My Words ~ corona pandemic poem in hindi
आई नई बाहर जो
कर गई बीमार जो
कमर सबकी टूट पड़ी
आपदा आई खड़ी खड़ी
हर जगह विपदा पसरी है
यहां से वहां तक
फिर भी तू हौसला रख
हर कोई लाचार है
हर कोई बेरोजगार है
ना कहीं आना जाना है
घर ही सबका ठिकाना है
हर जगह विपदा पसरी है,
यहां से वहां तक
फिर भी तू हौसला रख
अगला मुहल्ला सील हुआ है,
जीवन सबका मुश्किल हुआ है,
नए दौर की नई बीमारी
परेशान है इससे दुनिया सारी
हर जगह विपदा पसरी है
यहां से वहां तक
फिर भी तू हौसला रख
ये जो आफत आन पड़ी है,
मुश्किल में सबकी जान पड़ी है,
एंजायटी का लेवल हाई हुआ गई,
जीवन में सर्जिकल स्ट्राइक हुआ है
हर जगह विपदा पसरी है
यहां से वहां तक
फिर भी तू हौसला रख
अचानक से जीवन थम पड़ा है,
मुंह बाये राक्षस खड़ा है,
देखो, आगे क्या क्या होता है,
चुप कर पागल तू क्यों रोता है।
हर जगह विपदा पसरी है,
यहां स वहां तक
फिर भी तू हौसला रख
My Best Words ~ Mothers day poem in Hindi
मां कौन है??
ममता की मूरत
स्नेह की सूरत
हमारी जरूरत
और बहुत कुछ…
हमारी गलतियां पापा से छुपाने वाली
हमें पापा के डांट से बचाने वाली
हमारे खाने का ख्याल रखने वाली
घर से बाहर रहे, तो खाना खाया कि नहीं खाया सबकी खबर रखने वाली…
एक्स्ट्रा पॉकेट मनी देने वाली
सो जाने के बाद
कमरे का पंखा चल रहा है कि नहीं
बल्ब जल रहा है कि नहीं जल रहा है
कुछ ओढ़ा है कि नहीं
कहीं हमें मच्छर तो नहीं काट रहा है…सब चेक करने वाली.
बिना मांगे जो wishes पूरी कर दे
बिना कहे जो दर्द समझ ले
बिना बोले प्यार express कर दे
यही है ना मां…?
क्या सच में मां यही है..?
मां को हमने खुदा को मान कर रखा है
मां को कोई जादूगर समझ कर रखा है..जिसके छूने पर दर्द छू मंतर हो जाता है..
लेकिन हमने मां को इंसान नहीं माना
मां के अन्दर बसी एक लड़की को नहीं पहचाना।
मां के अंदर भी लड़की है,
मां के अंदर भी एक शरारती बच्ची है,
मां की कुछ ख्वाहिशें है,
जो वो हमारे सामने दिखाना नहीं चाहती
हमें अपने बारे में कुछ बताना नहीं चाहती।
हम खुद के बचपन में
खुद के शरारतों में
इतने खो गए कि कभी उससे पूछा ही नहीं
मां तुम चाहती क्या हो,
क्या तुम्हारा मन भी फिर से एक छोटी सी बिंदी लगाकर
खुद को संवार कर खुद को बार बार आइने में देखने का करता है,
क्या तुम्हारा मन भी तुम्हारे favorite song पर थिरकने का करता है,
क्या तुम भी बिना किसी की परवाह किए पुराने दिनों को जीना चाहती हो,
क्या तुम अब भी पापा को वो सब बोलना चाहती हो, जो तुम कभी ना पाई,
जब सब कोई अपनी फरमाइशें बताता है,
क्या तुम्हारा मन नहीं करता है कि तुम अपनी फरमाइशें वैसे ही बताओ… जैसे तुम अपने पापा को बताती थी,
मां को भगवान रहने देते है,
मगर मां एक लड़की भी है इसी भी याद रखते है,
Happy mother’s day 🌷
Penned by Raj