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फटेहाल है हालत मेरी प्यार है चिथड़ा-चिथड़ा
आँखों से आँखों का ताना-बाना भी उधड़ा-उधड़ा
लाई कहां हैं? किस मोड़ पे
ये जिंदगी आजकल तू कुछ और है
ना ओर, ना छोर
न जाने कैसी रिश्तों की डोर है
गुस्से में है फिजां, मौसम का मिजाज भी है चिड़िचड़ा
फटेहाल है हालत मेरी प्यार है चिथड़ा-चिथड़ा
आँखों से आँखों का ताना-बाना भी उधड़ा-उधड़ा
उम्मीद पे पानी फिर गया
मेरी तस्वीर पे तेजाब गिर गया
बेजान-सा हूं, बेपर परिंदा
कहती है वो, मैं हूं दरिंदा
मर मैं क्यूं न गया, क्यूं हूं मैं जिंदा
मैं टूट चुका हूं, वो कुछ है उखड़ा-उखड़ा
फटेहाल है हालत मेरी प्यार है चिथड़ा-चिथड़ा
आँखों से आँखों का ताना-बाना भी उधड़ा-उधड़ा
अपनों के बीच में मुजाहिर हो गया हूं
चलते चलते तन्हा मुसाफिर हो गया हूं
मेरा तो बस एक अंजाम होगा
खून मेरा अब खूलेआम होगा
बेवफाई का मुझ पे इल्जाम होगा
मेरी मय्यत पे हंसेगा हर कोई, पर देखेगा ना कोई दुखड़ा-दुखड़ा
फटेहाल है हालत मेरी प्यार है चिथड़ा-चिथड़ा
आँखों से आँखों का ताना-बाना भी उधड़ा-उधड़ा
– राजकुमार यादव (Raj Kumar Yadav)
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