सिर्फ खड़े होकर पानी देखने से आप नदी पार नहीं कर सकते [Success doesn’t come by just thinking in Hindi]
“ज्यादा सोचना कैसे छोड़े?” How to stop Overthinking in Hindi आज इस आर्टिकल में हम इन्हीं कुछ मुख्य बिंदुओं पर चर्चा करेंगे और जानेंगे कि कैसे हम अपने सपनो को या अपने द्वारा बनाई गई planning को सिर्फ सोचना ही नहीं बल्कि अपनी मेहनत और लगन से implement भी कर सकते हैं।
जब भी हम अपना कोई गोल चुन लेते है, तो बजाय उस पर मेहनत करने के हम उसके बारे में सोचते ही रहते है और ऐसे ही समय निकलता जाता है।
उदाहरण के लिए, मैंने सोच लिया है कि कल से मै एक्सरसाइज करूंगा, लेकिन जब एक्सरसाइज करने का समय आता है, तब मै सोचता हूं कि कल कर लूंगा और ऐसे ही कई दिन निकाल जाते है।
हम में से बहुत लोगो के साथ ऐसा होता है कि हम कुछ करना तो चाहते है लेकिन कर नहीं पाते। इसका एक कारण ज्यादा सोचना भी हो सकता है। इसलिए आज इस लेख में हम इसी विषय पर चर्चा करने वाले है। तो आइए जानते है कि कैसे अपनी सोच को सही दिशा दी जाए, ताकि हम जो करना चाहते है, वो कर सके।
1. सोचने मात्र से कोई कार्य संभव नहीं होता है [Stop Overthinking in Hindi]
कभी ऐसा हुआ है कि आप भूख से तड़प रहे हो और भोजन के बारे में सोचने मात्र से आपकी भूख शांत हो गयी हो? या फिर क्या यह संभव है कि परीक्षा में टॉप करने के बारे में केवल सोचते रहने से ही आप एग्जाम में 1st आ गये हो?
नहीं ना!
इस बात में कोई दोराय नहीं है कि जीवन का दूसरा नाम ही संघर्ष है और बिना संघर्ष किए कोई भी कार्य संभव नहीं है। जैसे, आपको अपना पेट भरने वाले भोजन को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है, धूप में तपना पड़ता है, ठंड में ठिठुरना पड़ता है ठीक उसी प्रकार सिर्फ सोचने से कोई भी काम संभव नहीं है उस कार्य के लिए किया जा रहा सतत प्रयास मात्र ही उसे साकार कर सकता है।
किसी काम को करने के बारे में खयाली पुलाव पकाने से आपके वक्त की बर्बादी के अलावा कुछ भी हासिल नहीं होगा। बेहतर है कि आप अपने क्षेत्र में पूरे हौसले और लगन के साथ प्रयासरत रहें।
एक दिन यकीनन सफलता आपके सामने नतमस्तक होगी और दुनिया आपके अभिनंदन में तालियाँ बजा रही होगी। जो लोग आज ताने मार रहे हैं वही लोग आपके सफल जीवन में आपकी जयजयकार करेंगे।
2. नदी पार करनी है तो छलांग जरूरी है [Take first step for your success in Hindi]
किसी बहती नदी को ताकते रहने से हम उस नदी को पार नहीं कर सकते है। यह बात शत प्रतिशत अचल है और यह तब तक संभव नहीं हो सकता, जब तक हम उस नदी में छलांग नहीं लगाते। नदी की अकर्मक लहरों से टकराते हुए, उसके तेज बहाव से उलझ कर नदी पार करनी पड़ती है, असीमित गहराइयों का सामना करना पड़ता है, बेखौफ हो कर गोते लगाने पड़ते हैं, तब जा कर ये संघर्ष साकार होता है। हमारे जीवन और इस बहती नदी में ज्यादा फर्क नहीं दिखता है।
जिंदगी भी उस उफनती नदी के जैसी ही है। जहां, वे तेज लहरें हमारी रोज की समस्याएं हैं, तो वहीं दूसरी ओर उसकी असीमित गहराई हमारे समाज की अवधारणा को दर्शाती है। जिस प्रकार बिना तैरे नदी पार नहीं हो सकती, ठीक उसी तरह बिना संघर्ष किए जीवन यापन संभव नहीं है।
सामाजिक कुरीतियों से लेकर आर्थिक तंगी तक, पारिवारिक समस्याओं से ले कर दफ्तारिक जीवन तक हमें दिन प्रतिदिन हजारों संघर्षों से गुजरना पड़ता है और इसी का नाम तो जिंदगी है। जिंदगी में निरंतर सीना तान आसमान की ओर सर कर के बढ़ते रहना ही एक सच्चे योद्धा की पहचान है।
यकीनन यह जीवन एक रणभूमि है और आप एक कुशल योद्धा है, तो दिखाइए अपने गुण और झुका दीजिए बड़ी से बड़ी समस्याओं को, आखिर जीवन जीना है ना कि काटना। जब हमें इस संघर्ष में भी मज़ा आने लगता है, तब मानना आपका जीवन सफल हो गया है, क्योंकि जीवन का संघर्ष जो आपको सीखा सकता है, वो कोई स्कूल, कोई किताब आपको नहीं सीखा सकती।
3. प्रयास ही सफलता का आधार है [Effort is the real basis of success]
असफलता जिंदगी का एक अहम हिस्सा है, एक असफल व्यक्ति ही सफलता न मिलने का कारण जान पाता है और अपने भीतर सुधार के बाद सफल होता है। असफल व्यक्ति ही किसी दूसरे को उन गलतियों के बारे में सतर्क कर सकता है, जिन गलतियों से वह असफल हुआ।
सफल व्यक्ति ठोकरों से मजबूत बनते हैं, बिखरते नहीं हैं। यह बात साफ है कि असफलता के बाद अंत में सफलता तय है और ये दोनों ही जीवन में अपनी-अपनी जगह जरूरी हैं, लेकिन इन दोनों का मूल आधार है, प्रयास।
जब तक हम किसी काम को करने की कोशिश ही नहीं करेंगे तब तक हम न ही सफल होते हैं और न असफल हो कर कुछ नया सीख पाते हैं और यह स्थिति असफलता से भी बुरी साबित होती है। जब हम प्रयास नहीं करते हैं।
हम में से कई लोग होंगे, जो असफलता के डर से प्रयास ही नहीं करते हैं, जिन्होंने सोच लिया है कि वे जीवन में कुछ हासिल नहीं कर सकते, उनके लिए सिर्फ एक बात ही कही जा सकती है कि
“कौन कहता है आसमान में सुराख हो नहीं सकता,
एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों”
विजय – पराजय, हार – जीत, सफलता – असफलता यह सब बाद कि बातें हैं, महत्वपूर्ण यह है कि आप बिना हौसला हारे अपने लक्ष्य को पाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहें। यकीन मानिए एक दिन आप सफल होंगे और आपको ये दिन याद आएंगे, तब आपके पास अच्छा ज्ञान होगा और आप लोगो को बता पाएंगे कि आपने आपने यहां तक आने का सफ़र कैसे तय किया।
4. ब्रह्मांड में कोई समस्या आपके हौसले से बडी नहीं है [There’s no bigger problem than your spirits]
सम्पूर्ण ब्रह्मांड में आप जैसा व्यक्तित्व, आपकी सोचने की क्षमता और सामाजिक दृष्टिकोण वाला कोई दूसरा व्यक्ति नहीं मिलेगा। ईश्वर ने आपको मानव जीवन के लिए चुना, इसके पीछे की सिर्फ एक वजह है, वह है ईश्वर का आपके प्रति विश्वास।
ब्रह्मण्ड के रचयिता को भी पता है कि आप किसी भी तरह की समस्या का समाधान खोजने में सक्षम हैं और स्रष्टि में ऐसा कोई काम नहीं जो आप न कर सकते हों। सिर्फ देरी है, तो अपने आप को पहचानने की और कोशिश का एक कदम बढ़ाने की, यकीन मानिए एक कोशिश आपके जिंदगी की गति और मति दोनों बदल सकती है।
दुनिया में ऐसी कोई भी समस्या अस्तित्व में ही नहीं है जिसका समाधान आपके पास न हो, आपका हौसला जमीन खोदकर पानी निकालने की ताकत रखता है, आपकी विचार शक्ति से एक मानव चंद्रमा का भ्रमण कर सकता है, आपके ओजस्वी विचारों से जग में एक सकारात्मक क्रांति का उदय हो सकता है लेकिन जिस प्रकार हर प्रचंड ज्वाला का आधार एक छोटी सी चिंगारी होती है, उसी प्रकार किसी भी ऐतिहासिक कार्य को अस्तित्व में लाने वाली होती है एक छोटी सी चिंगारी।
5. हारा वही जो लड़ा नहीं [keep trying until you succeed]
एक बार एक युवा लड़की अपने पिता के साथ ड्राइविंग करना सीख रही थी। वो उसका पहला दिन था और वह धीमे-धीमे आगे बढ़ रहे थे, तभी अचानक से मौसम खराब होने लगा और लड़की डरने लगी और वापस घर जाने को कहने लगी।
यह सुनकर पिता एक हल्की हँसी मुस्कुराए और चलते रहने को बोला। मौसम लगातार बद से बद्तर होता जा रहा था और वे निरंतर आगे बढ़ते जा रहे थे, तभी कुछ देर बाद तेज हवाएं चलने लगीं और उन हवाओं ने एक भीषण तूफान का रूप ले लिया।
इससे उस लड़की को और भी ज्यादा डर लगने लगा था। उसके साथ जो गाड़ियां चल रही थीं वे तूफान के चलते वापस लौटने लगीं, जब लड़की ने अपने पिता से घर की ओर चलने को कहा, तो पिता एक बार फिर मुस्कुराते हैं और आगे बढ़ते रहने के लिए कहते हैं।
कुछ क्षण बाद मौसम सामान्य हो जाता है और लड़की के पिता एक जगह गाड़ी रोकने को कहते हैं और बोलते हैं “अब बाहर निकल कर पीछे देखो, जो लोग तूफान की गति के सामने हिम्मत हार गए, वे वहां से आगे नहीं बढ़ सके हैं। तुमने हार नहीं मानी, इसीलिए तुम्हारा तूफान खत्म हो गया और तुम अपनी मंजिल तक पहुँच गयी।”
जिंदगी का दस्तूर भी यही है, बिना हिम्मत हारे लगातार बढ़ते रहो जब तक आप अपनी मंजिल तक नहीं पहुँच जाओ। जिस प्रकार ये तूफान तुम्हारे जीवन की समस्याऐ हैं, ये गाड़ी तुम्हारी हिम्मत और ये डर तुम्हारी कमजोरी।
इसी प्रकार अपने डर पर काबू पाते हुए, निरंतर अपनी हिम्मत के साथ विपरीत समय का सामना करते रहो। एक क्षण के लिए थक जाओ तो आराम कर लो, निराश हो जाओ तो जोश जगाओ लेकीन जीवन में कभी हार मत मानो, चाहे परिस्थितियों की मार कितनी भी गहरी क्यों न हो, लेकिन हार न मानना ही धर्म है यही मानव धर्म है।
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