Negative thoughts and negative thinking can affect your life badly. Stop Negative Thoughts From Your Mind In Hindi.
नकारात्मक बातें करना, कांटो को पोषण देने के समान हैं ऐसा इसलिए कहा गया है क्योंकि नकारात्मक सोच उस दीमक की तरह है जो बाहर से तो बिल्कुल भी दिखाई नहीं देता, लेकिन अंदर ही अंदर इंसान को खोखला कर देता है।
सोच या विचार (विवेक शक्ति) ईश्वर का वरदान है, जोकि केवल मनुष्य को ही ईश्वर द्वारा प्रदत हैं, इसका अगर सही दिशा में उपयोग किया जाएं तो ही इंसान अपने जीवन को बेहतर बना सकता है।
हम सुबह से लेकर रात तक अनेकों विचारो से घेरे रहते है। नकारात्मक और सकारात्मक विचार हमारे जीवन का ही हिस्सा है ।
कोई भी विचार(Idea) नेगेटिव या पॉजिटिव नहीं होता है, उसे नेगेटिव या पॉजिटिव बनाने वाले हम ही है। यह सब हमारे मन के लेवल पर होता है। आप जिस स्थिति को नकारात्मक बता रहे हो, हो सकता किसी और के लिए वह सकारात्मक हो।
कुछ लोग सोचते है कि उन्हें सिर्फ सकारात्मक विचार ही आए, नकारात्मक विचार आए ही नहीं। तो यह ठीक वैसा ही है कि जब आंख खोले तो आपको सिर्फ अच्छी चीज़े ही दिखाई दे।
क्या ऐसा संभव है ? नहीं ना !
अगर आप एक चीजो को न देख , जो आपको पसंद नहीं है, तो क्या आपकी आंखें खराब ही जाएगी, ऐसा भी नहीं है । बिल्कुल ऐसा ही विचारो के लिए भी है। अगर आप वास्तविकता ( reality ) को देख ले और यह जानने की कोशिश करे कि आखिर मेरे में चल क्या रहा है, तो उसी समय विचारो का आना बंद हो जाएगा। मन बिल्कुल शांत हो जाएगा। इसे शून्य लेवल ऑफ माइंड कहा जाता है।
लेकिन जब नकारात्मकता हमारे मन में घर कर जाए तो उस समय पर क्या करना चाहिए, इसको समझने के लिए हमें कुछ पहलुओं को देखना होगा।
तो आइए जानते नकारात्मकता के बारे में कुछ पहलु पर ध्यान देते हैं
नकारात्मक विचार क्यों आते है ?
हमारे मन में दिन से रात तक अनेकों विचार घूमते रहे है। जब हम ख़ाली होते है तो हम कुछ ना कुछ सोच रहे होते है ।
गलत संगत, बुरी आदतें, चिंता, थकान और तनाव नेगेटिव विचार पैदा करते है।
जब हम रात को सोने जाते है तो विचारो का समूह हमें घेरे रखता है। पूरे दिनभर में जो भी एक्टिविटी हमारे द्वारा कि गई है वहीं बाते हमारे माइंड में घूमती रहती है।
यह संकेत है कि हम नकारात्मकता की ओर जा रहे है ।
नकारात्मक सोच बुरी नहीं है लेकिन यह सोच यदि ज्यादा समय तक बनी रही तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते है ।
नकारात्मक सोच से होने वाले दुष्प्रभाव
आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में जहां लोगों को अपने बारे में भी सोचने की फुर्सत नहीं है, ऐसे में बार – बार यह सोचना की ‘लोग मेरे बारे में क्या सोच रहे है ‘, ‘ मै ऐसा क्यों हूँ ‘ , ‘आखिर भगवान ने मेरे साथ ही ऐसा क्यों किया ‘ ,
‘मै कुछ भी नहीं कर सकता, इस प्रकार के नेगेटिव थॉट्स हमें नकारात्मकता की ओर ले जाते है।
इससे ना केवल हमारे मन बल्कि हमारे व्यवहार, हमारे स्वास्थ्य, हमारे काम पर भी बहुत बुरा असर पड़ता है।
इससे होने वाले निम्न दुष्प्रभावों को लोगो में देखा गया है
- लगातार नकारात्मक सोचते रहने से चिंता, परेशानी, चिड़चिड़ापन जैसी समस्याएं होने लगती है।
- इससे धीरे धीरे अपने काम के प्रति ध्यान हटने लगता है। जबरदस्ती के काम से अधिक तनाव का सामना भी करना पड़ सकता है।
- इससे रिश्तों में भी कड़वाहट होने लगती है। दूसरे लोगों से गलत व्यवहार करने लगते है। लोगो के बीच इज्जत, मान – प्रतिष्ठा धीरे धीरे खत्म होने लगती है।
- तनाव में रहने से शरीर पर बुरा असर पड़ता है। कई प्रकार की शारीरिक बीमारियां होने लगती है। जैसे ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हृदय संबंधी रोग, थकान और इंसोमेनिया ( नींद न आने की समस्या ) आदि होने लगती है।
- अपने लिए ही बुरा सोचने से आदमी थका हुआ महसूस करता है। उदासी उसके चेहरे पर दिनभर बनी रहती है। स्किन से जुड़ी समस्या भी होने लगती है।
- वह अपने मन के उपर नियंत्रण खोने लगता है और ना चाहते हुए भी वह गलत काम के संपर्क में आ जाता है ।
नकारात्मक विचारो के लक्षण
हमारे मस्तिष्क में विचार मुख्यत तीन बातों से आते है
- अपने एवं दूसरे के कर्मो के विचार
- स्वयं की इच्छा के विचार
- स्वयं को असुरक्षित समझने के विचार
नकारात्मक विचारो का मुख्य कारण हमारी मानसिक स्थिति होती है। हम स्थितियों के प्रति अपनी अलग धारणा बनाकर अपने विचार उत्पन्न करते है। ऐसे विचार हमेशा हमारे विरूद्ध जाते है।
किसी घटना या स्थिति को आधार बनाकर हम मान लेते है कि यही सही है।
नकारात्मक विचार और उससे पैदा होने वाला भाव दिमाग को खास निर्णय लेने के लिए उकसाते है। हम केवल खुद को बचाने या खुद को सही साबित करने के लिए फैसला लेने लगते है।
नकारात्मक विचारो से छुटकारा पाना
नकारात्मक विचारो से छुटकारा पाने के लिए हमें पहले यह स्वीकार करना होगा कि हम नकारात्मक दिशा में सोच रहे है, क्योंकि बिना अपनी कमी जाने, हम कभी भी उस कमी को सुधार नहीं सकते।
तो आइए जानते की क्या ऐसे उपाय है , जिनसे हम नकारात्मक विचार से छूटकरा पा सकते हैं
- हमेशा खुश रहे, नेगेटिव विचारो को अपने पास ना आने दे। इसके लिए आप खेल कूद में भाग ले या फिर कुछ मनोरंजन कार्य करे।
- अकेले रहने से बचे। अपने परिवार वालों से, अपने दोस्तो से इस बारे में बात करे ऐसी जगह जाए जहा आपको अच्छा लगता है।
- गलत संगत में ना जाए। ऐसे लोगो से दूर रहे, जो सिर्फ अपनी प्रॉब्लम्स की बाते करे।
- मेडिटेशन या योगा करे। इससे मन शांत होगा और आपको अपने अंदर एक अलग ऊर्जा फील होगी।
- संगीत सुनें । कहा जाता है 10 से 15 मिनट संगीत सुनने से दिमाग अच्छा महसूस करता है।
- प्रेरणादायक विचार पढ़े। अपने आपको मोटिवेट करने के लिए किताबे पढ़े, मोटिवेशनल स्टोरी पढ़े, सफल लोगो को फॉलो करे। इन सब कामों से आपको Inspiration मिलेंगी। आपको पॉजिटिव होने और आप आसानी से नेगेटिव विचारो का पूरी तरह से end कर पाएंगे।
- अपने मन को बार बार यही कहिए की, ‘ जो हो रहा है सही है’, मै अच्छा सोच रहा हूं’ हो सकता है पहली बार आपको उतर ना मिले। लेकिन जब आप बार बार अपने मन को कुछ अच्छा करने के लिए कहते है तो आप देखेंगे की आपके साथ सच में कुछ अच्छा हो रहा है।
- जितनी भी तरह की नेगेटिव बातें है वो हमारे मन से शुरू होती है। हमें अपने मन में झांककर देखना होगा कि आखिर मन में क्या चल रहा है।
- उदाहरण के लिए, जब रात को आपका मन आपसे कहेगा की सुबह जल्दी उठना है, लेकिन आप देखेंगे कि जब सुबह होगी तब यही मन आपसे कहेगा ‘थोड़ी देर और सो लेते है‘। मन आपका दुश्मन नहीं है, यह तो आपको आंनद दिलाना चाहता है।
आपको उसे बताना होगा कि क्या आपके लिए अच्छा है। अगर आप ऐसा करते है धीरे धीरे मन आपकी बाते मानने लगता है। - खुद पर विश्वास रखे अपने द्वारा किए गए काम को दूसरों से ना आंके। जब आप गलत नहीं कर रहे है , तो ऐसा सोचे भी ना। खुद पर विश्वास आपको औरो से अलग दिखाएगा।
ये सभी काम आप करके देखिए धीरे धीरे आप अपने अंदर एक अलग ऊर्जा और नया परिवर्तन पाएंगे।
इस लेख को पूरा पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद।
वैसे तो हमने काफी सोच कर के इस लेख को लिखा है , फिर भी अगर कोई गलती या कोई त्रुटि है तो कॉमेंट करे हम उसमें सुधार करने का प्रयास करेंगे
इस लेख में लिखी बातो से अगर आपके जीवन में बदलाव हुआ है तो अपने अनुभव को हमारे साथ जरूर शेयर करे।
आपको हमारा यह लेख कैसा लगा , Comment करके जरूर बताए।
धन्यवाद