How to face Problems in life in Hindi, handle trouble in life in Hindi
मुसीबतों का सामना कैसे करे? विपत्ति के समय क्या करे? आज इस आर्टिकल में हम “मुसीबतों का सामना कैसे करे?” इस बात पर चर्चा करने वाले है। हमारा जीवन उतार- चढ़ाव से भरा हुआ है।
इसमें सुख के बाद दुःख और दुःख के बाद सुख तो आता ही रहता है। एक पल के लिए हमें लगता है कि हमें सब समझ आ रहा है, सब ठीक चल रहा है। तो दूसरे ही पल लगता है, जैसे सब कुछ हमसे छिन गया हो। ऐसा केवल हमारे साथ ही नही होता है। बल्कि यह सब के साथ होता है, हर कोई इन भावनाओं से गुजरता है। हर किसी की ज़िंदगी में एक ऐसा मोड़ आता है, जहाँ उसे अकेलापन महसूस होता है। जीवन की ऐसी कोई स्टेज नही है, जहाँ मुसीबतें ना हो।
Problems you face in your daily life
How do you face difficulties in life in Hindi
अगर हम इन मुसीबतों से दूर भागना भी चाहे, तो कब तक भागेंगे? हमें इनका सामना करना होगा। मुसीबतें तो इंसान को मज़बूत बनाती है। अगर आप जिम (gym) केवल इस वजह से नही जाते, क्योंकि आपसे दर्द सहन नही होता है या आपसे सुबह जल्दी नही उठा जाता है, तो आप अपने अनुसार बॉडी नही बना पायेंगे। ऐसे ढेरों उदाहरण आपको मिल जायेंगे।
आज हर व्यक्ति के जीवन में समस्याएँ है। किसी के पास छोटी है, तो किसी के पास बड़ी समस्या है। अगर आप इन समस्याओं का सामना करते है, तो यह आपको जीवन में मजबूत बनाती है, आपको बस अपने मन को शांत रखना है और इन प्रॉब्लम से निकलने के बारे में सोचना है।
इस आर्टिकल में हम आपको “मुसीबतों से बाहर केसे निकले?” “समस्याओं का सामना कैसे करे?” इस विषय पर जानकारी देंगे और कुछ ऐसे तरीक़ों की बात करेंगे जिन्हें अपनी लाइफ़ में अपनाने पर आप बड़ी से बड़ी मुसीबत का सामना आसानी से कर पायेंगे। तो चलिए शुरू करते है।
समस्याओं को स्वीकार करना और उन्हें समझना [Accept & understand the problems in Hindi]
समस्या से भागने की बजाय उसे स्वीकार करे और उसे समझे। कई बार समस्या होते हुए भी हमें लगता है कि कोई समस्या नही है। अब आप इस समस्या से बचने के लिए तरह-तरह के बहाने बनाते है, लेकिन इससे आपकी समस्या दूर नही होती है।
अगर आप किसी समस्या के लिए वास्तव में परेशान है और उस समस्या को दूर करने के बजाय केवल उसके बारे में ही सोचते रहते है, तो यह आपके लिए तनाव का कारण बन सकती है। इसलिए इसे स्वीकार करे, तभी आप इसे सॉल्व कर पायेंगे।
आपको समस्या को समझना होगा, ना की इसे बढ़ा-चढ़ा के बताना है। आपको इससे संबंधित तर्कहीन विचार नही करने है।
उदाहरण के लिए, आप किसी कक्षा में अनुत्तीर्ण हो गये, तो इसका अर्थ है, आपको कभी नोकरी नही मिलेगी। लेकिन ऐसा वास्तव में नही होता है।
समस्या चाहे कितनी भी बड़ी हो आपको उसका सामना करना चाहिए। विपत्ति पूर्ण समय में आपके पास दो विकल्प होते है, एक आप इस समस्या को सुलझाने का प्रयास करे और दूसरा ये कि आप मान ले कि आपका जीवन समाप्त हो गया।
उम्मीद करते है कि आप पहले विकल्प को ही चुनेंगे। अगर आप समस्या को जान लेते है, तो उन्हें सॉल्व भी कर सकते है। इसलिए सबसे पहला काम है की आपको समस्या को स्वीकार करना होगा और उसे बारीकी से समझना होगा। अब आप उस समस्या को हल करने के लिए कार्य करेंगे और आसानी से अपनी समस्या से छुटकारा पा लेंगे।
ज़्यादा सोचना छोड़े [stop overthinking in Hindi]
कई बार वास्तव में समस्या बहुत छोटी होती है, जिसे आसानी से सॉल्व किया जा सकता है। लेकिन हम उस समस्या के बारे में बार-बार सोच कर उसे बडा बना देते है। हम उस बारे में भी सोच लेते है, जिसका सम्बंध उस समस्या से दूर-दूर तक नही होता है।
जब हम किसी चीज़ के लिए या किसी प्रॉब्लम के बारे में आवश्यकता से अधिक सोचते है, तो उसे ज़्यादा सोचना या ओवेरथिंकिंग (Overthinking) कहा जाता है।
सोचना बुरी बात नही है, लेकिन तर्कहीन या नकारात्मक सोचना आपकी समस्या को बड़ा सकता है। कई बार लोग ओवर्थिंकिग के कारण डिप्रेशन तक का शिकार हो जाते है। हमारे दिमाग़ में हर दिन ढेरो विचार आते है। कुछ नेगेटिव विचार होते है, तो कुछ पॉज़िटिव। लेकिन अगर कोई व्यक्ति किसी मुसीबत में होता है, तो उसके दिमाग़ में आने वाले अधिकतर विचार नेगेटिव ही होते है। इनसे बचने के लिए हमें अपने दिमाग़ में चल रहे विचारो के प्रति अवगत रहना होगा। यानी हमें पता होना चाहिए की हम क्या सोच रहे है?
ओवर्थिंकींग को कम करने के लिए आप किताबें पढ़ सकते है। अगर आप मुसीबत से घिरे हुए है और उसको लेकर आपके दिमाग़ में तरह-तरह के विचार चलते रहते है। तो हम आपको सुझाव देना चाहेंगे की आप उस मुसीबत से सम्बंधित किताब पढ़े और अगर ऐसा ना हो पाए, तो किसी समझदार और अच्छे व्यक्ति की सलाह ले। इससे यह होगा की आप समस्या को छोड़ उसके सॉल्यूशन पर ज्यादा ध्यान देंगे और आपकी ज़्यादा सोचने की परेशानी भी दूर हो जायेगी।
इसके अलावा ओवेरथिंकिंग को कम करने के लिए आप अपना ध्यान किसी ओर चीज़ में लगा ले, दूसरो के साथ बातें शेयर करे, सकारात्मक मूवीज़ और विडियो देखे।
इन तरीकों से आप काफ़ी हद तक अपनी ओवर्थींकिंग को कम कर पायेंगे और अपनी प्रॉब्लम्स के सॉल्यूशन पर ज़्यादा फोकस कर पायेंगे।
अपनी समस्या को व्यक्त करे [express your problems in Hindi]
जब आप अपनी समस्या को अपने मन में दबाकर रखते हो, किसी से इस बारे में बात तक नही करते हो, तो वह समस्या ओर बड़ी हो जाती है। इसलिए आपकी ज़िंदगी में जो भी प्रोब्लम है, उसे एक्सप्रेस करे।
1) अपनी समस्या को व्यक्त करने के लिए आप अपनी सभी समस्याओं को काग़ज़ पर उतार दे। ऐसा करने पर अधिक सम्भावना होगी की आप उस समस्या का हल निकाल ले।
उदाहरण के लिए, आपके पास पर्याप्त धन नही है, तो आप इसे लिख सकते है। साथ ही आप इसके कारणो को भी लिख दे की आपके पास धन क्यों नही है? ओर किस काम को करने पर धन प्राप्त किया जा सकता है? इस बात को भी लिख दे।
अगर आपकी समस्या निजी नहीं है, तो उस सूची को कही पर भी रख दे, ताकि आप उस पर काम करना ना भूले। आप इसे अपने कमरे की दिवार पर भी चिपका सकते है, जहाँ बार-बार आपकी नजर जाती है। इस तरह आप अपनी किसी भी समस्या को सुलझाने के लिए नए आइडिया का निर्माण करते है।
2) अपनी समस्या को किसी भरोसेमंद व्यक्ति के साथ शेयर करे। जैसे की आपका कोई मित्र, परिवार का सदस्य, आपके माता-पिता या आपका शिक्षक। उनके साथ अपनी प्रॉब्लम्स को सांझा करे। ऐसा करने पर आपका मानसिक तनाव काफ़ी कम हो जाता है। इसके अलावा वे लोग आपको ऐसी सलाह देने में सक्षम हो सकते है, जिसके बारे में आपने कभी नही सोचा था।
यदि आप किसी ऐसे व्यक्ति से बात करने जा रहे है, जिसकी समस्या आपकी समस्या जेसी ही है। तो आपको चतुराई से काम लेना होगा। आपको उसे बताना होगा की आप सिर्फ़ सीखना चाहते है, ताकि आप इसे हल कर सके।
3) अपनी भावनाओं को समझे। जब भी हम पर या हमारे परिवार पर कोई मुसीबत आती है, तो सबसे पहले हम भावनात्मक रूप से कमजोर पड़ते है। आपकी भावनाएँ आपके लिए एक मार्गदर्शक का काम कर सकती है। जो आपको बताती है की आपकी समस्या का समाधान केसे हो सकता है?
सभी तरह की भावनाएँ महत्वपूर्ण है, यहाँ तक कि नकारात्मक भी। यदि आप बहुत क्रोधित या निराश महसूस करते है, तो उन भावनाओं को गले लगाने की बजाए, उन्हें स्वीकार करे और उनके कारण को जाने। समस्या का स्त्रोत ढूंढ़कर आप उस समस्या का समाधान निकाल सकते है।
4) समस्या का समाधान निकालने के लिए आपको कदम उठाने होंगे। जब आप परेशान महसूस कर रहे है, तो शांत रहने के कुछ तरीक़ों में शामिल है, इन्हे अपनाए।
अपनी श्वास पर ध्यान लगाना, 10 से 1 तक उल्टी गिनती गिनना, धीरे से अपने आप से बात करे (अपने आप से कहे यह स्थाई नही है, सब ठीक हो रहा है), टहलने या दोड़ने या फिर कोई अच्छी संगीत सुनने की कोशिश करे।
समस्या का समाधान ढूँढे [find solution to the problem in Hindi]
1) समस्या चाहें कितनी भी बड़ी क्यों ना हो, उस पर रिसर्च करे। बहुत सी समस्याएँ इतनी आम होती है, की आप उनकी विस्तर्त जानकारी ऑनलाइन देख सकते है। व्यवहारिक, वित्तीय, शेक्षणिक या किसी अन्य प्रकार की समस्या हो सकती है। आपको उन लोगों से बात करनी चाहिए, जो आपकी जैसे समस्या से उभर चुके है।
उदाहरण के लिए, आपकी समस्या,करियर या पढ़ाई को लेकर है, तो आपको अपने शिक्षक या सीनियर से बात करनी चाहिए, जिसने पहले से ही उस विषय के बारे में पढ़ा।सही व्यक्ति से सही सवाल पूछने पर सही जानकारी मिल सकती है।
2) अगर आप यह समझ लेते है कि समस्याओं के आने का कारण क्या है? तो आप बेहतर ढंग से उनका सामना कर सकते है। यदि समस्या कुछ ऐसी है, जिसमें एक विशेषज्ञ ही आपकी मदद कर सकता है, तो उस समस्या की जानकारी रखने वाले विशेषज्ञ की तलाश करे।
उदाहरण के लिए, आपकी समस्या है कि आपके पास रोज़गार तो है, लेकिन पर्याप्त धन नही रहता है, तो आपको एक फाइनेंशियल एडवाइजर से बात करनी चाहिए। वह आपकी वित्तीय समस्या को समझ कर आपके लिए योजना तैयार करेगा और आपकी समस्या को काफ़ी कम कर सकता है।
आपको किसी विशेषज्ञ से मिलने से पहले यह सुनिश्चित करना होगा की उस इस क्षेत्र में एक लाइसेंस प्राप्त है या नही, जो साबित करता हो की आपकी समस्या सुलझाने के लिए उनके पास आवश्यक कोशल है।
3) आपको उन लोगों को देखना होगा, जिन्होंने आपकी जैसे समस्या का समाधान किया है। अन्य लोगों के बारे में सोचे जो समान स्थिति में रहे है और उन्होंने इसे कैसे हल किया? आपको देखना होगा की क्या यह तरीक़ा आपके लिए भी काम कर सकता है।
उदाहरण के लिए, आप कोई नशा करते है और उसे छोड़ पाना आपके लिए बहुत बड़ी चुनोती है। अब आपको उन लोगों को देखना होगा, जिन्होंने नशे की लत को छोड़ा है। हो सकता है उन्होंने अलग रणनीतियाँ अपनाई हो। आपको उनसे पूछना होगा की आपने इस समस्या का समाधान कैसे निकाला? उनसे बात करके आप भी उन रणनितियो या तरीक़ों को अपनाकर अपनी समस्या से छुटकारा पा सकते है।
4) आपने अपनी समस्या का जो भी समाधान निकाला है, उसका मूल्यांकन करे। कई बार हमें लगता है, की यह समाधान मेरी समस्या को ख़त्म कर सकता है। लेकिन वास्तव में वह काम नही करता है और हम फिर से निराश हो जाते है।
उदाहरण के लिए, करियर चुनना आपके लिए एक बड़ी समस्या है। अब आपने एक ऐसे करियर को चुन लिया है, जिसमें आपको लग रहा है की आपका भविष्य इसी करियर में है। लेकिन उसके कुछ दिन बाद ही आपको समझ में आता है कि इस करियर में कोई स्कोप नही है।
इसलिए अपनी समस्या के साथ-साथ उसके समाधान को भी आपको अच्छे से समझना होगा।
आपको अपने आप से पूछना होगा कि
- क्या यह समाधान वास्तव में आपकी समस्या का समाधान करेगा?
- क्या इस समाधान को आप कर पायेंगे?
- आप इसे कैसा महसूस करते है?
- समाधान की लागत ओर लाभ क्या है?
इस तरह अपने आप से सवाल पूछे और अगर इन सवालो से आप पूरी तरह संतुष्ट होते है, तभी कोई कदम उठाये।
इस आर्टिकल “मुसीबतों का सामना कैसे करे” how to face problems in life in Hindi में हमने जाना कि अपनी समस्याओं का समाधान कैसे करे? और कुछ वास्तविक तरीको को जाना, जिससे आप अपनी लाइफ में किसी भी समस्या का सामना बड़ी आसानी से कर सकते है।
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