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The Psychology of Money ~ Morgan Housel (Book Summary)

the psychology of money summary in hindi

क्या अमीर बनना आपका सपना है? क्या आप चाहते हैं कि आप भी दुनिया के सबसे अमीर आदमी बने? क्या आप चाहते हैं कि आप Billions में पैसे कमाए? अगर आपका जवाब हां है तो यह किताब आपको सिखाएंगी कि आप अमीर कैसे बन सकते हैं। यह किताब आपको सिखाएगी की Wealth का मतलब क्या होता है और पैसों की कद्र कैसे की जाती हैं।

अगर मैं इस किताब को पढ़ने वाले लोगों की बात करूं तो यह किताब हर किसी के लिए बहुत अहमियत रखती हैं क्योंकि अगर आप एक स्टूडेंट है तो यह किताब आपकी जिंदगी बदल सकते हैं अगर आप बिजनेस कर रहे हैं तो हो सकता है इस किताब को पढ़ने के बाद आपके सोचने का तरीका बदल जाए और अगर आप कोई जॉब कर रहे हैं तो यह किताब आपकों अमीर बनने का पूरा रास्ता बताएगी।

Introduction

अगर मैं आपसे कोई सवाल पूछूं कि आपको एक खूबसूरत बंगला मिल सकता है या फिर आपको तीन मिलियन डॉलर मिल सकते है तो आप क्या चुनेंगे? अगर रेपुटेशन और फ्रीडम के बीच में किसी एक को चुनने को कहा तो आपका जवाब क्या होगा?

कई सारे लोग अपने आप से इसी तरह के सवाल पूछते रहते हैं कि काश मेरे पास एक बंगला होता, काश में इतने ज्यादा पैसे कमा रहा होता। क्या मैं जितना अभी पैसा कमा रहा हूं वह मेरे लिए काफी है? इस तरह के सवाल लोगों को अक्सर बेचैन करते हैं क्योंकि यह सवाल अक्सर लोगों के दिमाग में घूमते रहते हैं।

अगर आप का भी हाल कुछ ऐसा ही है और आप भी इस तरह के सवालों में ही परेशान रहते हैं तो आपके इन सभी सवालों का जवाब इस बुक में लिखा हुआ है।

ऑथर बताते हैं कि जब वह अपने कॉलेज में थे तब वह पैसे इकट्ठा करने के लिए वेटर का जॉब किया करते थे वह जिस जगह पर काम करते थे, वह लॉस एंजेलिस के सबसे महंगे होटल्स में से एक था। एक दिन जब ऑथर अपनी जॉब पर थे तब उनकी नजर एक 20-21 साल के मिलेनियर पर गई।

वह मिलेनियर काफी स्मार्ट था टेक्नोलॉजी की अच्छी पकड़ होने की वजह से उस लड़के ने वाई-फाई Router का एक ऐसा Component तैयार किया था, जिसके लिए उसे काफी अच्छे पैसे मिले थे। इसी के साथ उसने कई सारे स्टार्टअप शुरू किए थे और कुछ समय बाद उन स्टार्टअप को भी उन्होने अच्छे प्राइस पर बेच दिया था लेकिन फिर भी वह मनी मैनेजमेंट में कुछ खास अच्छा नहीं था।

क्योंकि उस लड़के को अपने पैसे की नुमाइश करने की आदत थी, वह जहां पर भी जाता था वह अपने साथ नोटों की गड्डी लेकर घूमता था और शराब पीकर बड़ी-बड़ी डींगे हांकता था। 1 दिन उस आदमी ने गाड़ी पार्क करने के लिए एक गार्ड को बुलाया और उसे अपने नोटों की गड्डी से कुछ पैसे निकालकर सामने वाली दुकान पर जाने का आर्डर दिया।

गार्ड जब दुकान पर पहुंचा तब दुकानदार ने उसे पैसे के बदले सोने के सिक्के दिए तो अब आप सोचिए कि उस यंग मिलीनियर ने सोने के सिक्कों का क्या किया होगा?

शायद आप में से कुछ लोग यह सोच रहे हो कि यंग मिलीनियर ने गोल्ड कोइंस को संभाल कर रखो होंगे, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है उस लड़के ने गोल्ड कॉइनस को समुद्र में फेंक दिया और इस काम में उसके दोस्त भी उसका साथ दे रहे थे। वह लड़का समुंदर में इस तरह से सिक्के फेंक रहा था जैसे बच्चे तालाब में पत्थर फेंकते हैं।

इस घटना के कुछ समय बाद जब वह मिलीनियर फिर से होटल में आया, तब वह होटल के लैंप से टकरा गया जिसकी वजह से वह लैंप टूट गई। लैंप टूट जाने की वजह से होटल मैनेजर ने उस लड़के को $500 का खर्च बताया जिस पर उस लड़के ने फिर से तमाशा कर दिया।

और अपने पैसे का घमंड दिखाते हुए उसने होटल के मैनेजर के मुंह पर $5000 मारा और कहने लगा कि दोबारा अपनी शक्ल मत दिखाना।

अगर आप अब तक इस कहानी को पढ़ रहे हैं तो आपके मन में यह सवाल आ रहा होगा कि क्या यह कहानी सच है ऐसा कोई कैसे कर सकता है यार? तो मैं आपको बताता चलूं कि ये कहानी बिल्कुल सच है। इस कहानी के अंत में यंग बिलेनियर जिसे पहले तो पैसे का बहुत घमंड था लेकिन बाद में उसके साथ बहुत ही बुरा होता है वह लड़का पैसे के नशे में अपना सारा पैसा खो देता है।

और अंत में उसका दिवालिया निकल जाता है क्योंकि कुछ ही सालों में उसने जितने भी पैसे कमाए होते हैं, वह वो सारे पैसे बेकार की चीजों पर उड़ा देता है। जब उसके पैसे खत्म हो जाते हैं तो वह दोस्त जो पहले उसके साथ पैसे को बर्बाद करने में मजे कर रहे थे वह भी उसका साथ छोड़ कर चले जाते हैं।

इस तरह की कई अच्छी कहानियां आपको इस बुक में आगे जाने को मिलेंगी। जो यह बताती है कि मनी ऐसी चीज बिल्कुल नहीं है जिसको लेकर आप घमंड दिखाएं, बल्कि पैसा तो एक ऐसी चीज है जो आपको कई चीजों को करने में मदद करते हैं आसान भाषा में कहें तो पैसा कोई बहुत बड़ी चीज नहीं बल्कि एक Tool है, जिसका उपयोग करके हम अपनी किसी भी जरूरत को पूरा कर सकते हैं।

Never enough

इस किताब का दूसरा चैप्टर हमें यह सिखाता है कि जब आपको दौलत मिलती है तब आप और लालची होते चले जाते हैं। एक बार जब आदमी पैसे कमाना शुरू कर देता है तो उसे समझ ही नहीं आता कि उसे कहां रुकना चाहिए मतलब एक बार वह पैसे कमाने शुरू कर देता है, तो उसके बाद वह खुद को रोक नहीं पाता है।

यह जरूरी है कि आप खुद से यह सवाल पूछे कि आपको आखिर कितने पैसों की जरूरत है क्योंकि पैसों की कोई हद नहीं होती और पैसे कमाने के चक्कर में कई बार लोग खुद को अपने आसपास के लोगों को पूरी तरह इग्नोर कर देते हैं जिसकी वजह से कई बार उन्हें अंत में अफसोस करना पड़ता है।

साथ ही ये चैप्टर हमें यह सिखाता है कि फाइनेंशियल्स स्किल एक बहुत ही मुश्किल है। मतलब पैसे कमाना सीखने के बाद खुद को पैसे कमाने से रोकना बहुत ही ज्यादा मुश्किल होता है।

ज्यादा पैसे की वजह से आपके पास ज्यादा पावर ज्यादा फेम आता है और यह चीज आपको Satisfied करने की जगह, आपके अंदर Ambition यानी की महत्वकांक्षी की भावना पैदा करता है।

जब हम पैसा कमाना शुरु करते हैं तब जो दूसरी चीज हमारे सामने आती है वह है कंपैरिजन।

मतलब कि अच्छे खासे पैसे कमाने के बाद भी लोग अपने पैसे से कभी संतुष्ट नहीं होते, वह अपने पैसों की तुलना दूसरे लोगों की कमाई से करने लगते हैं जैसे किसी फुटबॉलर की टोटल नेटवर्थ 5 मिलियन डॉलर है तो इतनी अच्छी नेटवर्थ बनाने के बाद भी वह अपना कंपैरिजन दुनिया के सबसे अमीर आदमी से करने लगता है और उसी की तरह पैसे कमाने के पीछे भागते रहता हैं।

यह सिर्फ उस आदमी की प्रॉब्लम नहीं है। बल्कि यह Problem आजकल लगभग सभी की है जो इंसान 1 हजार रूपये कमाता है वह चाहता है कि 1 लाख रूपये कमाए और जो इंसान 1 लाख रूपये कमाता है वह चाहता है कि उसकी कमाई 1 करोड़ रूपये हो।

ये Social comparison की दीवार हर जगह देखने को मिलती हैं चाहे फिर वह बड़ी सोसाइटी में हो या फिर छोटे पैसे के खेल में हर जगह बस यही चीज देखने को मिलती हैं।

इसीलिए ऑथर का कहना है कि अगर आप पैसे के खेल में जीतना चाहते हैं तो आपको इस कंपैरिजन से ऊपर उठकर सोचना होगा और पैसे को सही से इस्तेमाल करना होगा।

ऑथर यह भी बताते हैं कि पैसा कमाना एक बहुत ही अच्छी चीज है और लोगों को पैसा कमाना चाहिए लेकिन पैसे और Fame से भी ज्यादा जो सबसे जरूरी चीज है वो है Reputation

Reputation बहुत जरूरी होती है। रिफ्यूटेशन के साथ फ्रीडम, प्यार, दोस्ती परिवार यह सारी चीजें भी जरूरी होती हैं और यह पैसे से भी ज्यादा जरूरी है। यही वजह है कि आपको पता होना चाहिए कि कब आप को खुद को Enough कहना है।

Confounding Compounding

आपने यह भी चीज नोटिस की होगी कि एक फील्ड में अगर आप कुछ चीजें सीखते हैं तो वह आपका दूसरी फील्ड में भी काम आता है। क्या आपको पता है Ice Age क्यों आता है?

19वीं सताब्दी पूरी हो जाने के बाद साइंटिस्ट ने यह पाया कि धरती में सच में आइस एज आया था। धरती पर आइस एज का सबूत लोगों के नजर के इतने सामने था कि उसे आसानी से नजरअंदाज किया जा सकता था।

साइंटिस्ट ऐसा मानते हैं कि आइस एज आने और हमारी दुनिया के फिर से अपने पुराने Form में लौटने के पीछे कई हजार सालों का समय लगा था ऐसा इसलिए था क्योंकि हमारी धरती पर रोजाना नए नए बदलाव होते गए और यह बदलाव होते होते इतने ज्यादा बढ़ गए कि अंत में आइस एज का प्रभाव पूरी तरह से खत्म हो गया और हमारी धरती बिल्कुल पहले जैसी हो गई।

कंपाउंडिंग का Effect भी कुछ कुछ ऐसे ही काम करता है! मान लीजिए आपने अपनी एनुअल सैलेरी का 10 परसेंट इंडेक्स फंड में जमा कर दिया है। तो अगले साल आपके पास आपकी सैलरी के 10 परसेंट के साथ-साथ उस 10 परसेंट का भी इंटरेस्ट मिलेगा। ऐसे करते हुए मान लीजिए आप साल 2030 तक अपने पैसे जमा करते चले गए।

जैसे जैसे आप अपने पैसे को बढ़ाते चले जाएंगे वैसे वैसे हर साल आपकी इन्वेस्टमेंट की वैल्यू भी बढ़ती चली जाएगी। इस तरह से अगर आप लगातार अपने पैसे जमा करते रहेंगे तो आप कुछ ही समय बाद अमीर जरूर बन जाएंगे।

क्या आप को यह बात पता है कि जब वारेन बफेट सिर्फ 10 साल के थे उन्होंने सबसे पहले इन्वेस्टमेंट करना शुरू किया था। एक बार इन्वेस्ट करने के बाद वारेन बफेट ने बार-बार पैसे को बाहर निकालने की कोशिश नहीं की बल्कि उन्होंने लंबे समय तक अपने पैसे को बढ़ने के लिए छोड़ दिया।

वारेन बफेट ने कई सालों तक अपने पैसे को बढ़ने दिया जिसकी वजह से जब वह 89 साल के हुए तब उनके पास 84.5 बिलियन डॉलर जमा हो गया था।

यह उनके डिसिप्लिन और इतने सालों के कंपाउंडिंग का नतीजा था। वारेन बफेट ने अपने 90 जन्मदिन के समय इतने ज्यादा पैसे कमाए थे।

इस चीज को और बेहतर तरह से समझाने के लिए अगर मैं आपसे कहूं कि आप 2+2+2+2+2+2+2+2 को जोड़ने के लिए बोलूं तो आप का जवाब होगा 16 लेकिन वही अगर मैं आप को 2*2*2*2*2*2*2*2 तब आप कहेंगे 256! देखा आप ने जोड़ने और Multiply करने से क्या डिफरेंस देखने को मिल रहा है।

Multiply जोड़ने से हमेशा बेहतर होता है। यही इफेक्ट Compounding effect यह लगता है यह तो हमने छोटा सा Example दिया लेकिन अगर आप जैसे बड़े स्केल पर देखेंगे तो आप सोच ही सकते हैं कि आपको कितना ज्यादा प्रॉफिट होगा।

अमीर होने और अमीर रहने के बीच क्या फर्क होता है ?

अमीर बनने के कई सारे तरीके हो सकते हैं आप कोई भी काम करके अमीर बन सकते हैं लेकिन अमीर बने रहना बहुत ही मुश्किल काम है जैसे सक्सेसफुल होने के कई सारे रास्ते हैं वैसे ही पैसे कमाने और अमीर बनने के भी बहुत से रास्ते होते हैं।

लेकिन जिस तरह से सफल होने के बाद अपनी सक्सेस को बनाए रखना मुश्किल हो जाता है वैसे ही पैसे कमाने के बाद अमीर बने रहना भी एक मुश्किल काम हो जाता है।

पैसे कमाने के बाद अपने पैसे को बनाए रखने का बस यही सीक्रेट है कि आपको यह एक्सेप्ट करना होगा कि इस दुनिया में कोई भी चीज हमेशा के लिए नहीं रहती है।

अगर कोई चीज आज भी आपके पास है तो यह जरुरी नहीं है कि वह हमेशा आपके पास ही रहेगी। ठीक वैसे ही अगर अभी कोई चीज आपके पास नहीं है तो जरूरी नहीं कि वह चीज आपको फ्यूचर में नहीं मिलेगी इसलिए किसी भी चीज से ज्यादा अटैचमेंट नहीं रखना चाहिए।

निष्कर्ष

उम्मीद करते हैं कि साइकोलॉजी ऑफ मनी (The Psychology of Money) बुक की ये Book Summary आपको पसंद आई होगी। यह सारांश पसंद आने पर दूसरी बुक समरी को भी जरूर पढ़ें।

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