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जीवन में अनुशासन का महत्व

Importance of Discipline in life in Hindi

अनुशासन कैसे लाएं? “जीवन में अनुशासन का महत्व”, How to build Self discipline in Hindi

जीवन में आगे बढ़ने और कुछ बेहतर करने के लिए हर व्यक्ति को अनुशासन की आवश्यकता होती हैं। बहुत से लोग अनुशासन को एक सजा के रूप में देखते हैं, लेकिन यह सोचना सही नही है। जब आप अपने कंफर्ट जोन (comfort zone) को छोड़कर एक अनुशासित जीवन में प्रवेश करते है, तो यह कुछ दिन तक आपको एक सजा के जैसा लग सकता है।

लेकिन लंबे समय के लिए यह आपके लिए अच्छा है। अनुशासन किसी क्लास या ऑफिस तक ही सीमित नहीं है, बल्कि आप इसे अपनी लाइफ मे हर जगह लागू कर सकते हैं। अनुशासन नियमों का ऐसा ग्रुप है, जो आपको कोड और नैतिकता की याद दिलाता है।

टाइम मैनेजमेंट अनुशासन के अन्दर ही आता है। यह एक महत्वपूर्ण स्किल है, जिसे कोई भी डवलप कर सकता है और इसे लाइफ के लगभग हर क्षेत्र में लागू किया जा सकता है।

अनुशासन दो प्रकार का होता है, एक आपके अंदर यानि आपके मन का अनुशासन और दूसरा बाहरी अनुशासन। आपके अंदर का अनुशासन आपको सेल्फ-कंट्रोल और सही गलत में अंतर करने की क्षमता बताता है।

जबकि बाहरी अनुशासन सामाजिक नियमों को बताता है। इसलिए केवल अपने अंदर महान गुणों को बनाए रखना पर्याप्त नहीं है, बल्कि उनका सही इस्तेमाल करना भी जरूरी है।

अनुशासन वो गुण है, जो आपको नियंत्रित तरीके से काम करना और व्यवहार करना सिखाता है। अनुशासन आपको वो चीज करने की शक्ति देता है, जिसे आप करना या पाना चाहते हैं। जो चीज आपका दिमाग सोच सकता है, वो चीज आप हासिल भी कर सकते हैं और इसके लिए सबसे जरूरी अनुशासन होता है।

अनुशासन आपके मूड को बदल सकता है और यह वास्तव में मुश्किल नहीं है। आपको बस अनुशासन के लिए अपने आप को ट्रेन (Train) करना है।

अपने सपनों को हर कोई पूरा करना चाहता है, लेकिन जब इन सपनो के लिए मेहनत, काम और हार्डवर्क की बात आती है, तो ज्यादातर लोग बहाने बनाने लगते हैं। हमारी ज़िंदगी मे ज्यादातर प्रॉब्लम्स का कारण हम खुद ही है, क्योंकि जो काम आसानी से हो सकता है, उसे हम Complicated बना देते हैं और फिर शिकायत करते हैं। जो चीज आपको चाहिए है, उसे पाने के लिए अनुशासन आपकी मदद करता है।

आज के इस लेख में हम जानेंगे कि अनुशासन क्या होता है? और कैसे हम अपनी लाइफ में अनुशासन ला सकते हैं। तो चलिये शुरू करते हैं How to build Self-discipline in life in Hindi

अनुशासन क्या होता है? [What is discipline in Hindi]

Importance of Discipline in Students life

जीवन में कामयाबी पाने और इसे बेहतर बनाने के लिए अनुशासन बहुत जरूरी है। आप अपने आस-पास कामयाब लोगों को देख सकते हैं या फिर आप सफल लोगो की बायोग्राफी पढ़ सकते हैं, उन लोगो में एक चीज आपको कॉमन मिलेगी और वो है, आत्म-अनुशासन।

अनुशासन की मदद से हम अपने मन को कुछ हद तक कंट्रोल कर सकते है। दुनिया में ऐसी बहुत-सी चीजे हैं, जो आपका ध्यान भटकाने के लिए काफी है। जैसे, सोशल मीडिया, मोबाइल और भी कई अन्य चीजे। अगर आप आत्म-अनुशासित हैं, तो आप इन चीज़ों से अपना ध्यान हटाकर कुछ बेहतर करने में लग जाते है।

कुछ लोग सोचते हैं, अनुशाशन व्यक्ति को बांधने का काम करता है, जो अनुशासित होते है, वे बहुत स्ट्रिक्ट होते है। लेकिन अगर आप अनुशासन को ध्यान से समझे, तो आप पाएंगे की अनुशासन आपको जीवन का असली मतलब समझाता है।

अनुशासन का मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि आप खेलना छोड़ दे, बाहर घूमना छोड़ दें या मोबाइल से पूरी तरह दूर हो जाये। बल्कि अनुशासन का अर्थ है कि आप अपने जीवन में उन कामो को ज्यादा महत्व दे, जो आपके लिए सबसे जरूरी है।

इसके अलावा अनुशासन आपको आगे बढ़ने में मदद करता है, समय का महत्व सिखाता है और जीवन में कुछ बेहतर करने वाले काम को प्राथमिकता देता है। आज हम अपना ज्यादातर समय केवल फालतू की चीजो में बर्बाद करते हैं। हमें समय का महत्व समझना चाहिए। एक बार जब आप अनुशासन को जीवन मे लागू कर लेते है, तो आपको जीवन में मजा आने लगता है और आप अधिक प्रोडक्टिव बनते है

विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्व [Importance of discipline in student life in Hindi]

एक विद्यार्थी के जीवन में अनुशासन का काफी महत्व है। आज हर स्कूल में अनुशासन का पालन करना महत्वपूर्ण है और इसके लिए स्कूल ने कई नियम भी बनायें होते हैं। जैस, ड्रेस कोड, टाइम टेबल, इत्यादि। शिक्षा के साथ-साथ छात्रों को स्कूल में अनुशासन भी सीखना चाहिए, क्योंकि अनुशासन के बिना छात्र अच्छी तरह शिक्षित नहीं हो सकते।

अनुशासन का अर्थ अपने मन को नियंत्रण में रखना है, ताकि आप वो सब कर सकें, जो आप करना चाहते हैं। एक छात्र के जीवन में पढ़ाई से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ नही होता है।

अनुशासन छात्र के फोकस को बढ़ाने और लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। हम सभी जानते हैं कि छात्र ही एक देश का भविष्य होता है। अनुशासन आपके जीवन में स्वतंत्रता, समय की वैल्यू, फोकस बढ़ाने और सही फैसले लेने की अच्छी नींव रखता है। अनुशासित छात्र पढ़ाई में अधिक रुचि लेता है । वह विषयों और अपने करियर को आसानी से और स्वतंत्र रूप से चुन सकता है।

किसी ने ठीक ही कहा है कि

“अनुशासन के बिना जीवन, बिना रडार की जहाज के समान है।”

इसलिए अगर आप एक विद्यार्थी है, तो आज ही अपने जीवन में अनुशासन लाए और जीवन को बेहतर दिशा दे। आपका यह एक सही कदम, आपको जीवन में काफी आगे ले जाएगा।

जीवन में आत्म-अनुशासन कैसे बनाए? [How to build self-discipline in life in Hindi]

आत्म-अनुशासन एक ऐसा तरीका है, जिसके जरिए हम खुद पर कंट्रोल कर सकते हैं। लेकिन खुद को अनुशासित बनाने के लिए आपको काफी मेहनत करनी पड़ेगी और अपनी आदतों को बदलना होगा। आप कुछ तरीके अपनाकर खुद को अनुशासन में ला सकते है। तो आइए, जानते है कि “जीवन में आत्म-अनुशासन कैसे बनाए?” How to build self-discipline in life in Hindi

1. अपनी कमियों को पहचानों [Know your weakness in Hindi]

हर इंसान के अंदर कुछ खूबियां और कुछ कमीयां जरूर होती है। हमे उनके बारे में पता होना चाहिए। यदि आपको अपनी कमीयों के बारे में पता है, आप उन्हें दूर कर सकते हैं। लेकिन आपकी कमीयो का पता केवल आपको ही होना चाहिए, वरना दूसरे लोग आपका फायदा उठा सकते हैं।

अनुशासित बनने के लिए सबसे पहले अपनी वीकनेस (Weakness) को पहचाने और धीरे-धीरे उनमें सुधार करते रहे। आत्म-अनुशासन एक शक्तिशाली टूल है, जिसे बहुत से लोग अनदेखा कर देते है।

आपको पता होना चाहिए कि किस समय आपको अन्य लोगों मदद जरूरत पड़ती है? आप कौनसे प्वाइंट पर कमजोर है?, और आपके जीवन की सबसे बड़ी कमी क्या है?

कुछ इस तरह के सवाल अपने आप से करे। धीरे-धीरे आपको जवाब मिलने लगेंगे और अब आप उनमें सुधार कर सकते है। अपनी कमियों को जान लेने और उनमें सुधार करने से आप में आत्म-अनुशासन (Self-Discipline) का गुण आता है।

2. समय का महत्व समझे [Importance of time in Hindi]

समय हमारे जीवन में सबसे कीमती होता है। आत्म-अनुशासित बनने के लिए समय की वैल्यू को समझना काफी जरूरी है। हमारी लाइफ मे हर चीज का एक समय होता है और उसी समय अंतराल में हमें उन चीजों को करना चाहिए। लेकिन बहुत से लोग बेकार की चीजों मे अपना समय बर्बाद करते हैं और समय निकलने के बाद पछतावा करते हैं।

आपकी पढ़ाई का समय, आपके करियर का समय, शादी का समय, और भी कई जरूरी चीजों का समय निश्चित होता है। एक बार सही समय निकलने के बाद इन चीजों की कोई वैल्यू नही रहती हैं। इसलिए समय को वैल्यू दे, ताकि समय आपको कुछ बेहतर बना सके।

एक आत्म-अनुशासित व्यक्ति कभी समय को बर्बाद नहीं करता है। वह अपने हर दिन को खुद को बेहतर बनाने मे लगाता है। इसलिए आप भी समय के महत्व को समझे और रोज़ अपनी To do list बनाए।

3. अपने आप को लक्ष्य दे [Give yourself Target in Hindi]

अगर आपके जीवन में कोई लक्ष्य नहीं है, तो आपके जीवन में उत्साह और एनर्जी नहीं होगी। इसलिए जीवन को एक दिशा देने के लिए लक्ष्य का होना बहुत जरूरी है। अपने आप को एक गोल दे और आपका गोल ऐसा होना चाहिए, जिसमे आपकी रुचि भी हों।

बिना किसी इंटरेस्ट के आप कोई काम ज्यादा दिन तक नहीं कर पाओगे, एक सही लक्ष्य आप में एनर्जी बनाए रखता है, आपका उत्साह बढ़ाता है, आपका फोकस बढ़ाने और हर दिन मेहनत करने के लिए आपको प्रेरित करता है। अनुशासित जीवन में लक्ष्य का होना बहुत जरूरी है।

4. इच्छाशक्ति में विश्वास करे [Believe in will power in Hindi]

इच्छाशक्ति (will power) के बारे में हम जो विश्वास रखते हैं, वह आत्म-अनुशासन की प्रैक्टिस करने के लिए हमारी क्षमता को प्रभावित कर सकता है। इच्छाशक्ति यानि विल पावर के जरिए हम जो चाहे, वो पा सकते हैं। यह हमारे अवचेतन मन से जुड़ा हुआ है। जब हम कोई बात पूरे विश्वास के साथ बार-बार अपने आप को कहते हैं, तो धीरे-धीरे हमारा दिमाग उसे सच मानने लगता है और हम उस पर काम करने लगते हैं।

इसे हम कही पर भी लागू कर सकता है, चाहे वह पढ़ाई हो, कैरियर हो या सुबह जल्दी उठना हो, एक्सरसाइज करनी हो, कोई बुरी आदत छोड़नी हो, या फिर कुछ भी करने की इच्छा। आत्म-अनुशासन का संबध हमारे मन से होता है। इसलिए इसका सीधा सम्बंध इच्छाशक्ति से भी हैं।

आपको हमेशा वही बाते अपने आप को कहनी हैं, जिन्हें आप करना चाहते है। हमारी इन्द्रियां अवचेतन मन तक सिग्नल पहुंचाती है और हम उस पर एक्शन लेते है। अगर आपको एक अनुशासित जीवन जीना है, तो अपनी इच्छाशक्ति पर काम करना होगा।

5. मोटिवेशन ढूंढे [Find your motivation in Hindi]

आत्म अनुशासन में मोटिवेशन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब आप अपने जीवन में एक लक्ष्य चुन लेते हैं, तो उन कारणों को लिखे, जिनकी वजह से आप उसे हासिल करना चाहते है। इस कारणों को पॉजिटीव तरीके से एक्सप्रेस करने का प्रयास करे।

जैसे, “मैं वजन कम करने के लिए सप्ताह में तीन बार एक्सरसाइज करना चाहता हूँ” कहने के बजाय “मै एक्सरसाइज करना चाहता हूं, ताकि मैं फिट रह सकू और मुझमें काम करने की एनर्जी हो।”

ऐसे कई कारणों को आप लिख सकते हैं। जब आप किसी दुसरे व्यक्ति से प्रेरणा लेते हैं, तो वह ज्यादा देर तक काम नही करती है, यहां तक कि आप किसी बड़े और अच्छे मोटिवेशनल वक्ता को भी सुन ले, उसका असर भी कुछ घंटो या दिनों तक रहता है।

इसके बजाय अगर आप अपने कारणों को लिखे और बार बार उन्हें याद करे, तो ज्यादा संभावना है कि उसका असर आप पर लंबे समय के लिए रहेगा। इसलिए को का आप कोई उन कारणों को ढूंढे, जिनकी वजह से आप कोई काम कर रहे है। याद रखिए, जितनी बड़ी आपकी वज़ह होगी, आप उस काम को करने के लिए उतना ही अधिक प्रयास करेंगे

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