Life में जो भी काम हम करना चाहते है उस काम में हमको अगर सफलता पानी है तो हमारा mind ऐसे trained होना चाहिए, जिससे कि हम हर एक परिस्थिति में अच्छा ही देखे और अपने काम में सफलता को पा सके।
किसी भी परिस्थिति का सामना करने के लिए सबसे ज्यादा जरुरी है कि क्या हम उस परिस्थिति की दोनों side को देख पा रहे हैं या नहीं,
अगर देख पा रहे है तो उसको हम आसानी से समझ कर उसका समाधान निकाल सकते है।
अगर हम असल में चाहते है कि हमारा दिमाग़ हर परिस्थिति में हर चीज़ को अच्छे से देखे, तो तीन ऐसी बातें है जिन पर हमें काम करते रहना होगा, यह कह सकते हैं हमारी energy बनी रहेगी और किसी भी प्रकार की समस्या को हम बड़ी ही आसानी से solve कर सकते है, समस्याएं तो आएगी ही, बस उसको देखने का नजरिया बदल जाएगा।
- शरीर (Body)
- बुद्धि (Intellect)
- इमोशन (Emotion)
हमको life में अगर अपने दिमाग को असल में सही रखना (प्रशिक्षित करना) है तो इन तीनो पहलुओं पर मरते दम तक काम करते ही रहना होगा, अगर इन तीनो पहलु में से एक पर भी हम सही तरीके से काम नहीं कर पाए तो नतीजा होगा सुख, दुःख, अच्छा, बुरा।
जब हम इन तीनो के ऊपर बारीकी से काम करने लग जाते है और इन तीनो को संभाल लेते है तो हमको और कुछ अतिरिक्त भी करने की जरुरत नहीं है हमारे अंदर energy(आत्म-विश्वास) अपने-आप ही बढ़ने लग जाएगी।
शरीर (Body)- सबसे पहले हमको अपनी body को fit रखना है मतलब की अपने शरीर के ऊपर दिन में कम से कम 1 घंटा अच्छे से काम करना है तब जाकर ये body फिट रहेगी, क्योकि एक स्वस्थ शरीर ही अच्छी जिन्दगी दे सकता हैं।
हमको अपनी Body को fit इसलिए रखना है क्योकि हमारा mind और हमारी body दोनों अलग-अलग नहीं है ये दोनों आपस में interconnected है।
जब भी हमें शारीरिक रूप से कोई समस्या होती है तो हमारा mood अपने-आप ही खराब होने लग जाता है और वही दूसरी तरफ जब हम पूरी तरह से स्वस्थ होते है तो उस समय हमारा mood खुद-ब-खुद अच्छा होने लग जाता है, इसलिए आपका शरीर, आपकी मानसिक अवस्था पर भी प्रभाव डालता हैं।
एक इंसान जीवन में चाहे कितना भी सफल क्यों न जाये लेकिन अगर उसकी body ही उसका साथ न दे तो वो सफलता उसके लिए किसी भी काम की नहीं है।
ये हमारे जीवन एक ऐसा पहलु है जो की हमारे और हमारे mind के लिए सबसे जरुरी है और इसकी तरफ असल में किसी का भी ध्यान नहीं होता है।
हमारें Mind को असल में पता नहीं होता है कि क्या सही है और क्या गलत है लेकिन अगर हम उसको ये बताना शुरू करते है तो वो अपने-आप ही उस साँचे में ढलने लग जाता है।
Brain एक बच्चे की तरह होता है जिसको कि हमें समझाना पड़ता है और उसको जब हम धीरे-धीरे समझाते रहते है तो वैसे ही करने लग जाता है जैसा हम उससे चाहते है।
जब body पूरी तरह से fit हो जाती है तो हमारा mind अपने-आप ही शांत हो जाता है जिससे की हम हर परिस्थिति को बड़े ही आसानी से face कर सकते है।
बुद्धि (Intellect) – Life में जो भी काम हम कर रहे है या फिर करने वाले है उसके लिए जो planing होती है वो होती है ” बुद्धि से ” क्योकि हम भावुक होकर कोई निर्णय नहीं ले सकते, या क्रोध में लिए गए फैसले भी अक्सर गलत साबित होते है और बहुत ज्यादा positive होकर अगर कोई निर्णय लेते है तो वो हमेशा गलत ही होता है
क्योकि उस समय हम उस काम की सिर्फ एक ही side को देखेगे और दूसरी side को देखेंगे ही नहीं जिससे वो गलत हो जायेगा।
जब भी हम life की इस stage पर होते है यानी की लाइफ में हमको कदम-कदम पर अपने लिए निर्णय लेने है तो इस समय हमको भावुक नहीं होना है हमको अपने mind से चीज़ो को समझ कर फिर निर्णय लेना है।
अगर एक बार हमारा mind “समता” की स्थिति में चला जाता है तो फिर हमारे लिए किसी भी स्थिति में निर्णय लेना बहुत ही आसान हो जाता है और फिर हम हमारे लिए अच्छा सोच सकते है।
Emotion (भावना) – किसी भी काम को करने के लिए हमको जो energy की जरुरत होती है वो हमको मिलती है emotion से क्योकि अगर हम emotion को देखे तो इसी के अंदर छुपी होती है energy जो की हमसे कोई भी काम करवाती है।
असल में देखे तो बिना emotion के कोई energy नहीं होती है क्योकि जो हमारी emotional side वहाँ पर कोई भी logic काम नहीं करता है
हमको अगर पता है कि मेरे लिए ये काम करना सही नहीं है लेकिन जब भावनाये हम पर आ जाती है तो हम अपने-आप ही उस काम को करने लग जाते है फिर चाहे वो करना हमारे लिए कितना भी गलत क्यों न हो हम करते ही चले जाते है हमारी life को असल में ये इमोशन ही control करते है।
ये इमोशन क्या है हमारे mind के अंदर कुछ केमिकल release होते है जब हम कुछ करते है जिसमे हमको अच्छा महसूस होता है और फिर हमारे mind को वो ही चीज़ वापस से चाहिए होती है जिसके कारण ये इमोशन हम पर हर समय हावी होते है और जिसकी वजह से हम कोई भी काम को गलत तरीके से कर रहे होते है या फिर गलत देख रहे होते है।
इमोशन को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आपके लिए क्या सही है और क्या गलत हैं उसको जो करना है वो करना ही है कैसे करना है वो वैसे ही होगा जैसी हमारी आदते पड़ी हुई है।
इसी वजह से हम life में किसी भी परिस्थिति में न तो अच्छा सोच पाते है और न ही अच्छा देख पाते है बस भावनाओ में बह जाते है।
इस emotional side से बचने के लिए हमको अपने इमोशन के ऊपर control रखना होगा जिससे की हम अपने लिए कुछ सोच सके और अपने लिए कुछ अच्छा कर सके, हमको अपने लिए कोई नहीं कहानी लिखनी होगी तभी जाकर हमारे साथ कुछ नया हो सकता है।
आज के समय में जैसा बाहर की दुनिया में हो रहा है उसके हिसाब से ही हम act करते चले जा रहे है और ज्यादा और फसते चले जा रहे है।
असल में देखे तो हमारी life की डोर किसी और के हाथ में वो जैसा चाहते है वैसा ही हम करते चले जाते है और फिर बाद में रोते रहते है
इसलिए इन तीन चीज़ो के ऊपर अगर हम अच्छे से काम करते है तो हम life के किसी भी समय पर कोई भी सकारात्मक निर्णय ले सकते है, जिससे कि कभी निराशा होगी ही हैं, चाहे कार्य सफल हो या असफल।
Life में जो भी काम हम करना चाहते है अगर उस काम को करने में हमको मजा आने लग जाये तो जो भी हम पाना चाहते है वो अपने-आप ही हमको मिलने लग जायेगा।
और एक बार जब हम इस तीनो पहलु के ऊपर काम करना शुरू कर देते है तो हम अपने दिमाग को एक ऐसा प्रशिक्षण दे रहे होते है जिसके बाद ये हर हर परिस्थिति को अच्छा ही देखेगा।
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आपने सही कहा ये दिमाग ही तो है जो सही ढंग से चले तो ज़िंदगी भी सही चलती है। इंसान अच्छे कर्म सोच समझ के करने लगता है। सही निर्णय लेता है। जिससे ज़िंदगी जीना आसान हो जाती है।