Popular Quotes By Swami Vivekananda in Hindi
Inspiring & Motivational Hindi Quotes Swami Vivekananda – स्वामी विवेकानन्द के प्रेरक अनमोल विचार
स्वामी विवेकानन्द का जन्म 12 जनवरी, 1863 को कलकत्ता में हुआ। इनके पिता का नाम विश्वनाथ दत्त और माता का नाम भुवनेश्वरी देवी था। सन्यास धारण करने से पहले इनको नरेन्द्रनाथ दत्त के नाम से जाना जाता था।
नरेन्द्र की बुद्धि बचपन से तीव्र थी और परमात्मा में व अध्यात्म में ध्यान था। इस हेतु ये पहले ‘ब्रह्म समाज’ में गये किन्तु वहाँ भी इनका चित्त संतुष्ट न हुआ। इस बीच आपने कलकत्ता विश्वविद्यालय से B.A. उत्तीर्ण कर ली और कानून की परीक्षा की तैयारी करने लगे।
इसी समय में आप अपने धार्मिक व अध्यात्मिक संशयों की निवारण हेतु अनेक लोगों से मिले लेकिन कहीं भी इनको शंकाओं का समाधान न मिला।
अपने College के Principal से रामकृष्ण परमहंस के बारे में सुनकर, नवंबर 1881 को वो उनसे मिलने दक्षिणेश्वर के काली मंदिर पहुंचे, रामकृष्ण परमहंस से भी नरेंद्र नाथ ने वही सवाल किया जो कि वो औरों से कर चुके थे।
क्या आपने भगवान को देखा है?
रामकृष्ण परमहंस ने जवाब दिया – हां मैंने देखा है, मैं भगवान को उतना ही साफ देख पा रहा हूं जितना कि तुम्हें देख सकता हूं। फर्क इतना है कि मैं उन्हें तुमसे ज्यादा गहराई से महसूस भी कर सकता हूं।
रामकृष्ण परमहंस के जवाब से नरेंद्रनाथ प्रभावित तो हुए लेकिन शुरुआत में वो उनकी सोच को समझ नहीं सके। निराकार ब्रह्म के साथ एकाकार हो जाने के अद्वैतवाद के सिद्धांत को शुरुआत में उन्होंने धर्मविरोधी तक समझा।
तर्क-वितर्क में वो रामकृष्ण परहमंस का विरोध तक करते थे, तब उन्हें यही जवाब मिलता था कि सत्य को सभी कोण से देखने की कोशिश किया करो। स्वामी विवेकानन्द ने अपना जीवन अपने गुरुदेव रामकृष्ण परमहंस को समर्पित कर दिया था।
स्वामी विवेकानंद वेदान्त के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु थे। इन्होने अमेरिका स्थित शिकागो में 11 सितंबर 1893 में आयोजित विश्व धर्म महासभा में भारत की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया था।
भारत का वेदान्त अमेरिका और यूरोप के हर एक देश में स्वामी विवेकानन्द के कारण ही पहुँचा। स्वामी विवेकानन्द ने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की जो आज भी अपना काम कर रहा है।
स्वामी विवेकानन्द का विश्व धर्म सम्मेलन, शिकागो में दिया गया भाषण, उन्हें प्रमुख रूप से उनके भाषण की शुरुआत “मेरे अमेरिकी भाइयों एवं बहनों” के साथ करने के लिए जाना जाता है ।
“योग”, “राजयोग” तथा “ज्ञानयोग” जैसे ग्रंथों की रचना करके विवेकानन्द ने युवा जगत को एक नई राह दिखाई है
Swami Vivekananda Motivational Quotes in Hindi
Quote 1: अकेले रहो, जो अकेला रहता है, उसका किसी से विरोध नहीं होता, वह किसी की शान्ति भंग नहीं करता, न दूसरा कोई उसकी शान्ति भंग करता है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 2: अगर आप ईश्वर को अपने भीतर और दूसरे वन्य जीवो में नहीं देख पाते, तो आप ईश्वर को कही भी नहीं पा सकते।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 3: अगर आप नि:स्वार्थ हैं, तो आप बिना कोई धार्मिक पुस्तक पढ़े, बिना मंदिर या मस्जिद गए भी सम्पूर्ण हैं।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 4: अगर आपको तैतीस करोड़ देवी-देवताओं पर भरोसा है, लेकिन खुद पर नहीं, तो आप को मुक्ति नहीं मिल सकती। खुद पर भरोसा रखें, अडिग रहें और मजबूत बनें, हमें इसकी ही जरूरत है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 5: अगर एक शब्द में कहा जाये तो, तुम ही परमात्मा, और यही सत्य है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 6: अगर कोई इंसान बेहतर तरीके से खुद पे विश्वास करना सीख जाये और ऐसा करने का अभ्यास करे हो तो मुझे लगता है कि हमारे अंदर का दुःख और बुराइयाँ काफी हद तक दूर हो सकती हैं।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 7: अगर धन दूसरों की भलाई करने में मदद करता हैं तो ही इसका कुछ मूल्य है, अन्यथा, ये सिर्फ बुराई का एक ढेर है और इससे जितना जल्दी छुटकारा मिल जाये उतना बेहतर है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 8: अपने आप में विश्वास रखना और सत्य का पालन करना ही सबसे बड़ा धर्म है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 9: अपने लिए एक लक्ष्य बनाओ और उस लक्ष्य को अपना जीवन बनाओ, उसी के बारे में सोचो, उसी के सपने देखो और उसी लक्ष्य के लिए जियो, अपना तन मन, दिमाग को उसी में लगाओ और सारी चिंताओं को भूल जाओ, यही सफलता का एकमात्र सही रास्ता है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 10: आओ हम नाम, यश और दूसरों पर शासन करने की इच्छा से रहित होकर काम करें। काम, क्रोध एवं लोभ – इस त्रिविध बन्धन से हम मुक्त हो जायें और फिर सत्य भी हमारे साथ रहेगा।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 11: आकांक्षा, अज्ञानता और असमानता यह बंधन की त्रिमूर्तियां हैं।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 12: आज अपने देश को आवशयकता है, लोहे के समान मांसपेशियों और वज्र के समान स्नायुओं की हम बहुत दिनों तक रो चुके, अब और रोने की आवश्यकता नहीं, अब अपने पैरों पर खड़े होओ और मनुष्य बनो।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 13: आज्ञा देने की क्षमता प्राप्त करने से पहले प्रत्येक व्यक्ति को आज्ञा का पालन करना सीखना चाहिए।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 14: आदर्श, अनुशासन, मर्यादा, परिश्रम, ईमानदारी तथा उच्च मानवीय मूल्यों के बिना किसी का जीवन महान नहीं बन सकता है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 15: आध्यात्मिक दृष्टि से विकसित हो चुकने पर धर्मसंघ में बना रहना अवांछनीय है। उससे बाहर निकलकर स्वाधीनता की मुक्त वायु में जीवन व्यतीत करो।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 16: आप ईश्वर में तब तक विश्वास नहीं कर पाएंगे, जब तक आप अपने आप में विश्वास नहीं करते।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 17: आप को अपने भीतर से ही विकास करना होता है। आपको कोई सीखा नहीं सकता, आपको कोई आध्यात्मिक नहीं बना सकता। आपको सिखाने वाला और कोई नहीं, सिर्फ आपकी आत्मा ही है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 18: आपदा ही एक ऐसी स्थिति है, जो हमारे जीवन की गहराइयों में अन्तर्दृष्टि पैदा करती है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 19: इंसान को कठिनाइयों की आवश्यकता होती है क्योंकि सफलता का आनंद उठाने के लिए ये जरूरी है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 20: इस पूरे ब्रह्माण्ड में जो शक्ति है वो सब हममें मौजूद है और वो हम ही हैं, जो खुद अपनी आँखें बंद करके अंधकार में शक्तियों को नहीं पहचान पा रहे हैं।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 21: ईर्ष्या तथा अंहकार को दूर कर दो – संगठित होकर दूसरों के लिए कार्य करना सीखो।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 22: उठो मेरे शेरो, इस भ्रम को मिटा दो कि तुम निर्बल हो, तुम एक अमर आत्मा हो, स्वच्छंद जीव हो, धन्य हो, सनातन हो, तुम तत्व नहीं हो, ना ही शरीर हो, तत्व तुम्हारा सेवक है तुम तत्व के सेवक नहीं हो।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 23: उठो, जागो और तब तक रुको नही जब तक मंजिल प्राप्त न हो जाये।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 24: उस व्यक्ति ने अमरत्व प्राप्त कर लिया है, जो किसी सांसारिक वस्तु से व्याकुल नहीं होता।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 25: एक ऐसी भूमि जहाँ के लोग, पवित्रता की ओर, उदारता की ओर और मानवता शांति की दिशा में अग्रसर हैं, वो है भारत भूमि।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 26: एक चट्टान के रूप में खड़े हो जाओ; आप अविनाशी हैं आप स्वयं (आत्मा), ब्रह्मांड के भगवान हैं।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 27: एक नायक बनो, और सदैव कहो “मुझे कोई डर नहीं है”।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 28: एक समस्या आती है, तब मनुष्य अनुभव करता है कि थोड़ी-सी मनुष्य की सेवा करना, लाखो जप-ध्यान से कही बढ़ाकर है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 29: ऐसी चीजें जो आपको कमजोर बनाती हैं मानसिक या शारीरिक, ऐसी चीज़ों का जल्द ही त्याग कर देना चाहिए।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 30: कभी भी यह न सोचे की आत्मा के लिए कुछ भी असंभव है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 31: कर्म का सिद्धांत कहता है ‘जैसा कर्म वैसा फल’ आज का प्रारम्भ पुरुषार्थ पर अवलम्बित है। ‘आप ही अपने भाग्यविधाता है’ यह बात ध्यान में रखकर कठोर परिश्रम पुरुषार्थ में लग जाना चाहिये।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 32: कामनाएं समुद्र की भांति अतृप्त है, पूर्ति का प्रयास करने पर उनका कोलाहल और बढ़ता है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 33: कायर लोग ही हमेशा पाप करते हैं, बहादुर कभी नहीं, सपने में भी नहीं।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 34: किसी की निंदा ना करें। अगर आप मदद के लिए हाथ बढ़ा सकते हैं, तो ज़रुर बढाएं। अगर नहीं बढ़ा सकते, तो अपने हाथ जोड़िये, अपने भाइयों को आशीर्वाद दीजिये, और उन्हें उनके मार्ग पर जाने दीजिये।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 35: किसी चीज से डरो मत, तुम अद्भुत काम करोगे, यह निर्भयता ही है जो क्षण भर में परम आनंद लाती है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 36: किसी बात से तुम उत्साहहीन न होओ। जब तक ईश्वर की कृपा हमारे ऊपर है, कौन इस पृथ्वी पर हमारी उपेक्षा कर सकता है? यदि तुम अपनी अन्तिम साँस भी ले रहे हो तो भी न डरना। सिंह की शूरता और पुष्प की कोमलता के साथ काम करते रहो।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 37: किसी मकसद के लिए खड़े हो तो एक पेड़ की तरह, गिरो तो बीज की तरह ताकि दुबारा उगकर उसी मकसद के लिए जंग कर सको।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 38: कुछ ईमानदार और ऊर्जावान लोग एक साल में उतना कार्य कर सकते हैं जितना दूसरे लोग सैकड़ों सालों में नहीं कर सकते।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 39: कुछ मत पूछो, बदले में कुछ मत मांगो जो देना है वो दो; वो तुम तक वापस आएगा, पर उसके बारे में अभी मत सोचो।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 40: क्या तुम नहीं अनुभव करते कि दूसरों के ऊपर निर्भर रहना बुद्धिमानी नहीं है। बुद्धिमान् व्यक्ति को अपने ही पैरों पर दृढता पूर्वक खडा होकर कार्य करना चहिए। धीरे धीरे सब कुछ ठीक हो ही जाता हैं।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 41: खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 42: खुद को समझाएं, दूसरों को समझाएं सोई हुई आत्मा को आवाज दें और देखें कि यह कैसे जागृत होती है। सोई हुई आत्मा के जागृत होने पर ताकत, उन्नति, अच्छाई, सब कुछ आ जाएगा।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 43: खड़े हो जाओ, हिम्मतवान बनो, ताकतवर बन जाओ, सब जवाबदारिया अपने सिर पर ओढ़ लो, और समझो कि अपने नसीब के रचियता आप खुद हो।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 44: गम्भीरता के साथ शिशु सरलता को मिलाओ। सबके साथ मेल से रहो अहंकार के सब भाव छोड़ दो और साम्प्रदायिक विचारों को मन में न लाओ व्यर्थ विवाद महापाप है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 45: जगत को जिस वस्तु की आवश्यकता होती है वह है चरित्र। संसार को ऐसे लोग चाहिए जिनका जीवन स्वार्थहीन ज्वलंत प्रेम का उदाहरण है वह प्रेम एक एक शब्द को वज्र के समान प्रतिभाशाली बना देगा।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 46: जन्म, व्याधि, जरा और मृत्यु ये तो केवल अनुषांगिक है, जीवन में यह अनिवार्य है, यह एक स्वाभाविक घटना है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 47: जब अंधविश्वास जन्म लेता है तो मस्तिष्क चला जाता है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 48: जब कभी मैं किसी व्यक्ति को उस उपदेशवाणी (श्री रामकृष्ण के वाणी) के बीच पूर्ण रूप से निमग्न पाता हूँ, जो भविष्य में संसार में शान्ति की वर्षा करने वाली है, तो मेरा हृदय आनन्द से उछलने लगता है ऐसे समय मैं पागल नहीं हो जाता हूँ, यही आश्चर्य की बात है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 49: जब कोई विचार अनन्य रूप से मस्तिष्क पर अधिकार कर लेता है तब वह वास्तविक भौतिक या मानसिक अवस्था में परिवर्तित हो जाता है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 50: “जब तक जीना, तब तक सीखना” – अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 51: जब तक लाखो लोग भूखे और अज्ञानी है, तब तक मै उस प्रत्येक व्यक्ति को गद्दार मानता हुँ जो उनके बल पर शिक्षित हुआ और अब वह उसकी और ध्यान नही देता।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 52: जब दिल और दिमाग में संघर्ष हो तो हमेशा दिल की सुनो।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 53: जब प्रलय का समय आता है तो समुद्र भी अपनी मर्यादा छोड़कर किनारों को छोड़ अथवा तोड़ जाते है, लेकिन सज्जन पुरुष प्रलय के समान भयंकर आपत्ति एवं विपत्ति में भी अपनी मर्यादा नहीं बदलते।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 54: जब लोग तुम्हे गाली दें तो तुम उन्हें आशीर्वाद दो सोचो, तुम्हारे झूठे दंभ को बाहर निकालकर वो तुम्हारी कितनी मदद कर रहे हैं।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 55: जिंदगी का रास्ता बना बनाया नहीं मिलता है, स्वयं को बनाना पड़ता है, जिसने जैसा मार्ग बनाया उसे वैसी ही मंज़िल मिलती है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 56: जिंदगी बहुत छोटी है, दुनिया में किसी भी चीज़ का घमंड अस्थाई है पर जीवन केवल वही जी रहा है जो दुसरो के लिए जी रहा है, बाकि सभी जीवित से अधिक मृत है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 57: जितना अध्ययन करते हैं, उतना ही हमें अपने अज्ञान का आभास होता जाता है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 58: जितना बड़ा संघर्ष होगा, जीत उतनी ही शानदार होगी।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 59: जितना हम अच्छा सोचेंगे और जितना दूसरों का भला करेंगे। उतना ही हमारा हृदय शुद्ध होता जायेगा और उसमें भगवान का निवास होगा।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 60: जिस क्षण मैंने यह जान लिया कि भगवान हर एक मानव शरीर रुपी मंदिर में विराजमान हैं, जिस क्षण मैं हर व्यक्ति के सामने श्रद्धा से खड़ा हो गया और उसके भीतर भगवान को देखने लगा उसी क्षण मैं बन्धनों से मुक्त हूँ, हर वो चीज जो बांधती है नष्ट हो गयी हैं, और मैं स्वतंत्र हूँ।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 61: जिस तरह से विभिन्न स्रोतों से उत्पन्न धाराएँ अपना जल समुद्र में मिला देती हैं, उसी प्रकार मनुष्य द्वारा चुना हर मार्ग, चाहे अच्छा हो या बुरा भगवान तक जाता है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 62: जिस शिक्षा से हम अपना जीवन निर्माण कर सके, मनुष्य बन सके, चरित्र गठन कर सके और विचारो का सामंजस्य कर सके वही वास्तव में शिक्षा कहलाने योग्य है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Hindi Quote 63: जिस समय जिस काम के लिए प्रतिज्ञा करो, ठीक उसी समय पर उसे करना ही चाहिये, नहीं तो लोगो का विश्वास उठ जाता है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 64: जिसके साथ श्रेष्ठ विचार रहते हैं, वह कभी भी अकेला नहीं रह सकता।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 65: जीवन का रहस्य भोग में नहीं, अनुभव के द्वारा शिक्षा प्राप्ति में है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 66: जिस प्रकार स्वर्ग में, उसी प्रकार इस नश्वर जगत में भी तुम्हारी इच्छा पूर्ण हो, क्योंकि अनन्त काल के लिए जगत में तुम्हारी ही महिमा घोषित हो रही है एवं सब कुछ तुम्हारा ही राज्य है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 67: जो अग्नि हमें गर्मी देती है, हमें नष्ट भी कर सकती है; यह अग्नि का दोष नहीं है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 68: जो तुम सोचते हो वो हो जाओगे यदि तुम खुद को कमजोर सोचते हो, तुम कमजोर हो जाओगे; अगर खुद को ताकतवर सोचते हो, तुम ताकतवर हो जाओगे।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 69: जो मनुष्य इसी जन्म में मुक्ति प्राप्त करना चाहता है, उसे एक ही जन्म में हजारों वर्ष का काम करना पड़ेगा वह जिस युग में जन्मा है, उससे उसे बहुत आगे जाना पड़ेगा, किन्तु साधारण लोग किसी तरह रेंगते-रेंगते ही आगे बढ़ सकते हैं।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 70: जो सत्य है, उसे साहसपूर्वक निर्भीक होकर लोगो से कहो उससे लोगो को कष्ट होता है या नहीं, इस ओर ध्यान मत दो दुर्बलता को कभी आश्रय मत दो। सत्य की ज्योति बुद्धिमान मनुष्यो के लिए यदि अत्यधिक मात्र में प्रखर प्रतीत होती है, और उन्हें बहा ले जाती है, तो ले जाने दो। वे जितना शीघ्र बह जाए उतना अच्छा ही है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 71: ज्ञान पाने का केवल एक ही तरीका है अनुभव और कोई दूसरा रास्ता नहीं है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 72: ज्ञान स्वयमेव वर्तमान है, मनुष्य केवल उसका आविष्कार करता है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 73: तुम अपनी अंत:स्थ आत्मा को छोड़ किसी और के सामने सिर मत झुकाओ जब तक तुम यह अनुभव नहीं करते कि तुम स्वयं देवों के देव हो, तब तक तुम मुक्त नहीं हो सकते।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 74: तुम फ़ुटबाल के जरिये स्वर्ग के ज्यादा निकट होगे बजाये गीता का अध्ययन करने के।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 75: तुम्हारे ऊपर जो प्रकाश है, उसे पाने का एक ही साधन है तुम अपने भीतर का आध्यात्मिक दीप जलाओ, पाप ऒर अपवित्रता स्वयं नष्ट हो जायेगी। तुम अपनी आत्मा के उददात रूप का ही चिंतन करो।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 76: दूसरों के सहारे का इंतजार मत करिये, जो करना है खुद करिये, अपने सपने खुद पूरा कीजिये।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 77: देश की स्त्रियां विद्या, बुद्धि अर्जित करे, यह मै ह्रदय से यह चाहता हूँ, लेकिन पवित्रता की बलि देकर यदि यह करना पड़े तो कदापि नहीं।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 78: धन्य हैं वो लोग जिनके शरीर दूसरों की सेवा करने में नष्ट हो जाते हैं।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 79: धीरज रखो और मृत्युपर्यन्त विश्वासपात्र रहो आपस में न लडो। रुपये – पैसे के व्यवहार में शुद्ध भाव रखो हम अभी महान कार्य करेंगे जब तक तुम में ईमानदारी, भक्ति और विश्वास है, तब तक प्रत्येक कार्य में तुम्हे सफलता मिलेगी।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 80: पवित्रता, धैर्य तथा प्रयत्न के द्वारा सारी बाधाये दूर हो जाती है इसमें कोई संदेह नहीं की महान कार्य सभी धीरे धीरे होते है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 81: पहले स्वयं संपूर्ण मुक्तावस्था प्राप्त कर लो, उसके बाद इच्छा करने पर फिर अपने को सीमाबद्ध कर सकते हो। प्रत्येक कार्य में अपनी समस्त शक्ति का प्रयोग करो।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 82: पहले हर अच्छी बात का मज़ाक बनता है, फिर उसका विरोध होता है और फिर उसे स्वीकार कर लिया जाता है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 83: प्रसन्नता अनमोल खजाना है छोटी छोटी बातों पर उसे लूटने न दे।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 84: पढ़ने के लिए जरूरी है एकाग्रता, एकाग्रता के लिए जरूरी है ध्यान। ध्यान से ही हम इन्द्रियों पर संयम रखकर एकाग्रता प्राप्त कर सकते है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 85: बच्चे, जब तक तुम्हारे हृदय में उत्साह एवं गुरू तथा ईश्वर में विश्वास- ये तीनों वस्तुएँ रहेंगी – तब तक तुम्हें कोई भी दबा नहीं सकता। मैं दिनोदिन अपने हृदय में शक्ति के विकास का अनुभव कर रहा हूँ हे साहसी बालकों, कार्य करते रहो।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 86: बहता पानी और रमता जोगी ही शुद्ध रहते हैं।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 87: बाहरी स्वभाव, केवल अंदरूनी स्वभाव का बड़ा रूप है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 88: बिना पाखण्डी और कायर बने सबको प्रसन्न रखो। पवित्रता और शक्ति के साथ अपने आदर्श पर दृढ रहो और फिर तुम्हारे सामने कैसी भी बाधाएँ क्यों न हों, कुछ समय बाद संसार तुमको मानेगा ही।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 89: भय और अधूरी इच्छाएं ही समस्त दुःखो का मूल है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 90: भय ही पतन और पाप का मुख्य कारण है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 91: भला हम भगवान को खोजने कहाँ जा सकते हैं अगर उसे अपने ह्रदय और हर एक जीवित प्राणी में नहीं देख सकते।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 92: मन एक छोटा पर शरीर का महत्वपूर्ण अंग है आपको अपने मन और शब्द दोनों को मजबूत बनाना होगा।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 93: मस्तिष्क की शक्तियां सूर्य की किरणों के समान हैं जब वो केन्द्रित होती हैं, चमक उठती हैं।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 94: महान कार्य करने के लिए महान और लगातार काम की जरुरत पड़ती है, एक हजार ठोकर खाने के बाद ही एक अच्छे चरित्र की स्थापना होती है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 95: महान त्याग से ही महान कार्य सम्भव है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 96: महाशक्ति का तुम में संचार होगा – कदापि भयभीत मत होना पवित्र होओ, विश्वासी होओ और आज्ञापालक होओ।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 97: मानव के शरीर रूपी मंदिर में ही भगवान का वास है, जिस दिन इस सच्चाई को लोग मानने लगेंगे उसी दिन हम दुनियां के हर दुःख और हर बंधन से मुक्ति पा लेंगे।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 98: मानव-देह ही सर्वश्रेष्ठ देह है, एवं मनुष्य ही सर्वोच्च प्राणी है, क्योंकि इस मानव-देह तथा इस जन्म में ही हम इस सापेक्षिक जगत् से संपूर्णतय बाहर हो सकते हैं–निश्चय ही मुक्ति की अवस्था प्राप्त कर सकते हैं, और यह मुक्ति ही हमारा चरम लक्ष्य है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 99: मैं सिर्फ और सिर्फ प्रेम की शिक्षा देता हूं और मेरी सारी शिक्षा वेदों के उन महान सत्यों पर आधारित है जो हमें समानता और आत्मा की सर्वत्रता का ज्ञान देती है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 100: यदि उपनिषदों से बम की तरह आने वाला और बम गोले की तरह अज्ञान के समूह पर बरसने वाला कोई शब्द है तो वह है ‘निर्भयता’।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 101: यदि कोई तुम्हारे समीप अन्य किसी साथी की निन्दा करना चाहे, तो तुम उस ओर बिल्कुल ध्यान न दो इन बातों को सुनना भी महान् पाप है, उससे भविष्य में विवाद का सूत्रपात होगा।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 102: यदि तुम स्वयं ही नेता के रूप में खडे हो जाओगे, तो तुम्हें सहायता देने के लिए कोई भी आगे न बढ़ेगा यदि सफल होना चाहते हो, तो पहले ‘अहं’ ही नाश कर डालो।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 103: यदि स्वयं में विश्वास करना और अधिक विस्तार से पढाया और अभ्यास कराया गया होता, तो मुझे यकीन है कि बुराइयों और दुःख का एक बहुत बड़ा हिस्सा गायब हो गया होता।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 104: यह जीवन अल्पकालीन है, संसार की विलासिता क्षणिक है, लेकिन जो दुसरो के लिए जीते है, वे वास्तव में जीते है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 105: यह भगवान से प्रेम का बंधन वास्तव में ऐसा है जो आत्मा को बांधता नहीं है बल्कि प्रभावी ढंग से उसके सारे बंधन तोड़ देता है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 106: यही दुनिया है! यदि तुम किसी का उपकार करो तो लोग उसे कोई महत्व नहीं देंगे, किन्तु ज्यो ही तुम उस कार्य को बंद कर दो, वे तुरंत तुम्हे बदमाश साबित करने में भी नहीं हिचकिचाएंगे।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 107: लगातार पवित्र विचार करते रहे, बुरे संस्कारो को दबाने के लिए एकमात्र समाधान यही है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 108: लोग डरते क्यों हैं? क्यूंकि उन्होंने खुद को निरीह बनाया हुआ है वो दूसरों पर निर्भर हैं उन लोगों को अपने लिए एक अलग भगवान चाहिए, वो हमेशा सहारा ही ढूंढते हैं, इसीलिए वे डरते हैं।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 109: लोग तुम्हारी स्तुति करें या निन्दा, लक्ष्मी तुम्हारे ऊपर कृपालु हो या न हो, तुम्हारा देहान्त आज हो या एक युग मे, तुम न्यायपथ से कभी भ्रष्ट न हो।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 110: वस्तुएं बल से छीनी या धन से खरीदी जा सकती हैं, किंतु ज्ञान केवल अध्ययन से ही प्राप्त हो सकता है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 111: विश्व एक व्यायामशाला है, जहां हम खुद को मजबूत बनाने के लिए आते हैं।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 112: विश्व में अधिकांश लोग इसलिए असफल हो जाते है, क्योंकि उनमे समय पर साहस का संचार नही हो पाता वे भयभीत हो उठते है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 113: विस्तार जीवन है, संकुचन मृत्यु है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 114: शक्तिमान, उठो तथा सामर्थ्यशाली बनो कर्म, निरन्तर कर्म; संघर्ष, निरन्तर संघर्ष! अलमिति पवित्र और निःस्वार्थी बनने की कोशिश करो — सारा धर्म इसी में है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 115: शत्रु को पराजित करने के लिए ढाल तथा तलवार की आवश्यकता होती है इसलिए अंग्रेज़ी और संस्कृत का अध्ययन मन लगाकर करो।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 116: शारीरिक, बौद्धिक और आध्यात्मिक रूप से जो कुछ भी कमजोर बनता है, उसे ज़हर की तरह त्याग दो।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 117: शिक्षा एक सम्पूर्णता की अभिव्यक्ति है जो मनुष्य में विध्यमान है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 118: शुभ एवं स्वस्थ विचारो वाला ही सम्पूर्ण स्वस्थ प्राणी है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 120: शुरुआत में ही बड़ी योजनाएं मत बनाइये, छोटी शुरुआत करिये फिर आगे बढ़ते रहिये और बढ़ते रहिये।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 121: संभव की सीमा जानने केवल एक ही तरीका है असम्भव से आगे निकल जाना।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 122: संसार के सारे रहस्य आपके सामने खुले हुए हैं, जरुरत है तो सिर्फ उस रहस्य तक पहुँचने की, उसे अपनाने की और यह शक्ति केवल एकाग्रता से ही आती है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 123: सच्ची सफलता, सच्ची ख़ुशी का राज क्या है जो इंसान बिना किसी स्वार्थपरता के, बिना कुछ मांगे लोगों की सेवा करता है वही सच्ची सफलता है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 124: सफलता के तीन आवश्यक अंग हैं-शुद्धता, धैर्य और दृढ़ता लेकिन, इन सबसे बढ़कर जो आवश्यक है वह है प्रेम।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 125: सबसे बड़ा धर्म है अपने स्वभाव के प्रति सच्चे होना स्वयं पर विश्वास करो।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 126: सभी मरेंगे साधु या असाधु, धनी या दरिद्र सभी मरेंगे चिर काल तक किसी का शरीर नहीं रहेगा अतएव उठो, जागो और संपूर्ण रूप से निष्कपट हो जाओ। भारत में घोर कपट समा गया है चाहिए चरित्र, चाहिए इस तरह की दृढ़ता और चरित्र का बल, जिससे मनुष्य आजीवन दृढ़व्रत बन सके।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 127: साहसी होकर काम करो धीरज और स्थिरता से काम करना – यही एक मार्ग है आगे बढो और याद रखो।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 128: सुख और दुःख सिक्के के दो पहलु है सुख जब मनुष्य के पास आता है तो दुःख का मुकुट पहन कर आता है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 129: स्त्रियो की स्थिति में सुधार न होने तक, विश्व के कल्याण का कोई भी मार्ग नहीं है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 130: स्वतंत्र होने का साहस करो जहाँ तक तुम्हारे विचार जाते हैं वहां तक जाने का साहस करो, और उन्हें अपने जीवन में उतारने का साहस करो।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 131: स्वयं में बहुत सी कमियों के बावजूद अगर में स्वयं से प्रेम कर सकता हुँ तो दुसरो में थोड़ी बहुत कमियों की वजह से उनसे घृणा कैसे कर सकता हुँ।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 132: हम ऐसी शिक्षा चाहते हैं जिससे चरित्र निर्माण हो मानसिक शक्ति का विकास हो ज्ञान का विस्तार हो और जिससे हम खुद के पैरों पर खड़े होने में सक्षम बन जाएं।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 133: हम जो बोते हैं वो काटते हैं। हम स्वयं अपने भाग्य के विधाता हैं। हवा बह रही है; वो जहाज जिनके पाल खुले हैं, इससे टकराते हैं, और अपनी दिशा में आगे बढ़ते हैं, पर जिनके पाल बंधे हैं हवा को नहीं पकड़ पाते क्या यह हवा की गलती है ?हम खुद अपना भाग्य बनाते हैं।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 134: हम भारतीय सभी धर्मों के प्रति केवल सहिष्णुता में ही विश्वास नहीं करते, वरन सभी धर्मों को सच्चा मानकर स्वीकार भी करते हैं।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 135: हमारा कर्तव्य है कि हम हर किसी को उसका उच्चतम आदर्श जीवन जीने के संघर्ष में प्रोत्साहन करें; और साथ ही साथ उस आदर्श को सत्य के जितना निकट हो सके, लाने का प्रयास करें।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 136: हमारी नैतिक प्रकृति जितनी उन्नत होती है, उतना ही उच्च हमारा प्रत्यक्ष अनुभव होता है, और उतनी ही हमारी इच्छा शक्ति अधिक बलवती होती है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 137: हमारे व्यक्तित्व की उत्पत्ति हमारे विचारों में है; इसलिए ध्यान रखें कि आप क्या विचारते हैं शब्द गौण हैं विचार मुख्य हैं; और उनका असर दूर तक होता है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 138: हमे ऐसी शिक्षा चाहिए, जिसमे चरित्र का निर्माण हो, मन की शक्ति बढ़े, बुद्धि का विकास हो और मनुष्य अपने पैर पर खड़ा हो सके।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
Quote 139: हिंदू संस्कृति आध्यात्मिकता की अमर आधारशिला पर आधारित है।
– स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)
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