Best Hindi Poem @Rajkumar Yadav
अपने देश अपनी जमीन से निकाले
गये है हम
जो कल तक था आज पराया हो गया
बारिशों और धूप से बचाने वाले घर
कभी चुल्हों के धुएँ निकलते थे
जिस घर से
आज वो घर जल रहा है
आज भी उससे धुएँ ही निकल रहे हैं।
सब पीछे छूटता जा रहा है
हम आगे बढ़ते जा रहे है
उफ्फ! यह जिंदगी
जो लोग आये थे शहर को जलाने
कसम से उन्हें पहले कभी नहीं देखा था
न उससे दुश्मनी थी
ना हम उनसे नफरत करते थे
मगर शहर को आग लगा दिए
और हम बेघर होकर भटक रहे है।
जो यह सफर है इसकी
कोई मंजिल नहीं है
बस एक बात है सबको
एक दिन हालात बदलेंगे
जिंदगी करवट लेगी
सब सामान्य हो जाएगा।
– Rajkumar Yadav
आशा हैं ये रचनाएं भी आपको पसंद आएगी