राधा कृष्ण पर प्यारी सी कविता, Best Hindi Poem Poetry on Radha
आभा हैं अनेक अन्दर
अवगुण मानों गोण हैं।
होठ उछलते नाक तक
किन्तु जुबां से मौन हैं।
कोई बताओ इनमें से राधा कौन हैं ?
शालीनता है सावित्री सी
सदाचार व संकोच हैं।
गली-2 में बसी ये उर्वशी सी
रूप-रंग समायोजक कौन हैं ?
कोई बताओ इनमें से राधा कौन हैं ?
पेट में चाहे जितना भी हो अन्न
किन्तु पर्याप्त रहे श्रंगार प्रसाधन
परिचित हैं कुछ अपरिचित सी
ये मेरी लगती कौन हैं।
कोई बताओ इनमें से राधा कौन हैं ?
पीठ पर तरकस सा कुछ लदकर
हाथों में कोई यंत्र सुसज्जित कर
केस झटकाती व कमर मटकाती
दीपक की बाती सम ये नारी कौन हैं ?
कोई बताओ इनमें से राधा कौन हैं ?
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