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ट्रेडमार्क क्या है Business के लिए Trademark Registration कैसे करें?

ट्रेडमार्क Trademark एक ऐसा व्यापार चिहिन(Mark) होता है जिससे हम उस वस्तु के निर्माता के नाम का पता आसानी से लगा सकते है। ट्रेडमार्क एक brand का नाम होता है। किसी वस्तु पर अंकित उस ट्रेडमार्क से यह पता लगता है कि यह किसी विशेष company ने बनाया है। एक कंपनी के सभी उत्पादों पर उसका ट्रेडमार्क लगा होता है।

ट्रेडमार्क 2 तरह के होते है पंजीकृत और गैर पंजीकृत

आमतौर पर किसी नाम, वाक्य, लोगो, विशेष चिन्ह, डिजाइन या चित्र को ट्रेडमार्क बनाया जाता है। कंपनी विशेष के सभी उत्पादों पर उसका ट्रेडमार्क लगा होता है।

क़ानूनी संस्थान ISO Mark, ISI Mark खाद्य उत्पादों में शाकाहारी और मांसाहारी उत्पादों की पहचान हरे और लाल निशान (trademark ) का प्रयोग करती है। सामान्यता trademark का इस्तेमाल कोई व्यक्ति, कोई business organisation या क़ानूनी इकाई अपनी उत्पाद और सेवा के लिए करती है।

ट्रेडमार्क का registration 10 years के लिए valid होता है लेकिन business के प्रयोग के लिए इसे हमेशा के लिए भी रजिस्टर करवाया जा सकता है। ट्रेडमार्क TM और R के रूप में होता है जिसे हम देखकर कह सकते है कि इस word, symbol और logo का trademark registration हो चुका है और कोई दूसरी company या व्यक्ति इस ट्रेडमार्क का लाभ नहीं उठा सकता।

यदि कोई ऐसा करता है तो उसकी इसकी कीमत पैसे देकर चुकानी पड़ेगी। इसलिए हमे अपने brand name को सुरक्षित रखने के लिए brand registration और trademark registration करना जरूरी है ट्रेडमार्क registration एक process जिससे हम अपना unique brand name registered करा सकते है और लाभ प्राप्त कर सकते है।

अब हम बात करते हैं कि ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन कैसे करवाया जा सकता हैं?
यहां पर हमने ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन की पूरी जानकारी है। नीचे हमने सारी steps के साथ बताई है।


Trademark registration के लिए Important Points

Famous companies having there logos registered as trademark

एक Business के लिए ट्रेडमार्क registration के बहुत सारे फायदे है, भारत में ट्रेडमार्क registration की प्रक्रिया कुछ इस तरह है।

इसके लिए एक application बनाये और निर्धारित प्रक्रियानुसार Process follow करें। Trademark registration और Brand registration की process इतनी आसान भी नहीं हैं जितना हमे लगता है, हालांकि यह बहुत कठिन भी नहीं हैं 🙂

Registration करने वालो को चाहिये कि एक के चरण पूरे करे, यह जटिल प्रक्रिया के सभी steps नीचे दिए गए है, आशा हैं आपके लिए यह जानकारी महत्वपूर्ण साबित होगी।

  1. Trademark खोज :- सबसे पहले आप अपने Business चिन्ह या नाम जिसका आप ट्रेडमार्क कराना चाहते हैं चुन ले जो कि Unique Brand होनी चाहिए, जैसा कि आप जानते ही हो कि Trademark registration के परिचय करने के पीछे हमारा लक्ष्य यह था कि Unique और creative idea लेना।

    जिससे Brand Registration के लिए एक Unique Brand Name प्राप्त हो सके। यह आप कैसे जानोगे कि आपका Brand name Unique है। इसलिये Uniqueness जानने के लिए ट्रेडमार्क की owner एक Comprehensive Trademark search करता हैं। 

  2. Trademark application भरना :- दुसरे चरण में आप registration के लिए application दे सकते है। जो कि electronically और physical दोनों तरह से हो सकती है। निर्धारित fee के साथ TM-A form भरा जायेगा application के लिए।

    यदि हम physical application form भरते है तो निर्धारित fee INR 5000 होगी। यदि व्यक्ति start-up / small enterprise है तो electronic filling कर सकता है और इसकी निर्धारित fee INR 4500 होगी। एक बार application सफलतापूर्वक submit हो जाती है तो official receipt TM number के साथ applicant को issued हो जाएगी।

  3. Trademark application की जाँच :- सफलतापूर्वक ट्रेडमार्क application भरने के बाद trademark registrar इसकी बारीकी से जाँच करेगा। वह इस application को बहुत अलग तरीके से जाँचता है और निर्धारित करता है। Applied trademark के सभी rules और regulations क़ानूनी तौर पर पूरे है या नहीं।

    वह देखता है कि applied trademark unique है या नही। यह पहले से ही रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क holder से related तो नहीं। यदि registrar के अनुसार applied trademark सभी शर्त पूरी करता है तो registrar trademark की application को approve कर देता है और इसे ट्रेडमार्क journal में प्रकाशन के लिए कहता है। अगर किसी को application से किसी प्रकार की कोई आपत्ति हो तो उठा सकता है।

  4. आपत्ति का उत्तर देने के लिए filling :- यदि रजिस्ट्रार कोई आपत्ति उठाता है तो owner या person authorized उसका जवाब देता है। एक reply से इस क्रिया में, उसको यह साबित करना होता है कि Brand Name registered करने लायक क्यों है? और यह existing trademark से अलग क्यों है।

  5. Trademark का trademark journal में प्रकाशित करना :- यदि रजिस्ट्रार जवाब से satisfy नहीं होता तो वह एक कारवाई scheduled करता है। जिसमे applicant को अपना पक्ष साबित करना होता है। और यदि रजिस्ट्रार एप्लीकेशन से satisfy हो जाता है तो वह application को जर्नल में प्रकाशित करने की permission दे देता है।

    ट्रेडमार्क journal हर week सभी trademark रजिस्ट्रेशन की applications की सारी जानकारी को प्रकाशित करता है application प्रकाशित होने के बाद अगर किसी को किसी प्रकार की कोई आपत्ति है तो 3 महीने में आपत्ति उठा सकता है यह 3 महीने की अवधि, 1 महीने और बढ़ सकती है अगर public ज्यादा हो तो इन 3 महीनों में किसी को लगता है कि इस applied trademark से किसी के अधिकारों को कोई नुक़सान हो सकता है तो वह इसका विरोध कर सकता है।

  6. विरोध का जवाब :- Department द्वारा एक निर्धारित जगह पर सुनवाई होती है। जिसमे दोनों दल विरोधी पक्ष और applicant पक्ष अपनी अपनी बात रखते है और उसको सही साबित करने की कोशिश में लगे रहते है। यदि कोई विरोध नहीं करता applied trademark का सुनवाई के बाद तो applicant सफलतापूर्वक अपने आप को साबित कर सकता है और trademark registration के लिए granted हो जायेगा।

इस प्रकार Trademark का registration कराया जाता है और इससे brand को unique पहचान मिलती है जिससे आसानी से सभी उत्पादन की निर्माता company की पहचान की जाती है।

Image Source: biatconsultant.com

Note: हमने यह POST अपने Practical Experience एवम जानकारी के आधार पर आपसे साझा की है। अपने Business(Company/Startup) का Trademark register करवाते समय अपनी सूझ-बुझ का इस्तेमाल अवश्य करें

इस लेख से आपको कोई भी मदद मिलती है तो हमें बहुत खुशी होगी। Comments के माध्यम से अपनी प्रतिक्रिया जरूर दे।

 

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