ये बात बहुत पुरानी नहीं हैं, जब लड़के और उसके मां-बाप अपनी सेंध पर निकला करते थे, तो बेचारी लड़कियों की जान हलक में अटक जाती थी। काफूर हो गए वो दिन, बदलाव की हवाएं उड़ गई, अब तो नज़ारा कुछ और ही हैं।
हमारें पड़ोस में रहने वाले बचपन के एक दोस्त टिप्सी को लड़की वाले देखने आ रहे थे। बेचारा घबराया हुआ सा हमारें पास मदद को आया। लिहाज़ा हमने ठान ली, किसी भी तरह से, ये रिश्ता करवाकर रहेंगे।
सबसे पहले हमने Dumbbells पकड्वाए और टिप्सी को समझातें हुए कहा, ‘सबसे पहले सुनो मियां, करके वर्जिश बनो जवां, स्टाइल से उठे कदम, सीना ज्यादा तो पेट कम’ आजकल जमाना सलमान सरीखे कसरती बदन वाले लड़कों का हैं। मिस्टर शर्मा के बंटू को लड़की वालो ने उसकी स्लिम-ट्रिम फिगर की वजह से रिजेक्ट करवा दिया था।
कसरत के बाद हम टिप्सी को ब्यूटी पार्लर ले गए जहां Steaming Facial, Bleach करवाने के बाद, गहरे लाल रंग के शर्ट और स्काई ब्लू जीन्स में उसका रूप-लावण्य और भी निखर गया। उसके सुमुख पर चंचल, चपल नयन यूँ लग रहे थे मानो किसी ने नीलम के बल्ब में स्फुर्तिकरण कर दिया हो, होठ ऐसे की अब बोल उठेंगे, होंठो पर मुस्कान यूँ चिपकी हुयी जैसे टेलीविज़न से विज्ञापन, मोतियों सी धवल दन्त-पंक्ति और सर पर देवानन्द स्टाइल का फुग्गा, हम उसके रूप की ओजस्विता को देख संतुष्ट हो गएँ कि लड़की टिप्सी पर जरुर लट्टू हो जाएगी।
करीब तीन बजे शताब्दी एक्सप्रेस की तरह धड़धडाती एक कार बाहर आकर रुकी। कार से तीन लोग यूँ उतरे मानो स्रष्टि विचरण को त्रिदेव ब्रह्मा,विष्णु और महेश उतर आएं हो।
खिड़की से झाकने पर हमें दिखी एक थुलथुल सी काया जो अपने हर कदम पर प्रलय साकार कर रही थी और उसके पीछे मिमियाता हुआ एक छोटे कद का गंजा आदमी। ये तो समझ में आ गया कि ये लड़की के माँ-बाप थे और कार लॉक करके लड़की भी अवतरित हुई। कंधे पर छोटे केश, चुस्त कपडे, आँखों पर काला चश्मा, एक हाथ में मोबाइल और एक हाथ में चाबी घुमाती लड़की अपने माता-पिता सहित घर में दाखिल हुई।
घर में दाखिल होते ही लड़की की माँ ने घर का निरीक्षण यूँ शुरू किया मानो कोई मंत्री अपने विभाग का जायजा लेने आया हो। हमने उन्हें बिठाया और चाय के बहाने टिप्सी को बाहर बुलाया।
लाल जोड़े में, हाथो में चाय की ट्रे लिए सधे कदमों में टिप्सी टेबल की और बढ़ने लगा, ऐसा लग रहा था मानो विष्णु जी मोहिनी रूप में अमृत कलश लेकर बढ़ रहें हो। टिप्सी नारी-दुर्लभ सभी गुणों की खान लग रहा था। चाय टेबल पर रख कर, इस अदा से शर्मा कर वह सोफे पर बैठा, मानो सुघड़ एवम सुशील ग्रहणों (गृहणी का पुल्लिंग) का नेतृत्व कर रहा हो।
टिप्सी के बैठते हुए लड़की की माँ ने बोलना शुरू किया, हमें लड़के से नौकरी को करवानी नहीं हैं। घर अच्छे से चलने के लिए हमारी लड़की ही बहुत कमा लेती हैं। हमें तो घर संभालने के लिए सुन्दर सुशील जवाई चाहियें। लड़की जो टिप्सी को नीचे से ऊपर तक कई बार घूर चुकी थी, छुटते ही बोली – “आपकी पढाई-लिखाई से मुझे ज्यादा मतलब नहीं हैं” आप तो ये बताईये कि आप खाने में क्या-क्या बना लेते हो?
टिप्सी ने दबे स्वर में कहा – ‘जी रोटी, सब्जी, चाय, पकोड़े, वगैरह वगैरह’ लेकिन लड़की तुनक कर बोली “ये सब तो कोई भी बना लेता हैं” आप शादी से पहले कुकिंग कोर्स कर लें और बर्गर पिज़्ज़ा आदि बनाना सीखे। टिप्सी ने हलके से गर्दन हिला कर हाँ कहा।
लेकिन इसके बाद सलाई कढ़ाई बुनाई..इ इ के बारें में पूछा गया कि हम तो हिंदी वर्णमाला से ’ई’ के निष्कासन की सोचने लगे। पर शुक्र हैं टिप्सी को ये सब आता था। लड़की के माँ-बाप तृप्त दिखे पर लड़की फिर बोल पड़ी – “ये सब तो ठीक हैं पर हम आपसे एक बात तो कहना भूल ही गए”।
हम खुश थे कि बात पान-पराग पर ख़त्म हो रही थी, पर लड़की की मंशा कुछ और ही थी आजकल लडको को चाहिए कि लड़कियों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर चलें। हमने गौर किया तो पाया कि टिप्सी के कंधे वाकई झुकें हुए थे। लड़की अब तक बोल रही थी, आजकल बच्चों की ट्यूशन पर बहुत ज्यादा खर्च होता हैं और मैं नहीं चाहती कि शादी के बाद हमारे बच्चे बाहर ट्यूशन पर इतना पैसा बर्बाद करें।
कल आपको उनको पढाना पड़ेगा तो आपका सामान्य ज्ञान इतना होना चाहिए कि आप उनका होमवर्क वगैरह करवा सके। फिर वह A-K 47 की तरह दनादन शुरू हो गई, शुरुआत ऋतिक की मां से हुई फिर नार्वे के राष्ट्रपति से होते हुए Pythagoras के perpendicular पर ख़त्म हुई। शुक्र हैं टिप्सी इस परीक्षा में 62 प्रतिशत लाकर पास हो गया।
लड़की ने माँ बाप से मंत्रणा की और बताया कि उसे टिप्सी पसंद हैं हमें यूँ लगा मानो पाकिस्तानी बमबारी से बच कर हम सकुशल अपने वतन लौट आएं। हो बरहाल हमने सोच लिया हैं कि हम जल्द ही कुकिंग सिलाई कढ़ाई कोर्स ज्वाइन करेंगे पर सामान्य ज्ञान का क्या होगा? मेरा ख्याल हैं कि “कौन बनेगा करोडपति” की तर्ज़ पर अब “कौन बनेगा पति” सीरीज भी आनी चाहिए। ये हम जैसे उपयुक्त युवाओं के लिए फायदेमंद सिद्ध होगा।
बरहाल मेरे दोस्त टिप्सी की शादी मार्च में तय होना पायी हैं आप सब सादर आमंत्रित हैं, कृपया अपना खाना अपने साथ लायें और हमारें साथ खाकर हमें अनुग्रहित करें।
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Friends, कैसी लगी मेरे दोस्त Tipsy की कहानी, आशा हैं आपने इसे काफी enjoy किया होगा 🙂 सावधानी बरतने के बावजूद यदि ऊपर दिए गए किसी भी वाक्य में आपको कोई त्रुटि मिले तो कृपया क्षमा करें और comments के माध्यम से अवगत कराएं।
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