अगर आप चिंता महसूस कर रहे हैं या आप थके हुए हैं तो यह बुक सिर्फ आपके लिए ही लिखी गई है। The Subtle Art of Not Giving a F*ck का मतलब होता है किसी भी चीज पर ध्यान नहीं देना।
यह किताब हर उस इंसान के लिए लिखी गई है जो अपनी जिंदगी से परेशान हैं या फिर अपनी एनर्जी को सही तरह से Manage नहीं कर पा रहा है।
Book की Author कहते हैं कि आपको हर चीज की परवाह नहीं करनी चाहिए क्योंकि अगर आप हर चीज की परवाह करेंगे तो आप सिर्फ अपना समय और एनर्जी ही बर्बाद करेंगे इसलिए इन चीजों को ध्यान से इस्तेमाल कीजिए।
यह किताब हर उस इंसान को पढ़ने चाहिए जो अपनी लाइफ से Frustrated है बिजनेसमैन, एंप्लाइज, स्टूडेंट्स, पेरेंट्स सभी को यह किताब पढ़नी चाहिए क्योंकि इस किताब में बताई गई जानकारी एक इंसान की लाइफ बदलने की शक्ति रखती हैं।
Chapter 1. कोशिश मत कीजिए
Charles buovski एक बहुत बड़े जुआरी और शराबी थे। चार्ल्स जिंदगी से हारे हुए इंसान थे। वे दुनिया के ऐसे इंसानों में ऐसे थे जिनकी सलाह शायद ही कोई लेता होगा।
चार्ल्स शुरू से ही एक राइटर बनना चाहता थे। लेकिन उनके काम को सभी न्यूज़पेपर और पब्लिशर्स ने बेकार और घटिया बताकर उनका बहुत मजाक उड़ाया।
लोगों की बात से चार्ल्स इतने ज्यादा दुखी हो गए कि वह डिप्रेशन में चले गए। जिसकी वजह से उन्होंने शराब पीना शुरू कर दिया और फिर बाद में शराब पीना उनकी आदत बन गई।
चार्ल्स अपनी जिंदगी के 30 साल शराब और जुए में बर्बाद कर चुके थे। फिर एक दिन उनकी जिंदगी बदल गई।
एक छोटे से पब्लिशिंग हाउस ने चार्ल्स के काम में दिलचस्पी दिखाई। पब्लिशिंग हाउस के दिलचस्पी दिखाने की वजह से चार्ल्स के मन में फिर से उम्मीद की किरण जागी और इस बार वह अपने चांस को गवाना नहीं चाहते था।
चार्ल्स ने झट से पब्लिशिंग हाउस के साथ कॉन्ट्रैक्ट साइन कर लिया और इसी के बाद उन्होंने अपनी पहली किताब लिखी।
इस किताब को लिखने के बाद चार्ल्स ने दोबारा पीछे मुड़कर नहीं देखा वह लगातार सफलता की सीढ़ियां चढ़ने लगे।
इस किताब को लिखने के बाद उन्होंने लगातार छह किताबें और लिखीं। साथ ही साथ उन्होंने कुछ कविताएं भी लिखी थी चार्ल्स के द्वारा लिखी गई किताब को 2 मिलियन से भी ज्यादा लोगों ने खरीदा था।
यह उनके लिए एक बहुत बड़ी कामयाबी थी। वैसे तो अमेरिकी ड्रीम में यही बात कही जाती है कि हमेशा कोशिश करो और कभी हार मत मानो लेकिन जब चार्ल्स मरे तब उनकी कब्र के पत्थर पर लिखा गया था कि कोशिश मत करो।
चार्ल्स की खास बात ये नहीं थी कि उन्होंने अपनी जिंदगी के बुरे हालातों से निकलकर अपना जिंदगी को बदला बल्कि उनकी जिंदगी जैसी थी उन्होंने अपनी जिंदगी को वैसे ही स्वीकार किया।
और सक्सेसफुल बनने के बाद भी उनमें कोई खास बदलाव नहीं आया क्योंकि ना तो उसकी अच्छाई ने उसे सक्सेस दिलाई थी और ना ही सक्सेस मिलने के बाद वह एक अच्छा इंसान बना।
हम सभी अपनी जिंदगी में ऐसे वक्त से जरूर गुजरते हैं जब हालात बद से बदतर होते चले जाते हैं। जैसे कई लोगों को बहुत ज्यादा गुस्सा आता है और उनको इस बात से भी गुस्सा आता है कि वह अपने गुस्से को कंट्रोल नहीं कर पा रहे हैं मतलब कुछ भी।
लेकिन अपने ऊपर गुस्सा करने की जगह आप को यह सोचना चाहिए कि आप अपने गुस्से को कैसे शांत कर सकते हैं या कैसे कम कर सकते हैं। जब आप कभी अकेले होते हैं या फिर निराश होते हैं तब आपके मन में निगेटिव विचार घूमने लगते हैं।
जिसकी वजह से होता यह है कि आप अपने अकेलेपन के बारे में इतना ज्यादा सोचने लगते है कि आप घंटों इस सोच में ही बिता देते हैं और उदास रहते हैं। इस तरह की चीजें जब किसी के साथ होती है तब वह जहन्नुम के Loop में फंसे होते हैं।
आपके साथ सारी चीजें अच्छी हो आप अच्छे से रहें और आप अच्छे अच्छे काम करते रहें, ऐसा होना थोड़ा मुश्किल है क्योंकि जिंदगी ऐसे नहीं चलती इसलिए आपको नेगेटिव चीजों को भी स्वीकार करना पड़ेगा। क्योंकि नेगेटिव बातों को एक्सेप्ट करना ही एक बहुत बड़ा पॉजिटिव साइन होता है।
वैसे तो यह सुनने में बुरा लगता है लेकिन बिल्कुल सच है कि जितना ज्यादा आप खुशियों के पीछे भागते हैं खुशियां आपसे और दूर चली जाती हैं।
Example के लिए कहूं तो जब आप जिम में वर्कआउट करने के लिए जाते हैं तब आपके बॉडी में Pain होना शुरू हो जाता है लेकिन यही पेन बाद में आपको मसल्स के तौर आपको रिवार्ड देता है।
इसी तरह जब आप किसी काम में नाकामयाब होते हैं तब आप डबल जोश के साथ उस काम को करने में लग जाते हैं।
दर्द या फिर हार आपको जिंदगी में जो कुछ भी मिलता है आपको उसकी परवाह बिल्कुल नहीं करना चाहिए। यहां कहने का मतलब यह है कि चाहे आपकी जिंदगी में कितनी ही बड़ी परेशानी क्यों ना आए आपको अपनी परेशानी पर ध्यान नहीं देना चाहिए और बस आराम से अपने काम को करते रहना चाहिए। हो सकता है यह कुछ लोगों को थोड़ा अजीब लग सकता है लेकिन आपको दुनिया से मतलब ही क्या हैं।
लेकिन कभी-कभी हमारी जिंदगी में कोई ना कोई सिचुएशन ऐसी आ ही जाती है जिसमें ना चाहते हुए भी हमें उस सिचुएशन को लेकर सोचना ही पड़ता है। अब यह सवाल आता है कि आखिर हमें किन चीजों के बारे में सोचना चाहिए और किन चीजों के बारे में नहीं?
लेखक की मां को उनके एक दोस्त ने अच्छी खासी रकम का चूना लगा दिया था जिसकी वजह से लेखक की फाइनेंसियल हालात थोड़े खराब हो गए थे। ऐसे में लेखक अपनी मां को उनके हालात में वैसे ही छोड़ सकता था और अपने काम से मतलब रख सकता था लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। उन्होंने अपनी मां को कहा कि वह लॉयर की मदद लेंगे और उस आदमी को सबक सिखाएंगे।
Chapter 2. खुशियों के पीछे मत भागिए
दुनिया में ज्यादातर लोग खुशियां चाहते हैं और इसमें कुछ गलत भी नहीं है यहां तक कि आप और मैं भी अपनी जिंदगी में सिर्फ खुश रहना ही चाहते हैं लेकिन खुश रहने के लिए खुशियों के पीछे भागते रहने का कोई मतलब नहीं होता।
25 सौ साल पहले नेपाल में एक राजा थे, जिन्होंने अपने बेटे को खुश रखने के लिए अपने महल के चारों तरफ लंबी दीवार बना ली थी जिसकी वजह से उनका बच्चा दुनिया के हर दुख दर्द से दूर था लेकिन उसके मन में अक्सर यही सवाल आता था कि आखिर इस दीवार के पीछे क्या है और इसी का पता लगाने के लिए एक दिन बच्चे ने दीवार से बचते हुए बाहर जाने का रास्ता ढूंढा और वह बाहर चल गया बाहर जाने के बाद उसे समझ आया कि दुनिया में भुखमरी गरीबी जैसे बहुत सी चीज है और यह समझने के बाद उस बच्चे को पहली बार दर्द का अहसास हुआ।
इसीलिए वह बच्चा अपने राजपाट को छोड़कर जंगल में चला जाता है और बौद्ध भिक्षु की जिंदगी जीने लगता है।
जो लोग अमीर होते हैं वह अपने पैसे को लेकर परेशान होते हैं और जो लोग गरीब होते हैं इसलिए परेशान होते हैं क्योंकि उनके पास पैसे नहीं होते हैं। अमीर लोग सोचते हैं कि वो और ज्यादा पैसे कमा कर खुश हो जाएंगे और गरीब लोग सोचते हैं कि वह अमीर बनने के बाद खुश हो जाएंगे जबकि असल में खुशी पाने का कोई पैमाना नहीं है कोई भी कभी भी खुश हो सकता है।
अपनी जिंदगी में कुछ हासिल करने का मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि आप सारी जिंदगी खुश रहेंगे। लोग तकलीफ इसलिए सहते हैं क्योंकि तकलीफ पाने से लोग मोटिवेटेड होते हैं और यही मोटिवेशन उन्हें आगे बढ़ने के लिए एक्साइटेड करती है।
ख़ुशी के पीछे भागने से ही चीजें हमेशा सही नहीं होती कभी कभी दर्द भी हमें जिंदगी में बड़ी बड़ी चीजे दिला देते हैं।
लोग बस यही कोशिश करते हैं कि वह अपने जिंदगी में किसी भी तरह का स्ट्रगल फेस ना करे। लेकिन अगर आप जिंदगी को बेहतर बनाना चाहते है तो आपको अपनी लाइफ में अपने स्ट्रगल्स को खुद चुनना चाहिए।
Chapter 3. आप औरों से अलग नहीं हैं
एक आदमी का नाम जिम था उसके दिमाग में हर वक्त कोई ना कोई बिजनेस आइडिया घूमता रहता था और वह अपने पास से या तो अपने बिजनेस आइडिया पर किसी भी तरह पैसा खर्च करता था।
अब तक जितने जितने भी बिजनेस आइडिया सोचे थे उनमें से किसी भी आईडिया ने काम नहीं किया और ना ही जिम को उससे कोई फायदा मिला लेकिन जिस तरीके से वह अपने आइडिया के बारे में बात करता था सभी लोग उसे इंप्रेस हो जाते थे।
वह जिस तरह से बात करता था, लोग ना चाहते हुए भी उससे प्रभावित होने लगते थे। क्योंकि उसे खुद पर बहुत ज्यादा विश्वास था। 1960 के समय जब सारे लोग यह सोच रहे थे कि हम सब एक दूसरे से अलग हैं ।
अधिकतर लोगों को यही लगता था कि वह दूसरों से अलग है और उनमें कुछ खास बात है लेकिन फिर साल दर साल बीत जाने के बाद उन्हें एहसास हुआ कि यह बस एक मिथ है। असल में कोई किसी से अलग नहीं है।
इस दुनिया में हर कोई अच्छे काम नहीं कर सकता है और फेलियर, सक्सेस के रास्ते का एक बहुत ही जरूरी हिस्सा है। इससे हर किसी को निकलना पड़ता है।
बिना किसी खास वजह के खुद को बहुत महान समझ लेना बिल्कुल वैसा ही है जैसा जिम खुद को समझता था।
बहुत से लोग अक्सर यह कहते हैं कि हम सब अनोखे हैं लेकिन जरा इस बात को ध्यान से सोचिए अगर सभी लोग अनोखे होंगे तो सभी लोग एक जैसे होंगे ना इस में अनोखापन कहां से आया? हम सभी आम है लेकिन आम होने में कोई शर्म की बात नहीं है।
हमें लगता है कि दुनिया में जो सक्सेसफुल लोग हैं वह लोग अनोखे हैं लेकिन वह लोग भी अपने आप को एवरेज मानते हैं और हमेशा खुद को इंप्रूव करने के पीछे लगे रहते हैं। वे लोग इसलिए महान बन पाए क्योंकि उन्हें लगता था कि वह महान नहीं है।
Chapter 4. दुख की कीमत
खुद को समझना बहुत ही मुश्किल चीजों में से एक माना जाता है क्योंकि खुद को समझना बिल्कुल वैसे है जैसे प्याज से परत उतारना जब आप एक परत को निकालते हैं तो दूसरी परत सामने आ जाती हैं।
ऐसे में जब आप रोते हैं तब यह समझना कि आप रो रहे हैं पहली परत होती है और जब आप इस परत को उतारकर यह समझने की कोशिश करते हैं तो वह दूसरी परत होगी।
जब आप अपनी भावनाओं को समझ जाएंगे तब आप अपने मुताबिक अपनी मंजिल को चुन पाएंगे। जब आप अपनी भावनाओं में बहकर गलत मंजिल चुनते हैं तब आप सारी चीजें खो देते हैं।
हमारी जिंदगी में भावनाओं का बहुत महत्व होता है। छोटी छोटी चीज आज जो हम करते हैं उन सभी में भावनाएं छुपी होती हैं।
Chapter 5. आप हमेशा खुद चुनते हैं
अमेरिकन फिलॉस्फर विलियम जेम्स अपनी जिंदगी से काफी परेशान रहते थे। उन्हें क्या क्या परेशानियां आती हैं? उन्हें आंखों की बीमारी, कम सुनने की बीमारी, और भी कई सारी बीमारियां थी। इन बीमारियों के कारण वह ज्यादातर समय अपने घर में ही रहते थे।
उन्हें पेंटिंग करने का बहुत ही ज्यादा शौक है इसलिए वह हमेशा पेंटिंग किया करते थे। हालांकि उनकी पेंटिंग को लोग कुछ खास पसंद नहीं करते थे।
उनकी शारीरिक हालत हमेशा ही खराब रही लेकिन विलियम जेम्स जी वह पहले इंसान थे जिन्होंने साइकोलॉजी विज्ञान की नींव रखी थी।
यह कहानी हमें सीख देती है कि हमें हमेशा अपने काम की जिम्मेदारी खुद लेनी चाहिए। उन्होंने यह सोच लिया था कि अगर वह हार मान लेंगे तो वह सुसाइड कर लेंगे और इसी चीज ने उन्हें जीवन में आगे बढ़ने के लिए मोटिवेट किया।
निष्कर्ष
उम्मीद करते हैं कि आपको यह Book Summary पसंद आई होगी। आपको यह बुक समरी कैसी लगी नीचे कमेंट करके जरूर बताएं।
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