छोटी सी सपना के आंखों में न जाने कितने सपने तैर रहे थे जिनमें डूबकर वह पार हो जाना चाहती थी लेकिन उसकी मजबूरी की वजह से वह कहीं ना कहीं पीछे रह जाती है।
दरअसल जिस घर में छोटी सी सपना, कपड़े और बर्तन का काम कर रही थी वहां पर उसकी देखभाल करने वाला कोई भी नहीं था बल्कि वहां वह सुबह से लेकर शाम तक काम मे हीं लगी रहती लेकिन फिर भी मालकिन को चैन नहीं मिलता और दिन भर उसे परेशान करने का कोई न कोई जुगाड़ कर ही लेती थी। वो कभी उसे चैन की सांस लेने नही देते।
सपना की उम्र अभी 7 साल है लेकिन उसके ऊंचे ऊंचे ख्वाबों की वजह से वह बहुत बड़ी दिखाई देने लगी थी जिस पर उसकी मां कहती है–”इतने बड़े सपने देखने का हक हमें नहीं है क्योंकि हम गरीब लोग हैं और गरीबी में रहना हमारी मजबूरी है।” इस पे सपना स्तंभ रह जाती।
लेकिन सपना मां की बात नहीं सुनती और उसे अच्छी पढ़ाई करके एक अच्छे इंसान बनने का शौक शुरू से रहा लेकिन यह बात अलग है कि उसे यह सहारा नहीं मिल पाया।
आज उसे काम में जाने के लिए देरी हो गई, तो मालकिन ने गरजते हुए कहा था— “देख लड़की तू गरीब है इसलिए हमने तुझे यहां रख लिया है। इसका मतलब यह नहीं कि तू अपनी मनमानी करते रहेगी और हम देखते रहेंगे। अगर अब से तूने देर से आने की बात सोची तो तुझे मैं काम से धक्के मार कर निकाल दूंगी। ”
उस छोटी सी सपना को रोना आ गया और वह अपने आंसुओं को रोकते हुए काम में लग गई।
मालकिन आसपास के लोगों को यह बताने लगी थी कि सपना उनके दूर की रिश्तेदार है क्योंकि कोई भी यह ना कहे कि इतनी छोटी सी उम्र की लड़की से काम करवा रहे हैं। कभी-कभी सपना को मालकिन पर गुस्सा आ जाता है लेकिन वह यह सोच कर खुश रहती थी की मालकिन के बच्चों के कपड़े उसे मिल जाते हैं और साथ ही साथ किताबें जिसे पढ़कर उसे बहुत अच्छा लगता है।
1 दिन मालकिन के दोनों बच्चे बैठ कर पढ़ाई कर रहे थे तब अचानक सपना वहां पहुंच जाती है और खड़े होकर उनकी किताबें देखने लगती हैं जिस पर फिर से मालकिन उसे डांट कर उसे भगा देती हैं।
उनके बच्चों को पढ़ाने के लिए ट्यूशन टीचर आते हैं और उसी बहाने सपना उस कमरे की सफाई करने पहुंच जाती है और ध्यान से वह सारी बातें सुनती है जो टीचर बच्चों को बताते हैं। कभी-कभी तो वह जानबूझकर वहां बैठकर दूसरा काम करने लगती है ताकि उसे भी थोड़ा पढ़ने का मौका मिले और वह भी अपनी पढ़ाई आगे कर सके।
यह बात ट्यूशन टीचर को अच्छे से समझ में आ रही थी कि सपना पढ़ाई में अच्छी है क्योंकि जब भी वह बच्चों से कुछ पूछते तो सपना तुरंत उत्तर दे देती और डर की वजह से चुप भी हो जाती थी कि कहीं मालकिन को इस बात का पता ना चल जाए।
धीरे-धीरे सपना को भी पढ़ाई का इंटरेस्ट बढ़ने लगा था और वह अपनी मां से भी पढ़ाई के बारे में बात करने लगी लेकिन उसकी मां इन बातों को नहीं समझ रही थी क्योंकि उसे घर चलाने के लिए पैसे चाहिए थे जो सपना लाकर दे रही थी।
धीरे-धीरे दिन बीतने लगे और सपना बड़ी हो गई अब सपना इनके यहां काम करना छोड़ चुकी थी लेकिन मालकिन को कभी उसका काम पसंद नहीं आया था इस वजह से मालकिन ने उसे घर से निकाल दिया था।
जब मालकिन के बच्चों की पढ़ाई पूरी हो गई तो उन्होंने अपने बच्चों को विदेश भेज दिया था। लेकिन अब वह बच्चे वापस नहीं आना चाहते थे और आते भी थे तो बहुत ही कम समय के लिए और बहुत जल्दी ही चले जाते थे।
मालकिन को अकेलेपन में कुछ अच्छा नहीं लगता था और उनकी तबीयत भी खराब होने लगी थी। उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि जिन बच्चों के लिए उन्होंने काफी कुछ किया उन बच्चों ने ही उन्हें छोड़ दिया था।
अचानक एक दिन उनकी तबीयत खराब हो गई और उन्हें चक्कर आ गया और वह बेहोश हो गई थी। इस पर उनकी सहेली कांता वहां पहुंच गई और जब उन्होंने देखा कि मालकिन बेहोश पडी़ हैं, तो तुरंत पानी डालकर उन्हें होश में लाई और हॉस्पिटल ले गई थी।
हॉस्पिटल में मालकिन का अच्छे से चेकअप किया गया जहां पर यह बात सामने आई कि मालकिन को डिप्रेशन की वजह से तबीयत काफी हद तक खराब हो चुकी है और अब उन्हें किसी अपने का साथ बहुत जरूरी है।
मालकिन बैठकर अपनी सहेली को आप बीती सुना रही थी कि तभी एक लड़की जो कि नर्स थी, वह दौड़कर मालकिन के पास आती है और अपनी मीठी सी आवाज में कहती है “अरे मालकिन आप यहां कैसे?”
मालकिन उसे आश्चर्य से देखने लगती है क्योंकि वह उस नर्स को नहीं पहचान पा रही थी लेकिन आज उनसे ऐसी बातें कर रही थी जैसे वह बहुत अच्छे से जानती हो। तभी उसने हंसते हुए कहा “आपने मुझे पहचाना नहीं मैं वही सपना हूं जो कभी आपके घर में काम किया करती थी और जिसे पढ़ाई करने का बहुत शौक था।”
मालकिन ने जब बहुत जोर डाला तब उन्हें याद आया कि उस छोटी सी बच्ची को उन्होंने बहुत परेशान किया था और फिर अब वही बच्ची बड़ी होकर नर्स बन गई है। जिस लड़की को उसने पढ़ने से मना किया और अपने बच्चों से दूर रखने की कोशिश की आज वही लड़की अपने पैरों पर खड़ी है और जनमानस की सेवा में आगे बढ़ रही है।
जब उन्होंने सपना को घर से निकाला था तब उन्होंने यह नहीं सोचा था कि सपना आगे चलकर इतनी कामयाब नर्स बन जाएगी जिसे लोगों का प्यार मिलेगा और जो अपने काम के लिए ईमानदारी से आगे बढे़गी। ईमानदारी और लगन से किया हुआ काम जल्द ही सफल हो जाता है और ईमानदार और नेक इंसान हमेशा तारीफ के योग्य होते है।
अब मालकिन की आंखों में आंसू आ जाते हैं और वह सपना को देखकर कहती है कि “मैंने सपने में नहीं सोचा था कि तुम अपना सपना पूरा कर लोगी। मुझे लगा था कि तुम जैसी गरीब लड़की कभी आगे नहीं बढ़ सकती लेकिन आज तुम्हें देखकर मुझे बहुत खुशी हो रही है। तुम अपने सपने और अपनी Hard वर्क की वजह से यहां हो।
एक तरफ तुम हो जो मेरी ना होकर भी मेरे सेवा करने के लिए तत्पर हो और मेरे बच्चे जिन्होंने कभी भी मेरे बारे में पूछा ही नहीं।” पहले तो उनकी बात सुन कर कुछ देर सपना चुप रहती है।
बच्चों के बारे में सुनकर सपनों को बहुत बुरा लगता है लेकिन अब वह अपनी मालकिन की पूरे मन से सेवा करने लगती है जहां समय पर दवाई देना, खाना देना, उनसे बातें करना जैसे काम करना शुरू करती है जिससे मालकिन को भी अच्छा महसूस होता है। जब मालकिन की छुट्टी होने वाली होती है उस दिन सपना उनके पास आकर प्यार से बैठती है और कहती है— “सपने चाहे गरीब हो या अमीर के पूरे जरूर होते हैं अगर दिल से मेहनत की जाए तो।
जब आपने मुझे अपने घर से निकाल दिया उसके कुछ ही दिनों के बाद मेरी मां की मौत हो गई और मैं दुनिया में अकेली हो गई। तब मुझे एक ऐसे इंसान ने सहारा दिया जिनका पूरा परिवार एक दुर्घटना में चल बसा था उन्होंने मुझे मां-बाप दोनों का प्यार दिया और मुझे इस काबिल बनाया कि मैं खुद को आत्मनिर्भर बना सकूं।
आज मैं जो भी काम कर रही हूं बस सिर्फ उनकी ही बदौलत कर रही हूं और मुझे यह काम करते हुए बहुत खुशी मिल रही है। इसलिए कभी किसी गरीब का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए क्योंकि वक्त से पहले और किस्मत से ज्यादा किसी को कुछ भी नहीं मिलता इसीलिए अपने अच्छे समय को हमेशा सहेज कर रखना चाहिए और लोगों में प्यार बांटना चाहिए।”
यह बात सुनकर मालकिन ने हाथ जोड़ते हुए कहा— ” “तुम मुझे माफ कर दो बेटा मैंने तुम्हें बहुत गलत समझा आज अगर तुम नहीं होती तो मैं जल्दी ठीक नहीं हो पाती।” और मालकिन उसका कृतज्ञता हमेशा व्यक्त करती है।
ऐसा बोलकर दोनों गले लग जाती हैं और अब मालकिन के दिल में किसी प्रकार की कसक नहीं रहती और कभी-कभी सपना मालकिन से मिलने उनके घर भी जाया करती है जिससे उन्हें खुशी मिलती है।
दोस्तों, कभी कभी ऐसा होता है कि हम जाने अनजाने ही लोगों का मजाक बना लेते हैं लेकिन यह कोई नहीं जानता कि आने वाला कल हमारे लिए क्या लेकर आ रहा है?
ऐसे में किसी का भी मजाक ना बनाऐ, तो बेहतर होगा और अपने सपनो को खुल कर जिए क्योंकि सपनों की कोई डोर नहीं होती । ऐसे में सपने देखना और उन्हें पूरा करना सिर्फ आपके हाथ में होता है।
लाइफ में एक सपना होना ही हमें वर्तमान स्तिथि से बेहतर स्तिथि की ओर ले जाता है। हर किसी के पास अपने छोटा बड़ा कोई न कोई सपना जरूर होता है। सपने के बिना जीवन नीरस है।