सुबह के 10:00 बज रहे हैं और शालू न जाने कहां है? यह सोचते हुए उसकी मम्मी कमरे की ओर जाती है लेकिन कमरा खोलते ही वह लगभग चीखते हुए कहती हैं- शालू यह क्या हाल बना रखा है तुमने? सुबह के 10:00 बज रहे हैं और अभी तक तुम सो रही हो?
एक हफ्ते बाद तुम्हारा एग्जाम है, पढ़ाई में बिल्कुल भी ध्यान नहीं है तुम्हारा।
आंखों को मलते हुए शालू खड़ी हो जाती है लेकिन वह समझ चुकी है कि आज उसकी शामत आने वाली है क्योंकि मम्मी ने उसे देर तक सोते हुए देख लिया था। धीरे-धीरे बाहर नाश्ते की टेबल पर आती है, जहां पर पापा तो नाश्ता करके ऑफिस जा चुके हैं लेकिन भाई अभी भी नाश्ता कर रहा है।
भाई विनय ने कहा- क्या बात है शालू इतने देर से सोकर उठी हो? तुम्हें तो सुबह 5:00 बजे से ही पढ़ाई करने के लिए उठना था ना और तुम हो कि समय बर्बाद कर रही हो।
शालू– कम से कम तुम अब लेक्चर मत शुरू करो भैया। मम्मी ने वैसा ही काफी कुछ सुना दिया है। [गुस्सा करते हुए]
मम्मी– यह क्या बदतमीजी कर रही हो? मैं और तुम्हारे भैया कोई गलत बात तो नहीं कर रहे हैं। याद है ना इस बार के टेस्ट में तुम्हारे कम मार्क्स आए थे और तुमने वादा किया था कि तुम पढ़ाई में मन लगाओगी।
शालू– हां मुझे याद है बार-बार आप याद क्यों दिलाती है?
और शालू वहां से जल्दी से उठकर तैयार होने चले जाती है और आधे घंटे में ही कॉलेज पहुंच जाती है। इधर मम्मी शालू का कमरा साफ करने के लिए जैसे ही अंदर की तरफ जाती हैं, तो उन्हें सब तरफ कपड़े की कपड़े दिखाई देते हैं। जैसे ही अलमारी खोलती हैं तो एक-एक करके कपड़े गिरने लग जाते हैं उन्हें समझ में नहीं आता कि आखिर सफाई कहां से शुरू करें?
अचानक उनके हाथ में शालू का मोबाइल मिल जाता है, जो शालू घर पर ही भूलकर कॉलेज चली गई थी। जैसे ही वह मोबाइल को ऑन करती हैं, तो उसमें इंस्टाग्राम के नोटिफिकेशन दिखाई देते हैं जिसमें किसी ने उसकी पोस्ट को लाइक किया था तो किसी ने कमेंट।
अब तो शालू की मम्मी बार-बार इंस्टाग्राम को खोल कर देखती हैं, तो उसमें शालू के कई सारे रील्स नजर आते हैं जो कल रात को ही बनाए गए हैं। जिन्हें देखकर शालू की मम्मी को गुस्सा आता है कि इस लड़की को पढ़ने के लिए समय चाहिए था और यह फालतू कामों में लगी हुई है।
मम्मी देखती है कि शालू अपनी हर रील में अलग-अलग कपड़े और हेयर स्टाइल बनाई हुई है जिससे वह पहचान ही नहीं आ रही है। कपड़े ठीक करते हुए मम्मी को गुस्सा बहुत आ रहा था कि आखिर यह शालू को यह क्या हो गया है?
वह तो अपनी पढ़ाई में बहुत व्यस्त थी लेकिन न जाने अब उसे क्या होता जा रहा है? शालू की मम्मी ने यह बात अपने बेटे को बताई और उसने भी शालू को यह बताने से मना कर दिया कि उन लोगों को पता चल चुका है कि रात भर जग कर शालू इंस्टाग्राम के रील बनाते रहती है।
दूसरे दिन जब शालू नाश्ता कर रही होती है, उसी समय उसके फोन पर नोटिफिकेशन आती है, इसे देखकर वो उछल पड़ती है- अरे वाह मजा आ गया।
भाई- अरे ऐसा भी क्या हो गया है कि तुम उछल के बैठ गई?
शालू – अरे भैया मैंअब फेमस हो रही हूं। देखो ना मेरे इंस्टाग्राम में फॉलोअर बढ़ते ही जा रहे हैं, जो लगातार मेरी रील को पसंद कर रहे हैं।
शालू जहां भी जाती वहां पर रील बनाना शुरु कर देती चाहे वह शादी हो, चाहे वह मार्केट हो या फिर किसी फ्रेंड का घर। बातों से ज्यादा वह सोशल मीडिया पर ध्यान दे रही थी जहां उसके लगातार फॉलोवर बढ़ रहे थे और उसका ध्यान अपनी तरफ खींच रहे थे।
एक दिन रात के लगभग 12:00 बजे मम्मी की तबीयत बिगड़ने लगी और अचानक पापा को भी शहर से बाहर किसी काम के सिलसिले से जाना पड़ गया था। भाई भी अपने दोस्त के फॉर्म हाउस पिकनिक के लिए गया था और उसी वक्त मम्मी की तबीयत खराब होने लगी थी।
शालू ऐसे तो रात 10:00 बजे ही सोने चली गई थी लेकिन वह सो नहीं रही थी बल्कि कान में हेडफोन लगाकर रील बनाए जा रही थी और उसका ध्यान नहीं था कि घर में कुछ और समस्या आ सकती है।
मम्मी की तबीयत खराब होने के बावजूद हिम्मत नहीं हो रही थी कि वह शालू के कमरे तक जाकर उसे बुला सके लेकिन फिर भी जैसे तैसे करके वह कमरे तक जाती हैं और बार-बार शालू के कमरे को खोलने की कोशिश करती हैं लेकिन वहीं पर बेहोश हो जाती है।
इतना कुछ होने के बाद भी शालू को जरा सा भी एहसास नहीं होता कि उसकी मम्मी कुछ परेशानी में है।
ऐसे में वहां पर शालू के पापा जो कल आने वाले थे, काम पूरा होने की वजह से वे रात में ही आ गए थे, दरवाजा खुला देखकर उन्हें आश्चर्य हुआ- अरे शालू और उसकी मम्मी कहां चली गई?
पापा यहां वहां दोनों को ढूंढने लगे तभी वहां पर अचानक मम्मी बेहोश दिखाई दी जिन्हें देखकर पापा घबरा जाते हैं और उन्हें उठाकर कमरे तक ले जाते हैं। उन्हें होश आने पर दवाई दी जाती हैं और तभी पापा चिल्लाते हुए कहते हैं- शालूआखिर तुम इतनी गैर जिम्मेदार कैसे हो सकती हो?
अब तक शालू का हेडफोन बंद हो जाता है और उसे लगता है कि बाहर कोई आवाज लगा रहा है। जैसे ही वह बाहर निकल कर देखती है, तो पापा को देखकर वह आश्चर्यचकित हो जाती है और पापा गुस्से से बोलते हैं- जब मैं इस घर में नहीं हूं, तुम्हारी मां की जिम्मेदारी भाई और तुम्हारी होती है लेकिन तुम बेहद ही गैर जिम्मेदार निकली जो अपनी मां को इस हालत में छोड़कर तुम अपने काम में व्यस्त रही।
शालू को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि आखिर पापा ऐसा क्यों बोल रहे हैं? उसके बार-बार पूछने पर भी पापा ने कोई जवाब नहीं दिया और ना ही उससे मम्मी को मिलने दिया।
शालू रोते हुए- पापा प्लीज मुझे मम्मी से मिलने दीजिए। मैं तो इंस्टाग्राम रील बना रही थी ठीक वैसे ही जैसे फ्रेंड सुमन बनाया करती है।
पापा- मैंने तुम्हें बचपन से ही सिखाया है कि कभी किसी से compare नहीं करना चाहिए जो काबिलियत तुम्हारे अंदर है, उस पर ध्यान दो।
अब तक शालू को समझ में आ चुका था कि रात को मम्मी की तबीयत बिगड़ गई थी और उनका ब्लड प्रेशर काफी हद तक बढ़ चुका था शायद यह सब शालू की वजह से ही था जिसने मम्मी को परेशान करके रखा हुआ था।
लेकिन पापा के गुस्से के आगे वह कुछ नहीं कर पा रही थी और कहीं ना कहीं उसे लग रहा था कि पापा ने बिल्कुल सही किया है। अगले 2 दिन तक पापा ने शालू को मम्मी से मिलने नहीं दिया और इस बात का अफसोस उसे हमेशा रहा कि आखिर क्यों उसने मम्मी का ध्यान नहीं रखा?
2 दिन बाद मम्मी ने खुद ही शालू से मिलने की बात की तो पापा मना नहीं कर पाए।
मम्मी– बेटा अगर तुम उस दिन मेरे साथ रहती तो मैं इतनी परेशान नहीं होती।
शालू- मुझे माफ कर दीजिए मम्मी। इंस्टाग्राम के चक्कर में मैंने ना पढ़ाई पर ध्यान दिया और ना ही आप पर। मैंने तो बस सुमन को देखकर ही ऐसा किया था जिस ने मुझे बताया था कि इसका उपयोग करने से हम जल्दी ही फेमस हो जाते हैं लेकिन मुझे क्या पता कि इस के चक्कर में मुझसे इतना बुरा हो जाएगा।
मम्मी- कोई बात नहीं बेटा लेकिन आगे से ध्यान रखना।
पापा- सोशल मीडिया का उपयोग करना गलत नहीं है लेकिन हद से ज्यादा उसके ऊपर निर्भर होना सही भी नहीं है। इस उमर में तुम्हें पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए ताकि तुम अपने भविष्य को संवार सको और हमें गर्व महसूस करवा सको। इस बार तो तुम्हें हमने माफ कर दिया लेकिन अब गलती दोबारा मत करना।
शालू ने सब से माफी मांगी और उसे अपनी गलती का एहसास हुआ। अब उसने अपने मोबाइल पर कम और पढ़ाई पर ध्यान देना शुरू कर दिया जिससे मम्मी पापा भी खुश रहने लगे।
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