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Famous Poetry in Hindi ~ गीत गाता चल, मुसाफिर गुनगुनाता चल

Hindi Poems | Hindi Kavita | Famous Poetry in Hindi By Rajkumar Yadav

गीत गाता चल,
मुसाफिर गुनगुनाता चल,

ओ बंधु रे..
हंसते-हंसाते बीते हर घड़ी, हर पल

कोमल लाईफ में टेंशन का बोझ है,
Happiness गायब है, Sadness का डोज है,
उठना-चलना-जगना तो रोज-रोज है
उदास है सबकी लाईफ पर्सनल
गीत गाता चल,
मुसाफिर गुनगुनाता चल,
ओ बंधु रे..
हंसते-हंसाते बीते हर घड़ी, हर पल

Present time में रहता ना कोई
Past time में सोया, Future में रोई,
सच है, काटेगा वही जो तूने बोई
मिलता है सबको अपने कर्मों का फल,
गीत गाता चल,
मुसाफिर गुनगुनाता चल,
ओ बंधु रे..
हंसते-हंसाते बीते हर घड़ी, हर पल

Second opportunity का फायदा उठा लें,
खुद के लिए जी, खुद को बचा लें
Love Life में अच्छे रिश्ते बना लें
ढ़ूढ़ निकाल हर Problem का हल
गीत गाता चल,
मुसाफिर गुनगुनाता चल,
ओ बंधु रे..
हंसते-हंसाते बीते हर घड़ी, हर पल

Science है दुनिया, तु आइंस्टाइन,
किस्मत के सितारों में तेरी Shine
कोई पूछे हाल…कह देना Fine
तब ही बन पाएगा तु Ideal
गीत गाता चल,
मुसाफिर गुनगुनाता चल,
ओ बंधु रे..
हंसते-हंसाते बीते हर घड़ी, हर पल

सांसों की गिनती है Meditation,
Sadhguru says, “Happy celebration”
Turn you on high vibration.
खुशी बढ़ेगी, मिलेगा Green signal,
गीत गाता चल,
मुसाफिर गुनगुनाता चल,
ओ बंधु रे..
हंसते-हंसाते बीते हर घड़ी, हर पल

Cool cool है Mind का Refrigerator,
Energy देता है Body का Generator,
Speed बढ़ानी है, तो बढ़ाओ Accelerator.
सही करो पहले अपना Internal,
गीत गाता चल,
मुसाफिर गुनगुनाता चल,
ओ बंधु रे..
हंसते-हंसाते बीते हर घड़ी, हर पल

– राजकुमार यादव (Raj Kumar Yadav)

 

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