बिजनेस एक ऐसा विस्तृत क्षेत्र है जिसके बारे में कहा जाता है कि यह रिस्क और खतरों से भरपूर है।
अक्सर देखा गया है कि किसी बिज़नेस मैन को इतना करारा आर्थिक नुक्सान झेलना पड़ा कि उसके व्यापार की कश्ती बीच दरिया में हिचकोले खाकर विलीन हो गई। इस तरह समाज में एक सन्देश चला गया कि जहां तक हो सके लोगों को चाहिए कि वे नौकरी को महत्त्व देकर बिज़नेस की कश्ती के सवार ही ना बनें।
लेकिन अगर बिजनेस में जल्दबाज़ी और उतावलेपन का प्रदर्शन ना करते हुए धीरज और संयम बरता जाए तो परिस्थितियां कभी बेकाबू होकर आपके हाथ से निकल नहीं सकतीं।
अगर निम्न बातों पर ध्यान देकर बिजनेस की किसी फील्ड में पदाखिल हुआ जाए तो आश्चर्यजनक और सकारात्मक नतीजे सामने आ सकते हैं
1. सोच समझकर फैसला लें
जब भी व्यापार के किसी क्षेत्र में आप नए हों तो बेहद सोच समझ कर ही किसी के साथ काम करना आरंभ करें। आजकल अधिकतर क्षेत्रों में रातों रात अमीर बनने की चाहत में लोग जल्दबाजी का सामना कर कुछ ऐसा कदम उठा लेते हैं कि आजीवन पछतावे के दलदल से निकल नहीं पाते और किसी जालसाज के छल का शिकार होकर ज़िन्दगी भर हाथ मलते रह जाते हैं।
2. नाकामी से ना घबराएं
जब भी किसी व्यापारिक कार्यों में आपको आर्थिक नुकसान से जबरदस्त झटका लग जाए तो हमेशा अपने मन को साफ करें और उस काम से पीछा छुड़ाने का नहीं बल्कि दृढ़ इच्छाशक्ति और विश्वास के साथ डटे रहने का फैसला लें।
किसी एक नाकामी से घबराकर कभी अपने कदम पीछे की ओर कत्तई मत खींचे। आज अगर आपको नुकसान झेलना पड़ा है तो आप अपनी गलतियों से सीखने और अनुभव की बिना मत दोबारा वह गलती नहीं दोहराएंगे।
इस तरह आप जब हालात का डट कर मुकाबला करने लगेंगे तो आपको उस क्षेत्र का अनुभव हासिल होगा। याद रहे कि गलतियों के अनुभव से इंसान को वह सीख मिल जाती है जो वह बड़ी बड़ी यूनिवर्सिटियों में भी नहीं सीख सकता। एक अनुभवी खुद अपने क्षेत्र का ज्ञानी और माहिर खिलाड़ी माना जाता है।
आपने अगर किसी क्षेत्र में लंबा समय गुजार लिया है तो आगे आप कभी अपनी पिछली गलतियां नहीं दोहराएंगे जिससे आपकी कामयाबी की संभावनाएं अपने आप बढ़ जाएंगी। लेकिन इसके लिए एक शर्त है। आपको इस दौरान दृढ़ इच्छाशक्ति, संकल्पबढ्ढता, आत्मविश्वास, धीरज, संयम और सब्र का दामन थामे रखना होगा क्योंकि आप अगर जरा भी डगमगाए या कमजोर पड़ गए तो आपको अपनी फील्ड बदलने में ज्यादा देर नहीं लगेगी और जिस किसी फील्ड में आप जाएंगे, इतना समय गंवाने के बाद उस फील्ड में फिर से नए हो जाएंगे।
इस तरह वहां भी आपको समय देना रहेगा क्योंकि किसी भी क्षेत्र में कामयाबी की कोई गारंटी नहीं होती कि वह आखिर आपके कदम कभी चूमेगी भी या नहीं?
इसलिए आप जिस किसी क्षेत्र में हों, उसमें आत्मविश्वास और अडिगता के साथ डटे रहें और परिस्थितियों के धारे का रुख मोड़ने का प्रयास करते रहें।
यही सफल लोगों का असल व्यवहार माना जाता है जिसके सहारे वह कामयाबी के झंडे गाड़ देते हैं और विश्वभर में अपनी एक नई और अलग छवि एवं पहचान बना लेते हैं। इसलिए व्यापार के किसी एक क्षेत्र को चुनकर उसी में डटे रहिए और पहली योजना अगर नाकाम हो जाए तो दूसरी योजना बनाइए।
इसी तरह क्रमबद्ध रूप से जिंदगी के कारवां को आगे बढ़ाइए। एक दिन कामयाबी जरूर आपके कदमों में होगी।
3. सकारात्मक पहलुओं के बारे में अध्ययन काफी नहीं
बिजनेस में सिर्फ किताबें पढ़ना कारगर नहीं होता। इसके लिए आपको बिजनेस में कामयाब और सफल लोगों के विचारों पर अमल करना भी जरूरी होता है। जब कोई लेखक या बिजनेसमैन कोई किताब लिखता है तो वह अपनी जिंदगी के अनुभव से होकर गुजरा होता है।
उसकी किताब उसके अनुभव का बयान होता है। उसने कुछ गलतियां भी की थीं जिसका खामियाजा उसे भुगतना पड़ा था। आप चाहें तो किसी सफल बिजनेसमैन की किताब भी पढ़ सकते हैं। उसके विचारों पर आपको बारीकी से गौर करना होगा और उन गलतियों को दोहराना नहीं होगा जिसे उस बिजनेसमैन ने दोहराया था।
इस तरह आप बिजनेस के नुकसान से बचने में काफी हद तक सफल हो जाएंगे।
4. अपने काम को प्यार, सम्मान और समय दें
जब भी आप किसी मनपसंद क्षेत्र में जाते हैं तो कभी कभार ऐसा होता है कि परिस्थितियों से तंग आकर आप उस क्षेत्र से वापस पलट आते हैं। यह सिर्फ इसलिए होता है क्योंकि आपको नाकामियों का डर और खौफ सता रहा होता है।
इस तरह का विचार अगर आपके मन में आए तो आप किसी घने वृक्ष को देखें जो आज राहगीरों के लिए और हमारे माहौल के लिए कैसी बड़ी कुर्बानी देकर बड़ा हुआ है। जब वह नन्हा सा पौधा था तो उसने मौसम और हवा के सख़्त थपेड़ों को बर्दाश्त किया था।
उसने धूप की सख्ती झेली है, वह बरसात में डट कर खड़ा रहा लेकिन उसने हार नहीं मानी। अपने इसी रवैये की वजह से आज वह घना और छायादार वृक्ष का रूप धर कर वह वातावरण और राहगीरों को जबर्दस्त फायदा पहुंचा रहा है।
अपने आपको भी इसी पेड़ की तरह समझें। आप अभी इस क्षेत्र में नए हैं और आपको विपरीत परिस्थितियों से टकराना है। आपको हालात से लड़ना है और इस जंग में आपको किसी भी तरह जीत हासिल करनी है।
बहुत से काम तो केवल हौसले और आत्मविश्वास की ताकत से ही आसान हो जाते हैं। इसलिए जिस किसी सिपाही के पास हौसले और आत्मविश्वास की क्षमता मौजूद हो वह कभी हथियार नहीं डाल सकता और न कभी हालात के सामने घुटने टेकना उसे पसंद आता है। वीरों की मानसिकता तो विपत्तियों से टकराना होती है, घबराना नहीं।
5. जोखिम के साथ मार्केट में धीरे धीरे जमने का प्रयास करें
बिजनेस में जोखिम आपको कदम कदम पर मिलेंगे लेकिन आपको छोटे-छोटे जोखिम के साथ आगे बढ़ते रहने की आदत डालनी होगी। इस छोटे जोखिम का फायदा यह होगा कि आपको बिजनेस में ज्यादा नुकसान नहीं झेलना पड़ेगा और इस तरह अगर आपने नुकसान झेल भी लिया तो आप उससे उबरने में सक्षम होंगे।
जैसे शरीर में कोई घाव अगर गहरा न हो तो जल्द भर जाता है और अगर जख्म गहरा है तो उससे उबरने में काफी समय लगता है। यही मिसाल बिजनेस में आर्थिक नुकसान की भी है। आपको इन छोटे रिस्क और जोखिमों के बीच अनुभव और सीख जरूर मिल जाएगी।
तो जोखिम के साथ हर दिन एक नई योजना बनाएं, उसे अपनी डायरी में नोट कर ले और उस पर सख्ती के साथ अमल करना शुरू कर दें। धीरे-धीरे आपको अनुभव आ जाएगा और आपके पास मजबूती के साथ दुनिया के किसी भी रोजगार के मैदान में डट सकते हैं।
6. बिज़नेस में शर्म को ताखे पर रख दें
वैसे तो आमतौर पर अगर किसी व्यक्ति के अंदर शर्म है तो उसे सीधे-साधे आदमी के तौर पर जाना जाता है लेकिन अगर यही शर्म बिजनेस में होने लगे तो यह आपको आपके लिए घातक सिद्ध हो सकती है।
मिसाल के तौर पर अगर आपने आप से किसी ने किसी वस्तु या सामग्री का दाम पूछ लिया और आप संकोच करने लगे। जिसने यह सवाल किया था, उस पर क्या गुजरेगी? इस दौरान आपके ग्राहक के मन में आपके प्रति संशय और आशंका पैदा हो सकती है। इसलिए कहा जाता है कि किसी ग्राहक से बातचीत या बिजनेस डील्स के दौरान आत्मविश्वास का होना बेहद जरूरी है।
आप लोगों की नजर से नजर मिलाकर विश्वास के साथ बात करें। इससे आपके ग्राहक आपसे जल्द संतुष्ट होंगे और आपके प्रति उनके भरोसे की दीवार और अधिक ऊंची हो जाएगी।
7. शुरूआत में कम मुनाफे में ही काम करना सीखें
कुछ लोग किसी व्यापार में आते ही अपने प्रोडक्ट का रेट मार्केट रेट से हटकर बेचने और ज़्यादा मुनाफा कमाने की कोशिश करते हैं। इस तरह थोड़े ही दिनों में उनकी पोल खुल जाती है और वह जस के तस यानि वहीं के वहीं रह जाते हैं।
जब भी कोई नया व्यापार शुरू किया जाता है तो उसमें सब्र एवं संयम के साथ कम मुनाफे में ही काम चलाना होता है। फिर जब मार्केट में आपकी धाक जम जाए तो उसके बाद आप अपने प्रोडक्ट की मनचाही कीमत पाकर अपनी मार्केट वैल्यू बढ़ा सकते हैं।
8. अपने साथी व्यापारियों और ग्राहकों से शिष्टाचार से मिलें
शिष्टाचार से दिल मिलते हैं और आदमी इस आदत के चलते किसी की ओर आकर्षित होता है। व्यापार में भी यही सारे गुण को अमल में लाने की सख्त जरूरत होती है।
आपने भी देखा होगा कि बाजार में जो व्यापारी या दुकानदार अपने ग्राहकों से मनमुटाव या सद्भाव नहीं रखता, उसका व्यापार या दुकानदारी प्रभावित होकर धीरे धीरे विनाश की ओर बढ़ जाती है और वह अपनी करतूत और कड़े रवैये से सिर पर हाथ धरे बैठा ही रह जाता है।
बिजनेस एक ऐसा क्षेत्र है जहां प्रेम और सद्भाव की हर मोड़ पर ज़रूरत महसूस की जाती है। इन सगुणों के अभाव में कोई चाहे कितना भी बड़ा या सफल व्यापारी बन जाए लेकिन उसकी नाकामी के चांसेस हमेशा बरकरार रहते हैं। इसके अलावा हमें अपने साथी व्यापारियों या दुकानदारों की शिकायत भी नहीं करनी चाहिए और अपने काम से काम रखते हुए अपने रोजगार और व्यापार को आगे बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए।
दीवारों के भी कान होते हैं। अगर आपने अपने किसी साथी व्यापारी की गलती से भी शिकायत कर दी और किसी तीसरे शख्स के जरिए उस तक यह खबर पहुंच गई तो इससे मार्केट में आप की छवि खराब होने की संभावनाएं बढ़ जाती है।