Short Motivational Hindi Kahani दोस्तों, हम में से कुछ लोग, कुछ पैसा, धन दौलत या बिज़नस में थोडा नुकसान होने पर पागल से हो जाते हैं और लगता हैं जैसे हम लुट गए हैं और अब जीने का कोई मतलब नहीं रह गया हैं लेकिन यही हमारी परीक्षा की घडी होती हैं और इसी क्षण हमें अपने धैर्य और हौंसलो से इन कठिनाइयों को जीतना होता हैं और वो सफलता ही हमें सफल बनाती हैं।
ऐसी ही एक प्रेरणादायी कहानी (Inspirational Story In Hindi) मैं आपके साथ शेयर कर रहा हूँ, आशा हैं आपको पसंद आयेगी।
एक दिन अचानक उन्हें अपने पडोसी तुलाराम के घर से रोने की आवाज सुनी वो तुरंत वहां पहुंचे।
वहां पर अहमद को पता चला कि तुलाराम जब ख़रीदा हुआ माल ऊँटो पर लाद कर घर ला रहे थे, तब रास्ते में डाकुओं ने उसको लूट लिया इसलिए वो पागल सा हो रहा था और आत्महत्या करने की बात कर रहा था।
कुछ लोग उसको समझा रहे थे तब वह आवेश में आकर बोला “कंगाल होकर मैं कैसे जिन्दा रहूँगा”।
अहमद ने पास आकर कहा “जब तुम पैदा हुए थे जब क्या धन तुम्हारे पास था”।
तुलाराम बोला, “नहीं वह तो मैंने बड़ा होकर अर्जित किया है”।
अहमद फिर बोला, “क्या लुटेरो ने महनेत करने वाले तुम्हारे हाथ पैरो को भी लूट लिया?”।
तुलाराम बोला “नहीं”।
उसके बाद अहमद ने सांत्वना देते हुआ कहा,
“तुम्हारी असली दौलत हाथ पैर है और वो सही सलामत है फिर तुम अपने आप को कंगाल क्यों बता रहे हो?”
Generally हमारे साथ भी ऐसा ही होता है, जैसा कि तुलाराम के साथ हुआ हम भी छोटी छोटी कठिनाइयों से घबराकर कोई गलत कदम उठा लेते है और ये भूल जाते है की जो कुछ हमने खोया है वो सब हमने ही प्राप्त किया था, तो हम उसको दोबारा क्यों नहीं हासिल कर सकते।
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