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Hindi Stories for Kids with Moral / बच्चों की हिंदी कहानियां

Stories for kids with moral

1. Hindi Stories for Kids with Moral

एक गाँव में एक पति-पत्नी रहते थे।  वे बड़े ही ख़ुशी और प्रेम से रहते थे।  दोनों का एक दूसरे पूरा विश्वास था। लेकिन पति की एक कमी थी, वह अपनी पत्नी पर बहुत अधिक विश्वास करता था और इसके लिए वह अपने माता – पिता से भी अलग हो गया। हालांकि वह यह जानता था कि उसके माता – पिता बहुत ही सीधे – सादे हैं, लेकिन वह अपनी पत्नी  के प्रेम में अपने माता – पिता का भी त्याग कर दिया।

Hindi Stories for Kids with Moral Written in Short

उसे अपनी पत्नी के आगे कुछ भी दिखाई नहीं देता था।  एक दिन की बात है, वह व्यक्ति घूमता हुआ गाँव के एक बुजुर्ग आदमी के पास गया।  लोग उन्हें काका कहकर बुलाते थे।

काका बहुत ही अनुभवी थे।  उन्होंने जीवन के बहुत रंग देखे थे। वह काका  के पास गया और उनसे बातें करने लगा।  बातों – बातों में उसने अपनी पत्नी की खूब प्रसंशा की।

उसने काका से कहा, ” मैं अपनी पत्नी को हर बात बताता हूँ।  उससे कोई राज नहीं छुपता हूँ, वह भी कभी मेरा विश्वास नहीं तोड़ती।  मैं अपने माता – पता, भाई –  बहन को भी जो नहीं बताता, वह मैं उसे बता देता हूँ।  मेरा उस पर पूर्ण विश्वास है। ”

काका ने उसे समझाते हुए कहा, “बेटा, तुम अपनी पत्नी पर इतना विश्वास करते हो यह अच्छी बात है, परन्तु हद से ज्यादा विश्वास करना उचित नहीं है।  मैंने भी बहुत दुनिया देखी है इसलिए कह रहा हूँ।  एक बार तुम अपनी पत्नी की परीक्षा ले लो कि वह राज की बात कितना छुपा पाती है।  कई बार ऐसा हो जाता है कि पत्नी अपने पति की भलाई के चक्कर में नासमझी कर जाती है।”

उस व्यक्ति को काका की बात सही लगी और उसने अपनी पत्नी की परीक्षा लेने का निर्णय लिया। एक दिन वह एक कपड़े लपेटकर कटा हुआ तरबूज लेकर घर आया और अपनी पत्नी से कहा, “आज मेरा एक आदमी से बहुत झगड़ा हो गया और गुस्से में आकर मैंने उसे मार दिया और उसका कटा हुआ सिर इस कपडे में बांधकर लाया हूँ, जिससे पुलिस उस शव को पहचान नहीं सके।  तुम किसी को भी इसके बारे में मत बताना, नहीं तो पुलिस मुझे पकड़कर जेल में डाल देगी और फिर मुझे फांसी हो जायेगी। ”

उसके बाद उसने पत्नी से फावड़ा माँगा और घर के पास के एक पेड़ के नीचे गड्ढा खोदकर, एक मटके में उस तरबूज को रखकर उसे दबा दिया और उसे मिटटी डालकर समतल बना दिया।

इस घटना के बाद से ही उसकी पत्नी बहुत परेशान रहने लगी।  उसे अंदर ही अंदर घुटन महसूस होने लगी। उससे जब रहा नहीं गया तो उसने यह बात अपनी पड़ोसन को बता दी और उसे कसम दी कि वह यह बात किसी को भी ना बताये।

अब पड़ोसन भी इस बात को छुपा ना सकी और अपनी पड़ोसन को बता दी और धीरे-धीरे यह बात पुरे गाँव में फैलते हुए पुलिस तक पहुँच गयी और पुलिस उस व्यक्ति के घर आ पहुंची।

उस समय वह व्यक्ति घर पर मौजूद नहीं था। पूरा गाँव जुट गया। पुलिस ने डांटते हुए उस व्यक्ति की पत्नी से पूछा, ” तुम्हारे पति ने ह्त्या के बाद सिर कहाँ छिपाया है। ”

पत्नी डर गयी और पेड़ की तरफ इशारा कर दिया।  तब तक उसके पति को भी सूचना मिल गयी थी, वह भी आ गया। वहाँ खुदाई हुई तो उसमें से मटका और मटके में सड़ा हुआ तरबूज निकला।

इसपर पुलिस ने कहा, “यह सब क्या है ?”

तब उस व्यक्ति ने पूरी बात बता कि उसने अपनी पत्नी की परीक्षा लेने के लिए ऐसा किया था। पुलिस ने दोनों को ऐसा दोबारा ना करने की हिदायत देकर छोड़ दिया।

उसके बाद वहाँ मौजूद काका से उस व्यक्ति ने कहा, “मुझसे गलती हो गयी थी।  आपने बिलकुल सही कहा था।”

इस घटना से उस व्यक्ति को सबक मिल गया था।  अब वह अपने माता – पिता, भाई-बहन और पत्नी के साथ रहने लगा और बेहद जरुरी बातें वह पत्नी को नहीं बताता था।

2- Hindi Kahaniya For Kids एक बार एक किसान भगवान् से बेहद नाराज हो गया। उसने कहा, ” प्रभु, आप भी गज़ब हो। कभी बाढ़ ला देते हो तो कभी सूखा तो कभी ओले पड़ जाते हैं।  हर बार कोई ना कोई कारण आ जाने से फसल खराब हो जाती है।  ”

उसके बाद उसने कहा, ” प्रभु आपको लगता है खेती – बाड़ी की कोई जानकारी नहीं है। आप एक काम करिये एक साल मुझे मौक़ा दें।  मैं जैसा चाहूँ वैसा मौसम बदल सकूं, फिर देखिये मैं कैसे अन्न का भण्डार लगाता हूँ। ”

भगवान मुस्कुराये और बोले, “ठीक है, अब तुम जैसा चाहोगे वैसा ही होगा। मैं मौसम में कोई दखल नहीं दूंगा।” किसान इससे बड़ा ही खुश हुआ और उसने गेंहू की फसल बोली।

अपने हिसाब से मौसम को हैंडल किया। जब चाही धूप मिली और जब पानी की जरुरत हुई तब पानी मिली। ओले, आंधी आने ही नहीं दी, समय के साथ फसल बढ़ी और किसान बड़ा खुश हुआ, क्योंकि उसकी फसल बहुत ही अच्छी थी।

 

किसान ने मन ही मन होचा, “अब भगवान को पता चलेगा कि खेती कैसे की जाती है।  बेवजह ही किसानो को परेशान करते रहते हैं। ” समय के साथ फसल पकी।  फसल बहुत अच्छी हुई।

किसान बहुत ही खुश था। वह बड़े ही गर्व से फसल काटने गया, लेकिन वह जैसे ही फसल काटने गया तो वह हतप्रभ रह गया। गेहू की एक भी बाली के अंदर गेंहू नहीं था। सारी बालियां अंदर से खाली थी।

वह बहुत ही दुखी हुआ और उसने भगवान से कहा, “प्रभु ये क्या हुआ ?”

तब परमात्मा ने कहा, “यह तो होना ही था।  तुमने पौधों को ज़रा भी संघर्ष करने का मौक़ा ही नहीं दिया। ना तो उसे तेज धूप में उनको पकने दिया, ना आंधी ओलों से जूझने दिया। उन्हें चुनौतियों का सामना भी नहीं करने दिया। इसिलिये सब पौधे खोखले रह गया। सोने को भी कुंदन बनने से पहले उसे आग में तपने, हथौड़ी  से पिटने,गलने जैसी चुनोतियो से गुजरना पड़ता है तभी उसकी स्वर्णिम आभा उभरती है जो उसे उत्तम बनाती है।”

Moral – चुनौतियाँ ही इंसान को मजबूत और उत्तम बनाती हैं। 

3- Hindi stories for Children with Moral स्वामी विवेकानंद जी ने कहा है, ” विश्व  में अधिकांश लोग इसलिए असफल हो जाते हैं, क्योंकि उनमें समय पर साहस का संचार नही हो पाता और वे भयभीत हो उठते हैं।

यह बाते उनकी जीवन काल की घटनाओं में सजीव दिखाती है। आज ऐसी ही एक वाक्या के बारे में बताने जा रहा हूँ। 1893 में शिकागो में विश्व धर्म सम्मलेन चल रहा था। स्वामी विवेकानंद जी भी उसमें बोलने के लिए गए हुए थे।

११ सितम्बर को उनका व्याख्यान होना था। मंच के ब्लैक बोर्ड पर लिखा हुआ था- हिन्दू धर्म-मुर्दा धर्म। कोई साधारण व्यक्ति इसे देखकर अवश्य क्रोधित हो जाता, पर स्वामी जी भला ऐसा कैसे कर सकते थे।

वह बोलने के लियए खड़े हुए और उन्होंने सबसे पहले “अमेरिका के बहनो और भाइयों” के साथ श्रोताओं को सम्बोधित किया। स्वामीजी के इस शब्द ने जादू कर दिया, पूरी सभा ने करतल ध्वनि से उनका स्वागत किया।

इस हर्ष का कारण था, “स्त्रियों को प्रथम स्थान देना।” स्वामी जी ने सारी वसुधा को अपना कुटुबं मानकर सबका स्वागत किया था। भारतीय संस्कृति में निहित शिष्टाचार का यह तरीका किसी को न सूझा था।

इस बात का बहुत ही अच्छा प्रभाव पड़ा। श्रोता मंत्रमुग्ध होकर उन्हें सुनते रहे। उनके लिए निर्धारित 5 मिनट कब बीत गया पता ही न चला। अध्यक्ष कार्डिनल गिबन्स ने और आगे बोलने का अनुरोध किया। स्वामीजी 20 मिनट से भी अधिक देर तक बोलते रहे।

पुरे अमेरिका में स्वामी जी की चर्चा होने लगी। देखते ही देखते उनके तमाम शिष्य बन गए। अपने व्याख्यान से स्वामीजी ने यह सिद्ध कर दिया कि हिन्दू धर्म भी श्रेष्ठ है।

हिन्दू धर्म में सभी धर्मों को अपने अंदर समाहित करने की क्षमता है। भारतीय संस्कृति, किसी की अवमानना या निंदा नही करती। इस तरह स्वामी विवेकानंद जी ने सात समंदर पार भारतीय संस्कृति की ध्वजा फहराई।

पाठकगणो, उम्मीद है कि आपको यह कहानी Hindi Stories for Kids with Moral Writing पसंद आयी होगी।  Hindi Stories for Kids with Moral Short की तरह की मजेदार हिंदी कहानियां आप Akbar Birbal Story In Hindi PDF   पर जरूर पढ़ें।

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