Importance of money in life in Hindi, how much do money you need?
हमें अपने जीवन के लिए कितने पैसों की जरूरत होगी, इसका निश्चित अनुमान लगाना नामुमकिन प्रतीत होता है? क्योंकि दुनिया में यह भी निश्चित नहीं कि हम कब तक अपना जीवन यापन कर सकेंगे? क्योंकि इंसान को अगर यह पता चल जाए कि हम कब तक हम जिन्दा रहेंगे तो फिर वह यह अनुमान लगा सकता है कि उसे जीवन जीने के लिए कितने पैसों की जरूरत पड़ेगी।
आज कोई भी संसार में अपनी दौलत और पैसों से संतुष्ट नहीं है, क्योंकि जिसके पास जितने अधिक पैसे होते हैं उसके ख्वाब भी उतने ही बढ़ते जाते हैं और उन्हें भरपूर संपत्ति भी कम लगने लगती हैं,
अतः लोग कभी भी अपने पैसों को काफी नहीं समझते, पता नहीं पैसों में ऐसी क्या चीज होती है कि लोग उसे जितना कमाते हैं उससे कहीं ज्यादा उसे कमाने की फिर से सोचते हैं।
लेकिन आज तक कोई भी इस बात से संतुष्ट नहीं हो पाया है कि उसके पास जीवन जीने के लिए काफी पैसे हैं, काफी पैसे होने के बाद फिर भी वे हर वक्त पैसे कमाने की सोच में डूबे नजर आते हैं।
यूं ही पैसे कमाते-कमाते ज्यादातर लोग अपना जीवन गुजार लेते हैं परंतु अगर देखा जाए तो सिर्फ पैसे कमाने से ही संसार की हर एक खुशी नहीं मिल पाती और न ही संसार का ज्ञान मिल पाता, हां यह सच है कि पैसे भी जीवन में जरूरी हैं, जिससे हम अपनी कुछ जरूरतें पूरी करते है, क्योंकि बिना जरूरतें पूरी करके भी हम अपना जीवन अच्छे ढंग से नहीं जी सकते।
लेकिन हमारे जीवन में सिर्फ उतने ही पैसे काफी हैं जितने पैसों से हम अपना जीवन का गुजारा सही ढंग से कर सकते हैं।
जीवन का गुजारा सही ढंग से करने के लिए हमें घर मकान और रोटी की जरूरत तो पड़ती ही है परंतु इससे बढ़कर भी कुछ ऐसी आवश्यकताएँ होती है जिसके लिए हमें धन की जरूरत होती है।
कहे तो धन जीवन जीने के लिए बहुत ही आवश्यक है और हर किसी के जीवन में धन की एक महत्वपूर्ण भूमिका है लेकिन धन के महत्व से ज्यादा धन होने पर भी, लोग उसका सही उपयोग नहीं कर पाते और उन्हें तरह-तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
हमें अक्सर यह सलाह दी जाती है की हमें अपने जीवन में सिर्फ उतना ही धन कमाना चाहिए जिससे कि हम खुद की तथा अपने परिवार की आवश्यकताओं को पूरा कर सके, इसके विपरीत लोगों के बीच मान्यता होती है की ज्यादा धन होने पर भी लोगों को खुद पर घमंड होने लगता है और वही घमंड हमें चूर चूर कर देता है।
धन एक ऐसी चीज है जिससे हम सुविधाओं की चीज खरीद सकते हैं इससे बढ़कर धन से और कोई भी चीज नहीं खरीदी जा सकती जो लोग हमेशा खुश रहते हैं वे सिर्फ इतना ही धन कमाते हैं, जिससे कि आवश्यकता की वस्तुएं खरीदी जा सके। वे लोग इससे ज्यादा पैसा कमाने की सोचते भी नहीं हैं, बस हर वक्त कुछ पैसा अपने पास बचाए रखते हैं जो जरूरत के वक्त काम आ सके।
क्योंकि इंसान को पैसों की सिर्फ इतनी जरूरत होती है जितनी कि, एक गाड़ी को पेट्रोल की होती है क्योंकि बिना पेट्रोल की गाड़ी चल नहीं सकती। फिर भी पेट्रोल गाड़ी को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए आवश्यक होता है। वैसे ही बिना पैसों के इंसान भी अपना जीवन नहीं चला सकता और उसे भी जीवन में अपनी मूलभूत आवश्यकताओं की पूरी करने, सुविधाओं का भोग करने के लिए पैसों की आवश्यकता होती है।
हमेशा लोग सोचते हैं कि मेरे पास पैसे कहां से आएंगे? लेकिन पैसा कहता हैं कि अगर इंसान कुछ अच्छा कर्म करे तो मै उसके पास स्वयं चले जाऊँगा। इसलिए अक्सर इंसान दूसरों से अधिक पैसा कमाने की होड़ में कड़ी मेहनत करते हैं।
कई लोग इतना पैसा इकट्ठा कर देते हैं, जिससे उन्हें वह पैसे खुद बर्बाद करने लग जाते हैं और उन्हें समझ नहीं आता, कि उपयोग से ज्यादा पैसे उनके लिए लाभदायक नहीं है, बेहिसाब पैसा अक्सर मनुष्य को हमेशा हानि पहुचाता हैं और मूल्यवान पैसा फालतू के खर्चे में बर्बाद होता जाता हैं।
हम आज आपको इस लेख में यह बात बताने जा रहे हैं कि हमें एक अच्छे जीवन जीने के लिए कितने पैसों की जरूरत होती है और कितने पैसे हमारे एक अच्छे सुखमय जीवन के लिए काफी कहलाते हैं।
वैसे तो हर एक इंसान को हर वक्त पैसे की कमी ही खोलती है, क्योंकि पैसा है ही ऐसी चीज, जिसके अधिक पास होने पर कुछ न कुछ विचार मन में आते रहते हैं और उस पैसे का इस्तेमाल करने के लिए हम मजबूर हो जाते हैं परंतु जब हमारे पास पैसे होते ही नहीं तो हमारे मन में कोई विचार आते ही नहीं और हम अपने उसी जीवन से संतुष्ट रहते हैं।
एक अच्छें जीवन जीने के लिए वैसे तो ज्यादा पैसों की जरूरत पड़ती नहीं, क्योंकि जीवन में सुख और आनंद कभी भी पैसों से खरीदा नहीं जा सकता इसलिए जो लोग भी आनंदभरा जीवन जीना चाहते हैं।
उन्हें कभी भी ज्यादा पैसे कमाने की सोचनी ही नहीं चाहिए क्योंकि पैसे कमाने की सोच ही एक ऐसी चीज है जो हमारे जीवन में कई प्रकार की परेशानियां खड़ी कर देती है। और हमें हमारे जीवन के छोटे-छोटे लक्ष्यों से भटका देती है।
परंतु जो इंसान एक अच्छा सुख में जीवन जीता है, उस इंसान के पास ना ही ज्यादा पैसे होते हैं, और ना ही कम कहे तो उसके पास उसके जीवन जीने के लिए काफी पैसे होते हैं।
सबसे पहले एक अच्छे जीवन के लिए अच्छे परिवार का होना जरूरी है और उस परिवार में रह रहे लोगों का आपस में संबंध अच्छे होने चाहिए। पैसे इतने होने चाहिए कि घर का मुखिया अपने हालातों के अनुसार परिवार के सभी सदस्यों की जरूरत आसानी से पूरा कर सकें।
यह मायने नहीं रखता कि घर कैसा हो, कितना बड़ा हो, मायने यह रखता है कि दो वक्त की रोटी हर किसी को उस परिवार में मिलनी चाहिए और परिवार में हर कोई परिवार से मिलने वाले सभी सुख सुविधाओं से संतुष्ट होने चाहिए।
उस परिवार में रह रहे सदस्य भले ही अपने बड़े बड़े शौक पूरे न कर पाए परंतु अपनी छोटे-छोटे शौक पूरे करने की क्षमता रखते हो और बच्चें अपनी पढ़ाई कि सभी आवश्यक चीजें हासिल कर सके।
परिवार में लगभग एक या दो सदस्य अच्छे पैसे कमाने लायक हो जिससे कि उनके परिवार का खर्चा बड़ी ही आसानी से चल जाए और वे बड़ा ही सुखमय जीवन जी सके। यदि घर के मुखिया द्वारा परिवार में हर किसी की समस्या का समाधान किया जाए और सभी सदस्यों को हमेशा खुश रखा जाए तो ऐसे परिवार में ज्यादा पैसों की जरूरत नहीं पडेगी।
पैसों से ज्यादा खुशी मायने रखती है, अगर परिवार के सदस्य एक दुसरे के साथ मिलकर सुखमय जीवन बिताते हैं, तो मुसीबत के समय यदि उन्हें पैसों की जब हही जरूरत पड़ेगी तो संभावना है ऐसे परिवार का प्रत्येक सदस्य हमेशा एक दूसरे के साथ खड़े रहेंगा और पैसों की कीमत उनके सामने कोई भी मायने नहीं रख सकेगी।
जब कोई परिवार ऐसा हो तब कहा जा सकता है कि इस परिवार के लिए पैसे काफी हैं, क्योंकि ऐसे हालातों में परिवार बहुत ही आनंदमय तरीके से जीवन यापन करता है और इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि हमें जीवन जीने के लिए कितने पैसों की आवश्यकता होती है?
इसलिए एक अच्छे परिवार के लिए सिर्फ उनकी जरूरतें पूरा होना ही काफी होता है उस परिवार के सदस्यों को ज्यादा पैसों की आवश्यकता नहीं पड़ती और ऐसे परिवार के सदस्य हर वक्त खुश रहते हैं, आनंद भरा जीवन जी लेते हैं।
अगर पैसे ज्यादा होते हैं तो शौक भी ज्यादा होते हैं, पता नहीं चलता है कि कितने पैसे कौन से शौक को पूरा करने में खर्च हो रहे हैं इसलिए पैसे कम ही होने चाहिए लेकिन उनका प्रयोग अच्छा होना चाहिए।
क्योंकि कहा जाता है पैसों से सिर्फ भोजन खरीदा जाता है भूख नहीं, पैसों से बिस्तर खरीदा जाता है नींद नहीं, पैसों से सिर्फ शौक पूरे होते हैं चैन नहीं, पैसों से सिर्फ कपड़े खरीदे जाते हैं इज्जत नहीं।
इन सभी से यही साबित होता है कि पैसों से कभी भी आनंद नहीं खरीदा जाता। इसलिए पैसे सिर्फ उतने ही कमाओ जितने पैसो का प्रयोग तुम अपनी जीवन में कर सकते हो क्योंकि ज्यादा पैसे होने पर भी अक्सर लोग बेचैन नजर आते हैं।
याद रहे दान, भोग और नाश – पैसे, धन की केवल यही तीन गतियाँ हैं। जिसने दान न दिया और न धन का उपभोग किया हो, उसके धन की तीसरी गति ही होती है, जो है नाश।
सीख- हमें इस लेख से यह सीख मिलती है कि हमें सिर्फ उतने ही पैसे कमाने चाहिए जितने का उपयोग हम अपने घर परिवार की जरूरतों को पूरा करने में सकते हैं। ज्यादा पैसे होने पर भी इंसान हर वक्त तनाव में रहता है। और उन पैसों का दुरुपयोग कर देता है।
क्योंकि हर कोई अपने परिवार के लिए ही कमाता है. जब परिवार वालों की जरूरत पूरी होती है तो परिवार में एक अलग ही खुशी रहती है जिसके कारण वह परिवार आनंद से परिपूर्ण होता है।