क्या आप को कैश मैनेज करने में प्रॉब्लम होती है ? क्या सैलरी मिलने के कुछ टाइम बाद ही आपके सारे पैसे गायब हो जाते हैं? अगर आपका पैसा आपके पास नहीं रहता और आपको बार-बार पैसे से जुड़ी प्रॉब्लम्स फेस करनी पड़ती है तो आपको यह Book Summary जरूर पढ़नी चाहिए क्योंकि इस बुक समरी में लेखिका ने इस बात को साफ-साफ बताया है कि आखिर आपके पैसे जाते कहां हैं ?
शायद आपको यह लगे कि इस किताब में पैसे की बात की जा रही है तो इसमें बड़े बड़े और मुश्किल Financial Terms के बारे में बातचीत की जाएगी लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है क्योंकि इस किताब में Author ने पैसों के बारे में बहुत ही आसान शब्दों में समझाया है।
यह किताब हर उस इंसान को पढ़नी चाहिए जिसे अपने पैसे कमाने से लेकर बचत करने में Problem होती है खासकर Students, Teenagers, Adults.
Introduction
Debt, Equity, Assets, Investments चारों ऐसे शब्द हैं जिसे सुनकर किसी भी नॉन-फाइनेंशियल व्यक्ति के सर में दर्द होने लगे। क्योंकि जो लोग फाइनेंसियल बैकग्राउंड से होते हैं उन्हें इन सब चीजों के बारे में जानकारी होती हैं लेकिन जिन लोगों की बैकग्राउंड फाइनेंशियल नहीं होती है उन्हें इन Terms को समझने में बहुत प्रॉब्लम होती है।
कुछ लोगों को तो यह सारी चीजें इतनी बुरी लगती है कि वह इन सब चीजों से पीछा छुड़ाने की कोशिश करते हैं लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आप चाह कर भी ऐसा नहीं कर सकते हैं क्योंकि Finance की नॉलेज आपको बिना इन सब चीजों को समझे नहीं मिलेगी।
और पैसे को समझना आपको तभी मुश्किल और डरावना लगेगा जब आप उसके बारे में इस तरह से सोचेंगे। इस Book Summary में आपको आपके पैसे को मैनेज करने के लिए Simple financial system के बारे में बताया जाएगा। साथ ही आपको ऊपर बताए 4 शब्दों के बारे में भी आसान शब्दों में बताया जाएगा।
The Money order
क्या आपकी लाइफ में कोई ऐसा समय रहा है जब आपके पास खाने तक के लिए पैसे ना हो। मतलब आप किसी बेकरी शॉप पर गए हैं लेकिन वहां जाने के बाद आप को ऐसा लगा हो कि अगर आप पेस्ट्री खाने की जगह पैसे को रख लेंगे तो आपके पैसे बाद के लिए बच जाएंगे। क्या आपको बिल Pay करने की चिंता हुई है।
अगर हां तो हम आपको कहना चाहेंगे कि ऐसा कोई भी व्यक्ति अपना Financial condition खुद हैंडल कर सकता है। अपने Finance को हैंडल करना बहुत ही ज्यादा आसान है आपको बस अपने पैसों को एक मनी बैंक या फिर एक पिगी बैंक की तरह देखना होगा।
अगर आप इस चीज को ध्यान से समझेंगे तो आपको यह समझ आएगा कि आप हर महीने अपने बैंक को अपनी कमाई से भर देते हैं फिर इस बैंक से थोड़ा थोड़ा पैसा अपनी जरूरतों के लिए निकाल लेते हैं और फिर अगर बॉक्स में कुछ पैसे बच जाते हैं तो आप उन पैसों को निकाल कर या तो दूसरे कामों में लगा देते हैं या फिर अपने रिटायरमेंट या दूसरे किसी इन्वेस्टमेंट में लगा देते हैं।
जो कि एक सही Approach नहीं है क्योंकि अपनी कमाई से खर्चे निकालने के बाद आपको उन पैसों को सीधे इन्वेस्टमेंट के लिए इस्तेमाल नहीं करना चाहिए बल्कि आपको उन पैसों को अपने इमरजेंसी के लिए बचा के रखना चाहिए।
यहां इमरजेंसी का मतलब कुछ भी हो सकता है हो सकता है कि आप कोई दुर्घटना के शिकार हो जाए या फिर आपकी नौकरी चली जाए या फिर आपके किसी खास की मौत हो जाए तो इस से भी बुरे हालात में यह पैसे आपकी मदद करेंगे और खास तौर पर तब मदद करेंगे जब आपको सच में पैसे की बहुत जरूरत होगी।
Don’t stash that cash
इस बुक के Author की अनु नाम की एक दोस्त है जो Author से बिल्कुल Opposite थी। बुक की Author मोनिका जहां हर चीज को पूरे प्लान के साथ इंप्लीमेंट करने पर यकीन रखती थी।
वही उनकी दोस्त अनु चीजों को बस यूं ही कर लेती थी। अनु एक Freelancer designer थी जिसे पैसे के बारे में बात करना बहुत बुरा लगा था, यहां तक कि वह इस बारे में बात करने को टाइम वेस्ट करना समझती थी।
लेकिन एक दिन अनु खुद मोनिका से पैसे के बारे में बात करती हैं जिसे सुनकर मोनिका को भी काफी हैरानी होती है। अनु मोनिका को बताती है कि हर महीने उनके बैंक में पैसे तो आते हैं लेकिन फिर उनके पैसे कहां चले जाते हैं या यूं कहें कि कैसे खर्च हो जाते हैं उन्हें समझ ही नहीं आता।
अनु की परेशानी को सुनने के बाद मोनिका यह कहती है कि अनु के Problem और आप सभी की Problem एक जैसी ही है। आप लोग हमेशा अपने पैसों को बिना कोई सिस्टम बनाएं खर्च कर देते हैं और फिर बाद में यह कहते हैं कि हमारे पास सेव करने जितने पैसे हैं ही नहीं।
अगर आपको यह नहीं समझ आ रहा है कि आपका पैसा आखिर महीने के लास्ट तक चला कहां जाता है तो आपको सबसे पहले सिर्फ दो चीजों पर ध्यान देना चाहिए
पहली चीज आपका पैसा कब आ रहा है और दूसरी लेकिन सबसे जरूरी चीज कि आपका पैसा कहां जा रहा है।
हां, शुरुआत में आपको सिर्फ अपने पैसों पर ध्यान देने की जरूरत है हो सकता है कि आपको सुनने में यह चीज है थोड़ी बोरिंग लगे लेकिन आपको अपने खर्च का हिसाब रखना ही होगा। क्योंकि अगर आप इस काम को बोरिंग तरीके से लेंगे तो आप कभी भी अपने पैसे के बारे में जान नहीं पाएंगे।
Author यह भी कहती हैं कि जब आप अपने खर्च पर ध्यान देना शुरू करेंगे तब आपको अहसास होगा कि आप कितना ज्यादा पैसा खर्च करते हैं और आपका यह कहना कि आप बिल्कुल खर्चीले नहीं है, आपकी यह गलतफहमी भी दूर हो जाएगी।
अपने खर्च पर ध्यान देने से ही आपको पता चलेगा कि आप कैसे सिर्फ Discount देखकर ही चीजें खरीद लेते हैं और कभी-कभी तो आप उन चीजों को भी खरीद लेते हैं जिसकी आपको बिल्कुल जरूरत नहीं है।
आप शॉपिंग के दौरान अपने बजट से ज्यादा चीजें खरीद लेते हैं। मोनिका की बात को अनु समझती है लेकिन खर्चों का हिसाब रखना अनु को बहुत ही ज्यादा बोरिंग लगता है और यह चीज सिर्फ अनु को ही नहीं बल्कि दुनिया के हर इंसान को बुरी लगती है क्योंकि यह चीज करना बहुत ही ज्यादा मुश्किल कामों में से एक है।
इसीलिए इस मुश्किल काम को समझते हुए मोनिका एक आसान तरीका बताती है जिससे आप और अनु दोनों ही अपने खर्च पर नजर रख पाएंगे।
अपने खर्चे और इनकम पर नजर रखने के लिए आप अलग-अलग कैटेगरी बना लीजिए। वैसे तो आपको सिर्फ Income expense और Saving की जरूरत होगी लेकिन आप चाहे तो इसकी एक से ज्यादा कैटेगरी भी बना सकते हैं।
अपने पैसों को मैनेज करने के लिए मोनिका भी तीन अलग-अलग बैंक अकाउंट का इस्तेमाल करती हैं। मोनिका ने अपने पहले बैंक अकाउंट का नाम Income account, दूसरे बैंक अकाउंट का नाम Spending account और तीसरे बैंक अकाउंट का नाम Investment account रखा है।
मोनिका कहती है कि इस तरह से अलग-अलग अकाउंट बनाकर आप अपने पैसों पर नजर डाल पाएंगे साथ ही वह कहती है कि मान लीजिए। आपके घर के बगीचे में कोई मुर्गा है जो यहां वहां घूमता है और जिसे देखकर आपको बहुत अच्छा लगता है तो क्या आप उस मुर्गे को खा पाएंगे? मोनिका आपकी तरफ से जवाब देती है और कहती है कि नहीं क्योंकि जिस चीज को पसंद करते हैं उसे आप नहीं खा सकते।
ठीक उसी तरह जब हम किसी को एक आइडेंटिटी या यूं कहें कि पहचान दे देते हैं तो फिर उसे खर्च करने पर हमें बुरा लगता है ।
Example देकर बात करें तो मान लीजिए आपने अपने सेविंग अकाउंट में कुछ पैसे डाले हैं जिससे आप कुछ और करना चाहते हैं लेकिन जरूरत के समय आपने उससे पैसे निकाल लिए तो जब आप ऐसा करेंगे तब आपको ऐसा करने पर बुरा महसूस होगा और यह चीज आपको बेकार की चीजों को खरीदने से भी रोकेगी।
मोनिका बताती है कि उनके सेविंग बैंक अकाउंट में उनकी सैलरी आती है तब वह अपने जरूरत के मुताबिक कुछ पैसे हटाकर अपने Spending अकाउंट में डाल देती हैं और अगर कुछ पैसे बच जाते हैं तो वह उन्हें अपने इन्वेस्टिंग अकाउंट में डाल देती हैं।
हो सकता है कि आपको मोनिका का तरीका थोड़ा बुरा लगे लेकिन यह तरीका सही में काम करता है क्यों, क्योंकि अगर आपकी सैलरी कम भी है तो हो सकता है आपको किसी और जरिए से पैसे मिले।
लोगों को जब भी कोई पैसा मिलता है तो वह उन्हें बिना सोचे समझे ही खर्च कर देते हैं। लेकिन आपको ऐसा बिल्कुल नहीं करना है। जब भी आपको आपकी सैलरी के अलावा भी कुछ पैसे मिले तो आप उसे अपने सेविंग अकाउंट में डालिए।
मोनिका कहती है कि इस तरह से अगर आप आपने पैसो को बैंक में डाल देंगे तब आप चाह कर भी उन पैसों को खर्च नहीं कर पाएंगे। क्योंकि जब आपके पास Cash ही नहीं होगा तो आप उसे खर्च कैसे करेंगे साथ ही आपको अपने आप को ऑनलाइन बैंकिंग से पैसे खर्च करने से भी रोकना है।
मोनिका कहती है कि हर किसी को यह तरीका जरूर आजमाना चाहिए कम से कम 3 महीने के लिए तो जरूर। इस बीच हो सकता है कि आपको अपने Spending account में पैसे कम लग रहे हो लेकिन आपको अपने इन्वेस्टिंग अकाउंट के पैसों को स्पेंडिंग अकाउंट में नहीं डालना है।
मोनिका ने यह तरीका खुद पर अप्लाई किया है जिससे उन्हें यह समझ आया कि इस तरह से अगर वह अपने पैसे को खर्च करती है तो महीने के अंत में ना सिर्फ उन्हें यह समझ आएगा कि वह हर महीने कितने पैसे खर्च करती हैं साथ ही वह यह भी समझ पाएंगी कि वह महीने में कितना इन्वेस्टमेंट कर सकती हैं। यह समझने के बाद वह चाहे तो अपने सेविंग को भी बढ़ा सकती हैं।
जब आप अपने पैसों पर अलग-अलग Label लगा देते हैं तब आप अपने पैसों को खर्च होने से बचा लेते हैं क्योंकि तब आपका दिमाग Behavioural economics को समझने लगता है और एक बार जब आपको अपने बजट पर चलने की आदत हो जाती है तब आपको उसमें चेंज लाना अच्छा नहीं लगता है।
Finally we are investing
शुरू शुरू में आप सभी की तरह मोनिका भी खुद को इन्वेस्टिंग से दूर रखना चाहती थी, क्योंकि आप ही की तरह मोनिका को भी इन्वेस्टिंग कॉम्प्लिकेटेड और डरावना लगता था। अपने Finance को मैनेज करने के बाद भी मोनिका सही तरह से अपने Finance का इस्तेमाल नहीं कर पा रही थी जिसकी वजह से उन्हें और उनके पति को घर चलाने में काफी दिक्कत हो रही थी।
शादी के कुछ समय बाद मोनिका की एक बेटी होने से उनका Financial risk थोड़ा और बढ़ गया। मोनिका अपना पूरा ध्यान अपनी बेटी पर देना चाहती थी इसलिए वह अपने दोस्त से कहती थी कि सारी चीजों को मैनेज करने के चक्कर में उनका दिमाग खराब हो गया है।
अपने घर पर एक नए मेंबर को वेलकम करने की वजह से मोनिका की लाइफ में काफी सारी चेंज आ गई थी ना तो वह पहले की तरह बाहर खाना खा पाती थी और ना ही छुट्टियों पर छुट्टी ले पाती थी लेकिन मोनिका को यह बात पता थी कि यह चीज हमेशा नहीं रहने वाली है। अपने स्ट्रगल के पीरियड में मोनिका ने बहुत कुछ सीखा था।
मोनिका समझ चुकी थी कि इन्वेस्टमेंट करना कितना ज्यादा जरूरी है और यह कहना कि हमारे पास इन्वेस्टमेंट करने के लिए पैसे नहीं है यह सिर्फ एक झूठ है। मोनिका कहती है कि अगर आप इन्वेस्टिंग करते हैं तो यह आपकी हेल्प करेगा बुरी सिचुएशन में आप को संभालने में।
इसीलिए इन्वेस्टमेंट करने का भी तीन तरीका मोनिका बताती है पहला है Almost there, In sometime और Far away
पहले Investment से आपको रिटर्न तुरंत मिलता है लेकिन दूसरे और तीसरे Investment से रिटर्न मिलने में आपको टाइम लगता है। जब आप इस तरह से Investment करना सीख जाएंगे तब आप अपने पैसों को मल्टीप्लाई करना भी सीख जाएंगे।
निष्कर्ष
उम्मीद करते हैं कि आपको यह Book Summary अच्छी लगी होगी। समरी पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर कीजिए।
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