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जीवन को खुबसूरत कैसे बनाएं

बनाएं अपने जीवन को खूबसूरत

सोशल मीडिया के चकाचौंध के बीच में हर इंसान और आने पीढ़ी इसी में फंस कर रह गई है। सोशल मीडिया और स्मार्टफोन हमारे लिए बहुत जरूरी है 🙂

सोशल मीडिया और जो स्मार्टफोन है, यह हमारी जिंदगी में धीरे धीरे दखल देने लगा है और हमारा सुख, चैन, नींद, समय, रिश्ते सब कुछ खाता जा रहा है, इसके अलावा भी इसने बहुत सारी चीजे हमारी जिंदगी से गायब कर दी।

फोन ने सबसे घड़ी, कैलेंडर, अलार्म खाया। उसके बाद टेलीविजन और रेडियो, उसके बाद हमारे फ्रेंड, रिश्तेदार और फैमिली मेंबर सब के सब स्मार्ट फोन के चपेट आ गए। अब के समय में हमारा ऑफिस, हॉस्पिटल, स्कूल, रेस्टोरेंट, कैब, ट्यूशन सबको देखते देखते निगल गया।

आज के समय में कोई भी हो उसे स्मार्ट फोन और मोबाइल की जरुरत है। हम फोन को इस्तेमाल करते है। लेकिन धीरे धीरे मोबाइल भी हमारा इस्तेमाल करने लगा है।

अपने जीवन को खूबसूरत कैसे बनाएं?

Technology को जो काम करना है, उसे करने दीजिए, क्योकि वह अगर हम पॉजिटिव Way में ले तो यह हमारा समय, उर्जा और पैसे ही बचा रहा हैं। लेकिन इस ब्रह्माण्ड में सबसे जरूरी है कि अपने जीवन को जीना, Life is beautiful इस जीवन के खूबसूरत पलों को सजोना, बस इसी में ख़ुशी तलाशे। कुछ इस चीजें हमारे हाथ में नहीं होती है, जैसे हम चाहते है।

लेकिन जीवन की शुरुआत में हम अपने लिए कुछ लक्ष्य बना कर रखते है। कुछ सपने सजा के रखते है, हमें उनको प्राप्त करने का यथासंभव कोशिश करनी चाहिए।

जीवन को खूबसूरत बनाने के कुछ Tips

1. लोगों से कोई उम्मीद मत रखें

जिंदगी(Life) खराब होने का यह एक बहुत बड़ा फैक्टर होता है कि हम अपने जीवन में खुद से ज्यादा दूसरे से उम्मीद लगा के रखे होते है। यह हमारा दूसरे से ज्यादा उम्मीद लगा के रखना बहुत ज्यादा घातक सिद्ध होता है।

इंसानों के बारे में कहा जाता है कि इंसान एक सामाजिक प्राणी है और सामाजिक प्राणी होने के नाते हम दूसरे लोगों से ना चाहते हुए भी जुड़ जाते है। कुछ लोगों से हम ज्यादा ही Emotionally जुड़ाव महसूस करते है।

लोगों से उम्मीद रखने में भी कुछ महत्वपूर्ण बात है कि यह हर किसी से उम्मीद नहीं रखते है। जिससे भी उम्मीद रखते है कि वो भी तो एक इंसान होता है, जिसकी कोई जरूरत होती है और दोनों में किसी पॉइंट पर मैच नहीं बैठ पाता है। यह असंतुलन खड़ा हो जाता है। यह समय बीतने के बाद यही हमारे दुख का कारण भी बन जाता है।

लोगों से जुड़ना बहुत जरूरी है लेकिन उम्मीद रखने से दुख और संताप के आलावा कुछ भी हाथ नहीं लगता है। भगवान बुद्ध ने भी दूसरे से उम्मीद रखने को दुख का कारण बताया हैं।

2. एकांतवास का आनंद लेना चाहिए

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, लोग एक दुसरे से जुड़े हुए रहते है। जानवरों के भांति हमें भी अकेले रहने से डर लगता है। यही डर होने के कारण हम समूह बना कर रहते है। लोगों को जमावड़ा हमेशा हमारे आस पास लगा रहता है।

अकेले कहीं पर भी जाने में, घूमने में हमें डर लगता है। इस डर सबसे बड़ी वजह हमारे जेनेटिक विकास छुपी हुई होती है।

आदिकाल में हम बंदरों के जैसा रहते थे और अपने पोषण के लिए शिकार पर निर्भर करते थे उसी समय अकेले जाने में बहुत ज्यादा खतरा होता था, अकेले जाने में यह डर हमेशा लगा रहता था कि कोई जानवर हमारा शिकार ना कर जाए। उस समय डर अब तक हमारे पास मौजूद हैं ।

लेकिन इस डर पर विजय पाना बहुत जरूरी है। कुछ समय में एकांत वास में बैठ चिंतन करने से हम अपने आप को, अपने कर्तव्य को और अपने आस पास के पूरे यूनिवर्स को समझते है, उससे जुड़ने का प्रयास करते हैं। एकांतवास में बैठने से आंतरिक शांति मिलती है। और मन के भीतर चल रहा द्वंद्व युद्ध शांत हो जाता है।

इसी दैनिक स्तर पर एकांत में बैठने का अभ्यास लंबे समय तक शांति और खुशी की अनुभूति देता है।

3. देने की मानसिकता रखें

हमको कुछ भी मिलता है और इससे हमको खुशी मिलती हैं। हमारे अंदर एक असंतुष्टि होती हैं। जिसकी हमें आवश्कता होती है। एक अंदर ही अंदर सिर्फ लेने की प्रवृति बन जाती है।

इसी के साथ इसी के विपरीत हम दूसरों को कुछ भी देने की प्रवृति भूल जाते है। सबकुछ अपने पास ही सिमट कर रखना चाहते हैं। उसे खोना नहीं चाहते है। यही से लालच की शुरुआत होती है,और हम खुश रहना भूल जाते है। लालच से फिर बेचैनी और अशांति की शुरुआत हो जाती हैं।

इसलिए देने की मानसिकता रखना बहुत जरूरी है।

जब हम जंगल में रहते थे और सिर्फ शिकार करते थे, उस समय भी शिकार कर के आने के बाद समूह के सभी लोग मिलकर कर खाते थे और उत्सव मनाते थे। मिलजुल कर और बांट कर खाने से आज भी हमको खुशी मिलती है।

इस जमाने में किसी से भी प्यार पाने के अलावा प्यार देना जरूरी है। किसी को यह सोच कर कभी मत दो कि बदलें में उससे भी तुम कुछ वापस चाहते हो। निस्वार्थ भाव से लोगों को दीजिए।

और इस देने के प्रवृति की शुरुआत करने के लिए रोड पर जो लोग सोते है उनको भोजन करा सकते है। जिसकी जरूरत हो, उसकी मदद भी कर सकते है। देने की प्रवृति होना बहुत जरूरी है। सबको अपने अंदर इस देने की प्रवृति को विकसित करनी चाहिए। इससे जिंदगी(life) में खूबसूरती बढ़ती रहती हैं।

4. अध्यात्म को जीवन का हिस्सा बनना

नास्तिक होना कोई कूल होना नहीं होता है। भगवान पर विश्वास नहीं करना, पूजा पाठ को ढोंग बताना यह सब हमारें Modern होने का सबूत नहीं हैं।

यह आधुनिक सामाज और आधुनिक दर्शन की देन हो सकती है। आध्यात्म का हमारे जीवन में प्राचीनकाल से ही बहुत ज्यादा योगदान है।

इस समय तो पूरा पश्चिम तो आध्यात्म के पीछे पागल है और हम आज Modern होने की आड़ में आध्यात्म से मुहं मोड़ रहे हैं। आज हम भारतीय लोग अपने ही ध्यान और योग को, अमेरिकी लोगों को देख-देख कर करने लगे है।

इस समय जीवन और पर्यावरण का जो हालत हुआ है, इसके लिए इंसानों को छोड़ कर कोई और जिम्मेदार हो ही नहीं सकता है। इसके लिए हमारा नज़रिया ही हैं सिर्फ और सिर्फ जिम्मेदार।

प्रकृति से छेड़छाड़ करने का नतीजा है कि प्रकृति हमको भी सता रही हैं। पिछले 2 सालों से पूरा देश घरों में बंद पड़ा हैं, देश में lockdown का माहौल है। सब लोग इससे बहुत परेशान है।

इस माहौल में जीवन को खूबसूरत बनाने के लिए आध्यात्म बहुत जरूरी चीज है, किसी एक अलग आर्टिकल में आध्यात्म को पूरी तरह से समझते है।

लेकिन आप आध्यात्म से जुड़ने के नाम पर दैनिक स्तर पर सिर्फ ध्यान करते है। Breathing exercise करते हैं और सत्संगत का हिस्सा बनते है, तो आप प्राथमिक स्तर पर अध्यात्म से जुड़ सकते है। सिर्फ छोटे छोटे प्रयास का कभी कभी जीवन में बहुत बड़ा योगदान होता है।

नंगे पैर सुबह पार्क में घूमना और छोटे छोटे बच्चो के साथ समय बिताना भी बहुत जरूरी है।
इससे जीवन खूबसूरत बन जाता है। हर पल खुशी से भरा हुआ हो सकता है।

5. सोशल मीडिया और स्मार्टफोन का कम से कम इस्तेमाल करें।

आज के समय में लोगों का बहुत सारा समय सोशल मीडिया पर बीतता है। स्मार्टफोन तो ऑक्सीजन से भी ज्यादा जरूरी हो गया है।
जिस वजह से जिंदगी का एक बहुत ज्यादा समय इन सब में बीत जा रहा है।

आज समय में इंस्टाग्राम पर रील बना कर वायरल होने से सब कोई परेशान है। सब कोई इसमें ही लगा हुआ है।
इस वजह से बहुत ज्यादा समय ऐसे ही बेकार होता जा रहा है।

सोशल मीडिया और स्मार्ट फोन का सीन ऐसा है कि इसके लिए माता पिता भी बच्चो को डांटते नहीं है। खुद माता पिता बच्चो को मोबाइल और सोशल मीडिया से वास्ता कराते है।

Lockdown में स्कूल कॉलेज बन्द रहने के कारण बच्चों का स्कूल भी मोबाइल में zoom पर होने लगा।
लोगों का स्क्रीन टाइम बढ़ गया है।

डाटा के अनुसार आज के समय एक औसत इंसान अपने दिन का कम से कम 8-10 घंटा mobile फोन में बिताता है।

इससे जिंदगी का एक बहुत बड़ा हिस्सा बर्बाद हो रहा है। कुछ समय बाद ऐसा आएगा है कि कुछ लोग इन ऐप्स का उपयोग कर बहुत ज्यादा अमीर बन जाएंगे। उन लोगों को देख कर बहुत सारे नए लोग भी इसकी तरफ आकर्षित होंगे। सोशल मीडिया पर ज्यादा टाइम बिताने की वजह से उनका भविष्य बहुत ही अंधकार में चला जाएगा और दिमाग और भी सुस्त जाएगा।

इसलिए जरूरी है कि समय रहते इन सबसे आजाद हो जाए और अपने वास्तविक जीवन में खुशी और प्यार तलाशें और जीवन को खूबसूरत बनाएं।

Final word

जीवन में खूबसूरती तलाशने की कोशिश करनी चाहिए। हर एक पल का आंनद लेना चाहिए इसके लिए जरूरी है कि हम अपने जरूरत को पूरा करें।

जीवन में एक अलग अध्याय जोड़ सकते है। जरूरी चीज है कि हम अपने जीवन में एक मानक निर्धारित करें। इस मानक के अनुसार जीवन को डिजाइन करें और एक Wishlist बनानी चाहिए। उस Wishlist को पूरा करने के लिए मेहनत करना बहुत जरूरी है।

दैनिक स्तर पर आकलन करते रहना चाहिए कि आज हम अपने सपने के लिए कितना काम किए और वास्तव में कितना कुछ करना चाहिए। हम क्या क्या कर सकते है?

जीवन में सबसे ज्यादा कोई चीज मायने रखता है, तो वह खुशी है। हमेशा खुश रहने की कोशिश कीजिए, हमेशा अपने काम को प्राथमिकता दीजिए, उसके लिए लगातार मेहनत करते रहिए। जीवन बदल सकता है और खुश रहते हुए काम करते रहिए।

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