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Inspirational Hindi Story कंकड़-पत्थर से भरी तिज़ोरी

kankad-pathar-se-bhari-tizori-true-friend-study-in-hindi-storyHindi Inspirational Story on True Friendship
हमारें सभी रिश्ते जन्म के साथ ही बनते हैं। इन रिश्तों के अतिरिक्त एक ऐसा रिश्ता भी है जो हम अपने व्यवहार से बनाते हैं, वह है मित्रता, दोस्ती। यह एकमात्र ऐसा रिश्ता है जो हम खुद बनाते हैं।

सच्चे मित्र हमें परेशानियों से बचा लेते हैं और कठिन समय में मदद के लिए तैयार रहते हैं। हमें कैसे मित्र चुनना चाहिए?

इस संबंध में आचार्य चाणक्य ने कहा है कि जिस व्यक्ति में अपने परिवार का पालन पोषण करने की योग्यता ना हो, जो व्यक्ति अपनी गलती होने पर भी किसी से न डरता हो, जो व्यक्ति शर्म नहीं करता है, लज्जावान न हो अन्य लोगों के लिए जिसमें उदारता का भाव न हो, जो इंसान त्यागशील नहीं है, वे मित्रता के योग्य नहीं कहे जा सकते।

किसी शहर में एक धनीराम नाम का सेठ रहता था, उसका अच्छा कारोबार था। रुपयों-पैसो की कमी नहीं थी,  लेकिन धनीराम का एक दोस्त था, जो उसके पास आकर बैठता था। धीरे-धीरे दोस्ती बढती चली गई, दोस्त आता था और बातें होती थी।

एक दिन धनीराम के सामने कुछ ऐसा काम आ पड़ा, जिसके लिए उसे परिवार के साथ बाहर जाना था। परन्तु समस्या यह थी कि जाते समय धन कहाँ रखा जाए?

परिवार के लोगो ने सलाह दी कि दोस्त किस काम आएगा? लेकिन दोस्त के बारे में वह ज्यादा नहीं जानता था और कभी दोस्त को परखने का मौका भी नहीं मिला था। ऐसे में जीवन भर की कमाई, जमापूंजी किस विश्वास से उसें सौप दे।

कुछ सोच कर धनीराम ने तिजोरी में ताला लगाया और दोस्त को बुलाकर सारी समस्या बताई, फिर उसे चाबी सौप दी। उसके बाद धनीराम अपने परिवार के साथ दूसरे शहर रवाना हो गया।

जब काम पूरा हो गया, तब धनीराम वापस शहर लौट आया। अगले दिन उसने अपने दोस्त को बुलाया लेकिन वह आते ही धनीराम से लड़ने लगा, “क्या तुम्हे मुझ पर भरोसा नहीं था, जो तुमने तिजोरी में कंकड़-पत्थर भर कर चाबी मुझे दे दी?

धनीराम का परिवार दोस्त की बात सुनकर हैरान हो गया, सभी के पैरो से जमीन खिसक गई। लेकिन धनीराम चुप था, उसके चहरे पर मुस्कराहट थी वह बोला, “तुम्हे कैसे पता लगा कि तिजोरी में कंकड़-पत्थर हैं? जरुर तुमने ताला तोड़-कर देखा होगा क्योकि मैंने जान-बुझ कर तिजोरी में कंकड़-पत्थर भरे थे, ताकि मैं तुम्हारी दोस्ती को परख सकू।

इसलिए दोस्तों पर सोच-समझ कर विश्वास कीजिए, नीचे कुछ गुरु मंत्र हैं, जो एक सही और सच्चे दोस्त की पहचान करने में आपकी सहायता करेंगे।

  1. जो आपकी जिन्दगी बदल दे, आपके अन्दर परिवर्तन लाये और आपकी सहायता करें, वही आपका सच्चा दोस्त हो सकता हैं।
  2. दोस्त वे नहीं होते जो आपकी हां में हां मिलाते रहें, चाहे आप गलत ही हो बल्कि असली दोस्त वे होते हैं जो बिना झिझक के आपको यह बता सकें कि आप कहां गलत हैं या आपकी क्या कमी है। यकीन मानिए ऐसा दोस्त जिंदगी में होगा तो आप ज्यादा सफल व्यक्ति बन सकेंगे।
  3. आपका सच्चा दोस्त वह होता हैं, जो आपके विषय में सब कुछ जानता हैं और उसी के अनुसार आपसे प्यार करता हैं।
  4. दोस्त का चयन करने के लिए एक सीढ़ी ऊपर चढिये और पत्नी का चयन करने के लिए एक सीढ़ी नीचे उतरिए।
  5. आपके दोस्त हज़ार हो, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता यदि आपका कोई एक सच्चा दोस्त हैं, तो वह हर जगह आपके साथ दिखाई देगा।
  6. यदि आप चाहते हैं कि आपके शत्रु अधिक हों, तो दुसरे लोगों से आप ज्यादा अच्छे बन जाइए और चाहते हैं कि दोस्त अधिक हों, तो दुसरे लोगो को अपने से अच्छा बनने दीजिएं।
  7. दोस्तों के साथ घूमने जरुर जाएं, इससे दोस्ती का रिश्ता और भी मजबूत होता है, अगर कहीं बहुत दूर न जा पाएं तो कुछ दूर पैदल ही चल लें और हाँ आपके पास दोस्त के साथ बैठकर चाय पीने का समय हमेशा होना चाहिए चाहे आप कितने ही बड़े पद पर कार्य कर रहे हो या बहुत अधिक धनवान हो जाए।

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Note: Despite taking utmost care but there could be some mistakes in Hindi Translation, if you faced any type of error during reading please share with your valuable comments in Hindi/English.

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