प्रेम कविता | Romantic Poems | Prem Kavita Hindi Poems | Poetry By Rajkumar Yadav
तुम शायद मुझसे रूठी हो,
इसलिए तो इतनी दूर बैठी हो।
सांस मिलता है तुझसे मेरी मौजूदगी को,
जिंदगी मिलती है तुझसे मेरी जिंदगी को।
दिल करता है मैं तेरे पास जाऊँ,
तेरे कानों में वहीं पंक्तियां गाऊँ।
जिसको लिखा था तेरी मेरी खुशी ने,
दिन के उजालों ने ,रात की चांदनी ने।
दिल करता है मैं अब हवा हो जाऊँ,
तुझके मैं छूके इस तरह लापता हो जाऊँ।
आऊँ ना नजर मैं फिर कहीं पे,
न तेरे शहर में,न तेरे जमीं पे।
दिल करता है मैं तेरा होके रह जाऊँ,
तुम बनती रहो,सजती रहो, मैं ढह जाऊँ।
तुम आकर बैठी रहना सपनों में,
मैं बसा लूंगा तुझे अपने ही आँखों में।
– राजकुमार यादव (Raj Kumar Yadav)
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4 Comments
Nyc post bhai
Nice post bhai keep doing up
waah bahut khoob
nice post brother