आपके जीवन का लक्ष्य क्या हैं?
यह सवाल आसान हैं लेकिन जबाब उतना ही मुश्किल हैं ना?
कोई नहीं, मैं help करने की कोशिश करता हूँ
Dream Big, Set Goals, Take Action
What is your Goal? (in Hindi)
आज तक लोगों की यही धारणा रही है कि भरपूर धन-दौलत, नाम-शोहरत, मान-इ़ज़्ज़त कमाने में ही इस मानव जीवन की सार्थकता है। लोगों से यह ग़लती हो जाती है कि वे पैसे को ही अपना लक्ष्य बना लेते हैं। पैसा सुविधा है, मज़बूत रास्ता है मगर मंज़िल नहीं। स़िर्फ करियर बनाना, पैसे जमा करना, शादी करना, बच्चे पैदा करना, उनका करियर बनाना, उनके बच्चों का पालन-पोषण करके मर जाना ही मानव जीवन का लक्ष्य नहीं होना चाहिए।
आपके मन में जो भी ख्याल आता हो उन्हें लिख डालिए, धन, carrier, health, family, समाज, समुदाय, अध्यात्म और व्यक्तिगत लक्ष्यों के बारे में लिखिए। इनके द्वारा एक पुरे page को भर दीजिएं।
अब जो तीन लक्ष्य आपके लिए सर्वाधिक अहमियत रखते हो, उनके सामने A लिख दीजिएं। दुसरे कागज/page पर उपलक्ष्यो, तर्कसंगत अगला कदम, तात्कालीन योजनाए लिख डालिए। फिर प्रत्येक A लक्ष्य से एक “अगला कदम” अगले सप्ताह के लिए निर्धारित कीजिए।
अब आपके पास एक ठोस कार्य-योजना हैं, इस सूची की समीक्षा हर महीने कीजिए, इस तरह अपने “Goal of your life” की दिशा में होने वाली प्रगति का आप अंदाजा लगा पाएंगे।
“जीवन के लक्ष्यों की स्पष्ट सूची से महान शक्तिया प्राप्त होती हैं” लाकिन का ऐसा मानना था लाकिन की इस बात से लोग समझ जाते थे कि उनके जीवन के एक-एक मिनट का सम्बन्ध उनके लक्ष्य से होता हैं। मानव जीवन का लक्ष्य है समग्रता से खिलना, खुलना और खेलना यानी अपनी “उच्चतम संभावना” को खोलना।
एक व्यस्त महिला वकील ने लाकिन को अपनी समस्या बताई कि उसके पास पर्याप्त समय नहीं रहता था। जब उस महिला वकील ने अपने जीवन के लक्ष्यों की सूची बनायीं तो उसमे लिखा था कि “एकाकी रहना चाहती हूँ”
लाकिन ने उसे बताया कि “उसके व्यस्त जीवन और निर्धारित लक्ष्यों के बीच विरोधाभास नज़र आता हैं ऐसा लगता है कि वह महिला किसी को न नहीं कह पाती हैं और उसका काफी time यूँ ही नष्ट हो जाता हैं, लाकिन ने उसे time saving के कई तरीके बताये इस तरह महिला का self-confidence बढ़ता चला गया और वह न कहना भी सीख गई।
अगले पांच वर्ष आप किस तरह गुजारना चाहेंगे?
आप अगले पांच वर्ष किस तरह गुजारेंगे या आपको किस तरह गुजारना चाहिए, या आप किस तरह गुजारना चाहेंगे? अगर आपने अपने जीवन का लक्ष्य “अमीर बनना” लिखा हैं और अब आप जबाब दे रहे हैं : “मैं मुंबई के सागर तट पर आलीशान मकान बनाऊगा” तो इसका अर्थ हैं की आप ईमानदारी के साथ पहले सवाल का जबाब नहीं दे रहे हैं।
सीधा-सा मतलब यह है कि आपने जिन लक्ष्यों के बारे में सुन रखा हैं उनकी तरफ गौर किये बिना अपने लक्ष्यों की खोज करें। हम कई तरह के कार्य यह सोच कर करते रहते है कि हमें यह सब करना चाहिए लेकिन क्या सारे कार्य जरुरी होते हैं? भले की कार्य logical प्रतीत होते हो लेकिन जीवन के लक्ष्य के साथ उनका कोई रिश्ता बनता हैं?
Reliance उधोग समूह के संस्थापक धीरू भाई अंबानी time management के सरताज माने जा सकते हैं। उन्होंने भारतीय उधोग जगत को समय से पहले, वक्त के आगे सोचना और उस पर सबसे पहले अमल करना सिखाया।
धीरू भाई (धीरज लाल हीराचंद अंबानी) कहते थे की धन के निवेश से अधिक महत्वपूर्ण हैं समय का सही निवेश।
समय प्रबंधन के एक और परामर्शक ‘हरबर्ट ए. शेयार्ड’ अपने पास सलाह लेने आये लोगो से कल्पनाएं करने के लिए कहते थे। जिसके लिए वे उनसे पूछते थे कि जिन कार्यो को समय के अभाव के कारण उन्होंने हमेशा के लिए स्थगित कर रखा हैं उन कार्यो के बारे में कल्पना करे।
Newyork School of visual art के विधार्थियों से मिल्टन ग्लेसर कहते थे कि “वे पांच साल के बाद एक दिन की रुपरेखा तैयार करें।”
ऐसे कई तरीके हैं जैसे अपने बारे में स्मृतिशेष लिखना –जिसे अगर गम्भीरता से लिया जाये तो लोग कई निरर्थक फंदों से उभरकर जीवन के वास्तविक लक्ष्यों के प्रति अपने आप को केन्द्रित कर सकते हैं।
“अगर आपको पता हो कि आज से ठीक 6 महीने बाद आपकी death हो जाएगी तो आप किस तरह जीना पसंद करेंगे?” लाकिन यह सवाल पूछ कर लोगो को जीवन से जुड़े बुनयादी पहलुओ के बारे में सोचने के लिए मजबूर कर देते थे।
इसी तरह शेपार्ड लोगो से पूछते थे –“जब आप संतुष्ट होंगे तब क्या आप जीवित रहेंगे?” या आपको किस काम को पूरा नहीं करने का अफ़सोस हैं?” अधिकतर लोगो ने ऐसे सवाल का जबाब सोचा तक नहीं था, जैसे ही उनको अपनी अनुभूतियो का पता चला उन्होंने ठोस संकल्प लेना शुरू कर दिया, ताकि जीवन में खुशिया बढे, और ग्लानि की भावना कम हो।
“महत्वपूर्ण कार्य करने के लिए व्यक्ति के पास हमेशा पर्याप्त समय होता हैं” यह लाकिन का कहना था ज्यादातर लोग दिन के सर्वाधिक उत्पादक घंटे 8 बजे से 11 बजे तक अखबार पढने, चाय पीने, बातें करने में खर्च कर देते हैं
जैसे ही हमें अहसास होता हैं कि महत्वपूर्ण कार्य करने के लिए समय कम हैं तो अगला सवाल पैदा होता हैं कि उसे कब किया जाये? उसका जबाब हैं- अभी, क्योकि “समय ही जीवन हैं। ”
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8 Comments
meri life mei 1 work hei apni maa ki har muskil assan karna umko har suk our khushi dena 2 apna bessness karna 3 apni bete mahak ko paana
then saf ko kushi kei sath life betaana .feer to meri life good he good hei plz god help me ki esaa kar pau plz
ख़ुशी, भगवान में भरोसा रखो और अपना काम करते रहो
sir mery pas koi kam nhi hy laksh bana nhi pa rha
laksh k viprit kam kr rha hu jo me janta hu usmy intrest nhi hy jo me nhi janta usmy intrest hy kripya mujy sujetion de what cen i do
दीपक जी एक तरफ तो आप बोल रहे हैं कि लक्ष्य बना नहीं पा रहा हूँ और दूसरी और आप बोल रहे हैं कि आप अपने लक्ष्य के विपरीत कार्य कर रहे हैं।
अगर आप ऐसा कर रहे हैं तो आपकी कोई मज़बूरी रही होगी, हो सकता हैं कि पैसा कमाने के लिए आप ऐसा कर रहे हैं तो अगर आप ऐसा कर रहे हैं तो आप अधिक मेहनत करके बहुत पैसा कम समय में कमाना होगा और इसलिए लिए जयादा कार्य करना होगा। ऐसा करने से आप इस मज़बूरी से दूर हो सकती हो और उसके बाद अपने लक्ष्य के अनुसार कार्य कर सकते हो।
भगवान पर विश्वास रखो और मेहनत करते रहो।
Kab tak kare insan mehnat.. ek rupay se banne ka tips batao to jaane
आदिल जी, बहुत ही पते की बात कही हैं आपने, एक रूपये से बिज़नस तो नहीं होता लेकिन एक रूपये से बीस रूपये और बीस से बीस हज़ार बनाने के लिए आपके और लोगो से ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी। अगर आप 8 घंटे में 20 हज़ार कमाते हो, तो अगर आपको कुछ एक्स्ट्रा कमाने हैं जो कि बिज़नस करने के काम आयेंगे तो यह तो निश्चित हैं कि एक्स्ट्रा कमाने के लिए एक्स्ट्रा टाइम मेहनत करनी होगी, कोई भी आदमी रातो-रात अमीर नहीं बनता हैं और जो लोग आज पैसे वाले हैं उनसे उनकी सफलता का राज़ पूछना उनके पीछे बहुत ही मेहनत लगी हैं
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mere laksh ka mujhe abhas nahi hota he kyo ki me jivan me kuch banpauga ya nahi
Sanjeev ji aapki umar kya hain? Aap abhi kya kar rahe hain… mera matlab padh rahe hain ya phir koi job kar rahe hai?