विदुर (अथार्थ कुशल, बुद्धिमान अथवा मनीषी) हिन्दू ग्रन्थ महाभारत के केन्द्रिय पात्रों में से एक हैं। “महाभारत” की कथा के महत्वपूर्ण पात्र विदुर को कौरव-वंश की गाथा में विशेष स्थान प्राप्त है। विदुर हस्तिनापुर राज्य के शीर्ष स्तंभों में से एक अत्यंत नीतिपूर्ण, न्यायोचित सलाह देने वाले माने गए है।
वो हस्तिनापुर के प्रधानमंत्री, कौरवो और पांडवो के काका और धृतराष्ट्र एवं पाण्डु के भाई थे। उनका जन्म एक दासी के गर्भ से हुआ था। विदुर को धर्मराज का अवतार भी माना जाता है।
वे जो सलाह देते थे, उसमें संपूर्ण मनुष्य जाति का भला छिपा होता था। उन्हीं की इन सलाहों को विदुर नीति के नाम से जाना जाता है।
आइये जानते हैं विदुर नीति के आदर्श वाक्य / Vidur Niti in Hindi
Hindi Quote 1: 1 (यानि बुद्धि) से 2 (यानि कर्त्तव्य और अकर्तव्य) का निश्चय करके 3 (यानि साम, दाम, दंड और भेद) से 4 (यानी मित्र, शत्रु और उदासीन) को वश में कीजिये। 5 इन्द्रियों को जीतकर 6 (यानि संधि, विग्रह, यान, आसन, द्वैधीभाव, समश्रयरूप) गुणों को जान कर तथा 7 (यानि स्त्री, जुआ, शिकार, मद्य, कठोर वचन, दंड की कठोरता और अन्याय से धन का उपार्जन) को छोड़ कर सुखी हो जाईये।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 2: दो प्रकार के लोग दूसरों पर विश्वास करके चलते हैं, इनकी अपनी कोई इच्छाशक्ति नहीं होती है। दूसरी स्त्री द्वारा चाहे गए पुरुष की कामना करने वाली स्त्रियाँ, दूसरों द्वारा पूजे गए व्यक्ति की पूजा करने वाले लोग।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 3: अच्छे कर्मो को अपनाना और बुरे कर्मों से दूर रहना, साथ ही परमात्मा में विश्वास रखना और श्रद्धालु भी होना – ऐसे सद्गुण बुद्धिमान और पंडित होने का लक्षण है।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 4: अत्यंत अहंकार, अधिक बोलना, त्याग न करना, क्रोध करना, केवल अपने स्वार्थ की पूर्ति की चिंता में रहना तथा मित्रों से द्रोह करना। ये छह दुर्गुण मनुष्य की आयु का क्षरण करते हैं। दुर्गुण वाले मनुष्य को मृत्यु नहीं बल्कि अपने कर्मो के परिणाम ही मारते हैं।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 5: अपने वास्तविक स्वरूप का ज्ञान, उद्योग, दुःख सहने की शक्ति और धर्म में स्थिरता – ये गुण जिस मनुष्य को पुरुषार्थ करने से नहीं रोक पाते, वही बुद्धिमान या पंडित कहलाता है।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 6: अल्पमात्रा में धन होते हुए भी कीमती वस्तु को पाने की कामना और शक्तिहीन होते हुए भी क्रोध करना मनुष्य की देह के लिये कष्टदायक और कांटों के समान है।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 7: उस विद्धान की नीति श्रेष्ठ है जो अपने बराबर वालों के साथ विवाह, मित्रता, व्यवहार तथा बातचीत रखता है, हीन पुरूषों के साथ नहीं, और गुणों में बढे़ चढ़े पुरूषों को सदा आगे रखता है, उस विद्धान की नीति श्रेष्ठ है।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 8: ऐसे पुरूषों को अनर्थ दूर से ही छोड़ देते हैं-जो अपने आश्रित जनों को बांटकर खाता है, बहुत अधिक काम करके भी थोड़ा सोता है तथा मांगने पर जो मित्र नहीं है, उसे भी धन देता है।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 9: कटु वचन रूपी बाण से आहत मनुष्य रात-दिन घुलता रहता है।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 10: कभी कभी गुस्से या प्रसन्नता के कारण हमारा रक्त प्रवाह तीव्र हो जाता है और हम अपने मूल स्वभाव के विपरीत कोई कार्य करने के लिये तैयार हो जाते हैं और हमें बाद में दुःख भी होता है। अतः इसलिये विशेष अवसरों पर आत्ममुग्ध होने की बजाय आत्म चिंतन करते हुए कार्य करना चाहिए।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 11: किसी धनुर्धर वीर के द्वारा छोड़ा हुआ बाण संभव है, किसी एक को भी मारे या न मारे। मगर बुद्धिमान द्वारा प्रयुक्त की हुई बुद्धि राजा के साथ-साथ सम्पूर्ण राष्ट्र का विनाश कर सकती है।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 12: किसी प्रयोजन से किये गए कर्मों में पहले प्रयोजन को समझ लेना चाहिए। खूब सोच-विचार कर काम करना चाहिए, जल्दबाजी से किसी काम का आरम्भ नहीं करना चाहिए।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 13: केवल धर्म ही परम कल्याणकारक है, एकमात्र क्षमा ही शांति का सर्वश्रेष्ठ उपाय है। एक विद्या ही परम संतोष देने वाली है और एकमात्र अहिंसा ही सुख देने वाली है।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 14: क्रोध, हर्ष, गर्व, लज्जा, उद्दंडता, तथा स्वयं को पूज्य समझना – ये भाव जिस व्यक्ति को पुरुषार्थ के मार्ग से नहीं भटकाते वही बुद्धिमान या पंडित कहलाता है।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 15: क्षमा को दोष नहीं मानना चाहिए, निश्चय ही क्षमा परम बल है। क्षमा निर्बल मनुष्यों का गुण है और बलवानों का क्षमा-भूषण है।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 16: जब ये चार बातें होती हैं तो व्यक्ति की नींद उड़ जाती है, 1- काम भावना जाग जाने पर 2- खुद से अधिक बलवान व्यक्ति से दुश्मनी हो जाने पर 3- यदि किसी से सब कुछ छीन लिया जाए 4- किसी को चोरी की आदत पड़ जाए।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 17: जिस कार्य को करने के बाद में पछताना पड़े, उसे किया ही क्यों जाए? जब हमें मालूम है कि क्षणभंगुर है तो इतनी हाय-माया क्यों?
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 18: जिस धन को अर्जित करने में मन तथा शरीर को क्लेश हो, धर्म का उल्लंघन करना पड़े, शत्रु के सामने अपना सिर झुकाने की बाध्यता उपस्थित हो, उसे प्राप्त करने का विचार ही त्याग देना श्रेयस्कर है।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 19: जिस व्यकित के कर्मों में न ही सर्दी और न ही गर्मी, न ही भय और न ही अनुराग, न ही संपत्ति और न ही दरिद्रता विघ्न डाल पाते हैं वही पण्डित कहलाता है।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 20: जिस व्यक्ति का निर्णय और बुद्धि धर्मं का अनुशरण करती है और जो भोग विलास ओ त्याग कर पुरुषार्थ को चुनता है वही पण्डित कहलाता है।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 21: जिस व्यक्ति की विद्या या ज्ञान उसके बुद्धि का अनुशरण करती है और बुद्धि उसके ज्ञान का तथा जो भद्र पुरुषों की मर्यादा का उल्लंघन नहीं करता वही पण्डित की पदवी पा सकता है।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 22: जिस व्यक्ति के कर्त्तव्य, सलाह और पहले से लिए गए निर्णय को केवल काम संपन्न होने पर ही दुसरे लोग जान पाते हैं, वही पंडित कहलाता है।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 23: जो अच्छे कर्म करता है और बुरे कर्मों से दूर रहता है, साथ ही जो ईश्वर में भरोसा रखता है और श्रद्धालु है, उसके ये सद्गुण पंडित होने के लक्षण हैं।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 24: जो अपना आदर-सम्मान होने पर ख़ुशी से फूल नहीं उठता, और अनादर होने पर क्रोधित नहीं होता तथा गंगाजी के कुण्ड के समान जिसका मन अशांत नहीं होता, वह ज्ञानी कहलाता है।।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 25: जो अपने स्वभाव के विपरीत कार्य करते हैं वह कभी नहीं शोभा पाते। गृहस्थ होकर अकर्मण्यता और सन्यासी होते हुए विषयासक्ति का प्रदर्शन करना ठीक नहीं है।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 26: जो कभी उद्यंडका-सा वेष नहीं बनाता, दूसरों के सामने अपने पराक्रम की डींग नही हांकता, क्रोध से व्याकुल होने पर भी कटुवचन नहीं बोलता, उस मनुष्य को लोग सदा ही प्यारा बना लेते हैं।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 27: जो किसी दुर्बल का अपमान नहीं करता, सदा सावधान रहकर शत्रु से बुद्धि पूर्वक व्यवहार करता है, बलवानों के साथ युद्ध पसंद नहीं करता तथा समय आने पर पराक्रम दिखाता है, वही धीर है।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 28: जो दान, होम, देवपूजन, मांगलिक कार्य, प्रायश्चित तथा अनेक प्रकार के लौकिक आचार-इन कार्यो को नित्य करता है, देवगण उसके अभ्युदय की सिद्धि करते हैं।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 29: जो दुसरो के धन, सौन्दर्य, बल, कुल, सुख, सौभाग्य व सम्मान से ईर्ष्या करते हैं, वे सदैव दुखी रहते हैं।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 30: जो धातु बिना गर्म किये मुड जाती है, उसे आग में नहीं तपाते। जो काठ स्वयं झुका होता है, उसे कोई झुकाने का प्रयत्न नहीं करता, अतः बुद्धिमान पुरुष को अधिक बलवान के सामने झुक जाना चाहिये।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 31: जो धुरंधर महापुरुष आपत्ति पड़ने पर कभी दुखी नहीं होता, बल्कि सावधानी के साथ उद्योग का आश्रय लेता है तथा समय पर दुःख सहता है, उसके शत्रु तो पराजित ही हैं।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 32: जो निर्भीक होकर बात करता है, कई विषयों पर अच्छे से बात कर सकता है, तर्क-वितर्क में कुशल है, प्रतिभाशाली है और शास्त्रों में लिखे गए बातों को शीघ्रता से समझ सकता है वही पण्डित कहलाता है।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 33: जो पुरुष अच्छे कर्मों और पुरुषों में विश्वास नहीं रखता, गुरुजनों में भी स्वभाव से ही शंकित रहता है। किसी का विश्वास नहीं करता, मित्रों का परित्याग करता है, वह पुरुष निश्चय ही अधर्मी होता है।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 34: जो बहुत धन, विद्या तथा ऐश्वर्यको पाकर भी इठलाता नहीं चलता, वह पंडित कहलाता है।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 35: जो विश्वास का पात्र नहीं है उसका तो कभी विश्वास किया ही नहीं जाना चाहिये पर जो विश्वास योग्य है उस पर भी अधिक विश्वास नहीं किया जाना चाहिये। विश्वास से जो भय उत्पन्न होता है वह मूल उद्देश्य का भी नाश कर डालता है।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 36: जो व्यक्ति किसी विषय को शीघ्र समझ लेते हैं, उस विषय के बारे में धैर्य पूर्वक सुनते हैं, और अपने कार्यों को कामना से नहीं बल्कि बुद्धिमानी से संपन्न करते हैं, तथा किसी के बारे में बिना पूछे व्यर्थ की बात नहीं करते हैं वही पण्डित कहलाते हैं।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 37: जो व्यक्ति किसी विषय को शीघ्र समझ लेते हैं, उस विषय के बारे में धैर्य पूर्वक सुनते हैं, और अपने कार्यों को कामना से नहीं बल्कि बुद्धिमानी से संपन्न करते हैं, तथा किसी के बारे में बिना पूछे व्यर्थ की बात नहीं करते हैं।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 38: जो व्यक्ति पहले निश्चय करके रूप रेखा बनाकर काम को शुरू करता है तथा काम के बीच में कभी नहीं रुकता और समय को नहीं गँवाता और अपने मन को वश में किये रखता है वही पण्डित कहलाता है।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 39: जो व्यक्ति प्रकृति के सभी पदार्थों का वास्तविक ज्ञान रखता है, सब कार्यों के करने का उचित ढंग जानने वाला है तथा मनुष्यों में सर्वश्रेष्ठ उपायों का जानकार है वही मनुष्य पण्डित कहलाता है।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 40: जो स्वार्थ तथा अधिक पा लेने की हवस से मुक्त हैं, मैं उन्हें समझदार मानता हूँ क्योंकि संसार में स्वार्थ और हवस ही सारे झंझटों के कारण होते हैं।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 41: देवगण ऐसे व्यक्तियों के साथ होते हैं-जो दान, होम, देवपूजन, मांगलिक कार्य, प्रायश्चित तथा अनेक प्रकार के लौकिक आचार – इन कार्यो को नित्य करता है, देवगण उसके अभ्युदय की सिद्धि करते हैं।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 42: जो किसी दुर्बल का अपमान नहीं करता, सदा सावधान रहकर शत्रु से बुद्धि पूर्वक व्यवहार करता है, बलवानों के साथ युद्ध पसंद नहीं करता तथा समय आने पर पराक्रम दिखाता है वही धीर है।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 43: निम्न छः प्रकार के मनुष्य सदा दुखी रहते हैं-ईर्ष्या करने वाला, घृणा करने वाला, असंतोषी, क्रोधी, सदा शंकित रहने वाला और दूसरों के भाग्य पर जीवन-निर्वाह करने वाला – ये सदा दुखी रहते हैं।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 44: निम्न दस प्रकार के लोग धर्म को नहीं जानते-नशे में मतवाला, असावधान, पागल, थका हुआ, क्रोधी, भूखा, जल्दबाज, लोभी, भयभीत और कामी। विद्वान व्यक्ति इन लोगों से आसक्ति न बढ़ाये।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 45: निरोग रहना, ऋणी न होना, परदेश में न रहना, अच्छे लोगों के साथ मेल रखना, अपनी वृत्ति से जीविका चलाना और निडर होकर रहना-ये छः मनुष्य लोक के सुख हैं।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 46: पर-स्त्री का स्पर्श, पर-धन का हरण, मित्रों का त्याग रूप यह तीनों दोष क्रमशः काम, लोभ, और क्रोध से उत्पन्न होते हैं।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 47: बिल में रहने वाले जीवों को जैसे सांप खा जाता है, उसी प्रकार शत्रु से डटकर मुकाबला न करने वाले शासक और परदेश न जाने वाले ब्राह्मण – इन दोनों को पृथ्वी खा जाती है।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 48: बुद्धि, कुलीनता, इन्द्रिय-निग्रह, शास्त्रज्ञान, पराक्रम, अधिक न बोलना, शक्ति के अनुसार दान और कृतज्ञता – ये आठ गुण पुरुष की ख्याति बढ़ा देते हैं।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 49: बुद्धिमान तथा ज्ञानी लोग दुर्लभ वस्तुओं की कामना नहीं रखते, न ही खोयी हुए वस्तु के विषय में शोक करना चाहते हैं तथा विपत्ति की घडी में भी घबराते नहीं हैं।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 50: बुद्धिमान पुरुष शक्ति के अनुसार काम करने के इच्छा रखते हैं और उसे पूरा भी करते हैं तथा किसी वस्तु को तुच्छ समझ कर उसकी अवहेलना नहीं करते हैं।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 51: बुद्धिमान व्यक्ति के प्रति अपराध कर कोई दूर भी चला जाए तो चैन से न बैठे, क्योंकि बुद्धिमान व्यक्ति की बाहें लंबी होती है और समय आने पर वह अपना बदला लेता है।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 52: पिता, माता अग्नि, आत्मा और गुरु – मनुष्य को इन पांच अग्नियों की बड़े यत्न से सेवा करनी चाहिए।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 53: मन में नित्य रहने वाले छः शत्रु – काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद तथा मात्सर्य को जो वश में कर लेता है, वह जितेन्द्रिय पुरुष पापों से ही लिप्त नहीं होता, फिर उनसे उत्पन्न होने वाले अनर्थों की तो बात ही क्या है।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 54: मन, वचन और कर्म से मनुष्य जिस विषय का बार – बार ध्यान करता है, वही उसे अपनी और आकर्षित कर लेता है, अत: सदैव अच्छे कर्म ही करने चाहिए।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 55: मनुष्य अकेला पाप करता है और बहुत से लोग उसका आनंद उठाते हैं। आनंद उठाने वाले तो बच जाते हैं; पर पाप करने वाला दोष का भागी होता है।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 56: मनुष्य को कभी भी सत्य, दान, कर्मण्यता, अनसूया (गुणों में दोष दिखाने की प्रवृत्ति का अभाव ), क्षमा तथा धैर्य – इन छः गुणों का त्याग नहीं करना चाहिए।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 57: मनुष्य जैसे लोगों के बीच उठता-बैठता है, जैसो की सेवा करता है तथा जैसा बनने की कामना करता है, वैसा ही बन जाता है।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 58: मित्रों से समागम, अधिक धन की प्राप्ति, पुत्र का आलिंगन, मैथुन में प्रवृत्ति, समय पर प्रिय वचन बोलना, अपने वर्ग के लोगों में उन्नति, अभीष्ट वस्तु की प्राप्ति और समाज में सम्मान – ये आठ हर्ष के सार दिखाई देते हैं और ये ही लौकिक सुख के साधन भी होते हैं।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 59: मीठे शब्दों से कही गई बात अनेक तरह से कल्याण करती है, लेकिन कटु शब्दों में कही गई बात अनर्थ का कारण बन जाती है।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 60: मुर्ख की यह प्रव्रत्ति है कि वह सदैव उन लोगों का अपमान करता है जो विद्या, शील, आयु। बुद्धि, धन और कुल में श्रेष्ट हैं तथा माननीय हैं।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 61: मूर्ख लोगो के लक्षण :-
-
- बिना ज्ञान के ही धमंड में चूर रहने वाले, दरिद्र होकर भी बड़े-बड़े मंसूबे बांधने वाले, और बिना परिश्रम के ही धनवान बनने की इच्छा रखने वाले।
- जो अपना काम छोड़कर, दूसरों के कर्त्तव्य पालन में लगा रहता है तथा मित्रों के साथ गलत कार्यों में संलग्न रहता है।
- जो न चाहने वाली चीजों की इच्छा करता है, और चाहने वाली चीजों से मुह फेर लेता है, और अपने से शक्तिशाली लोगों से दुश्मनी मोल लेता है।
- जो शत्रु को मित्र बनाता है, और मित्र से ईर्ष्या करता है तथा हमेशा बुरे कर्मों ही करता है।
- जो अपने कार्यों के भेद खोल देता है, और हर चीज में शक करता है, और जिन कार्यों को करने में कम समय लेना चाहिए उन्हें करने में अत्यधिक समय लगाता है।
- जो पितरों का श्राद्ध नहीं करता है और न ही देवताओं की पूजा करता है, और न ही अच्छे लोगों से दोस्ती करता है।
- जो बिन बुलाये ही किसी स्थान पर पहुँच जाता है और बिना पूछे ही बोलता है तथा अविश्वसनीय लोगों पर भी विश्वास करता है।
- जो स्वयं गलती करके भी आरोप दूसरों पर मढ़ देता है, और असमर्थ होते हुए भी क्रोधित हो जाता है।
- जो अपनी ताकतों और क्षमताओं को न पहचानते हुए भी धर्म और लाभ के विपरीत जाकर न पा सकने वाली वस्तु की कामना करता है।
- जो किसी को अकारण ही दंड देता है और अज्ञानियों के प्रति श्रद्धा से भरा रहता है तथा कंजूसों का आश्रय लेता है।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 62: मूढ़ चित्त वाला नीच व्यक्ति बिना बुलाये ही अंदर चला आता है, बिना पूछे ही बोलने लगता है तथा जो विश्वाश करने योग्य नहीं हैं उन पर भी विश्वाश कर लेता है।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 63: ये दो आदतें नुकीले कांटे की तरह शरीर को बेध देती है: गरीब होकर भी कीमती वस्तुओं की इच्छा रखना, कमजोर होकर भी गुस्सा करना।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 64: ये दो प्रकार के पुरुष सूर्यमंडल को भी भेद कर सर्वोच्च गति को प्राप्त करते हैं :- योगयुक्त सन्यासी, वीरगति को प्राप्त योद्धा।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 65: ये दो प्रकार के पुरुष स्वर्ग से भी ऊपर स्थान पाते हैं :- शक्तिशाली होने पर भी क्षमा करने वाला, गरीब होकर भी दान करने वाला।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 66: ये लोग धर्म नहीं जानते : नशे में धूत, असावधान, पागल, थका हुआ, क्रोधी, भूखा, जल्दबाज, लालची, डरा हुआ व्यक्ति और कामी।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 67: व्यक्ति चाहे अच्छे कुल में जन्मा हो अथवा निक्रष्ट कुल में – जो मर्यादा का पालन करता है, धर्मानुसार कार्य करता है, जिसका स्वभाव कोमल है, जो लज्जाशील है, वह सैकड़ो कुलीनों से श्रेष्ठ है
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 68: सत्य से धर्म की रक्षा होती है, योग से विद्या सुरक्षित होती है, सफाई से सुन्दर रूप की रक्षा होती है और सदाचार से कुल की रक्षा होती है, तोलने से अनाज की रक्षा होती है, हाथ फेरने से घोड़े सुरक्षित रहते हैं, बारम्बार देखभाल करने से गौओं की तथा मैले वस्त्रों से स्त्रियों की रक्षा होती है।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 69: सही तरह से कमाए गए धन के दो ही दुरुपयोग हो सकते हैं :- अपात्र को दिया जाना, सत्पात्र को न दिया जाना
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
Hindi Quote 70: ज्ञानी पुरुष हमेशा श्रेष्ठ कर्मों में रूचि रखते हैं, और उन्नति के लिए कार्य करते व् प्रयासरत रहते हैं तथा भलाई करने वालों में अवगुण नहीं निकालते हैं।
– Mahatma Vidur (विदुर नीति)
—
Note: सावधानी बरतने के बावजूद यदि ऊपर दिए गए किसी भी वाक्य या Quote में आपको कोई त्रुटि मिले तो कृपया क्षमा करें और comments के माध्यम से अवगत कराएं।
दोस्तों, महात्मा विदुर की नीति के विचारो को एक पोस्ट में बताना और लिख पाना असम्भव हैं, मैंने कुछ Inspirational Quotes ही अपने इस पोस्ट में शामिल किये हैं आशा हैं ये “महात्मा विदुर की नीति Vidur Niti, Vidur Quotes in Hindi, विदुर नीति के अनमोल विचार” POST आपको अच्छी लगेगी, इस बारे में हमे अपने विचार नीचे comments के माध्यम से अवश्य दे। हमारी पोस्ट को E-mail से पाने के लिए आप हमारा फ्री ई-मेल सब्सक्रिप्शन प्राप्त कर सकते है।
यदि आपके पास Hindi में कोई article, inspirational or motivational story, best quotes of famous personalities या कोई अच्छी जानकारी है जो आप हमारे साथ share करना चाहते हैं तो कृपया mahesh.achhibaatein@gmail.com हमे E-mail करें पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो (आपकी इच्छानुसार) के साथ यहाँ AchhiBaatein.com पर PUBLISH करेंगे।
अन्य प्रेरणादायी विचारो वाली ये POST भी पढ़े,
- सम्पूर्ण चाणक्य नीति- हिंदी में | Chanakya Neeti Hindi Complete
- बिल गेट्स के 11 rules जो आपको विफल नहीं होने देंगे।
- Thomas Alva Edison Quotes, Sayings in Hindi
- एन. आर. नारायण मूर्ति के अनमोल विचार और कथन
- Rabindranath Tagore Quotes in Hindi
- हेलेन केलर (Helen Keller Hindi Quotes) के अनमोल विचार
- Hindi Quotes Abdul Kalam – अनमोल वचन, अनमोल विचार
- Inspiring Dhirubhai Ambani Hindi Quotes