सम्मान(Respect) हमेशा स्थिति और समय का होता है, इंसान उसे अपना समझ लेता है।
नमस्कार दोस्तों, हम इंसान अपने जीवन में कई सारी ऐसी चीजों को अपनाना चाहते हैं जिन पर हमारा बस होता है लेकिन कई बार ऐसी चीज की इच्छा भी हम रखते हैं. जिस पर पर हमारा ज्यादा बस नहीं होता है लेकिन फिर भी हम उसके लिए जी तोड़ कोशिश करने लगते हैं।
यह बात तो मानने के योग्य है कि इंसान कभी भी संतुष्टि की ओर नहीं जाता है और जब भी उसे उसका कार्य संपन्न होता नजर आता है, तो उसकी जिज्ञासा और इच्छा बढ़ती जाती है।
सम्मान क्या है
हम अपने जीवन में कई सारे ऐसे कार्य करते हैं जिनसे हमें लगता है कि हमारे जिंदगी में नया मोड़ आ जाएगा और हमारे काम की वजह से लोग हमें पसंद करने लगेंगे और हमें उचित मान-सम्मान प्रसिद्धि मिल पाएगी।
हालांकि यह बात अलग है कि हमारे कर्म किस तरह से लोगों के दिलों दिमाग पर असर करते हैं और अपनी छाप छोड़ पाते हैं यह जानना ज्यादा दिलचस्प होगा। अपनी जिंदगी में हमने न जाने कितने भी काम किए हैं लेकिन उचित मान-सम्मान दो या तीन कामों से ही मिलते हैं लेकिन उन कामों की सही तरीके से पहचान कर पाना थोड़ा मुश्किल होता है परंतु नामुमकिन नहीं।
क्या होती है सम्मान की स्थिति
सम्मान एक बहुत ही खूबसूरत चीज है इसके मिलने के बाद हम अपने आप को दुनिया के सामने खुलकर आ सकते हैं और लोगों की नजरों में अपने काम के बारे में सही जानकारी की जिज्ञासा को खत्म कर सकते हैं। हमेशा यह देखा गया है कि लोग सम्मान हमारी स्थिति को देखकर करते हैं ना कि हमारे अंदर के जज्बातों और मेहनत को देखकर।
अगर कोई व्यक्ति अपने करियर में ऊंची उड़ान भर रहा हो, तो आसानी से ही हम उसे सम्मान की नजर से देखने लगते हैं और अगर वही व्यक्ति कुछ दिनों बाद अपने काम को सही तरीके से नहीं कर पा रहा हो और लगातार उसका काम बिगड़ता जा रहा है ऐसी स्थिति में अचानक ही उसके प्रति हमारा सम्मान कम हो जाता है और हम इसे दुनियादारी का नाम दे देते हैं।
जो आज तक सम्मान के काबिल था, वह हमेशा ही सम्मान के योग्य होगा क्योंकि उसने कभी ना कभी अपने जीवन में ऐसी सीमाओं को पार किया है जिनके बारे में सोच पाना मुश्किल है।
उसी प्रकार यदि कोई व्यक्ति ऊंचे ओहदे पर आसीन हैं उस समय भी हमारी नजरें सम्मान की तरफ उसकी और झुक जाती हैं भले ही वह घर में कितना भी सही व्यक्तित्व का इंसान ना हो। यह कहना गलत नहीं होगा कि हमारी नजरों में सम्मान उसी को दिया जाता है जो ऊंचाई पर होता है। ऐसे में यह कहावत सही चरितार्थ होती है कि हम हमेशा उगते हुए सूरज को सलाम करते हैं और डूबते हुए सूरज को भूल जाते हैं।
सम्मान के लिए इंसान की गलती
इंसानों ने अपने जीवन में भी कई प्रकार की गलतियां की है और उन गलतियों से सीख लेकर ही वह आगे की ओर बढ़ता जाता है। कई बार तो ऐसे भी स्थिति आती है कि हम खुद की गलती से कुछ सीख नहीं पाते और दोबारा वही गलती लगते हैं।
इंसान की नजर में असली सम्मान वही है जो किसी को सामने झुकने पर मजबूर कर दे, लेकिन यह परिभाषा पूर्ण रूप से सही नहीं साबित होती क्योंकि सम्मान तो उस इंसान का भी किया जाना चाहिए जो अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए दिन-रात धूप में मेहनत करता है या फिर गली गली घूम कर अपने बिजनेस को बढ़ावा देता है।
इस विषय में इंसान की सबसे बड़ी गलती यही है कि उसे हमेशा ऐसे लोगों को सम्मान देने की बात की है जहां पर नजरे ऊंची करके देखी जाती है।
सम्मान के लिए असली हकदार
सम्मान पाना हर इंसान के जीवन का सपना होता है और वह चाहता है कि अपनी जिंदगी में ऐसा काम किया जाए जिससे दूसरों के लिए आदर्श काम हो सके। आज हम कुछ ऐसे लोगों के बारे में आपको बताने जा रहे हैं जिनके जीवन में मिलने वाला सम्मान उनके लिए बहुत है और हम भी उनके जीवन से सीख ले सकते हैं।
- इस गर्मी में जब भी आप दोपहर के समय घर से बाहर जाते हैं तो आपको ऐसे कई सारे रिक्शा और ऑटो वाले दिख जाते हैं जो उस भयंकर गर्मी में खड़े होकर अपने ग्राहकों का इंतजार करते हैं और उन्हें उस समय अपने खाने की चिंता नहीं होती लेकिन इस बात की चिंता होती है कि जब वे शाम को अपने घर जाएंगे तो अपने बच्चों के लिए क्या लेकर जा सकते? सही मायने में सम्मान के असली हकदार यह मेहनती लोग होते हैं जो दिन भर की मेहनत करके सम्मान के पात्र बनते हैं।
- जब आप मार्केट जाते हैं, तो सड़क के किनारे कई सारे ऐसे ठेले देखेंगे जहां पर आपको तरह-तरह की चीजें नजर आएंगी कुछ खाने की, कुछ खरीदने की और कुछ बच्चों की। अगर आप सम्मान की एक नजर उन पर डालेंगे तो आपको उनकी मेहनत साफ साफ नजर आएगी।
- इसी प्रकार से सब्जी बेचने वाले जो दिन रात मेहनत करके हमारी जरूरतों को पूरा करते हैं और हमारा पूरा ख्याल रखते हुए हमारी पसंद की चीजें हमें देते हैं। हम उनका सम्मान करना भूल जाते हैं लेकिन वे कहीं ना कहीं सम्मान के हकदार होते हैं।
- इसके अलावा कई सारे ऐसे लोग जो खुद की जीवन यापन करने के लिए दिन रात मेहनत करते हैं और किसी से बिना शिकायत के बड़े ही शांतिपूर्ण ढंग से अपने जीवन को व्यतीत करते हैं उन सभी लोगों को सम्मान देना जरूरी है।
एक जरूरी सवाल, जो बहुत जरूरी है जानना।
आखिर सम्मान किसे किया जाता है, समय और स्तिथि को या किसी व्यक्ति को??
सम्म्मन, इज्जत और प्रशंसा ये जितने भी शब्द है, हम कहीं ना कहीं हमारें अहंकार को या व्यक्तिगत तरक्की को बढ़ाते है। जब लोग किसी की भी इज्जत करते है, या सम्मान देते है तब हम व्यक्तिगत तौर पर उसे लेना शुरू कर देते है। क्या सच में ऐसा ही होता है?
अगर किसी व्यक्ति को व्यक्तिगत प्रशंसा मिलती हैं तब उसे हमेशा लोग इज्जत और सम्मान की नजर से देखते, उसकी प्रतिष्ठा और उसका औरा हमेशा बना रहता। लेकिन ऐसा नहीं है। समय के साथ व्यक्ति की प्रतिष्ठा भी, सम्मान भी चला जाता है।
एक समय होता है जब सब कोई हमारे मुरीद होते है, समाज मन हार जगह हमारी तूती बोल रही होती है, एक समय ऐसा होता है, जब सिर्फ नाम सुन कर लोग किसी व्यक्ति के प्रति सम्मान से भर जाते है। ये एक समय की बात है।
जैसे ही जब उसी व्यक्ति के बारे में कुछ भी बुरा सुनने को मिलता है, या उसी व्यक्ति के Dark secrets के बारे में पता चलता है, तब सम्मान देने वाले लोग, वहीं लोग जो हमारे मुरीद हुआ करते थे, जो इस व्यक्ति का नाम सुन कर सम्मान से भर जाते थे, अब उसी व्यक्ति के Dark secrets जान कर भला बुरा करने कहने लगते है। उनके मन से वहीं सम्मान गायब हो जाता है। सम्मान की जगह अपमान और बेइज्जती जगह ले लेती है।
इस बात को थोड़ा गहराई के स्तर से समझे तो आखिर हम क्या समझते है?
इसे समझने का प्रयास करते है। शरीर के स्तर पर अभी भी वो व्यक्ति वही है, कुछ परमाणु के स्तर पर भी उसमें कुछ बदलाव नहीं आया है। उसकी कोशिका का संरचना भी नहीं बदली । यानी भौतिक स्तर पर कुछ ना बदला है।
लेकिन एक गलती या एक गलत काम की वजह से उस व्यक्ति का सम्मान और इज्जत लोगों के नजर से गायब हो गया ।
अब फिर से प्रश्न वही उठता है, क्या सच में लोग उसे ही सम्मान करते थे?
नहीं, सम्मान और इज्ज़त कभी भी किसी व्यक्ति का नहीं होता है, सम्मान और प्रशंसा को कभी personal नहीं लेना चाहिए।
सम्मान हमेशा समय का होता है। कभी इस व्यक्तिगत तौर पर नहीं लेना चाहिए।
हमारे समाज में ऐसे बहुत से उदाहरण है, हमारे आस पास ऐसे बहुत व्यक्ति मौजूद है जिनका एक समय पर बहुत सम्मान हुआ करता था, लेकिन एक समय बाद उसी व्यक्ति का सम्मान और इज्जत सब खतम हो जाता है।
उसका जीता जागता उदाहरण है, आसाराम बापू
आसाराम बापू को लोग “कलयुग का राम” कहते थे, उनका दर्जा भगवान से कम नहीं था। लोग अपने घर की दीवारों पर उनकी तस्वीर लगा कर पूजा करते थे। इनके एक बार कहने पर लाखों लोग अपनी जीवन भर की कमाई छोड़ने को तैयार थे, अपना सब कुछ न्यौछावर कर के लोग इनके आश्रम में का कर रहा करते थे, अपना जीवन पूरा इनके नाम पर समर्पण कर चुके थे।
इतना सम्मान और इज्जत मिल जाने के बाद भी क्या हुआ?
एक समय आया जब आसाराम बापू का सच लोगों के सामने आया और पुलिस ने आसाराम बापू को गिरफ्तार कर दिया और अदालत ने उनको सजा सुनाया और आज आसाराम बापू सलाखों के पीछे है।
जो लोग उनके अनुयाई हुआ करते थे, उनका क्या हुआ?
वो सब लोग सब कुछ समझ गए, लोगों के मन से उनका सारा सम्मान खतम हो गया, गालियां देने तक लगे लोग।
ऐसा सिर्फ आसाराम बापू के साथ ही नहीं, राम रहीम के साथ भी ऐसा ही हुआ। भारत के कई सारे सम्मानित नेताओं के साथ भी ऐसा ही हुआ। जब उनका नाम किसी बड़े घोटाला में उभर कर सामने आया। सारा खेल बदल गया।
इस पूरे प्रसंग को संक्षिप्त करे तो हमें यही समझ आता है कि सम्मान कभी भी किसी को व्यक्तिगत नहीं किया जाता है, सम्मान हमेशा अच्छे समय का किया जाता है।
फिल्म जगत से भी अगर इसका उदाहरण लेकर समझे तो हम पाते है कि ऐसे कई एक्टर हुए जब उनकी फिल्मी हिट, सुपरहिट जा रही थी, उस टाइम पर सिर्फ वही चर्चे में रहे जहां जाते थे, पुलिस प्रेटेक्शन लगाना पड़ता था।
जैसे ही उनकी फिल्में फ्लॉप होने लगी, उनका रुतबा खतम हो गया, गुमनामी की जिंदगी जीने पर मजबूर हो गए। उन्हीं नामों से एक नाम राजेश खन्ना का भी आता है। जीवन के आखिर पड़ाव में उनका रुतबा, प्रभाव सब खतम हो गया है। सम्मान हमेशा किसी के काम को दिया जाता है, समय को दिया जाता है, स्तिथि को दिया जाता है। इंसान उसे व्यक्तिगत रूप से ले लेता है।
अंतिम शब्द
इस प्रकार से हमने जाना कि सम्मान मिलना ना मिलना हम अपनी सोच पर निर्भर रखते हैं हालांकि इसे गलत भी माना जा सकता है क्योंकि आंकड़ा सही नहीं बैठता। ऐसे में बहुत जरूरी है कि सम्मान हमेशा सही दिशा की ओर अग्रसर होना चाहिए जिससे किसी भी प्रकार का प्रकार का भेदभाव ना होने पाए।
असली सम्मान वही है जिसके लिए मेहनत भी पूरी जी तोड़ की जाए और अपने जीवन में खुश होने का प्रयास किया जाए ।