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Story Telling कहानीकारी भी हैं कला

हम सभी को कहानी सुनना और पढ़ना बहुत अच्छा लगता है जिसके माध्यम से हम खुद का मनोरंजन करते हैं साथ ही साथ छोटे बच्चों को भी कहानियों के माध्यम से नई सीख दी जाती है।

ऐसे में आपने गौर किया होगा कि आज के समय में स्टोरी टेलिंग (Story Telling) को बहुत ही ज्यादा महत्व दिया जाता है जिसके चलते हम कई नए बदलाव अपने स्टोरी में करते हुए एक अच्छा अहसास प्राप्त कर सकते हैं साथ ही साथ स्टोरी टेलिंग के माध्यम से हम किसी भी Story को एक नया मोड़ भी दे सकते हैं।

इसी कर्म में हम आपको स्टोरी टेलिंग के बारे में विस्तार से जानकारी देने वाले हैं ताकि आप भी इसके माध्यम से सही तरीके से अपनी जानकारी को पूरी कर सके।

स्टोरी टेलिंग ( Storytelling) क्या है?

कभी-कभी ऐसा कहा भी आता है जब किसी भी स्टोरी या कहानी को सही तरीके से कह पाने के लिए हम सक्षम नहीं होते हैं। ऐसे में स्टोरी टेलिंग के माध्यम से हम अपने स्टोरी या कहानी को आगे बढ़ा पाते हैं।

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स्टोरी टेलिंग एक ऐसी कला है जिसके माध्यम से आप अपने हाव-भाव और अपनी भाव भंगिमाओं के माध्यम से दर्शकों को कहानी बता पाने में सक्षम होते हैं। स्टोरी टेलिंग एक मुश्किल काम माना जाता है क्योंकि सामने वाली दर्शक को अपने तरीके से कहानी को समझा पाना एक बड़ा चैलेंज होता है। ऐसे में अगर आप कई बार प्रैक्टिस करने के बाद ही स्टोरी टेलिंग को सही तरीके से बयां कर पाते हैं, तो यह आपके लिए बहुत बड़ी उपलब्धि मानी जाएगी।

ऐसे में आज के समय में स्टोरी टेलर बनकर भी समाज के सामने एक अलग उदाहरण प्रस्तुत किया जा सकता है और निश्चित रूप से ही जागरुक करने का कार्य किया जा सकता है।

आखिर लोगों को कहानियां पसंद क्यों आती है?

लियो विड्रिच ने अपने लेख “व्हाट लिसनिंग टू ए स्टोरी डू टू अवर ब्रेन” के अनुसार, कहानियां मस्तिष्क में उन हिस्सों को सक्रिय करती हैं जो श्रोता को कहानी को अपने विचारों और अनुभव में बदलने की अनुमति देता है।

जब मस्तिष्क भावनात्मक रूप से आवेशित घटना का अनुभव करता है तो याद रखना और अधिक सटीकता के साथ आसान हो जाता है।

स्टोरी टेलिंग (Story telling) के लिए की जाने वाली तैयारी

स्टोरी टेलिंग सामान्य रूप से स्टेज या बड़े ग्रुप के सामने की जाती है जहां पर आपको अपने मनोभावों को प्रदर्शित करना होता है। ऐसे में अगर आप स्टोरी टेलिंग के पहले ही थोड़ी तैयारी कर ले तो निश्चित रूप से ही आपके लिए बेहतरीन मौका होगा जब आप दर्शकों के सामने अपने प्रतिभा को दिखाते हैं

अगर आप किसी बड़े मंच पर स्टोरी टेलिंग करने वाले हैं, तो इसके लिए आपको पहले से ही थोड़ी प्रैक्टिस करनी होगी ताकि आखिरी समय में आप से कोई भूल ना हो सके।

अगर आप प्रैक्टिस के रूप में अपने रिश्तेदारों या दोस्तों का सहारा ले रहे हैं तो ऐसी स्थिति में आपको उनसे अपने काम में होने वाली कमी के बारे में भी जरूर पूछना होगा ताकि आप उसमें सुधार करते हुए एक नया मुकाम हासिल कर सके।

जब भी आप स्टोरी टेलिंग करें तो कभी भी उसमें ऐसा सीन ऐड ना करें जो उस स्टोरी के लिए सही नहीं हो। ऐसी स्थिति में आपको बहुत सोच समझ कर ही आपको स्टोरी टेलिंग के बारे में पूरी जानकारी लेना होगा।

जब भी आप स्टोरी टेलिंग करते हैं, तो आपको उन भावों पर जोर देना होगा जिनके माध्यम से दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया जा सकता हो।

स्टोरी टेलिंग करते समय हमेशा अपना सकारात्मक पहलू भी लोगों के सामने रखें जिससे लोगों को आप की स्टोरी टेलिंग का तरीका कहीं ज्यादा दिलचस्प लगे।

स्टोरी टेलर ( Storyteller) कैसे बने?

स्टोरी टेलिंग करना एक कला के रूप में जाना जाता है जहां पर आप बड़ी ही सहजता के साथ स्टोरी टेलर बन सकते हैं।

अपने स्टोरी टेलिंग की क्षमता को लोगों के सामने व्यक्त करें— कई बार हमारे सामने ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है कि हम सही तरीके से खुद को व्यक्त नहीं कर पाते हैं।

ऐसे में अगर आप एक अच्छे स्टोरी-टेलर बनना चाहते हैं इसके लिए आपको खुद से ही शुरुआत करते हुए आगे बढ़ना होगा। इसके लिए आप उन जगहों पर भी अपना टैलेंट दिखा सकते हैं जहां पर आप आसानी से जाकर भीड़ से अलग कुछ कर सके और सही राह पर आगे बढ़ सके।

पॉडकास्ट ( Podcast) की करे शुरुआत –

अगर आपके अंदर अभी भी लोगों के सामने आने की हिचक है, ऐसे में आप पाॅडकास्ट के माध्यम से स्टोरी टेलिंग कर सकते हैं। ऐसा हो सकता है कि शुरू में आपको दिक्कत हो लेकिन अगर आपके पास खुद का लैपटॉप, रिकॉर्डिंग सॉफ्टवेयर, माइक्रोफोन हो तो आप अपनी स्टोरी को खुद से ही पोडकास्ट के रूप में लोगों के सामने जाहिर कर सकते हैं।

स्टोरी टेलिंग इवेंट में हिस्सा ले –

आज भी कई ऐसी जगह होती है जहां पर स्टोरी टेलिंग जैसे इवेंट होते हैं जिसमें कई सारे लोग आकर अपनी स्टोरी टेलिंग के एक्सपीरियंस शेयर करते हैं। ऐसे में अगर आप भी इस प्रकार के इवेंट में हिस्सा लेते हैं तो निश्चित रूप से आप स्टोरी टेलिंग के सभी पहलुओं के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं जिसके माध्यम से आप खुद के अंदर भी सकारात्मक परिवर्तन लाते हुए अपने इस काम को बेहतर बना सकते हैं।

अच्छी किताबों का सहारा ले –

हम सभी मानते हैं कि किताबें हमारी अच्छी मित्र होती हैं ऐसे में अगर आप स्टोरी टेलिंग करना चाहते हैं तो आपको किताबों के माध्यम से कई सारी जानकारियां हासिल होती हैं।

कई बार स्टोरी टेलिंग करते समय आपके मन में कई प्रकार के सवाल आते हैं जिनका जवाब आप किताबों में ढूंढ सकते हैं और काफी कुछ सीखते हुए आगे बढ़ सकते हैं। आज के समय में स्टोरी टेलिंग पर भी कई सारी किताबें आ चुकी हैं जिसके माध्यम से आप निरंतर नई-नई बातों को सीख सकते हैं।

दोस्तों से ली जा सकती है मदद –

अगर आप किसी भी तरह से खुद के अंदर आत्मविश्वास नहीं जगा पाते, तो ऐसे में दोस्त आपकी मदद करते हैं। ऐसे में स्टोरी टेलिंग मे भी किसी प्रकार की प्रॉब्लम होने पर आप अपने दोस्तों से बात कर सकते हैं ताकि वे समस्याओं का समाधान बड़ी आसानी के साथ कर सके और हमेशा आपका साथ दें।

हमेशा आत्मविश्वास बनाए रखे – 

एक बात हमेशा याद रखें कि जब भी आप स्टोरी टेलिंग करते हैं, तो हमेशा विश्वास बनाए रखें और किसी भी गड़बड़ी होने के पहले उसे ठीक करने का दमखम खुद उठाएं।

आपकी परफॉर्मेंस इतनी अच्छी होनी चाहिए कि ऑडियंस को आपकी गलती का पता ना चले और आप बड़ी आसानी के साथ अपने स्टोरी टेलिंग को सही तरीके से कर सकें।

जब भी आप कहानी सुना रहे है तो सबसे जरूरी चीज है कि आप अपने ऑडियंस का ध्यान कहानी पर ही रखे, कहानी सुनाते समय आपके हाव भाव को दर्शक नोटिस करते है, तो आप अपने हाव भाव को सही रखे,अपने वाइस नोट्स पे ध्यान दे।

इन सबसे जरूरी होता हैं, शब्दों का सही उच्चारण. सही उच्चारण का बहुत महत्वपूर्ण स्थान होता है, कई बार गलत उच्चारण से अर्थ का अनर्थ हो जाता है।

और यह सब के लिए आपके पास आत्मविश्वास की गुंजाइश बनती है. और आत्मविश्वास बार बार प्रैक्टिस करते रहने से आ जाता है।

स्टोरी टेलर ( Storyteller) की महत्वपूर्ण भूमिका

जब भी किसी स्टोरी की शुरुआत की जाती है, तो ऐसे में स्टोरी टेलर की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है। शुरुआत में की जाने वाली भूमिका के माध्यम से ही स्टोरी के बारे में उचित जानकारी ली जा सकती है जहां पर आप खुद की दिलचस्पी के अनुसार ही स्टोरी टेलर के बताए गए बातों को ध्यान में रख सकते हैं।

कई बार ऐसा भी होता है कि स्टोरी टेलर के माध्यम से बताई जाने वाली भावनात्मक बातों को हम बहुत ही गहराई के साथ समझ पाते हैं और यही वजह है कि किसी भी स्टोरी की शुरुआत में स्टोरी टेलर की मुख्य भूमिका होती है।

कई बार ऐसा भी समय होता है जब स्टोरी टेलर द्वारा उपयोग किए जाने वाली बातों को हम सही तरीके से समझ सकते हैं जिसके माध्यम से किसी भी प्रकार की स्टोरी में आने वाले मोड़ को भी बहुत ही बेहतरीन तरीके से जाहिर किया जाता है।

आज के समय में स्टोरी टेलिंग (Storytelling) करते हुए नए आयामों को हासिल किया जा रहा है। ऐसे में अगर आपके अंदर भी इस काम को करने की रुचि है, तो आप बिना किसी डर और हिचक के इस क्षेत्र में भी आगे बढ़कर काफी अच्छा कर सकते हैं।

कहानी सुनाना एक कौशल है। जितना अधिक आप इसे करते हैं, उतना ही आप बेहतर बनते जाते है।

कहानी सुनाने से हमारे दिमाग को जटिल जानकारी का बोध कराने और भावनात्मक रूप से इससे जुड़ने में मदद मिलती है जिसके बाद यह एक खूबसूरत सफर बन जाता है.

याद रखें: अभ्यास परिपूर्ण बनाता है। एक अच्छा कहानीकार (और विशेष रूप से एक महान) बनने में समय लगता है, और यह एक ऐसा शिल्प नहीं है जिसे आप रातों-रात उठा सकते हैं।

हालांकि इस पर काम करें और आपके कौशल में तेजी से सुधार होगा।

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