Indian Scientist प्रमुख महान भारतीय वैज्ञानिक
इस दुनिया को विकास में मार्ग पर अग्रसर करने वाले वैज्ञानिक ही होते हैं जो किसी भी देश के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं अपने अलग-अलग अविष्कारों और वैज्ञानिक खोजों से वह अपना नाम इतिहास के पन्ने पर अमर कर लेते हैं।
हमारे देश के गौरवपूर्ण इतिहास में कई वैज्ञानिकों ने जन्म लिया है हमारा देश तो जीरो का आविष्कार करने वाले महान आर्यभट्ट की जन्मभूमि है। आर्यभट्ट के अलावा कई ऐसे वैज्ञानिक इस देश में जन्मे है जिन्होंने विज्ञान के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण सहयोग दिया है।
आज हम इस लेख के माध्यम से देश के कुछ महान वैज्ञानिकों का संक्षिप्त वर्णन करने जा रहे हैं।
Top Indian Scientist प्रमुख महान भारतीय वैज्ञानिक
1. ए. पी. जे अब्दुल कलाम
एपीजे अब्दुल कलाम जिन्हें लोग मिसाइल मैन के नाम से बुलाते हैं एक महान भारतीय वैज्ञानिक थे। इन्होंने विज्ञान के क्षेत्र में कई अविस्मरणीय कार्य किए हैं।
यह अब्दुल कलाम जी के प्रयत्नों का नतीजा है कि आज हमारा देश भी दुनिया के अनेक विकासशील देशों को विज्ञान के मामले में बराबर की टक्कर दे रहा है।
एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अबुल पाकिर जैनुल आब्दीन अब्दुल कलाम है उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 ईस्वी में हुआ था। साल 2002 से साल 2007 तक अब्दुल कलाम हमारे भारत के 11वीं राष्ट्रपति भी थे। भारत के मिसाइल मैन ने अपनी शिक्षा Madras Institute of Technology, Anna University से की थी।
अपनी शिक्षा पूरी कर लेने के बाद अब्दुल कलाम जी ने Defence Research and Development Organization को ज्वाइन किया था वहां पर उन्होंने विभिन्न उद्देश्यों के लिए अलग-अलग तरह के मिसाइल बनाएं। जिनमें से बैलिस्टिक मिसाइल ( शक्तिशाली प्रक्षेपास्त्र) भी एक है।
विज्ञान के क्षेत्र में किए गए अमूल्य योगदानों के कारण भारतीय सरकार द्वारा एपीजे अब्दुल कलाम जी को Bharat Ratna, Hoover Medal, Padma Vibhushan, Padma Bhushan जैसे अवार्ड से सम्मानित किया गया है।
2. प्रफुल्ल चंद्र राय
प्रफुल्ल चंद्र राय प्रख्यात बंगाली रसायनज्ञ, शिक्षक, इतिहासकार, उद्योगपति और दयावान इंसान थे। रसायन विज्ञान के क्षेत्र में प्रफुल्ल चंद्र राय द्वारा किए गए काम अमर हैं। भारत में प्रफुल्ल चंद्र राय को कहा जाता है।
उन्होंने भारत में सर्वप्रथम आधुनिक भारतीय रसायन शोध विद्यालय स्थापना की थी। इतना ही नहीं प्रफुल्लचंद्र रॉय “बंगाल केमिकल्स एंड फ़ार्मास्यूटिकल्स” के मालिक भी थे इन्होंने कई बंगाली पत्रिकाओं के लिए लेख लिखे हैं।
प्रफुल्ल चंद्र राय का जन्म 2 अगस्त 1861 ईस्वी में रारूली, खुलना, बंगाल में हुआ था। प्रफुल्ल चंद्र जी रसायन विज्ञान में बहुत ही अच्छे थे उन्होंने रसायन विज्ञान के क्षेत्र में कई अलग-अलग तरह के आविष्कार किए हैं। उन्होंने अपनी शिक्षा The University of Edinburgh और Vidyasagar College, Presidency University से पूरी की।
रसायन विज्ञान में तो प्रफुल्लचंद्र राय ने अपना योगदान दिया ही है साथ ही साथ छोटे-छोटे बच्चों को शिक्षा देकर उन्होंने दूसरे वैज्ञानिकों को भी जन्म दिया है।
सत्येन्द्रनाथ बोस, मेघनाद साहा, जनान चंद्र घोष जैसे महान वैज्ञानिकों ने प्रफुल्ल चंद्र राय से ही शिक्षा प्राप्त की थी और आगे चलकर इन वैज्ञानिकों ने विज्ञान के क्षेत्र में तहलका मचा दिया था व हमारे देश को विज्ञान के क्षेत्र में काफी ऊंचाई तक भी ले गए थे।
3. श्रीनिवास रामानुजन
भारतीय वैज्ञानिकों की सूची में शामिल होने वाले अगले वैज्ञानिक का नाम श्रीनिवास रामानुजन है। श्रीनिवास रामानुजन को 20 वीं सदी के सबसे महान वैज्ञानिक को में से एक माना जाता है।
रामानुजन ने गणित और ज्यामिति के क्षेत्र में बड़े बड़े महान कार्य किए हैं। इतना ही नहीं श्रीनिवास रामानुजन ने अण्डाकार कार्य पर शोध के साथ, निरंतर अंश, अनंत श्रृंखला और विश्लेषणात्मक सिद्धांत जैसे कई उपयोगी विषयों पर अपना ज्ञान सांझा किया।
महान भारतीय वैज्ञानिक श्रीनिवास रामानुजन जी का जन्म 22 दिसंबर 1887 में भारत के एक छोटे से गांव के गरीब परिवार में हुआ था। गरीब परिवार में जन्म लेने के बाद भी रामानुजन ने अपनी पढ़ाई कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से पूरी की थी।
पढ़ाई पूरी कर लेने के बाद रामानुजन ने विज्ञान के क्षेत्र में काम करना शुरू किया था। रामानुजन ने विज्ञान और अलग-अलग विषयों पर अपने मत को प्रकट भी किया था। रामानुजन द्वारा किए गए सभी कार्यों में उनका ब्लैक होल का सिद्धांत लोगों को बड़ा ही आकर्षक लगता है।
विज्ञान के क्षेत्र में तो रामानुजन द्वारा किए गए कार्य को भूलना किसी भी वैज्ञानिक या फिर गणितीय के लिए शर्म की बात है। सरकार द्वारा रामानुजन को Fellow of the Royal Society अवार्ड से सम्मानित किया गया है।
4. जगदीश चंद्र बोस
भारत के महान वैज्ञानिकों की चर्चा हो और जगदीश चंद्र बोस का नाम ना लिया जाए ऐसा कभी नहीं हो सकता क्योंकि जगदीश चंद्र बोस हमारे भारत के महान वैज्ञानिकों में से एक हैं। जगदीश चंद्र बोस ना सिर्फ एक वैज्ञानिक बल्कि जीवविज्ञानी, भौतिक विज्ञानी, वनस्पतिशास्त्री और साइंस फिक्शन लिखने वाले प्राथमिक लेखकों में से एक हैं।
जगदीश चंद्र बोस की रुचि वानस्पतिक विज्ञान में हमेशा से ही बहुत अधिक रही थी जिसके कारण उन्होंने पादप विज्ञान से संबंधित कार्य करने के लिए अनुसंधान भी खोलें। पौधों में होने वाली वृद्धि को मापने के लिए जगदीश चंद्र बोस ने अर्धचंद्राकार यंत्र भी बनाया था।
भारत के महान वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बोस का जन्म 30 नवम्बर 1858, मेमनसिंह, पूर्वी बंगाल में हुआ था। जगदीश चंद्र बोस ने अपनी पढ़ाई Hare School, St. Xavier’s College Kolkata, Presidency University से पूरी की थी। जिसके बाद वे भौतिकी, जीवभौतिकी, वनस्पतिविज्ञान के क्षेत्र में अलग-अलग कार्य करने में जुट गए थे।
रेडियो और सूक्ष्म तरंगों पर अध्ययन करने वाले जगदीश चंद्र बोस पहले भारतीय वैज्ञानिक थे। भारतीय विज्ञान के क्षेत्र में जगदीश चंद्र बोस का नाम अमर पन्नों पर लिखा गया है। जगदीश चंद्र बोस की मृत्यु 23 नवंबर 1937 में हो गई थी।
5. सत्येंद्रनाथ बोस
सत्येंद्र नाथ बोस जी भी भारत के महान वैज्ञानिकों में से एक हैं। उन्होंने भारतीय विज्ञान को ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए अलग-अलग तरह के कार्य किए हैं। सत्येंद्र नाथ बोस भारतीय इतिहास के महान वैज्ञानिक व शिक्षक प्रफुल्ल चंद्र राय के छात्र हैं।
सत्येंद्र नाथ बोस ने “बोस-आइंस्टीन थ्योरी” लिखी थी जो विश्वभर में प्रसिद्ध हुई और उनके प्रसिद्धि का एक बहुत बड़ा कारण भी बनी थी। सत्येंद्र नाथ बोस ने कॉन्टम फिजिक्स के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था।
यही कारण है कि बोसॉन नामक एक परमाणु कण का नाम सत्येंद्र नाथ बोस जी के नाम पर रखा गया था।
महान भारतीय गणितज्ञ सत्येंद्र नाथ बोस जी का जन्म 1 जनवरी 1894 ईस्वी में कोलकाता में हुआ था। सत्येंद्र नाथ बोस ने अपने शिक्षा यूनिवर्सिटी ऑफ कलकत्ता और प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी से प्राप्त की थी।
अपनी शिक्षा पूरी कर लेने के बाद सत्येंद्र नाथ बोस जी ने गणित और भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में कार्य करना शुरू कर दिया था।
सत्येंद्र नाथ बोस ने विज्ञान के क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ते हुए एक किताब लिखी जिसका नाम Satyen Bose in Dhaka है। विज्ञान के क्षेत्र में किए गए कार्यों के लिए सत्येंद्र नाथ को Fellow of the Royal Society, Padma Vibhushan जैसे अवार्ड से सम्मानित किया गया है।
6. सलीम अली
सलीम अली भी भारत के महान वैज्ञानिकों में से एक है लेकिन इनके नाम से बहुत से भारतीय आज भी अपरिचित हैं। दूसरे वैज्ञानिकों के तरह सलीम अली ने गणित और भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में महान कार्य नहीं किए हैं बल्कि उन्होंने तो पक्षी विज्ञान के क्षेत्र में अपना अभूतपूर्ण योगदान दिया है।
सलीम अली को बर्ड मैन के नाम से भी बुलाया जाता है। सलीम अली भारत के प्रकृतिवादी और पक्षी वैज्ञानिक थे। सलीम अली पहले ऐसे भारतीय थे जिन्होंने पक्षी संरक्षण के लिए पूरे भारत में व्यवस्थित तरीके से काम किया था।
महान भारतीय पक्षी वैज्ञानिक सलीम अली का जन्म 12 नवंबर 1896 में मुंबई शहर में हुआ था।
सलीम अली का पूरा नाम Sálim Moizuddin Abdul Ali है। सलीम अली ने पक्षी विज्ञान की जानकारी लोगों को देने के लिए वर्मा और जर्मनी जैसे देशों में भ्रमण भी किया था। वर्ड वाचिंग और पक्षियों से प्रेम करने वाले लोग शायद ही सलीम अली जैसे महान वैज्ञानिक के नाम से अनजान होंगे।
सलीम अली ने पक्षी विज्ञान की जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए कई सारी पुस्तकें भी लिखी जिसके कारण पक्षी विज्ञान काफी लोकप्रिय हो गया। भारतीय सरकार द्वारा सलीम अली को उनके कार्यों के लिए 1958 में पद्म भूषण और 1976 में पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
तो साथियों इनमें से भारत के प्रमुख महान वैज्ञानिकों की इस सूची में से आप अपने जीवन में किस्से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए? हमें कमेंट सेक्शन में बताना ना भूलें! साथ ही महान वैज्ञानिकों की यह जानकारी अपने दोस्तों के साथ भी शेयर जरूर करें।