहें जोकि कभी भी आपके जीवन का हिस्सा नहीं रहा हो।
– Ghanshyam Das Birla
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Note: सावधानी बरतने के बावजूद यदि ऊपर दिए गए किसी भी तथ्य या Quote में आपको कोई त्रुटि मिले तो कृपया क्षमा करें और comments के माध्यम से अवगत कराएं।
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4 Comments
Ghanshyam Das birla ki ye kahani wastav me aisi hi hai jaise aapne batai hai?
Recently, i have created a hindi blog please provide some useful suggestions so that i can improve my writing.
https://alavpani.blogspot.com
जीतेन्द्र जी, आप बहुत बढ़िया लिख रहे हैं, POST काफी अच्छे हैं, लेकिन आपके ब्लॉग में सुधार की काफी गुंजाइश हैं, जिसके चलते यह एक बहुत बड़े Audience तक नहीं पहुचं पा रहा हैं, आप थोडा Theme पर धयान दे और UI/UX पर भी थोडा ध्यान दे, बहुत ज्यादा images का प्रयोग न करें और image अच्छी क्वालिटी की हो, resize करके ही डाले
Nice Post,, Keep posting.