“Knowing yourself is the begging of all wisdom” – Aristotle
अरस्तू के इस फेमस quote में जीवन और जीवन से जुड़ी बहुत गहरी बातें कहीं गई हैं। हम सभी लोग अपने दिमाग में ये समझे बैठे है कि source of wisdom जो है, वो कहीं बाहर से आयेगा। किसी बड़े लेखक की कहीं गई मोटी-मोटी और गहरी गहरी बातों से आयेगा।
किसी बड़े आध्यात्मिक गुरु, मोटिवेशनल स्पीकर को Daily सुनने और अष्ट्रावक्र गीता और भगवदगीता को पढ़ने से हमें next level की wisdom मिल जाएगी, तो ऐसा बिल्कुल नहीं है, ऐसा करने से आपको अच्छे या बुरे का ज्ञान जरुर मिल जाएगा, परन्तु फॉलो करना या न करना केवल आप पर निर्भर करता हैं।
जब तक कोई व्यक्ति अपने आपको अच्छे तरीके से नहीं जानता। अपने True Self / Nature से परिचित नहीं होता, तब तक फिजूल है। डीजल वाली गाड़ी में पेट्रोल और पेट्रोल वाली गाड़ी में डीजल डालने के समान है।
तो आइए शुरू करते है, और जानने का प्रयास करते है, उन रास्तों का जिससे अच्छे तरीके से हम खुद को जान सकते है।
“To truly know yourself is the most important skill you can poses ever.”
जब हम इस बात से अवगत हो जाते है कि हम कौन है(who we are), तब हमको यह बात आसानी से पता चल जाती है कि self improvement के लिए क्या क्या जरूरी है?
जब हमें इस बात का ज्ञान हो जाता है कि हमारा true self किस फील्ड में अच्छे से परफॉर्म करता है, तो finally हम पहले से ज्यादा अच्छे तरीके से purpose को समझ पाते है और इस दुनिया में एक बड़ा इंपैक्ट create कर पाते है।
अब हम जानने के प्रयास करते है , उन सारी तकनीकों को जिसके मदद से हम अपने true self को discover कर सकते है अपने आप को खोज सकते हैं और खुद को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं जो की किसी भी कार्य को करने के लिए सबसे ज्यादा जरुरी हैं।
1. शांत रहें (Be quiet)
हमारे आस पास पहले से ही बहुत सारा शोर पड़ा है। इतनी सारी negativity से माइंड के vibes और vibration change हो जाते है।
सोशल मीडिया और अपने मोबाइल पर हम अपना बहुत सारा एनर्जी और टाइम लगा देते है, उससे हमारे अंदर बहुत ज्यादा improvement तो नहीं आता है, लेकिन इसके चक्कर में हमारा बहुत कुछ खो जाता है और इसके चक्कर में हम अपने अन्दर एक शोर create कर लेते है। इससे बचने के लिए शांत रहना और शांति की तलाश बहुत जरूरी है।
हम अपने जीवन में देखें, तो दो तरह के शोर है, एक है बाहरी शोर। जिसको हम चाह कर भी कंट्रोल नहीं कर सकते है, बाहरी शोर हमारे कंट्रोल के बाहर होते है।
दूसरा होता है आंतरिक शोर। जिसे इंग्लिश में inner noise कहते है।
यह inner noise बाहरी शोर से बढ़ता है, लेकिन एक बात है, इस inner noise को कंट्रोल किया का सकता है। एक बार जब inner noise शांत हो जाता है, तब बाहरी शोर का हम पर इतना असर नहीं पड़ता है। इसलिए inner लेवल पर शांत रहना बहुत जरूरी है, तब हम अपने true self को आसानी और सीधे रास्ते से प्राप्त कर सकते है।
भगवद्गीता में इस अवस्था को स्थितप्रज्ञ कहा गया हैं।
2. Realize who you truly are, not who you want to be.
(आप अपने वास्तविक स्वरूप को अनुभव करें, ना उसको जो आप बनना चाहते हैं)
Spirituality की दुनिया से मेरी थोड़ी जान पहचान बचपन से थी, मेरे ऊपर मेरी दादी का affects था। उसके बाद उम्र बढ़ने पर कुछ ज्यादा ही बढ़ गया। आप ऐसे समझ सकते है, घर से निकाल चुका हूँ, रास्ते में हूं, डेस्टिनेशन की खोज अभी बाकी हैं।
हल्का फुल्का इधर-उधर से जानने के बाद मुझे महर्षि रमन्ना के बारे में पता चला। महर्षि ने “Who am I” का जो अद्भुद सिद्दांत दिया है, वो सब आज की दुनिया में most relevant है। हम सब इस दुनिया में आए है, एक लाइफ जी रहे है, इस अस्तित्व में आए है, तो सबसे जरूरी हो जाता है। अपनी वास्तिकता से अवगत होना।
हम जो बनना चाहते है, वो सिर्फ एक illusion है, हम जो असल में है, उसकी अनुभूति से हम अपने जीवन को आसान बना सकते है, कई प्रकार के चिंताओं से परे एक शांति भरा और सुखमय जीवन का अनुभव उठा सकते है।
3. Redesign your past mental Representation
(अपने अतीत के मानसिक चित्रण को पुनः सजाएं)
हमारे साथ जो कल हुआ है, उसी से हमारा आज बना है और जो आज मेरे साथ होगा, उसी से मेरा future decides होगा।
“Today is the tree which is seeded in yesterday.
And Future will be shaped by Today”
हमारे पास टाइम मशीन जैसा कुछ नहीं है, जिससे हम अपने अतीत में जाकर की गई गलतियों को सुधार सके। मगर हम अपने सोचने का नजरिया बदल कर अपने अतीत को beautify कर सकते है।
ऐसा करने से हमारा अतीत के प्रति सारा regrets ख़तम हो जाएगा और हम अपने future को अपने inner self और true self के मुताबिक डिजाइन कर सकते है। और अपने जीवन को बेहतर आयाम और true shape दे सकते है।
मै यहां पर कुछ तरीकों को बताता हूं, जिससे आप अपने past mental representation को change कर सकते हो।
- आप सबसे पहले उन सारी चीजों की एक लंबी सी लिस्ट बनाइए, जिसे आप चाहते थे कि होनी चाहिए।
- उन सारी चीजों का भी एक लिस्ट बनाइए, जो हुई है, जिसे आप नहीं चाहते थे कि होना चाहिए।
पहली लिस्ट में आप देखिए, ऐसी कौन सी चीज है, जो past में नहीं हुई थी, जिसे आप वर्तमान में कर सकते है। उस लिस्ट में ऐसा कुछ है, तो आप उसे फिर से कर लीजिए।
ऐसा करने से regrets ख़तम होगा और आपका satisfaction boost होगा।
अब आप दूसरे लिस्ट में देखिए, जो चीजें हुई, जिसे आप चाहते थे नहीं होनी चाहिए। उसके होने से क्या कुछ अच्छा हुआ है। उसके होने से आपका जीवन में क्या कुछ सकारात्मक बदलाव आया है। उसके लिए आप एक बार यूनिवर्स को दिल पर हाथ रख कर “thanks” बोलें।
एक बात हमेशा ध्यान में रखें
“अपने मन की हो तो बहुत बढ़िया है और नहीं हो तो और भी बढ़िया है, क्योंकि जो यूनिवर्सल डिसाइड होगा, वो हमारे आपके सोच से हमेशा बेहतर ही होगा।
याद रखे भगवान् जो करता हैं, वो अच्छे के लिए ही करता हैं, क्या पता जो नहीं होना चाहिए था अगर वो हो गया तो उसमें भी भगवान ने कुछ अच्छा ही सोचा होगा, क्योकि परमपिता अपने बच्चो का बुरा तो चाहेगा नहीं।
4. Question yourself (अपने ऊपर सवाल उठाएं)
ये बहुत जरूरी है कि दुनिया, माता पिता, भाई बहन, spouse, किस्मत और भगवान पर सवाल उठाने से अच्छा है कि आप खुद के belief, खुद के ego, खुद के knowledge, खुद के identities, खुद के capabilities पर question करें।
क्या आप जानते है, आपका जो belief है, knowledge है, ego है, सही है?
इसको करने का सबसे बेहतर तरीका है कि
ऐसे देखें की आप दूसरों के साथ जैसा behave करे, अगर आपके साथ कोई वैसा ही behave करे, तो आपको कैसे लगेगा?
अगर आपमें कोई कमी है, तो उसे दूर कीजिए, कोई गलती है तो सुधारिए, अपने wrong knowledge को सही कीजिए। आपसे कोई गलती हुई है, तो उसे accept कीजिए, अपनी गलती मानिए। ऐसा करने से आप अपने True self के और करीब जाएंगे। खुद को बेहतर बना सकते है।
अपनी originality को feel कर सकते है, Question yourself शुरु कर दीजिए।
5. Find a mentor (गुरु की तलाश करें)
हमारे शास्त्रों और पुराणों में एक गुरु के महत्त्व को बखूबी बताया गया है।
कहा भी जाता है कि बिना गुरु के ज्ञान प्राप्त नहीं हो सकता ।
गुरु के ‘गु ‘ का अर्थ – ‘अंधकार’ ओर ‘रू’ का अर्थ – ‘अंधकार दूर करने वाला ‘
गुरु हमारे अंधकार मय जीवन में उजाले की किरणों का आगमन कराते है। एक गुरु ही होता है, जो हमारे अंदर के असली शक्ति को बाहर निकालता है।
एक गुरु वो ही होता है, जो किसी पत्थर को निखार निखार कर उसमें चमक लाता है।
एक गुरु वो ही होता है, जो किसी पत्थर को मूरत बनाता है।
कबीर दास ने भी गुरु के महिमा को गोविंद से बढ़कर बताया है, और कहा है कि अगर भगवान और गुरु एक साथ खड़े हो, तो सबसे पहले गुरु को चुनिए, क्युकी वो गुरु ही होता है, जो आपके अंदर समझने का ज्ञान और विवेक पैदा करता है।
इसलिए आप हमेशा एक अच्छे और सच्चे गुरु (mentor) की खोज जारी रखिए। जो आपके true potential और discover yourself की journey को आसान बना देगा।
आप एक गुरु के सानिध्य में रहकर बहुत कम समय में अपने self discover की journey को complete कर सकते है।
6. जो आप करना चाहते है, उसके बारे में सोचें (Think about what you want)
हमारी tendency ही ऐसी होती है कि हम बहुत जल्दी और बहुत कम समय में negativity से प्रभावित हो जाते है। किसी भी घटना के पोजिटिव side को देखने के पहले उसके dark और negative side को देखने लगते है और आस पास के surroundings के प्रति शिकायत और नकारात्मक सोच के चंगुल में आसानी से फंस जाते है।
खुद को बेहतर ढंग से जानने का ये बेहतर और बुनियादी तरीका है कि आप जो चाहते है,उसके बारे में सोचें। हम क्या है?, हम क्या चाहते है? ये हमारे लिए जानना बहुत जरूरी है?
हमारे अन्दर एक inner critics बैठा रहता है जो हर समय यही सोचता रहता है कि हम से ये नहीं हो सकता, हमसे वो नहीं हो सकता, हम यह करने के लायक ही नहीं है।
इन सब के चक्कर में हम इतने मशगूल हो जाते है कि हम ये समझ ही नहीं पाते है कि आखिर हम अपने लाइफ में चाहते क्या है?
जब तक हम ये नहीं जान सकते कि हम अपनें लाइफ से चाहते क्या है? तब तक हम अपने लाइफ के डायरेक्शन और destiny का सही से निर्धारण नहीं कर सकते है और अपने true self(आत्मज्ञान) को समझने में नाकाम रहेंगे।
7.अपने personal power को पहचाने
जब हमको यह पता चल जाता है कि हम अपने लाइफ में क्या चाहते है?
तब ये बहुत जरूरी हो जाता है कि हम जो चाहते है, उसको पाने के लिए हम अपने personal power को कैसे इस्तेमाल करें।
हम अपने पर्सनल power सही तरीके और सही डायरेक्शन में इस्तेमाल कर के अपनी लाइफ के destiny को भी change कर सकते है।
खुद को खुद जैसा बनाने के लिए personal power का इस्तेमाल करना बहुत essential है।
Dr. Firestone said, “Personal power is based on strength, confidence, and competence that individuals gradually acquire in the course of their development.”
आप एक entrepreneur हो या एक ग्लोबल लीडर या एक sales person, ये सभी लोग अपने पर्सनल power का इस्तेमाल करके greatness के लेवल को Achieve करते है और अपने साथ साथ करोड़ों लोगों के life में इंपैक्ट अपने पर्सनल power के बदौलत ही डालते है।
इसलिए आप भी अपने पर्सनल power का बेहतर ढंग से इस्तेमाल करना सीखिए, ताकि आप भी लोगों के जीवन में इंपैक्ट डाल सकें।
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